
25/06/2025
20204 時 काली रात...
कल, 8:23 पूर्वाह्न
ठंड से भरा सुबह, एक तेज़ रफ्तार कार और एक ऐसा टक्कर - जिसने करोड़ों दिलों को दहला दिया।
रिशभ पंत की कार डिवाइडर से टकराई, गाड़ी में आग लग गई।
टांगें बुरी तरह जख्मी, सर से खून बह रहा था... लोगों को लगा - ये कहानी शायद यहीं खत्म हो गई।
लेकिन पंत की कहानी कोई आम कहानी नहीं थी। वो स्ट्रेचर पर गया, फिर वॉकर पर चला, हर दिन दर्द से लड़ा... लेकिन हर दिन हारा नहीं।
19 महीनों बाद
वो फिर से मैदान में उतरा, पहले विकेटकीपिंग की, फिर बल्ला उठाया और दो शतक जड़ दिए - बिल्कुल उसी अंदाज़ में जैसे पहले करता था।
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ये सिर्फ रन नहीं थे, जू'स ये हर उस आँसू का जवाब था जो उनके चाहने वालों ने उस रात बहाया था।
जब जीवन आपको दूसरा मौका दे रिशभ पंत ने साबित कर दिया -हो 'अगर दिल में आग हो, तो राख से भी वापसी की जा सकती है।'
पुनः स्वागत है, चैंपियन।
तेरे जैसा ना कोई था, ना है, ना होगा 100