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“सहजन: एक पेड़, 100 औषधियाँ | जानिए इसके अद्भुत फायदे”सहजन (जिसे मोरिंगा, मुनगा, या ड्रमस्टिक ट्री भी कहा जाता है) एक अत...
21/10/2025

“सहजन: एक पेड़, 100 औषधियाँ | जानिए इसके अद्भुत फायदे”

सहजन (जिसे मोरिंगा, मुनगा, या ड्रमस्टिक ट्री भी कहा जाता है) एक अत्यंत गुणकारी औषधीय पौधा है। इसका वैज्ञानिक नाम Moringa oleifera है। यह भारत, अफ्रीका और दक्षिण एशिया में पाया जाने वाला पौधा है और इसकी जड़, पत्तियाँ, फल, फूल, बीज – सबका उपयोग औषधि और भोजन के रूप में किया जाता है।

यहाँ इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है 👇

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🌿 सहजन का परिचय

वैज्ञानिक नाम: Moringa oleifera

परिवार: Moringaceae

अन्य नाम: सहिजन, मुनगा, मोरिंगा, ड्रमस्टिक ट्री

स्वरूप: यह पेड़ लगभग 10–12 फीट ऊँचा होता है, जिसकी फली लंबी और पतली होती है (ड्रमस्टिक की तरह)।

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💪 सहजन के प्रमुख फायदे

1. पोषक तत्वों से भरपूर

सहजन की पत्तियाँ और फल में ये पोषक तत्व पाए जाते हैं:

विटामिन A, B, C

कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम

प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट

2. प्रतिरक्षा शक्ति बढ़ाए

सहजन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) को मजबूत करता है।

3. शुगर और ब्लड प्रेशर नियंत्रण में सहायक

सहजन की पत्तियाँ ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करती हैं और रक्तचाप को संतुलित रखती हैं।

4. हड्डियों के लिए लाभदायक

इसमें मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

5. पाचन तंत्र को सुधारता है

सहजन का सेवन कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है।

6. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

सहजन का तेल त्वचा को नमी देता है और बालों को चमकदार व मज़बूत बनाता है।

7. सूजन और दर्द में राहत

इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत देते हैं।

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🍲 उपयोग के तरीके

पत्तियाँ: सब्जी, चाय, पाउडर के रूप में

फलियाँ (ड्रमस्टिक): सब्जी या सूप में

बीज: तेल निकालने में

जड़ और छाल: पारंपरिक औषधियों में

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⚠️ सावधानियाँ

गर्भवती महिलाओं को सहजन की जड़ या छाल का उपयोग नहीं करना चाहिए।

अत्यधिक मात्रा में सेवन से पेट खराब हो सकता है।

21/10/2025

दीपक की लौ किस दिशा में रखनी चाहिए

उत्तर दिशा - इस दिशा में दीपक की लौ रखने से धन लाभ होता है।

​पूर्व दिशा - इस दिशा में रखने से व्यक्ति की आयु बढ़ती है।

​दक्षिण दिशा - इस दिशा में रखने से जन, धन दोनों की हानि होती है।

​पश्चिम दिशा - इस दिशा में रखने से व्यक्ति के जीवन में दुःख बढ़ता जाता है कभी समाप्त नहीं होता है।

अक्टूबर में तुलसी जी की देखभाल बहुत ज़रूरी होती है क्योंकि इस समय मौसम बदलता है — बरसात खत्म होकर सर्दी की शुरुआत होती ह...
21/10/2025

अक्टूबर में तुलसी जी की देखभाल बहुत ज़रूरी होती है क्योंकि इस समय मौसम बदलता है — बरसात खत्म होकर सर्दी की शुरुआत होती है। इस बदलाव का असर तुलसी के पौधे पर जल्दी पड़ता है। नीचे आसान तरीक़े से पूरी देखभाल बताई गई है 👇

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🌿 1. धूप की व्यवस्था करें

अक्टूबर में धूप थोड़ी कम होने लगती है, इसलिए तुलसी को ऐसी जगह रखें जहाँ सुबह की धूप (3–4 घंटे) मिल सके।

अगर आप बालकनी या छत पर रखते हैं, तो हल्की छांव के साथ धूप सबसे बेहतर रहती है।

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💧 2. सिंचाई (पानी देना)

बरसात के बाद मिट्टी में नमी रहती है, इसलिए रोज़ पानी न दें।

मिट्टी सूखी लगे तभी सुबह या शाम को हल्का पानी दें।

ज्यादा पानी से जड़ें सड़ सकती हैं।

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🌱 3. मिट्टी की देखभाल

तुलसी के गमले की मिट्टी को हल्के हाथों से खुरपी या लकड़ी की डंडी से ढीला कर दें।

महीने में एक बार गोबर की खाद या कंपोस्ट डालें ताकि पौधे को पोषण मिले।

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🌾 4. कटाई-छंटाई (Pruning)

सूखे या पीले पत्तों को हटा दें।

ऊपर की ओर बढ़े लंबे हिस्से को थोड़ा काटें ताकि पौधा घना बने।

यह छंटाई तुलसी को नई कोपलें देने में मदद करती है।

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🦟 5. कीटों से बचाव

अक्टूबर में कीट (जैसे एफिड्स या सफेद मक्खियाँ) लग सकती हैं।

घरेलू उपाय: 1 लीटर पानी में 1 चम्मच नीम का तेल मिलाकर छिड़कें।

या तुलसी के आसपास कपूर रख दें, कीड़े दूर रहेंगे।

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🌡️ 6. ठंड से सुरक्षा की तैयारी

महीने के आख़िर तक हल्की ठंड शुरू होती है, इसलिए तुलसी को ऐसी जगह रखें जहाँ तेज़ हवा या ठंडी रात की ठंडक न लगे।

सर्दी बढ़ने पर उसे घर के अंदर या बालकनी के किसी कोने में रखें।

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🪴 7. पौधे की पूजा और ध्यान

रोज़ सुबह तुलसी जी को जल चढ़ाएँ, दीपक जलाएँ और परिक्रमा करें।

जल में हल्का गंगाजल या तुलसी माला का स्पर्श शुभ माना जाता है

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21/10/2025

#🔨ᴿᵉᵃᵈʸ ᵗᵒ ᵇᵘᶦˡᵈ ᵗʰᵉ ᶠᵒᵘⁿᵈᵃᵗᶦᵒⁿ ᵒᶠ ʸᵒᵘʳ ᵃᶜᵗᶦⁿᵍ ᶜʳᵃᶠᵗ?

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ᴬᶜᵗᶦⁿᵍ ᵀᵉᶜʰⁿᶦᵠᵘᵉ ᵖʳᵒᵍʳᵃᵐ, ᵗʰᵉ ᵉˢˢᵉⁿᵗᶦᵃˡ ᶠᶦʳˢᵗ ˢᵗᵉᵖ ᶠᵒʳ ᵃˡˡ
ˢᵗᵘᵈᵉⁿᵗˢ ᵃᵗ ᵗʰᵉ ˢᵗᵘᵈᶦᵒ.🌟

ᴵⁿ ᵗʰᶦˢ ᶜᵒᵐᵖʳᵉʰᵉⁿˢᶦᵛᵉ ᶜᵒᵘʳˢᵉ, ʸᵒᵘ’ˡˡ ᵉˣᵖˡᵒʳᵉ:

🔹• ᴴᵒʷᵃʳᵈ ᶠᶦⁿᵉ’ˢ ˢᶜʳᶦᵖᵗ ᴬⁿᵃˡʸˢᶦˢ ᴸᵉᶜᵗᵘʳᵉ

🔹• ᵁᵗᵃ ᴴᵃᵍᵉⁿ’ˢ ᴼᵇʲᵉᶜᵗ ᴱˣᵉʳᶜᶦˢᵉˢ

🔹• ᴾᵉʳˢᵒⁿᵃˡᶦᶻᵃᵗᶦᵒⁿ, ˢᵉⁿˢᵒʳʸ ʷᵒʳᵏ, ᵃⁿᵈ ᵉᵐᵒᵗᶦᵒⁿᵃˡ ʳᵉᶜᵃˡˡ
ʷᶦᵗʰ ᴰᵃᵛᶦᵈ ᶜᵒᵘ

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ᵀʰᶦˢ ᶜᵒᵘʳˢᵉ ᵍᵒᵉˢ ᵇᵉʸᵒⁿᵈ ᵃᵘᵈᶦᵗᶦᵒⁿ ᵖʳᵉᵖ, ᶠᵒᶜᵘˢᶦⁿᵍ ᵒⁿ ᵗʰᵉ
ᵉⁿᵗᶦʳᵉ ᶜʳᵃᶠᵗ ᵒᶠ ᵃᶜᵗᶦⁿᵍ ᵗᵒ ʰᵉˡᵖ ʸᵒᵘ ⁿᵒᵗ ᵒⁿˡʸ ᵇᵒᵒᵏ ᵗʰᵉ ʲᵒᵇ ᵇᵘᵗ
ⁿᵃᶦˡ ᵗʰᵉ ʳᵒˡᵉ ᵒⁿ ˢᵉᵗ ᵒʳ ˢᵗᵃᵍᵉ.🎥

📚ᴿᵉᵠᵘᶦʳᵉᵈ ᵀᵉˣᵗˢ:

🔹• ᴬ ᶜʰᵃˡˡᵉⁿᵍᵉ ᶠᵒʳ ᵗʰᵉ ᴬᶜᵗᵒʳ ᵇʸ ᵁᵗᵃ ᴴᵃᵍᵉⁿ

🔹• ᶠᶦⁿᵉ ᴼⁿ ᴬᶜᵗᶦⁿᵍ: ᴬ ⱽᶦˢᶦᵒⁿ ᵒᶠ ᵗʰᵉ ᶜʳᵃᶠᵗ ᵇʸ ᴴᵒʷᵃʳᵈ ᶠᶦⁿᵉ

ᴮᵉ ˢᵘʳᵉ ᵗᵒ ᵍʳᵃᵇ ʸᵒᵘʳ ᵇᵒᵒᵏˢ ᵇᵉᶠᵒʳᵉ ᵗʰᵉ ᶠᶦʳˢᵗ ᶜˡᵃˢˢ ᵃⁿᵈ ˢᵗᵃʳᵗ
ʳᵉᵃᵈᶦⁿᵍ ᴴᵒʷᵃʳᵈ’ˢ ᵇᵒᵒᵏ ᵗᵒ ᵈᶦᵛᵉ ᶦⁿᵗᵒ ᵗʰᶦˢ ᵗʳᵃⁿˢᶠᵒʳᵐᵃᵗᶦᵒⁿᵃˡ ᵉˣᵖᵉʳᶦᵉⁿᶜᵉ.📖

➡️ᶜˡᵃˢˢ ᵇᵉᵍᶦⁿˢ ᴼᶜᵗᵒᵇᵉʳ ¹⁵ᵗʰ ᵃᵗ ¹⁰ ᵃᵐ ᴾᵀ

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जायफल (Nutmeg) एक अत्यंत सुगंधित और औषधीय गुणों वाला मसाला है, जो खाने में स्वाद बढ़ाने और कई रोगों के उपचार में उपयोग क...
21/10/2025

जायफल (Nutmeg) एक अत्यंत सुगंधित और औषधीय गुणों वाला मसाला है, जो खाने में स्वाद बढ़ाने और कई रोगों के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम Myristica fragrans है। यह मुख्य रूप से इंडोनेशिया (मालुकू द्वीप समूह) में पाया जाता है, लेकिन भारत, श्रीलंका और कैरिबियन देशों में भी उगाया जाता है।

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🌿 जायफल का परिचय

वनस्पति नाम: Myristica fragrans

परिवार: Myristicaceae

उपयोगी भाग: बीज (Nutmeg) और बीज की झिल्ली (जिसे जावित्री कहते हैं)

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🍲 जायफल के उपयोग

1. खाने में स्वाद के लिए:
इसे मिठाइयों, हलवे, खीर, दूध, चाय, और सब्जियों में मिलाया जाता है।

2. सुगंध के लिए:
इसका तेल इत्र, साबुन और क्रीम में प्रयोग होता है।

3. औषधीय रूप में:
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा में यह पाचन, नींद, तनाव और यौन शक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है।

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💊 जायफल के औषधीय फायदे

1. पाचन सुधारता है:
गैस, अपच और पेट दर्द में लाभकारी।

2. नींद लाने में सहायक:
सोने से पहले दूध में थोड़ी मात्रा लेने से अच्छी नींद आती है।

3. दर्द निवारक:
जोड़ों के दर्द और मांसपेशियों के दर्द में जायफल तेल उपयोगी होता है।

4. तनाव कम करता है:
इसका सुगंध मस्तिष्क को शांत करता है।

5. कामोत्तेजक गुण:
यह यौन शक्ति और उत्साह बढ़ाने में मदद करता है।

6. सर्दी-खांसी में लाभकारी:
जायफल को शहद के साथ लेने से खांसी में राहत मिलती है।

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⚠️ सावधानियां

जायफल की मात्रा बहुत कम (1–2 चुटकी) ही लेनी चाहिए।

अधिक मात्रा में सेवन करने पर नींद, चक्कर, मतिभ्रम (hallucination) या लिवर को नुकसान हो सकता है।

गर्भवती महिलाओं को बिना चिकित्सक सलाह के इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।

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🧴 घरेलू नुस्खा उदाहरण

👉 नींद न आने पर:
एक गिलास गुनगुने दूध में 1 चुटकी जायफल पाउडर मिलाकर सोने से पहले पीएं।

👉 पाचन के लिए:
जायफल, सौंठ और इलायची समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, भोजन के बाद आधा चम्मच लें।

19/10/2025

सर्दी खांसी जुकाम एकदम ठीक







18/10/2025

भारतीय परिवारों के पास इतनी विशाल मात्रा में सोना है कि दुनिया भी हैरान रह जाए। मॉर्गन स्टैनली की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय परिवारों के पास लगभग 35,000 टन सोना है, जिसकी कीमत 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक आंकी गई है। यह राशि भारत की संपूर्ण जीडीपी के लगभग बराबर है। निजी हाथों में इतनी अपार संपत्ति होने के कारण भारत को “सोन की चिड़िया” कहा जाता है।
सोना भारत में केवल परंपरा और प्रतिष्ठा का प्रतीक ही नहीं है, बल्कि यह आर्थिक शक्ति और सांस्कृतिक आस्था का भी दर्पण है। यह वह धरोहर है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचित होती रही है—माँ की ममता से लेकर दादी की विरासत तक।
आज भी भारत में सोना केवल एक धातु नहीं, बल्कि आस्था, सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है—जो हर शुभ अवसर पर उज्जवल भविष्य का वचन देता है। यही कारण है कि भारत, युगों से लेकर आज तक, सचमुच “सोन की चिड़िया” कहलाने का अधिकारी रहा है।

 #तुलसी_माला की महिमा*********************हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत बड़ा महत्व दिया गया है| तुलसी की माला पहनने से कई ...
18/10/2025

#तुलसी_माला की महिमा
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हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत बड़ा महत्व दिया गया है| तुलसी की माला पहनने से कई बीमारियां ठीक हो होती हैं, तुलसी को शास्त्रों में व् ज्योतिष के अनुसार उल्लेख है| कि भगवान विष्णु ने शालिग्राम का रूप इसलिए ही लिया था ताकि वे तुलसी के चरणों में रह सकें। इस लिए भगवान विष्णु को रमप्रिया मानी जाती है। और तुलसी खुद को भगवान की सेविका मानती हैं और उन्हें शालिग्राम के रूप मे हमेशा अपने छांव में रखती हैं। तुलसी के पौधे में कई औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जो की बीमारियों और दवाइयों में इस्तमाल किया जाता है|

इसे वैज्ञानिक तौर पर विशिष्ट महत्व देते हैं। चाहे पौधा हरा भरा हो या सूखा हुआ इसमें चमत्कारिक रूप से कई गुण हमेशा मौजूद रहेते हैं जो कि हमें हर तरफ से स्वास्थ्य लाभ देते हैं।

हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र माना गया है अक्सर घरों में परिवार की सुख-समृद्धि के लिए इसकी पूजा भी की जाती है। और तुलसी की माला को भी धारण करना अच्छा माना जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, माना जाता है कि तुलसी की माला पहनने से बुध और गुरु ग्रह बलवान होते हैं। लेकिन इसे धारण करने के लिए कुछ नियम हैं। आइए आपको बताते हैं कि इस माला को धारण करने के लिए मुख्य नियम क्या है

तुलसी की माला के नियम : -

हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र माना जाता है। महिलाएं परिवार में सुख-समृद्धि लाने के लिए तुलसी की पूजा करती हैं। इसी तरह तुलसी की माला भी धारण करना अच्छा माना जाता है। भगवान विष्णु और कृष्ण के भक्त तुलसी की माला को धारण करते हैं। कहा जाता है कि तुलसी की माला पहनने से मन और आत्मा पवित्र होती है। यह भी कहा जाता है कि इसके कई औषधिए गुण भी हैं। उसी तरह तुलसी की माला को भी धारण करना अच्छा माना जाता है। लेकिन इसे धारण करने के लिए कुछ नियम हैं।

1. शास्त्रों में तुलसी को बहुत पवित्र माना गया है। जिस घर में तुलसी होती है उस घर से बीमारियां कोसों दूर रहती हैं, इसे आयुर्वेदिक औषधि बनाने के काम में भी लिया जाता है।

इसमें एक विशेष प्रकार की विधुत शक्ति होती है, जो पहनने वालों में आकर्षण उत्त्पन्न करती है।

2. शालिग्राम पुराण के अनुसार अगर तुलसी की माला भोजन ग्रहण करते समय व्यक्ति के शरीर पर हो तो इससे व्यक्ति को कई यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है, इसी कारण बुजुर्ग इसे अपने गले में पहनते हैं।

3. इसे पहनने से यश, कीर्ति और समृद्धि में वृद्धि होती है। इसमें औषधिय गुण होने के कारण पहनने वाले को सिरदर्द, जुखाम, बुखार, त्वचा संबंधी रोग नहीं होते हैं।

4. इसे पहनने से पहले गंगाजल डालकर फिर से शुद्ध कर लेना चाहिए और धूप दिखानी चाहिए। इस धारण करने से पहले भगवान श्रीहरि की स्तुति करनी चाहिए।

5. तुलसी की माला को धारण करने वाले को लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। जो भी व्यक्ति तुलसी की माला को धारण करता है उसे मांस व मदिरा से भी दूर रहना चाहिए
ज्योतिष और शास्त्रो में बताया गया है कि तुलसी की माला पहनने से पहले इसे गंगा जल और धूप दिखाना चाहिए।इसे तुलसी की माला को धारण करने पर बुध और गुरु ग्रह बलवान होते हैं और सुख-समृद्धि भी दुगनी हो जाती है |

तुलसी की माला पहनने से पहले मंदिर में जाकर श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए। इसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद आप पर सदेव बना रहेता है |

तुलसी की माला को धारण करने वाले को लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे तुलसी की माला का अनादर होता है | जो भी व्यक्ति तुलसी की माला को धारण करता है उसे मांस व मदिरा से भी दूर रहना चाहिए।

क्या लेडीज तुलसी माला धारण कर सकती है ??

हिंदू धर्म में महिलाएं सुख-समृद्धि लाने के लिए तुलसी की पूजा करती हैं। इसी तरह तुलसी की माला भी धारण करना अच्छा माना जाता है। जो सज्जन भगवान विष्णु और कृष्ण के में आस्था विश्वास रखते है वो तुलसी की माला को धारण करते हैं। कहा जाता है कि इस माला को पहनने से ही आत्मा और मन की शुद्धि होती है। इतना ही नहीं भगवान कृष्ण के भक्त मानते हैं कि इस माला से जप करने से भगवान उनके और करीब आते हैं। और उन की सारी मनोकामना पूरी करते है |

तुलसी की माला कब पहने : -

तुलसी की वैसे तो आप कभी भी धारण कर सकते है| लेकिन अगर आप इसे किसी शुभ महूरत पर पहनते है तो आपको इस का दुगना फ़ायदा होता है और आप को हर तरफ से सफलता मिलती है| तुलसी की माला को आप ने सोमवार के दिन धारण करना है

तुलसी माला की पहचान : -

तुलसी की वैसे तो आपको कभी भी कही भी मिल जाएगी लेकिन कौन सी असली है यह जाना बहुत जरुरी हो जाता है हमारे ज्योतिष द्वारा आपको बता दे की इस की पहचान करना काफी सरल है अगर आप तुलसी की mala को ३० मिनट तक पानी में दाल कर रख दे तो आप पहचान सकते है अगर इस का कलर निकला तो वो असली नही है|

तुलसी की माला के लाभ : -

तुलसी की माला पहनने से बुध और गुरू ग्रह को बल मिलता है। ज्योतिष में ऐसा बताया गया है। बुरी नजर से बचाने के लिए भी इस माला को लोग बच्चों को धारण कराते हैं। इसके धारण मात्र से प्रभु की प्राप्ति होती है जिससे सभी प्रकार के सुख मिलते हैं। इस पवित्र माला को धारण करने से पहले गंगाजल से इसे धोना चाहिए। इसके बाद धूप-दीप देनी चाहिए। मंदिर में जाकर श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए|

जो लोग इस माला को धारण करते हैं उन्हें प्याज लहसुन नहीं खाना चाहिए। इनके अलावा कभी नॉनवेज खाना भी नहीं खाना चाहिए।

तुलसी माला कथा ..

तुलसी के बीजों की माला बहुत ही लाभदायक होती है। तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। श्यामा तुलसी और रामा तुलसी।

श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्याम वर्ण की होती है तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है।

तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है।

मंत्र :– इसके लिए मंत्र ‘ॐ विष्णवै नम:’ का जप श्रेष्ठ माना गया है।

मांसाहार आदि तामसिक वस्तुओं का सेवन करने वाले लोगों को तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए।


*श्यामा तुलसी :

श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है, आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है। इस माला को शुभ वार, सोम, बुध, बृहस्पतिवार को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

*रामा तुलसी माला : -

इस माला को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। अपने कर्तव्यपालन के प्रति मदद मिलती है। इस माला को शुभ वार, सोम, गुरु, बुध को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

तुलसी की माला धारण करने की विधि:-

तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। इस माला को पहनने से यश, कीर्ति और सौभाग्य बढ़ता है। शालिग्राम पुराण में कहा गया है कि तुलसी की माला भोजन करते समय शरीर पर होने से अनेक यज्ञों का पुण्य मिलता है। जो भी कोई तुलसी की माला पहनकर नहाता है, उसे सारी नदियों में नहाने का पुण्य मिलता है।

तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती।ऐसी धार्मिक मान्यता है , तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है। इसे पहनने से बुरी नजर के प्रभाव से बचा जा सकता है। इस माला को धारण करने वाले व्यक्ति को जीवन में किसी प्रकार का दुख और भय नहीं सताता।
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🌺🌍 जय श्री हरी

18/10/2025

“सर्दी में रोटियों को बनाइए औषधि जैसा शक्तिशाली – बस आटे में मिलाइए ये 5 चीज़ें!” ❄️🔥

दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम बात करेंगे 5 ऐसी चीज़ों के बारे में जो अगर आप अपने रोटी के आटे में मिला लें, तो इस सर्दी के मौसम में आपको ना सिर्फ ठंड से बचाएंगी, बल्कि जोड़ों के दर्द, थकान, कमजोरी, खांसी, और पाचन की गड़बड़ी जैसी दिक्कतों से भी दूर रखेंगी।

🌿 सर्दी में आम समस्याएँ
जोड़ों में दर्द
शरीर में अकड़न
एनर्जी की कमी
सर्दी-खांसी
इनडाइजेशन
अब आइए जानते हैं उन 5 चमत्कारी चीज़ों के बारे में जो आपकी सर्दियों को हेल्दी और एनर्जेटिक बना देंगी 👇

🥣 1️⃣ बाजरा और रागी — नेचुरल विंटर कोट
बाजरा और रागी मोटे अनाज की कैटेगरी में आते हैं,
जो दादी-नानी के ज़माने से सर्दियों में सुझाए जाते रहे हैं।
ये आपकी बॉडी को गर्म रखते हैं, बोन मज़बूत करते हैं और पाचन सुधारते हैं।
फाइबर, कैल्शियम और आयरन से भरपूर — ये आपको अंदर से स्ट्रॉन्ग और एनर्जेटिक बनाते हैं।

कैसे मिलाएँ:
👉 1 किलो आटे में 250 ग्राम बाजरा या रागी का आटा मिलाएँ।
👉 घी लगाकर रोटी बनाएँ ताकि ड्राय न लगे।

फायदा:
कब्ज़, जोड़ों का दर्द और वेट लॉस में भी बेहद असरदार।
🌿 2️⃣ अजवाइन — नेचुरल डाइजेस्टिव बूस्टर
ठंड में डाइजेशन स्लो हो जाता है, ब्लोटिंग और गैस बढ़ती है।
अजवाइन में मौजूद थाइमोल कंपाउंड आपके डाइजेशन को तेज करता है और पेट को हल्का रखता है।

यह सर्दी-खांसी और कफ में भी राहत देता है।
कैसे मिलाएँ:👉 1 किलो आटे में 1–2 टीस्पून अजवाइन डालें।

फायदा:
भारीपन, गैस और एसिडिटी से तुरंत राहत।

🌶️ 3️⃣ सोंठ (ड्राई जिंजर पाउडर) — अंदर से गर्माहट देने वाला टॉनिक

सर्दी में जब एनर्जी कम और मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाए,
तो सोंठ शरीर में गर्माहट और एनर्जी दोनों वापस लाती है।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं जो जोड़ों के दर्द में आराम देती हैं।
कैसे मिलाएँ:

👉 1 किलो आटे में 1 टीस्पून सोंठ पाउडर डालें।
फायदा:
डाइजेशन तेज होता है, सर्दी-कफ से बचाव होता है।

🌰 4️⃣ तिल — विंटर का नेचुरल हीटर
तिल कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिंक से भरपूर है।
यह न सिर्फ बोन और जोड़ों को स्ट्रॉन्ग रखता है,
बल्कि स्किन को सर्दियों में ड्राइ होने से भी बचाता है।
कैसे मिलाएँ:

👉 1 किलो आटे में 2–3 टेबलस्पून तिल (हल्का भुना हुआ) मिलाएँ।
फायदा:
स्किन, हड्डियों और इम्युनिटी — तीनों को स्ट्रॉन्ग बनाता है।

💪 5️⃣ गोंद — विंटर एनर्जी का गुप्त रहस्य
गोंद जोड़ों और मसल्स को मज़बूती देता है।
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और स्लो डाइजेस्टिंग एनर्जी गुण होते हैं जो पूरे दिन एनर्जी बनाए रखते हैं।

कैसे मिलाएँ:
👉 1–2 टेबलस्पून गोंद को हल्का भूनकर पीस लें और 1 किलो आटे में डालें।
फायदा:

एनर्जी बढ़ाए, ठंड से बचाए और जोड़ों के दर्द को करे गायब।

🌟 निष्कर्ष
ये पाँचों चीज़ें —
बाजरा, रागी, अजवाइन, सोंठ, तिल और गोंद —
सर्दी में आपकी रोटियों को औषधि बना सकती हैं।
आप अपनी ज़रूरत के अनुसार इनमें से कोई भी एक या दो चीजें चुन सकते हैं।

📚 विशेष सुझाव
हर मौसम में अपने आटे को हेल्दी और स्वादिष्ट बनाने की मेरी एक खास रेसिपी है —जिसमें मिलेट्स का सही रेशो बताया गया है जिसे आप पूरे साल उपयोग कर सकते हैं।

💬 अब आप बताइए —
आप इन पाँच में से कौन सी चीज़ अपने आटे में मिलाना शुरू करेंगे?
कमेंट में बताइए, मैं आपकी राय ज़रूर पढ़ूंगा! 👇

⚠️ डिस्क्लेमर:
यह जानकारी केवल जागरूकता हेतु है। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

जब आप प्याज छीलते हैं, तो अक्सर आपने देखा होगा कि उसके छिलके हटाने के बाद प्याज पर काले-काले धब्बे दिखाई देते हैं। इन धब...
18/10/2025

जब आप प्याज छीलते हैं, तो अक्सर आपने देखा होगा कि उसके छिलके हटाने के बाद प्याज पर काले-काले धब्बे दिखाई देते हैं। इन धब्बों को हल्का सा रगड़ने पर यह उखड़ जाते हैं।

इसके अलावा, इसमें पोटेशियम होने के कारण यह दिल को स्वस्थ रखता है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है।

कई प्रकार के कैंसर के जोखिम को भी कम करने में मदद करता है।

हालांकि, कभी-कभी जब आप प्याज खरीदते हैं या काटते हैं, तो आप पाएंगे कि प्याज पर काले धब्बे होते हैं, जो या तो छिलके में होते हैं या प्याज के भीतर होते हैं। इस पर आमतौर पर नज़र डालकर लगता है कि यह कोई प्रकार का कवक (फंगस) है।

क्या होते हैं ये काले धब्बे?

दरअसल, यह काले धब्बे एक विशेष प्रकार के कवक, Aspergillus niger (एस्परगिलस नाइजर) के कारण होते हैं। यह कवक मिट्टी में पाया जाता है और सामान्यत: प्याज पर इसे देखा जा सकता है। हालांकि यह ब्लैक फंगस (Black Fungus) जैसा कोई गंभीर रोग नहीं उत्पन्न करता, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

यह कवक हमारे शरीर में एलर्जी की प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकता है। विशेष रूप से, जो लोग पहले से ही एलर्जी से ग्रस्त हैं, उनके लिए इस प्रकार के प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए।

हैजा और श्वसन समस्याओं के लिए हानिकारक:

इसके अलावा, अस्थमा या श्वसन रोगों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह प्याज नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए, यदि प्याज में इस तरह के काले धब्बे हों, तो उसे अच्छे से छीलकर खाएं। बेहतर होगा कि आप प्याज के एक या दो परतें हटा दें और फिर उसे खाएं।

फ्रिज में प्याज को रखना भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है, क्योंकि इससे यह कवक और अधिक विकसित हो सकता है। कुछ शोधों में यह भी पाया गया है कि इस प्रकार के कवक से सिरदर्द, उल्टी, पेट में दर्द, दस्त जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

सुझाव:

अगर आप प्याज के काले धब्बों को देखते हैं, तो उसे खा लेने से बचें, खासकर अगर उसमें इस प्रकार का कवक दिखाई दे। यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

18/10/2025

सभी तरह का दर्द एकदम ठीक होगा







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