अयुषभवः

अयुषभवः आयुर्वेद ज्ञान संभाषा से समर्थवान हो?

31/05/2023

पैनक्रियेटाईटिस(Pancreatitis)एक जिसका आयुर्वेदिक औषधि से 15 दिन में ही Serum Amylase 448 se घटकर 52 आ गया।

11/05/2023

पैनक्रियेटाईटिस(Pancreatitis)का आयुर्वेद में सफल इलाज।
पित्त की पथरी(gall stone)में शल्य कर्म उत्तम चिकित्स।

04/05/2023

व्यक्ति का वमन देखा होगा,आज लीच का भी वमन देख लो।

30/04/2023

सम्यक पित्तांत वमन।

19/09/2022

आयुर्वेद का प्रथम उद्देश्य,स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणम अतुरस्य विकार प्रशमनम को सिद्ध करते हुए।

14/08/2022

जय हिंद,सच्चे हिंदुस्तानियों।

24/04/2022

The world record of "Ashtang Hriday Shlok Parayan" with 1884 people has been attempted by Vishwa Ayurved Parishad at Bhopal(M.P.) on 24th April 2022.

22/04/2022

SANYOJANAM 2022 in Bhopal

आइए आज एविडेंस बेस्ड अपने ही केस की चर्चा करता हूं।मैने अपना thyroid profile,Lipid profile,CBC,LFT टेस्ट कराया, जिसमें T...
13/04/2022

आइए आज एविडेंस बेस्ड अपने ही केस की चर्चा करता हूं।
मैने अपना thyroid profile,Lipid profile,CBC,LFT टेस्ट कराया, जिसमें TSH लगभग 8, TGL 330, platelets 62 thousands, Bilirubin लगभग 3 आया था।
इसके साथ ग्रहणी दोष के भी लक्षण थे।
इलाज में सबसे पहले अपना वमन किया,पांच दिन के संसर्जन के बाद ही दुबारा वही टेस्ट कराया तो TSH लगभग 5, TGL 230, platelets 89 thousands, Bilirubin 2 आया।
ग्रहणी दोष के लक्षण तो गायब ही हो गए।
आज का मेरा ये केस प्रमाणित करता है कि जिस स्तर के रोग को आयुर्वेद से महज सात से दश दिनों में बिना किसी साइड इफेक्ट्स के स्थाई रूप से ठीक किया जा सकता है,उसी रोग के इलाज के नाम पर जीवन भर मरीज को साइड इफेक्ट्स वाले केमिकल ड्रग्स पर डाल दिया जाता है।
ऐसे न जाने कितने प्रमाण है मेरे पास जो आयुर्वेद के सामर्थ्य को प्रमाणित करते है।
इसलिए अच्छे आयुर्वेदाचार्य की सलाह से आयुर्वेद को अपनाएं और बिना साइड इफेक्ट्स के स्थाई अरोग्य लाभ प्राप्त करें।
जय आयुर्वेद।

05/04/2022

मेरे अपने चिकित्सकीय अनुभव के अनुसार यदि पंचकर्म का सैद्धांतिक और प्रैक्टिकल ज्ञान प्राप्त करना है तो चिकित्सक को खुद अपना पंचकर्म जरूर करना चाहिए।
मुझे अभी भी अच्छे से याद है, मै जब B.H.U. से B.A.M.S. कर रहा था तब 2nd और 3rd Prof. में अपना पंचकर्म कराया था,तभी से मुझे इस नायाब चिकित्सा के सिद्धांत और प्रैक्टिकल ज्ञान के प्रति बहुत रुचि हो गई थी। B.H.U. से निकलने के बाद ही उसी अनुभव एवं अपने आध्यात्मिक गुरु की कृपा से आयुर्वेदिक चिकित्सा का प्लेटफार्म मिलते ही इस चिकित्सा में बहुत काम किया और इसी वजह से आज पंचकर्म चिकित्सा जगत में मेरी थोड़ी बहुत पहचान बनी है।
अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने और रोगों के सफल इलाज के लिए सभी को आयुर्वेद अपनाना चाहिए पर यदि शुरुआत अपने से हो तो क्या बात है.......

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