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"न्यूरो ज्ञान” पर आपका स्वागत हैं।
न्यूरोलॉजी, चिकित्सा विज्ञान, सामान्य विज्ञान तथा अन्य विषयों पर डॉक्टर अपूर्व पौराणिक द्वारा अनेक शिक्षाप्रद रोचक व्याख्यान चर्चाएँ और बातचीत।

Speech Language Pathologist Speech Language Therapy Rehabilitationवाणी-भाषा चिकित्सा (S.L.T.) या लोकप्रिय रूप से कहें तो...
10/08/2024

Speech Language Pathologist Speech Language Therapy Rehabilitation
वाणी-भाषा चिकित्सा (S.L.T.) या लोकप्रिय रूप से कहें तो ‘स्पीच थेरेपी स्वास्थ्य सेवाओं की एक ख़ास व महत्वपूर्ण सहायक शाखा हैं’। इस थेरपी को देने वाले विशेषज्ञ ‘वाणी-भाषा पेथालाजिस्ट /S.L.P. /स्पीच थेरापिस्ट’ कहलाते हैं।
Read More: https://neurogyan.com/speech-therapy-for-aphasia
Watch Video on YouTube: https://youtu.be/HojdWkq15wI?feature=shared
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“न्यूरोज्ञान” एक अपूर्व, बहुविध बौद्धिक-अकादमिक गतिविधि
न केवल न्यूरोलॉजी, वरन ज्ञान-विज्ञान की समस्त शाखाएं
क्योंकि अन्तत: “सबै ज्ञान - न्यूरोज्ञान”
4, चिड़ियाघर रोड, अहिल्यापुरी, रेसीडेंसी क्लब के पास, इंदौर
Phone: 0731-3594374, 2702338, 2701588
Email ID: apoorvaneurogyan@gmail.com
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कैसे करते हैं डी.एस.ए. जांच? कितना खर्च? डी.एस.ए. (डिजिटल सब्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी) एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें जांघ क...
27/07/2024

कैसे करते हैं डी.एस.ए. जांच? कितना खर्च?
डी.एस.ए. (डिजिटल सब्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी) एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें जांघ की नाड़ी (फेमोरल धमनी) के माध्यम से एक केथेटर को दिमाग की धमनी तक ले जाया जाता है। इसे करने का तरीका जानिए:
1. प्रवेश बिंदु: दाएं या बाएं जांघ के ऊपरी हिस्से में फेमोरल धमनी को एक मोटी सुई से बेधा जाता है।
2. केथेटर का उपयोग: एक लम्बा तार (केथेटर) सुई के माध्यम से अंदर घुसाया जाता है, जो एक्स-रे पर दिखता रहता है। इसे धीरे-धीरे गर्दन की दिशा में धकेला जाता है।
3. कन्ट्रास्ट एजेंट: जब केथेटर का सिरा गर्दन की केराटिड धमनी तक पहुँचता है, तो एक विशेष केमिकल (कन्ट्रास्ट एजेंट) इंजेक्ट किया जाता है। यह एक्स-रे पर रक्त वाहिकाओं को स्पष्ट रूप से दिखाता है।
4. चित्र लेना: इंजेक्शन के तुरंत बाद कुछ सेकंड्स के लिए लगातार वीडियो और स्टिल चित्र रिकॉर्ड किए जाते हैं, जिससे दिमाग की आर्टरी और वेन की संरचना और समस्याओं का पता चलता है।
5. समय और प्रक्रिया: यह प्रक्रिया लगभग 30-45 मिनट तक चलती है। मामूली जटिलताओं का खतरा 1-2% होता है, लेकिन आमतौर पर यह सुरक्षित होती है। इसमें लोकल एनेस्थेसिया के कारण थोड़ा दर्द महसूस हो सकता है।
6. खर्च: यह जांच महंगी होती है। वर्ष 2017 में भारत में इसका खर्च लगभग 20,000 रुपये था। इसमें उपयोग होने वाले हार्डवेयर आयात होते हैं
डी.एस.ए. प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बहुत धैर्य, अनुभव, और हाथों की कुशलता आवश्यक होती है।
Read Full Article on Neurogyan: https://neurogyan.com/dsa-test
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My Lecture in Epilepsy Conclave for Neurologists in Jaipur (07 July, 2024)HUMANITIES AS AN AID FOR EPILEPSY AWARENESS AN...
20/07/2024

My Lecture in Epilepsy Conclave for Neurologists in Jaipur (07 July, 2024)
HUMANITIES AS AN AID FOR EPILEPSY AWARENESS AND EDUCATION
Awareness and Education about Epilepsy are Important for All Target Groups
Scrivner B, Szaflarski M, Baker EH, Szaflarski JP. Health literacy and quality of life in patients with treatment-resistant epilepsy. Epilepsy & Behaviour. 2019 Oct 1;99:106480.
● Health literacy may function as a tool through which healthcare participation is expanded.
● Health literacy is positively associated with QoL, age, and education in patients with TRE.
● Health literacy has an independent positive association with QoL after controlling for all other factors.
● Research on patient-centered care should include health literacy promotion.
Read More: https://neurogyan.com/epilepsyconclavejaipur2024
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डी.एस.ए. एक जटिल और विशेष जांच है जिसे केवल विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते हैं। भारत में फिलहाल मुश्किल से सौ...
19/07/2024

डी.एस.ए. एक जटिल और विशेष जांच है जिसे केवल विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉक्टर ही कर सकते हैं। भारत में फिलहाल मुश्किल से सौ-पचास डॉक्टर ही इस विधि से जांच और इलाज कर पाते हैं। इसे करने वाले डॉक्टरों के बारे में जानिए:
1. न्यूरोलॉजिस्ट: न्यूरोलॉजिस्ट जिन्होंने 11-12 साल की डी.एम. पढ़ाई के बाद दो साल की विशेष एन्डोवास्क्यूलर ट्रेनिंग ली हो। डॉ. निपुण पौराणिक ऐसे एकमात्र न्यूरोलॉजिस्ट हैं।
2. न्यूरोसर्जन: न्यूरोसर्जन जिन्होंने न्यूरोसर्जरी के साथ स्पेशल एन्डोवास्क्यूलर ट्रेनिंग प्राप्त की हो।
3. न्यूरो रेडियोलॉजिस्ट (इन्टरवेंशनल): ये लोग मूल रूप से एक्स-रे विशेषज्ञ होते हैं, न कि क्लीनिकल
डी.एस.ए. का हुनर किताबों से नहीं सीखा जा सकता, इसके लिए कठिन प्रशिक्षण, अनुभव, धैर्य और हाथों की सुघढ़ता आवश्यक होती है। डी.एस.ए. केवल निदान के लिए नहीं बल्कि उपचार के लिए भी उपयोगी होता है, और डॉक्टरों को इमर्जेंसी में तेजी से निर्णय लेना पड़ता है।

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चिकित्सा विज्ञान का कलेवर हिन्दी में समृद्ध हो, इस मिशन से जुड़ा हुआ होने के नाते मैं श्री पंकज कुमार अग्रवाल (ग़ाज़ियाब...
16/07/2024

चिकित्सा विज्ञान का कलेवर हिन्दी में समृद्ध हो, इस मिशन से जुड़ा हुआ होने के नाते मैं श्री पंकज कुमार अग्रवाल (ग़ाज़ियाबाद) के काम को शेयर कर रहा हूँ, अद्भुत है उनकी गतिविधियाँ, इनका प्रचार होना चाहिए, उपयोग होना चाहिए, इनके जैसे अनेकों लेखक और संपादक आगे आने चाहिए :
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मित्रों

प्रस्तुत है जर्नल ऑफ मेडिकल कॉन्सेप्ट्स इन हिंदी (JMCH) का नवीनतम अंक

इसके साथ ही जर्नल ने अपने प्रकाशन के दो वर्ष पूर्ण कर लिए

इसको अद्यतन रूप देने के लिए आप सभी मित्रों का हृदय से धन्यवाद एवं आभार

इस मिशन में आप सबकी सक्रिय भागीदारी एवं इसको मेडिकल छात्रों एवं रेजीडेंट्स तक ले जाने के लिए मैं आप सभी का आह्वान करता हूँ

सस्नेह

डा पंकज कुमार अग्रवाल
संस्थापक, मेडिकल कॉन्सेप्ट्स इन हिंदी (MCH)
प्रधान संपादक, जर्नल ऑफ मेडिकल कॉन्सेप्ट्स इन हिंदी (JMCH)
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“मोहे श्याम रंग दै दे”When it comes to name a few organs in the body, one may enumerate heart, lung, kidney, liver, brai...
09/07/2024

“मोहे श्याम रंग दै दे”
When it comes to name a few organs in the body, one may enumerate heart, lung, kidney, liver, brain etc, but the option of SKIN hardly comes to mind.
Skin is a wonderful organ.
It defines us, protects us, creates our identity, keeps us cool and aids in expression of emotions.
Colours of skin come in myriad beautiful shades but human fallacy to think in terms of binaries only, perpetuates the two categories of Black and White only.
The science of skin colour, its evolution and to and from changes over millions of years are a compelling story.
And so is the more recent but sad and disgusting saga of Colorism and its dirty cousins Racism and Eugenics over last 2-3 centuries.
The 40th monthly column of mine अपनी भाषा अपना विज्ञान introduces the readers with the subject of त्वचा का रंग विज्ञान in company with a romantic title “मोहे श्याम रंग दै दे”
https://mediawala.in/apni-language-apni-science-mohe-shyam-rang-dai-de/
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डी.एस.ए. जांच: कब और क्यों जरूरी है?डी.एस.ए. जांच एक विशेष और महंगी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग डॉक्टर केवल तब करते हैं जब...
22/06/2024

डी.एस.ए. जांच: कब और क्यों जरूरी है?
डी.एस.ए. जांच एक विशेष और महंगी प्रक्रिया है, जिसका उपयोग डॉक्टर केवल तब करते हैं जब इसका परिणाम इलाज के लिए महत्वपूर्ण हो। अत: डाक्टर्स इसे करने की सलाह बहुत सावधानी पूर्वक, सोच समझकर ही देते हैं।
आइए, जानते हैं किन स्थितियों में डी.एस.ए. जांच जरूरी हो सकती है।
1. इमर्जेंसी में: तीव्र सिरदर्द के साथ ब्रेन हेमरेज (एस.ए.एच.) होने पर एन्यूरिज्म का पता लगाने और तत्काल इलाज (कॉयलिंग/क्लिपिंग) के लिए।
2. ब्रेन अटैक: लकवा/पक्षाघात के पहले 2-3 घंटों में, सी.टी. स्केन से बड़ी धमनियों में खून का थक्का पता चलने पर क्लाट निकालने के उपाय हेतु।
3. पुन: लकवा की आशंका: पक्षाघात के लघु अटैक के बाद केरोटिड धमनी में संकरापन पता चलने पर एन्जियोप्लास्टी द्वारा स्टेन्ट स्थापित करने के लिए।
4. ए.वी.एम.: मस्तिष्क में खून की नलिकाओं का गुच्छा (ए.वी.एम.) होने पर सटीक डायग्नोसिस और गुच्छे को भरने/बंद करने के लिए।
5. युवावस्था में अप्रत्याशित लकवा: अज्ञात कारणों से होने वाले लकवा/ब्रेन अटैक के कारण ज्ञात करने के लिए।
6. दुर्लभ बीमारियां: मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के रोग जैसे धमनी विच्छेदन, मोया मोया रोग, वास्क्यूलाईटिस आदि के निदान के लिए।
डी.एस.ए. द्वारा इन सभी स्थितियों का निदान और उपचार किया जा सकता है।
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डिजिटल सब्सट्रेशन एंजियोग्राफी (D.S.A.)सामान्य एक्स-रे में गर्दन व मस्तिष्क की खून की नलियाँ नहीं दिखाई पड़ती क्योंकि वे...
21/06/2024

डिजिटल सब्सट्रेशन एंजियोग्राफी (D.S.A.)
सामान्य एक्स-रे में गर्दन व मस्तिष्क की खून की नलियाँ नहीं दिखाई पड़ती क्योंकि वे एक्स-रे के लिये पारदर्शी होती हैं। डी.एस.ए. जांच में खून की नलियाँ दिखाई देती हैं क़्योंकि अंदरुनी लम्बे केथेटर (तार-सलाई) द्वारा एक्स-रे के लिये अपारदर्शी केमिकल घोल (कन्ट्रास्ट ऐजेन्ट) का इन्जेक्शन दिया गया है। मस्तिष्क में खून का संचार करने वाली नलिकाओं का एक्स-रे चित्र सेरीब्रल एन्जियोग्राफी कहलाता है। चूंकि इस जांच में डिजिटल (कम्प्यूटराइज्ड) तकनीक भी लगती है इसलिये नाम पड़ा ‘डी.एस.ए.’।
ब्रेन अटैक के अनेक मरीजों में निदान और इलाज के लिये डी.एस.ए. की उपयोगिता बढ़ रही है। सफलता बढ रही है। टेक्नोलोजी सरल हो रही है। ज्यादा अस्पतालों में उपलब्ध हो रही है। इसे करने वाले प्रशिक्षित डॉक्टर्स की संख्या भी बढ़ रही है।
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“न्यूरोज्ञान” एक अपूर्व, बहुविध बौद्धिक-अकादमिक गतिविधि
न केवल न्यूरोलॉजी, वरन ज्ञान-विज्ञान की समस्त शाखाएं
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4, चिड़ियाघर रोड, अहिल्यापुरी, रेसीडेंसी क्लब के पास, इंदौर
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समुद्र विज्ञान में नदियो का महत्वहमारी धरती पर लगभग 6000 नदियां हर दिन समुद्र में अपना पानी और पोषक तत्वों को उंढेलती है...
20/06/2024

समुद्र विज्ञान में नदियो का महत्व
हमारी धरती पर लगभग 6000 नदियां हर दिन समुद्र में अपना पानी और पोषक तत्वों को उंढेलती हैं। ये पोषक तत्व, जैसे नाइट्रोजन और फास्फोरस, समुद्री जीवन के लिए बेहद जरूरी हैं, खासकर फाइटोप्लांकटन के लिए, जो छोटी मछलियों का आहार बनते हैं।
इंसानी गतिविधियों ने नदियों के प्रदूषण को बढ़ा दिया है और इन पोषक तत्वों की आपूर्ति में कमी ला दी है। परिणामस्वरूप, समुद्र का जीवन खतरे में है। हमें अपनी नदियों को साफ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना होगा, ताकि समुद्र की यह अनमोल जीवनरेखा बनी रहे।
पूरा लेख यहाँ पढ़ें। https://neurogyan.com/rivers-sea-science
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हिन्दी शब्द ‘नस' के अनेक भ्रामक अर्थ। इनके उपयोग से बचिये।वेन्स (Veins)रक्त नलियाँ जो पूरे शरीर से अशुद्ध /कम आक्सीजन वा...
17/06/2024

हिन्दी शब्द ‘नस' के अनेक भ्रामक अर्थ। इनके उपयोग से बचिये।
वेन्स (Veins)
रक्त नलियाँ जो पूरे शरीर से अशुद्ध /कम आक्सीजन वाला रक्त हृदय तक लाती हैं।
बीमारी के उदाहरण - वेरिकोज वेन फूली हुई शिराएं इन्हें हिन्दी में शिराएं कहिये, नस मत बोलिये।
यह न्यूरोलॉजी नहीं है।
आर्टरी (Artery)
रक्त नलियाँ जो आक्सीजन वाला रक्त हृदय से शरीर के विभिन्न अंगों तक ले जाती हैं।
बीमारी के उदाहरण - गैंग्रीन
इन्हें हिन्दी में धमनी कहिये, नस मत बोलिये।
यह न्यूरोलॉजी नहीं है।
टेंडन, मसल लिगामेंट (Tendon, Muscle Ligament)
मांसपेशियाँ और उन्हें जोड़ों तथा हड्डियों से बांधने वाले सख्त तन्तुओं के बण्डल ।
बीमारी के उदाहरण - गठिया, आस्टियोअर्थाइटिस
इन्हें हिन्दी में कण्डरा व मांसपेशियाँ कहिये, नस मत बोलिये।
यह न्यूरोलॉजी नहीं है।
नर्व (Nerves)
तन्तु या धागों के बण्डल जिनमें बिजली बहती है
तथा सूचना का आदान-प्रदान होता है।
बीमारी के उदाहरण - झुनझुनी, सुन्नपना, अशक्तता इन्हें हिन्दी में स्नायु या नाड़ियाँ कहिये, नस मत बोलिये।
यही 'न्यूरोलॉजी' है।
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यह न्यूरोलॉजी नहीं है...*वेरिकोस वेन्सहमारे शरीर में दो तरह की रक्त नलियाँ होती हैं, धमनियाँ (आर्टरीज) एवं शिराएं (वेन्स...
15/06/2024

यह न्यूरोलॉजी नहीं है...
*वेरिकोस वेन्स
हमारे शरीर में दो तरह की रक्त नलियाँ होती हैं, धमनियाँ (आर्टरीज) एवं शिराएं (वेन्स)। धमनियों का कार्य शुद्ध रक्त को हृदय से शरीर के विभिन्न भागों में पहुंचाना होता है एवं शिराओं का कार्य अशुद्ध रक्त को शरीर के विभिन्न अंगों से लेकर वापस हृदय को पहुंचाना है। विभिन्न कारणों से शिराओं का मुड़ना व आकार में बड़ा हो जाना जिससे वो त्वचा के समीप नंगी आँखों से दिखने लगती है, इसे ही वेरिकोस वेन कहते हैं।
वेरीकोज वेन को नसों की बिमारी समझ कर लोग न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाते हैं, लेकिन यह रक्त-नलियों से संबंधित है, जिसके लिये सामान्य सर्जन व चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिये।
*नामर्दी, यौन-कमजोरी
यौन कमजोरी की शिकायत लेकर कुछ पुरूष कभी-कभी न्यूरोलॉजिस्ट के पास इलाज कराने पहुंचते हैं। थोड़े से मामलों में न्यूरोलॉजिकल बीमारी हो सकती है परन्तु अधिकांश में मानसिक उदासी, व्यग्रता, स्त्री-पुरूष में सहयोग का अभाव, डायबिटीज़, कुपोषण, उच्च रक्तचाप, दूसरी दवाईयों के दुष्प्रभाव आदि कारण होते हैं। डिग्री प्राप्त सेक्स विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिये।
*जोड़ों का गठिया
आस्टियोअर्थाईटिस, खास कर घुटने के जोड़ के दर्द के मरीज न्यूरोलाजिस्ट के पास गलती से पहुंच जाते हैं। प्रभावित घुटने के ऊपर, नीचे, आगे, पीछे कुछ मांसपेशियाँ तथा हट्टी से जुड़ने वाले टेंण्डन (कण्डरा) में सूजन व दर्द को लोग 'नसों' का दर्द समझते हैं।
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