
11/04/2024
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عيدُكم مُبارك، تقبّل الله منا ومنكم.
بَارَكَ اللّٰـهُ لَكُمْ فِي أَيَّامِكُمْ وَلَيَالِيكُمْ، وَجَعَلَ عِيدَكُمْ هَذَا سَعِيدًا مُبَارَكًا عَلَيْكُمْ وَعَلَى سَائِرَ أُمَّةَ مُحَمَّدٍ صَلَّى اللّٰـهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ.
सुबहान अल्लाह ,वल हम्दो लिल्लाह, लाई-लाहा इल-लल लाह
अल्लाहो अकबर...अल्लाहो अकबर...अल्लाहो अकबर... वा लिल्ला - हिल- हम्द...
तकबीरात पढ़ने का अजर
अबु उबैदा बिन अब्दुल्लाह बिन मसऊद रहिमहुल्लाह फ़रमाते हे: अगर एक शख़्स रास्ते की एक जानिब बैठा हो और उसके पास एक थैली हो जिसमे दीनार हो...और वह हर गुज़रने वाले इंसान को एक दीनार दे... और एक शख़्स उसकी दूसरी जानिब खड़ा होकर अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त की किब्रियाई ब्यान कर रहा हे... तकबीर पढ़ रहा हे... तो अलबत्ता तकबीर बुलंद करने वाले शख़्स को (उस से) कही ज़्यादा अज्र मिलेगा...
हिलयात अल-औलिया (4-204)
बा Fazila: Fuzail Siddiqui