10/05/2022
त्रिफला के लाभ्
| विशेष--त्रिफला-जल--त्रिफला चूर्ण खाने के साथ-साथ त्रिफला-जल से सिर धोते रहने से अधिक सफलता मिलती है। त्रिफला चूर्ण बनाने के लिए हरड़, बहेड़ा, आंवला--तीनों समभाग लेकर बारीक पीस लें । रात्रि में एक __ मिट्टी के पात्र या काँच की गिलास में २०० ग्राम जल में १० ग्राम (दो चम्मच __त्रिफला-चूर्ण डालकर ढक्कन ढककर रख दें। प्रातः इसे हाथ से मसलकर कपड़े से छान लें। इस त्रिफला-जल को नहाने से पूर्व बालों में मलकर पन्द्रह मिनट के लिए छोड़ दें और फिर स्नान कर लें। महिलाएं सप्ताह में दो बार त्रिफला-जल का बालों में इस्तेमाल कर सकती हैं और इस त्रिफला *जल को बालों की जड़ों में लगाकर इस बीच कपड़े धोने आदि का काम कर सकती हैं। ध्यान रहे कि त्रिफला-जल आंखों में सीधे न लगे क्योंकि बालों के लिए बनाया गया वह त्रिफला-जल तेज होता है। आंखों के लिए त्रिफला-जल थोड़ा हल्का बनाना चाहिए। यदि आंखों के लिए त्रिफला-जल बनाना हो तो मोटा- कूटा हुआ) त्रिफला इस्तेमाल करें और रात्रि २०० ग्राम पानी में १० ग्राम त्रिफला भिगोये और प्रातः इसे कपड़े से छान कर इस्तेमाल करें। जहां जल से बाल धोने से सिर स्वच्छ होकर बाल स्थायी रूप से काले रहते त्रिफला-जल से आंखें धोने से आंखों की लाली, आंखों का दुखना, नेत्रो का बहना आदि अनेक नेत्र रोग समूल नष्ट होते हैं। इसके अतिरिक्त चर्म दाद, खाज, कुष्ठ, पामा आदि को त्रिफला जल से धोने और पीने से लाभ होते देखा गया है।