
04/08/2025
जय श्री राधे सभी को नमन
आज चर्चा करते है--
प्रेम विवाह की:-
प्रेम विवाह सफल होगा या नही ?
करीब करीब ये सभी का प्रश्न होता है
प्रेम दो इंसानो में होता है,इंसानो से मतलब पशु पक्षी ओर इंसान सब मे ही प्रेम समान होता है,
सभी में प्रेमी है प्रेम नही तो कुछ भी नही
दो आत्माओं का मिलान बिना किसी स्वार्थ के,
जहा स्वार्थ हो गया वहा फिर प्रेम सम्भव ही नही
अगर एक तरफ होता है तो जाहिर सी बात है कि सामने वाला वासना हो भूखा है,उसे फिर प्रेम नही कहा जा सकता,
खैर आजकल प्रेम की परिभाषा ही बदल गई या यूं कहले की लोगो ने बदल दी
इसी विषय पर आज मेने चर्चा की है,
आजकल बिना सोचे समझे हम प्रेम जैसी मूर्खता कर जाते है,बाद में फिर हमें पश्चताना होता है कि हमने ये गलती क्यो की
इसे हम जन्म कुंडली के माध्यम से जान सकते है,की सामने वाला फ्रॉड है या सही
अब हम कुंडली से कैसे जाने?
अगर पुरुष की कुंडली मे जहा शुक्र बैठा है
वही स्त्री की कुंडली मे मंगल बैठा हो
ओर इनमे 5 अंश से कम का फर्क हो तो आपका प्रेम प्रकाड होगा मतलब मजबूत होगा,
दोनों के विचार बहुत मिलेंगे,
-अब प्रेम विवाह के योग-
पंचम भाव प्रेम का होता है,
सप्तम भाव जीवन साथी का
ओर लग्न हम स्वयं
तो युति बनी
लग्नेश+पंचमेश+सप्तमेश
इनकी युति हो तो प्रेम विवाह होगा
पंचमेश ओर सप्तमेश का राशि परिवर्तन हो तो प्रेम विवाह होगा
पंचमेश सप्तमेश साथ हो तो प्रेम विवाह होगा
पंचमेश सप्तमेश द्वादसेस की युति हो तो प्रेम विवाह होगा
लग्न से सप्तम भाव तक क्रूर ग्रह होतो प्रेम विवाह के योग बनते है
पंचमेश ओर सप्तमेश
छटे भाव मे हो तो प्रेम विवाह होगा,
सप्तमेश अगर शुक्र+ राहु के साथ हो तो ये युति प्रेम विवाह की ओर इंगित करती है।
शुक्र अनुराधा नक्षत्र में होतो ये प्रेम विवाह होने की पूर्ण सम्भावना होती है,
👆🏻👆🏻👆 ये तो हुए प्रेम विवाह के योग
--: अब आते है हमारा प्रेम विवाह सफल होगा या नही ?
प्रेम होगा तभी तो विवाह होगा तभी तो ये बना प्रेम विवाह,
सप्तम भाव होता है जीवन साथी का
इसलिए हमें सप्तम भाव और सप्तमेश को देखना होगा,
सप्तम भाव के दोनों तरफ मतलब छ भाव और आठ भाव मे सौम्य ग्रह हो मित्र ग्रह हो कोई पापी दृष्ठि ना हो,
सप्तमेश मित्र राशि मे हो उसके दोनों तरफ मित्र ग्रह या सौम्य ग्रह हो
ओर उन पर मंगल सूर्य राहु की दृष्ठि ना हो तो
प्रेम विवाह सफल होगा
आप हाथ की रेखा से भी देख सकते है
चंद्र पर्वत से कोई रेखा निकल कर भाग्य रेखा को छूती हुई सूर्य रेखा में मिल जाये
तो आपके प्रेम पर एक मोहर लग जाती है समाज की परिवार की
ओर घर वाले उसे मान्य कर लेते है ।
👆🏻👆🏻 ये बात हुई प्रेम विवाह सफलता की
अब एक बहुत अच्छी बात पढ़े
हो सकता है आप मे से कोई मुझसे सहमत हो या ना हो ,लेकिन में मेरे मन के विचार लिख रहा हु,
लेकिन में लिखता हूं सच
ये बहुत मनन करने योग्य है
पंचम भाव प्रेम का होता है
ओर सप्तम भाव दाम्पत्य का
पंचम ओर सप्तम भाव मे जमीन आसमान का फर्क है
क्यो है ?
आइये जानते है मेरे साथ
पंचम भाव के स्वामी नक्षत्र दृष्टि सब अलग
ओर सप्तम भाव के स्वामी नक्षत्र दृष्टि अलग अलग
मानलो पंचम भाव मे शुक्र या चंद्र या गुरु स्वराशि उच्च का बैठा हो तो
प्रेमी/प्रेमिका आइडियल होंगे
लेकिन सप्तम भाव मे शनि या कोई भी ग्रह लेलो नीच का हुआ तो क्या होगा
शादी होने के बाद एक मिनट भी चेन से नही रह सकते है
ओर क्या बोलेंगे
तुम तो पहले ऐसे नही थे
प्रेमी बोलेगा तुम तो पहले ऐसी नही थी वैसी नही थी
ये बाते स्टार्ट ओर बाद में
दे गुसा दे लात
अगर गलती से शादी करली तो
ओर दोनों भावो के स्वामी शत्रु हुए तो क्या होगा
जंग होगी बात बात पर मन मुटाव होगा और कुछ ही दिनों में अलग हो जाएंगे मतलब तलाक
इसलिए अगर मेरी माने या अपने प्रेम को जीवन भर बरकरार रखना है तो
शादी ना करे
अन्यथा ये भयंकर परिणाम भुगतने को तैयार रहे
ज्योतिर्विद पण्डित सुरेन्द्र आर शास्त्री सिंगोद कलाँ
🙏🏻🙏
जय श्री राधे