08/06/2022
100% Treatment of PCOD WITH E. H. TREATMENT. SEE BEFORE AND AFTER TREATMENT REPORT.
Poly Cystic Overy Disorder; आजकल महिलायें पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। वे घर व बाहर दोनों में संतुलन बनाये हुए हैं किन्तु ऐसे में वे अपने शरीर का ध्यान रखना भूल जाती है। अपने ऊपर ध्यान न देने से उनके शरीर में कई बीमारियाँ अपना स्थान बनाने लगी हैं – उन्ही बिमारियों में से एक है। समय की कमी और कार्य की अधिकता के कारण आजकल की लड़कियाँ और महिलायें अपने खाने पीने पर सही से ध्यान नहीं दे पाती और बिमारियों का शिकार हो जाती हैं।
शायद आपको पता न हो, पर आपके खाने – पीने और रहन सहन का आपके शरीर और होने वाली बिमारियों पर काफी प्रभाव पड़ता है। आप क्या खाते हैं और क्या पीते हैं, PCOD पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है। तो आइये जानते हैं क्या है यह बीमारी और क्यों यह आजकल की महिलाओं और लड़कियों को इतना प्रभावित कर रही है।
करीबन 70 % महिलाओं को पता ही नहीं होता कि वे पीसीओडी से पीड़ित हैं
पीसीओडी होने का मतलब यह नहीं होता की आप प्रेगनेंट नहीं हो सकती
जीवनशैली में परिवर्तन लाकर पीसीओडी का इलाज किया जा सकता है। पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर
PCOD kya hai: पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (पीसीओडी) एक प्रकार का हार्मोनल विकार होता है। यह अधिकतर महिलाओं की प्रजनन आयु में उन्हें प्रभावित करता है। इस डिसऑर्डर में, महिला का शरीर असंतुलित तरीके से हार्मोन का उत्पादन करने लगता है जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पुरुष हार्मोन (एण्ड्रोजन) का उत्पादन भी बढ़ जाता है। एक शोध के अनुसार, हर दस में से एक महिला इस डिसऑर्डर से पीड़ित है।
इसे पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS ) के नाम से भी जाना जाता है। पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं के बढ़े हुए अंडाशय में कई छोटे सिस्ट्सपाए जाते हैं। PCOD किन्हे होता है?
5 से 10% महिलायें 15 और 44 वर्ष के बीच, या उन वर्षों के दौरान जब उनको बच्चे हो सकते हैं, PCOD से पीड़ित हो जाती हैं। अधिकांश महिलाओं को उनके 20 और 30 की आयु में पता चलता है कि उनको पीसीओडी है, जब उन्हें गर्भवती होने में किसी प्रकार की समस्या आती है और वे डॉक्टर को दिखाती है। लेकिन पीसीओएस आपके यौवन के बाद किसी भी उम्र में हो सकता है ।
PCOD सभी जातियों और नस्लों की महिलाओं को हो सकता है। अगर आप मोटे हैं और आपकी मां, बहन या मौसी को PCOD की समस्या हैं तो आपको भी पीसीओडी होने का खतरा अधिक हो सकता है। PCOD होने के कारण
वैसे तो PCOD होने के सही कारणों का पता लगाना असंभव है किन्तु एक्सपर्ट्स केअनुसार कुछ कारक जैसे आनुवंशिकी मुख्य भूमिका निभाते हैं:
इंसुलिन की बढ़ी हुई मात्रा: मानव शरीर में अधिक इंसुलिन के परिणामस्वरूप अधिक एण्ड्रोजन का उत्पादन होता है। यह एक हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है और महिलाओं में बांझपन का कारण बनता है।
निम्न-श्रेणी की सूजन: इस पहलू के तहत, शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाएं पर्याप्त पदार्थों का उत्पादन करने में असमर्थ होती हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। जिन महिलाओं में निम्न-श्रेणी की सूजन होती है, उनमें एंड्रोजन के उत्पादन की संख्या अधिक होती है।
जीन: कुछ चिकित्सा पेशेवरों का मानना है कि पीसीओडी महिलाओं को उनके परिवार से मिलता है। पीसीओडी के लक्षण
इस हार्मोनल विकार से केवल एक ही प्रकार की समस्या नहीं होती है । इसके लक्षण एक महिला के समग्र स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर परिवर्तनशील होते हैं। एक महिला या युवा लड़की अपने पहले मासिक धर्म के आसपास या उसके बाद पीसीओडी के लक्षणों का अनुभव करती है। पीसीओडी के कुछ सामान्य संकेतों में निम्न शामिल हैं:
अनियमित पीरियड्स
एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन)
चेहरे पर मुंहासे
चेहरे पर अत्यधिक बाल
अंडाशय का बढ़ जाना
पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग
वजन बढ़ना
त्वचा पर काले धब्बे
सिर दर्द
बालों का पतला होना
PCOD की जटिलताएं क्या हैं?
यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो पॉलीसिस्टिक ओवेरी सिंड्रोम या PCOD जटिलताओं की एक विस्तृत श्रृंखला को जन्म दे सकता है। एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सही समय पर निदान और उपचार महत्वपूर्ण हैं। PCOD से जुड़ी कुछ सामान्य जटिलताओं में शामिल हैं:
गर्भधारण करने में अक्षमता या अक्षमता
मधुमेह या डायबिटीज
गर्भपात
समय से पहले जन्म
लीवर की सूजन
स्लीप एप्निया
उपापचयी लक्षण
डिप्रेशन और चिंता सहित मूड विकार
गर्भाशय से असामान्य रक्तस्राव
कैंसर
पीसीओडी का इलाज – PCOD Problem Solution
एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ रोगी के स्वास्थ्य और वांछित चिंता के आधार पर PCOD के लिए एक उपचार पद्धति की सलाह दे सकता है। PCOD के इलाज के लिए आपका डॉक्टर दवाइयाँ लिख सकता है और आपको जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह देगा जैसे कि आहार में बदलाव, स्वस्थ वजन बढ़ाने के लिए शारीरिक गतिविधि, इत्यादि। आपका डॉक्टर आपको फाइबर, विटामिन ई और ओमेगा -3 और -6 फैटी एसिड बढ़ाने के लिए भी कहेंगा।
पीसीओडी के लिए कुछ घरेलू उपचार भी किये जा सकते हैं जो इस प्रकार हैं-
पीसीओडी के घरेलू उपचार
प्रजनन उम्र की महिलाओं में सबसे आम एंडोक्राइन स्थिति है। जिसका इलाज जीवनशैली में कुछ परिवर्तन लाकर किया जा सकता है, साथ ही कुछ घरेलू नुस्खों की सहायता से भी इसे नियंत्रित किया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं:
आहार में बदलाव
इनोसिटोल, जिंक, संयुक्त विटामिन डी और कैल्शियम, कॉड लिवर ऑयल जैसे सप्लीमेंट्स
मेप्टा जड़, अश्वगंधा, तुलसी जैसे एडाप्टोजेन जड़ी बूटियां
प्रोबायोटिक्स
स्वस्थ वजन बनाए रखें
अपने व्यायाम को संतुलित करें
अच्छी नींद स्वच्छता का अभ्यास करें
तनाव कम करना
अंतःस्रावी अवरोधों को सीमित करें या उनसे बचें
एक्यूपंक्चर पर विचार करें
पीसीओडी एक महिला स्वास्थ्य से सम्बंधित प्रमुख मुद्दा है। आप कम से कम एक महिला को जानते होंगे जो इस विकार से प्रभावित है। हमारा आपको डराने का इरादा नहीं है, बल्कि हमारा उद्देश्य आपको इससे सचेत करना है।
हम आशा करते हैं कि आपको PCOD (PCOD in Hindi) से जुडी समस्त जानकारी लाभकारी लगी होगी