Pavitra patanjali kendra"

Pavitra patanjali kendra" swedeshi apnaye desh ko shaktishali banaye

26/06/2017

*कौन सी धातु के बर्तन में भोजन करने से क्या क्या लाभ और हानि होती है.......🙏🏼*

*सोना*

सोना एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है।

*चाँदी*

चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है इसके पात्र में भोजन बनाने और करने से दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती है, आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है।

*कांसा*

काँसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त में शुद्धता आती है, रक्तपित शांत रहता है और भूख बढ़ाती है। लेकिन काँसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं परोसनी चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल ३ प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

*तांबा*

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है, तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है इसलिए इस पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है. तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है।

*पीतल*

पीतल के बर्तन में भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल ७ प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

*लोहा*

लोहे के बर्तन में बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढती है, लोह्तत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है। लोहा कई रोग को खत्म करता है, पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग को खत्म करता है, और पीलिया रोग को दूर रखता है. लेकिन लोहे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें खाना खाने से बुद्धि कम होती है और दिमाग का नाश होता है। लोहे के पात्र में दूध पीना अच्छा होता है।

*स्टील*

स्टील के बर्तन नुक्सान दायक नहीं होते क्योंकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से. इसलिए नुक्सान नहीं होता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता तो नुक्सान भी नहीं पहुँचता।

*एलुमिनियम*

एल्युमिनिय बोक्साईट का बना होता है। इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान होता है। यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे हड्डियां कमजोर होती है. मानसिक बीमारियाँ होती है, लीवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है। उसके साथ साथ किडनी फेल होना, टी बी, अस्थमा, दमा, बात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है। एलुमिनियम के प्रेशर कूकर से खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।

*मिट्टी*

मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते थे। इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग ठीक होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए। भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है। दूध और दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त हैमिट्टी के बर्तन। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे १०० प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। और यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका अलग से स्वाद भी आता है।

पानी पीने के पात्र के विषय में 'भावप्रकाश ग्रंथ' में लिखा है....

*जलपात्रं तु ताम्रस्य तदभावे मृदो हितम्।*
*पवित्रं शीतलं पात्रं रचितं स्फटिकेन यत्।*
*काचेन रचितं तद्वत् वैङूर्यसम्भवम्।*
(भावप्रकाश, पूर्वखंडः4)

अर्थात् पानी पीने के लिए ताँबा, स्फटिक अथवा काँच-पात्र का उपयोग करना चाहिए। सम्भव हो तो वैङूर्यरत्नजड़ित पात्र का उपयोग करें। इनके अभाव में मिट्टी के जलपात्र पवित्र व शीतल होते हैं। टूटे-फूटे बर्तन से अथवा अंजलि से पानी नहीं पीना चाहिए।

*जय श्री राधे....🌸💐👏🏼*
*जय श्री कृष्ण....🌸💐👏🏼*

05/04/2017

*"लू लगना"*

लू लगने से मृत्यु क्यों होती है?

हम सभी धूप में घूमते हैं फिर कुछ लोगो की ही धूप में जाने के कारण अचानक मृत्यु क्यों हो जाती है?

👉 हमारे शरीर का तापमान हमेशा 37° डिग्री सेल्सियस होता है, इस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर पाते है।

👉 पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, लगातार पसीना निकलते वक्त भी पानी पीते रहना अत्यंत जरुरी और आवश्यक है।

👉 पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है, जिससे शरीर में पानी की कमी होने पर शरीर पसीने के रूप में पानी बाहर निकालना टालता है।( बंद कर देता है )

👉 जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, तब शरीर का तापमान 37° डिग्री से ऊपर पहुँचने लगता है।

👉 शरीर का तापमान जब 42° सेल्सियस तक पहुँच जाता है तब रक्त गरम होने लगता है और रक्त मे उपस्थित प्रोटीन पकने लगता है .

👉 स्नायु कड़क होने लगते है इस दौरान सांस लेने के लिए जरुरी स्नायु भी काम करना बंद कर देते हैं।

👉 शरीर का पानी कम हो जाने से रक्त गाढ़ा होने लगता है, ब्लडप्रेशर low हो जाता है, महत्वपूर्ण अंग (विशेषतः ब्रेन ) तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है।

👉 व्यक्ति कोमा में चला जाता है और उसके शरीर के एक- एक अंग कुछ ही क्षणों में काम करना बंद कर देते हैं, और उसकी मृत्यु हो जाती है।

👉गर्मी के दिनों में ऐसे अनर्थ टालने के लिए लगातार थोडा थोडा पानी पीते रहना चाहिए, और हमारे शरीर का तापमान 37° मेन्टेन किस तरह रह पायेगा इस ओर ध्यान देना चाहिए।
Equinox phenomenon: इक्विनॉक्स प्रभाव आने वाले दिनों में भारत को प्रभावित करेगा।

कृपया 12 से 3 के बीच ज्यादा से ज्यादा घर, कमरे या ऑफिस के अंदर रहने का प्रयास करें।

तापमान 40 डिग्री के आस पास विचलन की अवस्था मे रहेगा।

यह परिवर्तन शरीर मे निर्जलीकरण और सूर्यातप की स्थिति उत्पन्न कर देगा।

(ये प्रभाव भूमध्य रेखा के ठीक ऊपर सूर्य चमकने के कारण पैदा होता है।)

कृपया स्वयं को और अपने जानने वालों को पानी की कमी से ग्रसित न होने दें।

किसी भी अवस्था मे कम से कम 3 ली. पानी जरूर पियें।किडनी की बीमारी वाले प्रति दिन कम से कम 6 से 8 ली. पानी जरूर लें।

जहां तक सम्भव हो ब्लड प्रेशर पर नजर रखें। किसी को भी हीट स्ट्रोक हो सकता है।

ठंडे पानी से नहाएं। मांस का प्रयोग छोड़ें या कम से कम करें।

फल और सब्जियों को भोजन मे ज्यादा स्थान दें।

हीट वेव कोई मजाक नही है।

एक बिना प्रयोग की हुई मोमबत्ती को कमरे से बाहर या खुले मे रखें, यदि मोमबत्ती पिघल जाती है तो ये गंभीर स्थिति है।

शयन कक्ष और अन्य कमरों मे 2 आधे पानी से भरे ऊपर से खुले पात्रों को रख कर कमरे की नमी बरकरार रखी जा सकती है।

अपने होठों और आँखों को नम रखने का प्रयत्न करें।

जनहित मे इस सन्देश को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें।

सुबह खालीपेट खाएं 5 भीगे बादाम, होंगे ये 10 फायदे    बादाम को ऐसे ही खाने के बजाय इसे रात में पानी में भिगो दें और सुबह ...
27/01/2017

सुबह खालीपेट खाएं 5 भीगे बादाम, होंगे ये 10 फायदे

बादाम को ऐसे ही खाने के बजाय इसे रात में पानी में भिगो दें और सुबह इसका छिलका निकालकर खाना ज्यादा फायदेमंद होता है। सादे बादाम में टैनिन होता है जो बादाम में मौजूद न्यूट्रिएंट्स के अब्जॉर्बशन को रोकता है। अगर बादाम को रात में पानी में भिगो दें और सुबह खाएं तो टैनिन दूर होता है। इसे खाने से बादाम में मौजूद न्यूट्रिएंट्स का बॉडी में अब्जॉर्बशन पूरी तरह होने लगता है। ये है पानी में भीगी हुई बादाम खाने के 10 फायदे।

डायबिटीज – इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल रहता है और डायबिटीज से बचाव रहता है

बढती ऊपर का असर कम – भीगे हुए बादाम में एंटीओक्सिडेंट होते है जो बढती उम्र का असर कम करते है

मजबूत मसल्स – भीगे हुए बादाम में प्रोटीन अधिक होती है जिससे मसल्स मजबूत होते है

हार्ट प्रॉब्लम – भीगे हुए बादाम खाने से बैड कोलेस्ट्रोल का लेवल कम होता है जो हार्ट प्रॉब्लम से बचाने में मदद करता है

डाईजेशन – इसमे मौजूद फाइबर डाईजेशन मजबूत करता है ओर कब्ज दूर करने में मदद करता है

हेल्दी स्किन – रात को पानी में भीगे हुए बादाम में विटामिन ‘इ’ होता है जिससे स्किन सॉफ्ट एंड शाइनी होती है

कैंसर – इसमे मौजूद फ्लेवोनाइडस कैंसर से बचाने में मदद करता है

प्रेगनेंसी – इसमे ओमेगा 3 फैट्टी एसिड होते है जो प्रेगनेंसी में मदद करते है

मजबूत दांत – इसमे फास्फोरस होता है जिससे दन्त मजबूत होते है ओर गम प्रॉब्लम से बचाव होता है

इनफर्टिलिटी- इसमे फोलिक एसिड होता है जो इनफर्टिलिटी बढ़ाने में मदद करता हे।

17/01/2017

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04/01/2017

इस जड़ीबूटी की मदद से पाइये लम्बे और मजबूत घने बाल

बढ़ते पॉल्यूशन, बढ़ती टेंशन, और भोजन में ज़रूरी मिनरल्स की कमी के कारण आज कल असमय ही बाल सफ़ेद हो रहे हैं। असमय हुए सफ़ेद बालो को काला करने के लिए ये नुस्खे रामबाण सिद्ध हो सकते हैं।
1. आंवले के छोटे छोटे टुकड़े कर इन्हे छाया में सुखाइये। अब इन्हे नारियल के तेल में तब तक उबालिये, जब तक के आंवले काले और कठोर ना हो जाए। यह तेल बालो की सफेदी को रोकने के लिए बहुत उपयोगी हैं।

2. एक बड़ा चम्मच आंवले का रस, एक चम्मच बादाम का तेल या कुछ बूंदे निम्बू का रस मिलाकर हर रात बालो में अच्छी तरह मालिश करे। यह बालो की सफेदी रोकने का अच्छा उपचार हैं।

3. 100 ग्राम सूखे आंवले को लोहे के बर्तन में चार दिन तक भिगोये। फिर इसे पीस कर गाढ़ा पेस्ट बनाये। ब्रश से भली भाँती बालो में लगाए। दो घंटे बाद सिर को धो लीजिये। कुछ दिनों में बाल काले होने शुरू हो जायेंगे।

4. असमय हुए सफ़ेद बालो के उपचार के लिए लोहे के बर्तन में रात भर आंवला चूर्ण भिगोये रखे। सुबह उसमे बकरी का दूध और निम्बू का रस मिलकर नियमित बालो पर लगाये।

5. आंवले को चुकंदर के रस में पीस कर सिर में लगाने से बाल झड़ने बंद होकर गहरे व् काले होने लगते हैं। दो माह तक ये प्रयोग करे।

6. एक किलो आंवले का रस, एक किलो देशी घी, 250 ग्राम मुलहठी – इन तीनो को हलकी आंच पर पकाये। जब पानी सूख जाए और तेल बच जाए तो उसे छानकर बोतल में भर ले। अब इसे खिजाब की तरह लगाये, कुछ ही दिनों में सारे बाल काले हो जायेंगे।

इन प्रयोगो में कोई भी प्रयोग करे। इसके साथ में आप खाने के लिए ये दवा बनाये।

100 ग्राम त्रिफला चूर्ण कपड़छान कर लीजिये, अब इस त्रिफला में इतना गुड मिला लीजिये के इसकी गोलियां बन जाए। इसकी बड़ी बड़ी गोलिया बना लीजिये। रोज़ सुबह बासी मुंह एक गोली चबाकर खा ले।

कुछ ही दिनों में सफ़ेद की जगह काले बाल आने शुरू हो जायेंगे।

04/01/2017

रोज खाएंगे 1 आंवला तो जानिए बॉडी पर होंगे ये 10 असर

नींबू या ऑरेंज से ज्यादा विटामिन C आंवले में होता है। अगर आप रोज एक आंवला खाए तो इस मौसम में होने वाली आम बीमारियों से राहत मिलेगी । इसके अलावा भी आंवले के बहुत से हेल्थ बेनिफिट्स हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर के प्रोफेसर एम. एल. जायसवाल बता रहे हैं एक आंवला खाने के अनेको फायदे ।

वजन कम – आंवला खाने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है और वजन तेजी से कम होने लगता है

हार्ट प्रॉब्लम – इसे खाने से बैड कोलेस्ट्रोल का लेवल कम होता है और हार्ट प्रॉब्लम से बचे रहते है

डाइजेशन – आंवले में फाइबर होते है जो डाइजेशन ठीक रखने में मदद करते है इसे खाने से कब्ज की प्रॉब्लम दूर होती है

डायबिटीज – आंवला खाने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल रहता है और डायबिटीज से बचाव होता है

कमजोरी – आंवले में विटामिन C की मात्रा अधिक होती है जिससे एनर्जी बनी रहती है और कमजोरी दूर होती है

चेहरे का ग्लो – इसे खाने से बॉडी में टोक्सिन्स दूर होते है और चेहरे का ग्लो बढ़ता है

हेल्दी बाल – इसमे मौजूद एंटीओक्सिडेंट से बालो की चमक बढती है और हेयर फल की प्रॉब्लम दूर होती है

कैंसर – आंवले में मौजूद एंटीओक्सिडेंट कार्सिनोजेनिक सेल्स को बनने से रोकते है और कैंसर से बचाने में फायदेमंद है

जॉइंट पेन – आंवले में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो पॉइंट पेन से बचाने में मदद करते है

आंवले को इस तरह खाने से होंगे ये लाभ >>

शहद के साथ – इन दोनों में एंटीओक्सिडेंट होते है जिससे चेहरे का ग्लो बढ़ता है. यह बालो में काला व घना बनाने में मदद करता है. कटे हुए आंवले या आंवले के पाउडर में मिलाकर खा सकते है

काला नमक के साथ – आंवला ओर काला नमक दोनों एंटी बेकटीरियल गुण होते है जो अस्थमा जैसी साँस की बीमारी से बचने में मदद करते है. इसे खाने से डाइजेशन ठीक रहता है

हल्दी के साथ – इन दोनों में मौजूद एंटीओक्सिडेंट वजन करने में मदद करते है. यह बालो की ग्रोथ बढ़ाने में इफेक्टिव है. कटे हुए आंवले या आंवले के पाउडर में मिलाकर खा सकते है

आंवले का जूस – इसे पीने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है और वजन कम करने में मदद मिलती है. यह हार्ट प्रॉब्लम से बचने में इफेक्टिव है

आंवले की चटनी – इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल रहता है और डायबिटीज से बचाव होता है. यह स्किन की रंगत निखारने में मदद करता है

रोज खाएंगे 1 आंवला तो जानिए बॉडी पर होंगे ये 10 असरनींबू या ऑरेंज से ज्यादा विटामिन C आंवले में होता है। अगर आप रोज एक आ...
04/01/2017

रोज खाएंगे 1 आंवला तो जानिए बॉडी पर होंगे ये 10 असर

नींबू या ऑरेंज से ज्यादा विटामिन C आंवले में होता है। अगर आप रोज एक आंवला खाए तो इस मौसम में होने वाली आम बीमारियों से राहत मिलेगी । इसके अलावा भी आंवले के बहुत से हेल्थ बेनिफिट्स हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर के प्रोफेसर एम. एल. जायसवाल बता रहे हैं एक आंवला खाने के अनेको फायदे ।

वजन कम – आंवला खाने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है और वजन तेजी से कम होने लगता है

हार्ट प्रॉब्लम – इसे खाने से बैड कोलेस्ट्रोल का लेवल कम होता है और हार्ट प्रॉब्लम से बचे रहते है

डाइजेशन – आंवले में फाइबर होते है जो डाइजेशन ठीक रखने में मदद करते है इसे खाने से कब्ज की प्रॉब्लम दूर होती है

डायबिटीज – आंवला खाने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल रहता है और डायबिटीज से बचाव होता है

कमजोरी – आंवले में विटामिन C की मात्रा अधिक होती है जिससे एनर्जी बनी रहती है और कमजोरी दूर होती है

चेहरे का ग्लो – इसे खाने से बॉडी में टोक्सिन्स दूर होते है और चेहरे का ग्लो बढ़ता है

हेल्दी बाल – इसमे मौजूद एंटीओक्सिडेंट से बालो की चमक बढती है और हेयर फल की प्रॉब्लम दूर होती है

कैंसर – आंवले में मौजूद एंटीओक्सिडेंट कार्सिनोजेनिक सेल्स को बनने से रोकते है और कैंसर से बचाने में फायदेमंद है

जॉइंट पेन – आंवले में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते है जो पॉइंट पेन से बचाने में मदद करते है

आंवले को इस तरह खाने से होंगे ये लाभ >>

शहद के साथ – इन दोनों में एंटीओक्सिडेंट होते है जिससे चेहरे का ग्लो बढ़ता है. यह बालो में काला व घना बनाने में मदद करता है. कटे हुए आंवले या आंवले के पाउडर में मिलाकर खा सकते है

काला नमक के साथ – आंवला ओर काला नमक दोनों एंटी बेकटीरियल गुण होते है जो अस्थमा जैसी साँस की बीमारी से बचने में मदद करते है. इसे खाने से डाइजेशन ठीक रहता है

हल्दी के साथ – इन दोनों में मौजूद एंटीओक्सिडेंट वजन करने में मदद करते है. यह बालो की ग्रोथ बढ़ाने में इफेक्टिव है. कटे हुए आंवले या आंवले के पाउडर में मिलाकर खा सकते है

आंवले का जूस – इसे पीने से मेटाबोलिज्म बढ़ता है और वजन कम करने में मदद मिलती है. यह हार्ट प्रॉब्लम से बचने में इफेक्टिव है

आंवले की चटनी – इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल रहता है और डायबिटीज से बचाव होता है. यह स्किन की रंगत निखारने में मदद करता है

30/12/2016
06/12/2016

RajivDixit Ji – भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता भाई राजीव दीक्षित जी को समर्पित


मुंह के छाले ठीक करने का सबसे सस्ता और आसान उपाय
15900



मुँह के छाले प्रायः पेट की गड़बड़ी से होते हैं। ये छाले कभी जीभ की नोक पर तो कभी पूरी जाभ पर निकलते हैं। छाले के कारण मुँह में बार बार पानी आने लगता है। इन छालों में जलन तथा दर्द होता है। होठों पर भी छाले आ जाते हैं। मुह के छाले हो रहे है इसका सीधा सा मतलब है कि पेट आपका साफ नहीं हो रहा है और बड़ी आंत आपकी कचरे से भरी हुई है. उसके लिए एक सबसे आसान उपाय है कि पानी को घुट घुट करके पिए. जैसे ही बड़ी आंत साफ हो जाएगी छाले कभी नहीं होंगे. और अगर आपको इससे भी आराम नहीं मिल रहा है तो आपको एक होम्योपैथिक दवा का नाम बता देते है जो आपको होम्योपैथिक की दुकान से मिल जाएगी जो बड़ी आंत को बहुत जल्दी साफ़ करती है. उस दवा का नाम है Borax जी हां Borax. ये दवा स्वागा से बनाई गई है जो पेट साफ करने में सबसे तीव्र काम करता है. इसकी आप 30 या 200 पोटेंसी में सिर्फ 3 ही खुराक लेंगे तो आपकी बड़ी आंत साफ हो जाएगी. पानी जो करेगा वो धीरे धीरे करेगा लेकिन ले दवा फ़ास्ट काम करती है. भागवट जी कहते है कि फ़ास्ट के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए क्योकि जो बीमारी धीरे धीरे आई है वो धीरे -2 ही जाएगी

15/11/2016

सर्दियों में बादाम से
ज्यादा असरदार है चना,
रोज खाएंगे तो होंगे ये ढेरों
फायदे
______________________
______________________
________
सर्दियों में रोजाना 50
ग्राम चना खाना शरीर के
लिए बहुत लाभकारी होता
है। आयुर्वेद मे माना गया है
कि चना और चने की दाल
दोनों के सेवन से शरीर स्वस्थ
रहता है। चना खाने से अनेक
रोगों की चिकित्सा हो
जाती है। इसमें
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन,
नमी, चिकनाई, रेशे,
कैल्शियम, आयरन व
विटामिन्स पाए जाते हैं। चने
का गरीबों का बादाम कहा
जाता है, क्योंकि ये सस्ता
होता है लेकिन इसी सस्ती
चीज में बड़ी से बड़ी
बीमारियों की लड़ने की
क्षमता है। चने के सेवन से
सुंदरता बढ़ती है साथ ही
दिमाग भी तेज हो जाता है।
मोटापा घटाने के लिए
रोजाना नाश्ते में चना लें।
अंकुरित चना 3 साल तक खाते
रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता
है। गर्भवती को उल्टी हो तो
भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं।
चना पाचन शक्ति को
संतुलित और दिमागी शक्ति
को भी बढ़ाता है। चने से खून
साफ होता है जिससे त्वचा
निखरती है।
सर्दियों में चने के आटे का
हलवा कुछ दिनों तक
नियमित रूप से सेवन करना
चाहिए। यह हलवा वात से
होने वाले रोगों में व अस्थमा
में फायदेमंद होता है।
रात को चने की दाल भिगों
दें सुबह पीसकर चीनी व
पानी मिलाकर पीएं। इससे
मानसिक तनाव व उन्माद की
स्थिति में राहत मिलती है।
50 ग्राम चने उबालकर मसल
लें। यह जल गर्म-गर्म लगभग एक
महीने तक सेवन करने से जलोदर
रोग दूर हो जाता है।
चने के आटे की की नमक रहित
रोटी 40 से 60 दिनों तक
खाने से त्वचा संबंधित
बीमारियां जैसे-दाद, खाज,
खुजली आदि नहीं होती हैं।
भुने हुए चने रात में सोते समय
चबाकर गर्म दूध पीने से सांस
नली के अनेक रोग व कफ दूर हो
जाता हैं।
25 ग्राम काले चने रात में
भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन
करने से डायबिटीज दूर हो
जाती है। यदि समान मात्रा
में जौ चने की रोटी भी
दोनों समय खाई जाए तो
जल्दी फायदा होगा।
चने को पानी में भिगो दें
उसके बाद चना निकालकर
पानी को पी जाएं। शहद
मिलाकर पीने से किन्हीं भी
कारणों से उत्पन्न नपुंसकता
समाप्त हो जाती है।
हिचकी की समस्या ज्यादा
परेशान कर रही हो तो चने के
पौधे के सूखे पत्तों का
धुम्रपान करने से शीत के
कारण आने वाली हिचकी
तथा आमाशय की
बीमारियों में लाभ होता है।
पीलिया में चने की दाल
लगभग 100 ग्राम को दो
गिलास जल में भिगोकर उसके
बाद दाल पानी में से
निकलाकर 100 ग्राम गुड़
मिलाकर 4-5 दिन तक खाएं
राहत मिलेगी।
देसी काले चने 25-30 ग्राम
लेकर उनमें 10 ग्राम त्रिफला
चूर्ण मिला लें चने को कुछ
घंटों के लिए भिगो दें। उसके
बाद चने को किसी कपड़े में
बांध कर अंकुरित कर लें। सुबह
नाश्ते के रूप में इन्हे खूब चबा
चबाकर खाएं।
बुखार में ज्यादा पसीना आए
तो भूने को पीसकर अजवायन
और वच का चूर्ण मिलाकर
मालिश करनी चाहिए।
चीनी के बर्तन में रात को चने
भिगोकर रख दे। सुबह उठकर
खूब चबा-चबाकर खाएं इसके
लगातार सेवन करने से वीर्य में
बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की
कमजोरी से जुड़ी समस्याएं
खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए
चने खाकर दूध पीते रहने से
वीर्य का पतलापन दूर हो
जाता है।
दस ग्राम चने की भीगी दाल
और 10 ग्राम शक्कर दोनों
मिलाकर 40 दिनों तक खाने
से धातु पुष्ट हो जाती है।
गर्म चने रूमाल या किसी
साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से
जुकाम ठीक हो जाता है।
बार-बार पेशाब जाने की
बीमारी में भुने हूए चनों का
सेवन करना चाहिए। गुड़ व
चना खाने से भी मूत्र से
संबंधित समस्या में राहत
मिलती है। रोजाना भुने चनों
के सेवन से बवासीर ठीक हो
जाता है। —

Address

96, Mahadev Totla Nagar Kanadiya Road
Indore
452001

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