08/03/2025
वृष
(Second sign of zodiac)
अधिपति : शुक्र।
प्रतीक चिन्ह् : वृषभ।
शुभ : सूर्य, शनि।
अशुभ : चंद्रमा, वृहस्पति, शुक्र।
सम : शुक्र।
मारक : चंद्रमा, मंगल, गुरु, शुक्र।
बाधक स्थान : मकर (9वां)।
बाधकपति : शनि।
योगकारक : शनि।
उच्चस्थ : चंद्रमा 3, राहु।
नीचस्थ : केतु।
मूलत्रिकोण : चंद्रमा (3°-30°)
आदर्श मिलान राशि : कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन।
चंद्रमा की शुभ डिग्री : 14°
चंद्रमा की अशुभ डिग्री : 25°, 12°
भाग्यशाली परफ्यूम/सुगंध : स्टोरेक्स/बाल्सम।
भाग्यशाली रत्न : हीरा, नीलम, पन्ना। सोने की अंगुठी में दाएं हाथ की तीसरी उंगली में।
भाग्यशाली रंग : हरा, नीला, गुलाबी, सफेद। लाल रंग के प्रयोग से परहेज करें।
भाग्यशाली दिन : सोमवार, बुधवार, शुक्रवार, शनिवार। गुरुवार को साथी/सांझेदार के जरीए लाभ।
भाग्यशाली संख्या : 2, 7, 8, 9.
व्रत का दिन : शुक्रवार।
नियंत्रण : हड्डी, मांस।
विशेष लक्षण :
स्थलीय, अचल, स्थिर राशि, मध्यम फलदायक, पृष्ठोदय, दक्षिण, दिन, स्त्री, नकारात्मक, चौपाया, रात से संबंधी, कम चढ़ावदार, उत्तरायण, वायुमय, ज्येष्ठ ‘‘15 मई- 15 जून’’, मध्य रात्रि में अन्धा, चंद्र क्षेत्र, शुभ, सम, रात की राशि, मूल(पेड़, पौधे), वैश्य, अधिकारात्मक, सौम्य, सहनशील, कोमल, चिकनी राशि।
रूप, रंग व आकार :
सांवला रंग, छोटा कद, वर्गाकार/चौरस आकृति, उन्नत चेहरा व आँखें, बड़ा चेहरा, बड़े कान, मोटा व मजबूत गर्दन, थुल- थुल जांघें, फुले हुए व चौड़े हाथ, स्थूल प्रवृत्ति, बगलों में या पीठ पर मस्सा या निशान, मदमस्त चाल, अच्छी पाचनशक्ति, महिलाएं जातक सुन्दर व आकर्षक।
सकारात्मक लक्षण/गुण :
खुशी, प्रेम, सुन्दरता व संगीत का शौकीन, सजग व अपरिवर्तनशील दृष्टिकोण, दिलदार, आत्मनिर्भर, शान्त व धैर्यवान, महात्वाकांक्षी, दानशील, त्याग व क्षमा भावना से परिपूर्ण, असाधारण सहनशक्ति, क्रोध को लम्बे समय तक कायम ना रखना, खाना बनाने का शौकीन, प्रेममय, शिष्ट, उदार हृदय, दृढ़ इच्छाशक्ति, विश्वसनीय, सतर्क, कल्पनाशील, विस्तृत, सौम्य व शांत, स्नेहशील, भावमय, विवेकी, आंतरिक बल, दृढ़, व्यावहारिक, भरोसेमंद, कलात्मक, उद्यमी।
नकारात्मक लक्षण/गुण :
लालची, अचल और कठोर प्रकृति, धीमी गति से कार्य करना, सुस्त, थोड़ा स्वार्थी और प्रतिशोधी, हठी, क्रोधी, नकलची, चिड़चिड़ा, अडि़यल, असंवेदनशील, घमंडी, भौतिकवादी, कल्पनाहीन, पक्षपातपूर्ण।
अधिशासित शारीरिक अंग :
चेहरा, नीचला जबड़ा, तालू, कान, ठुड्ढी, गर्दन, गला, अलिजिह्वा/गले की घंटी, कंठनली, जीभ।
ग्रन्थियां, नसें व धमनियां :
टॉन्सिल, थायरॉयड ग्रंथि, गले की नसें।
संभावित रोग :
गले की सूजन, अंधापन, कानदर्द, गले या पश्चमस्तिष्क पिंड/सेरिबैलम की समस्या, गण्डमाला, गठिया, टॉन्सिल की सूजन, नाकड़ा/नाक में ट्यूमर, चेहरे का पक्षाघात, चेचक, फोड़ा, कण्ठमाला, कंठप्रदाह, स्वरयंत्र- प्रदाह, मोटापा।
व्यवसाय व व्यापार :
सेना में इंजीनियर, वाणिज्यिक इकाई, वित्त प्रबन्धक, एकाउंटेन्ट, बैंकर/साहुकार, विलासिता की वस्तुओं का व्यापार, सिविल सेवक, खाद्यान्न, फलों, बागवानी, पशुपालन, वेश्यालय, होटल, मुर्तिकार, जौहरी, बिल्डर/निमाणकर्ता ढउंपसजवरूबिल्डर/निमाणकर्ताझ, प्रापर्टी डीलर, ललित कला, कला का व्यापारी, गायक, सीनेमा, मॉडल, थिएटर, वाहन, मानसिक गतिविधियों सहित बौद्धिक कार्यक्षेत्र।
राशि वाले :
1-वृष लग्न वाले स्वार्थी, आत्म नियंत्रण और हठी होते हैं किन्तु सिद्धान्तवादी भी होते हैं।
2-ये खाने, पीने व सभी प्रकार की सुविधाओं के शौकीन होते हैं।
3-ये अत्यंत कामुक होते हैं, अत: यौन रोगों के होने की संभावना होती है।
4-इनमें असाधारण सहनशक्ति होती है, किन्तु कठोर व अपरिवर्तनशील दृष्टिकोण वाले होते हैं।