Astro Naadi Sutra

Astro Naadi Sutra In Institute Dedicated To Research In Astrological Planetary Aspects In Relation To Human Allments And Related Problems

जय श्री राधे सभी को नमन    आज चर्चा करते है-- प्रेम विवाह की:- प्रेम विवाह   सफल होगा या नही ?करीब करीब ये सभी का प्रश्न...
04/08/2025

जय श्री राधे सभी को नमन
आज चर्चा करते है--
प्रेम विवाह की:-

प्रेम विवाह सफल होगा या नही ?

करीब करीब ये सभी का प्रश्न होता है
प्रेम दो इंसानो में होता है,इंसानो से मतलब पशु पक्षी ओर इंसान सब मे ही प्रेम समान होता है,
सभी में प्रेमी है प्रेम नही तो कुछ भी नही
दो आत्माओं का मिलान बिना किसी स्वार्थ के,
जहा स्वार्थ हो गया वहा फिर प्रेम सम्भव ही नही
अगर एक तरफ होता है तो जाहिर सी बात है कि सामने वाला वासना हो भूखा है,उसे फिर प्रेम नही कहा जा सकता,
खैर आजकल प्रेम की परिभाषा ही बदल गई या यूं कहले की लोगो ने बदल दी

इसी विषय पर आज मेने चर्चा की है,
आजकल बिना सोचे समझे हम प्रेम जैसी मूर्खता कर जाते है,बाद में फिर हमें पश्चताना होता है कि हमने ये गलती क्यो की
इसे हम जन्म कुंडली के माध्यम से जान सकते है,की सामने वाला फ्रॉड है या सही
अब हम कुंडली से कैसे जाने?

अगर पुरुष की कुंडली मे जहा शुक्र बैठा है
वही स्त्री की कुंडली मे मंगल बैठा हो
ओर इनमे 5 अंश से कम का फर्क हो तो आपका प्रेम प्रकाड होगा मतलब मजबूत होगा,
दोनों के विचार बहुत मिलेंगे,

-अब प्रेम विवाह के योग-

पंचम भाव प्रेम का होता है,
सप्तम भाव जीवन साथी का
ओर लग्न हम स्वयं

तो युति बनी
लग्नेश+पंचमेश+सप्तमेश
इनकी युति हो तो प्रेम विवाह होगा
पंचमेश ओर सप्तमेश का राशि परिवर्तन हो तो प्रेम विवाह होगा
पंचमेश सप्तमेश साथ हो तो प्रेम विवाह होगा
पंचमेश सप्तमेश द्वादसेस की युति हो तो प्रेम विवाह होगा
लग्न से सप्तम भाव तक क्रूर ग्रह होतो प्रेम विवाह के योग बनते है
पंचमेश ओर सप्तमेश
छटे भाव मे हो तो प्रेम विवाह होगा,
सप्तमेश अगर शुक्र+ राहु के साथ हो तो ये युति प्रेम विवाह की ओर इंगित करती है।
शुक्र अनुराधा नक्षत्र में होतो ये प्रेम विवाह होने की पूर्ण सम्भावना होती है,

👆🏻👆🏻👆 ये तो हुए प्रेम विवाह के योग

--: अब आते है हमारा प्रेम विवाह सफल होगा या नही ?
प्रेम होगा तभी तो विवाह होगा तभी तो ये बना प्रेम विवाह,
सप्तम भाव होता है जीवन साथी का

इसलिए हमें सप्तम भाव और सप्तमेश को देखना होगा,

सप्तम भाव के दोनों तरफ मतलब छ भाव और आठ भाव मे सौम्य ग्रह हो मित्र ग्रह हो कोई पापी दृष्ठि ना हो,

सप्तमेश मित्र राशि मे हो उसके दोनों तरफ मित्र ग्रह या सौम्य ग्रह हो
ओर उन पर मंगल सूर्य राहु की दृष्ठि ना हो तो

प्रेम विवाह सफल होगा

आप हाथ की रेखा से भी देख सकते है
चंद्र पर्वत से कोई रेखा निकल कर भाग्य रेखा को छूती हुई सूर्य रेखा में मिल जाये
तो आपके प्रेम पर एक मोहर लग जाती है समाज की परिवार की
ओर घर वाले उसे मान्य कर लेते है ।
👆🏻👆🏻 ये बात हुई प्रेम विवाह सफलता की

अब एक बहुत अच्छी बात पढ़े
हो सकता है आप मे से कोई मुझसे सहमत हो या ना हो ,लेकिन में मेरे मन के विचार लिख रहा हु,

लेकिन में लिखता हूं सच
ये बहुत मनन करने योग्य है

पंचम भाव प्रेम का होता है
ओर सप्तम भाव दाम्पत्य का

पंचम ओर सप्तम भाव मे जमीन आसमान का फर्क है

क्यो है ?
आइये जानते है मेरे साथ

पंचम भाव के स्वामी नक्षत्र दृष्टि सब अलग

ओर सप्तम भाव के स्वामी नक्षत्र दृष्टि अलग अलग

मानलो पंचम भाव मे शुक्र या चंद्र या गुरु स्वराशि उच्च का बैठा हो तो
प्रेमी/प्रेमिका आइडियल होंगे

लेकिन सप्तम भाव मे शनि या कोई भी ग्रह लेलो नीच का हुआ तो क्या होगा
शादी होने के बाद एक मिनट भी चेन से नही रह सकते है

ओर क्या बोलेंगे
तुम तो पहले ऐसे नही थे
प्रेमी बोलेगा तुम तो पहले ऐसी नही थी वैसी नही थी

ये बाते स्टार्ट ओर बाद में
दे गुसा दे लात

अगर गलती से शादी करली तो
ओर दोनों भावो के स्वामी शत्रु हुए तो क्या होगा
जंग होगी बात बात पर मन मुटाव होगा और कुछ ही दिनों में अलग हो जाएंगे मतलब तलाक

इसलिए अगर मेरी माने या अपने प्रेम को जीवन भर बरकरार रखना है तो
शादी ना करे

अन्यथा ये भयंकर परिणाम भुगतने को तैयार रहे

ज्योतिर्विद पण्डित सुरेन्द्र आर शास्त्री सिंगोद कलाँ
🙏🏻🙏
जय श्री राधे

25/07/2025

शुक्र चन्द्र की युति हो या शुक्र कर्क राशि मे या फिर शुक्र 4th House में चंद्रमा के साथ हो तो ऐसा व्यक्ति गहरी भावनाओ में डूबा रहता है
जिसे कोई समझ नही पाता और वह अंदर ही अंदर घुटन महसूस करता है

कर्क राशि में शुक्र होने पर व्यक्ति बहुत भावुक होता है, इसलिए अन्य व्यक्ति सहानुभूति पाने के लिए आपकी भावनाओं का उपयोग करने का प्रयास करते है, और जब आप उनमें से किसी के लिए भावनाएं रखते हैं तो वह आपको अनदेखा कर देता है, उस समय व्यक्ति का दिल 💔 टूट जाता है और उसकी भावनाएं आहत होती है

शनि का गोचर शुक्र के ऊपर से पत्नी को Health issue देता है :-------नाड़ी ज्योतिष का एक Text है कि शनि शुक्र की युति जातक क...
23/07/2025

शनि का गोचर शुक्र के ऊपर से पत्नी को Health issue देता है :-------

नाड़ी ज्योतिष का एक Text है कि शनि शुक्र की युति जातक को धनाढ्य बनाती है लेकिन जब भी शनि का गोचर शुक्र के ऊपर से होगा उस समय पैसे तो आएंगे लेकिन जातक की पत्नी का उस समय स्वास्थ्य खराब हो जायेगा
मतलब Health Issue होगा ये अनुभव की बात है

विवाह में कोई समस्या आ रही हैं, या वैवाहिक जीवन में कोई दिक्कत आ रही है आपसी तालमेल नहीं बैठा हुआ है आपसी प्रेम में कोई ...
19/07/2025

विवाह में कोई समस्या आ रही हैं, या वैवाहिक जीवन में कोई दिक्कत आ रही है आपसी तालमेल नहीं बैठा हुआ है आपसी प्रेम में कोई समस्या है तो इन सबका एक उपाय
"ह्रीम श्रीं क्लीं ऐं ललितम सदाशिवम " सिर्फ एक दीपक माता रानी के सामने 10 मिनिट का जाप
If there is any problem in marriage, or if there is any problem in married life, if there is no mutual coordination, if there is any problem in mutual love, then there is a solution for all these.
"Hreem Shreem kleem aem Lalitham Sadashivam" chanting just one lamp in front of Mata Rani for 10 minutes

सदाशिवसमारम्भां शङ्कराचार्यमध्यमाम्।अस्मदाचार्य पर्यन्तां वन्दे गुरु परम्पराम्॥गुरुपूर्णिमा की अनन्य शुभकामनाएं I salute...
10/07/2025

सदाशिवसमारम्भां शङ्कराचार्यमध्यमाम्।
अस्मदाचार्य पर्यन्तां वन्दे गुरु परम्पराम्॥
गुरुपूर्णिमा की अनन्य शुभकामनाएं
I salute the sacred Guru-parampara (lineage of Gurus), which begins from the ever-auspicious Lord Shiva, in the midst of which (lineage) is Adi Shankaracharya, and which comes up to my Gurudev.

Guru Purnima Greetings!!!
🌺🌸🌺🌸🌺🌸

09/07/2025

शुक्राणु का कारण शुक्र है
Azzos***mia seems completely devoid of s***m.

S***m is Venus.

Nd Venus is best in Watery sign nd watery planets where it gets nourished.
With firy planets like Sun or Mars or in Firy sign. Problems of oligos***mia or azzos***mia might arise.
If Lagna is strong then problems might not get aggravated.

Also 6th Lord with Venus or aspecting Venus might be one cause.

More wud be triggered if Venus is not in good nakshatra like in firy nakshatra or Vadh Tara etc.

Also Venus wud be btr in watery Navamasha

सूत्र:-कैसे जाने की व्यक्ति अपने पिता की दूसरी पत्नी से उतपन्न है :-जब jupiter से सारे ग्रह एक तरफ हो एवम Jupiter अकेला ...
24/05/2025

सूत्र:-
कैसे जाने की व्यक्ति अपने पिता की दूसरी पत्नी से उतपन्न है
:-जब jupiter से सारे ग्रह एक तरफ हो एवम Jupiter अकेला एक तरफ हो तो जातक अपने पिता की दूसरी पत्नी से उतपन्न होता है
ऐसी कोई कुंडली आप में से किसी के पास हो तो कृपया शेयर करे

चंद्रदेव जिस भाव मे होते है व्यक्ति उसी भाव के प्रति ज्यादा सोचता है    Ex-- चंद्रमा 4th भाव मे माता के प्रति ज्यादा लगा...
22/05/2025

चंद्रदेव जिस भाव मे होते है व्यक्ति उसी भाव के प्रति ज्यादा सोचता है
Ex-- चंद्रमा 4th भाव मे माता के प्रति ज्यादा लगाव या सोचना

एवम केतुदेव जिस भाव मे होते है उसी भाव के करकतत्वो से दूरी बना देते है ----
Ex------ केतु चतुर्थ भाव मे माता से दूरी या सुख में कमी

20/05/2025

ग्रह दृष्टि नाड़ी ज्योतिष के अनुसार:-

आजतक आप सभी ने सुना होगा की नाड़ी ज्योतिष में दशा का प्रयोग नही होता,
नाड़ी ज्योतिष में भी दशा का प्रयोग होता है
नाड़ी ज्योतिष में भी विंशोन्तरी दशा के समान ही दृष्टि होती है
लेकिन मेथर्ड (तरीका) अलग है,

अब नाड़ी ज्योतिष के हिसाब से ग्रहों की दृष्टि एवम तरीका जानते है,

मानलो किसीका
कर्क लग्न एवम कुम्भ राशि है
एवम कुंडली मे शनि तुला राशि मे बैठा है ,

लग्न कुंडली से शनि की तीसरी दृष्टि छटे भाव पर ,
सातवी दशम भाव पे
एवम दसवीं लग्न पर है

ये तो हुई वैदिक दृष्टि
👆🏻👆🏻
👇🏻👇🏻
अब नाड़ी से :-
नाड़ी ज्योतिष में जिस ग्रह की दशा चल रही हो उसे लग्न मानलो,

उदा.
कर्क लग्न एवम शनि की महादशा
चल रही है,शनि कुंडली मे तुला राशि मे बैठा है,
हमने तुला को लग्न मान लिया तो लग्न में शनि देव आ गए अब लग्न से शनि महाराज

तीसरी दृष्टि से तृतीय भाव को मतलब धनु राशि को देखेंगे

सातवी दृष्टि से सप्तम भाव को मतलब मेष राशि को

एवम दशवी दृष्टि से कर्क राशि को देखेंगे

कुल मिलाकर
गुरु मंगल चन्द्र शनि देव से प्रभावित होंगे एवम
तृतीय/सप्तम/दशम भाव एवम भाव मे बैठे ग्रह
👆🏻

दूसरा तरीका शनि की दशा आप गोचर में जो ग्रह जिस राशि मे चल रहा है उसे लग्न कुंडली मे बिठाकर देख सकते है,ये तरीका जातक के वर्तमान में जो भी समश्या चल रही है उसे आसानी से जान सकते है,या जाना जा सकता है

जिद बहस ना करे समझ मे आये तो अपनाए अन्यथा इग्नोराये नमः करदे

जय श्रीराधे
Surendra R Shastri Singod

25/01/2025

शनि गुरु बुध केतु की युति हो लगातार भावों में हो या त्रिकोण से सम्बन्ध बन रहा हो तो ऐसे व्यक्ति ज्यूडिशरी में होते है

25/01/2025

राहु पर राहु का गोचर अधिकतर कष्ट ही देता है
राधे राधे

शनि केतु :--/ कर्मध्वजा योग जो एक श्रेष्ठ योग है शनि कर्म केतु आध्यात्मिक शिखर ध्वजा का प्रतीक है ऐसे व्यक्ति कर्मयोगी ह...
25/01/2025

शनि केतु :--/ कर्मध्वजा योग जो एक श्रेष्ठ योग है
शनि कर्म
केतु आध्यात्मिक शिखर ध्वजा का प्रतीक है ऐसे व्यक्ति कर्मयोगी होते है

शनि केतु की युति को अधिकतर सभी पिशाच दोष या कर्म सत्यानास योग बोलते है परंतु
शनि कर्म का कारक है एवम केतु ध्वजा शिखर का कारक भी कारक है

जीवन के 30 साल तक ये योग बहुत संघर्ष करवाता है परंतु बाद में उच्चाई प्रदान करता है

डरे नही इस योग से ये एक श्रेष्ठ योग है

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