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Nature care ayurved neuro centre

17/02/2024

DrChetan Gaud
Nature care
R. P road
Jalna
9403805489

https://youtu.be/CJsIOkhdRywचर्म रोग, सोरायसिस, एक्झिमा, पित्त कि खुजली, सभी प्रकार ऍसिडिटी, किल मुहासे, रक्त शुद्धी के ...
16/04/2023

https://youtu.be/CJsIOkhdRyw
चर्म रोग, सोरायसिस, एक्झिमा, पित्त कि खुजली, सभी प्रकार ऍसिडिटी, किल मुहासे, रक्त शुद्धी के लिये सबसे अचूक औषधी बनाने कि विधी शेयर कर रहा हू लाईक शेयर करें

https://youtu.be/XjrPBGTbw2Eजोडो के दर्द घुटनो को ऑपरेशन से बचाने  वाली और एडी का दर्द  कमर दर्द से बचाकर  पुनः  घुटनो म...
24/03/2023

https://youtu.be/XjrPBGTbw2E
जोडो के दर्द घुटनो को ऑपरेशन से बचाने वाली और एडी का दर्द कमर दर्द से बचाकर पुनः घुटनो में जोडो में ग्रीस बनाने वाली शिलाजीत और शृंग भस्म युक्त अचूक दवाई बनाने कि विधी आप सभी के साथ शेयर कर रहा हू

Nature carejalna9403805489 # ...

https://youtu.be/7yB3_TvfgX4अव्हेस्कुलर नेक्रोसिस,  हिप जॉईंट के दर्द , के लिये अचूक योगा और एक्सरसाईझ साथ ही जो पेशेंट ...
17/03/2023

https://youtu.be/7yB3_TvfgX4
अव्हेस्कुलर नेक्रोसिस, हिप जॉईंट के दर्द , के लिये अचूक योगा और एक्सरसाईझ साथ ही जो पेशेंट ग्रेड 4 AVN जिनको अच्छे परिणाम मिले उनका अनुभम भी व्हिडियो में जोडा है
नेचर केयर

Music: InspireMusician: ...

घरपर आसानी से आयुर्वेदिक दन्त मंजन बनाये दांतो की सभी समस्याओं के लिए 100% कारगर जानकारी अछि लगी तो लाइक शेयर सब्सक्राइब...
10/05/2022

घरपर आसानी से आयुर्वेदिक दन्त मंजन बनाये दांतो की सभी समस्याओं के लिए 100% कारगर जानकारी अछि लगी तो लाइक शेयर सब्सक्राइब करें
नेचर केयर
जालना
https://youtu.be/eI_Lg3NxrxU

रूठी हुई गौरेया को फिरसे मनाना है ।।बचपन मे सुबह  जिस गौरया की आवाज से हमारी नींद खुला करती थी आंगन में जब हमारी माँ गें...
18/04/2021

रूठी हुई गौरेया को फिरसे मनाना है ।।
बचपन मे सुबह जिस गौरया की आवाज से हमारी नींद खुला करती थी आंगन में जब हमारी माँ गेंहू साफ करति तब गौरैया चीला चीला कर मानो जैसे अपने हक़ निवाला मांग रही हो ऐसे चिव चिव करती
वर्षा ऋतु से पहले घर का पंखा कोई कोने में घास जमा कर घोसला बनाती ।।।
आज चिड़िया गोरैया विलुप्त हो रही है उसको फिर से बचाना है वर्षा ऋतु से पहले हर घर पर 1 क्यों ना इस गौरैया के लिए घर और दाना पानी की व्यवस्था होनी चाहिए
गौरैया के लिए घर नो प्रॉफिट नो लोस्स के बेस पर जितने हो सके हमारा परिवार बना रहा है किसी चाहिए तो मेसेज करे और हो सके तो खुद अपने घर पर ही चिड़िया के लिए घर बनाने की कोशिश करे

https://youtu.be/0XTNbCRO3Eo
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nature care dr chetan gaud9403805489 #गौरैया #1

28/09/2020

~ 80 प्रकार के वात रोगों को जड से खत्म कर देगा यह प्रयोग ~
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सभी प्रकार के वातरोगों में लहसुन का उपयोग करना चाहिए।
इससे रोगी शीघ्र ही रोगमुक्त हो जाता है तथा उसके शरीर
की वृद्धि होती है।'
कश्यप ऋषि के अनुसार लहसुन सेवन का उत्तम समय पौष व माघ
👇👇👇
click link for details

https://www.instagram.com/p/CFqiitvD9As/?igshid=6jdvieo1ckjv

चेहरे के प्राकृतिक निखार के लिये केशर ,देसी गौमाता का दुध, नीम के पत्ते , हल्दी युक्त स्किन ग्लोविंग  स्प्रेय बनाने की व...
30/08/2020

चेहरे के प्राकृतिक निखार के लिये केशर ,देसी गौमाता का दुध, नीम के पत्ते , हल्दी युक्त स्किन ग्लोविंग स्प्रेय बनाने की विधि शेयर कर रहा हू जो गौशाला घाटे मे चल रही है उनके लिये यह फॉर्मूला बहोत उपयुक्त है क्युकी जो दुध 60 रुपए लिटर भी नही बिक पाता वह दुध 600 रुपए लिटर तक बिकेगा वीडियो को हर गौशाला तक पोहचाए ताकी गौमाता स्वावलंभी बन सके
नेचर केयर
डॉ चेतन गौड
9403805489

https://youtu.be/2o5Y4bxdVlk

इस फॉर्मूला को आप आफ्टर शेव की तरह भी उपयोग कर सकते है किल मुहासे सावली त्वचा ग्लोविंग स्किन के लिये बहोत उपयुक्त ह....

https://youtu.be/oWqFw2dwJxUछाछ से आसानी से कैलशियम सीरप बनाये जोड़ो के दर्द घुटना दर्द कमर दर्द कैलशियम की कमी छोटे बचो ...
24/08/2020

https://youtu.be/oWqFw2dwJxU
छाछ से आसानी से कैलशियम सीरप बनाये जोड़ो के दर्द घुटना दर्द कमर दर्द कैलशियम की कमी छोटे बचो की लम्बाई बधाने मे फायदेमंद एक ही धेय है स्वावलंभी गौपालन स्वावलंभी गौमाता सभी गौभक्तो से निवेदन है वीडियो शेयर करे
डॉ चेतन गौड
9403805489

छाछ 40 लिटर पिपली 200 ग्राम काली मिर्च 100 ग्राम चुना 50 ग्राम Making calcium...

01/08/2020

जोड़ो के दर्द कमर दर्द घुटनो के दर्द के लिये बहोत कारगर औषधी नित्य 2 वर्षो से मै चिकित्सक के रुप मे अपने रोगियो पर उपयोग कर रहा हू जिसको बनाने की विधि मै आप सभी के साथ शेयर कर रहा हू
डॉ चेतन गौड
9403805489

https://youtu.be/k5pchFIAU6w

चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी ?उस समय Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबु...
24/07/2020

चूल्हे की राख में ऐसा क्या था कि, वह पुराने जमाने का Hand Sanitizer थी ?
उस समय Hand Sanitizer नहीं हुआ करते थे, तथा साबुन भी दुर्लभ वस्तुओं की श्रेणी आता था। तो उस समय हाथ धोने के लिए जो सर्वसुलभ वस्तु थी, वह थी चूल्हे की राख। जो बनती थी लकड़ी तथा गोबर के कण्डों के जलाये जाने से।

चूल्हे की राख का संगठन है ही कुछ ऐसा। आइये चूल्हे की राख का वैज्ञानिक विश्लेषण करें।

राख में वो सभी तत्व पाए जाते हैं, जो पौधों में उपलब्ध होते हैं। ये सभी Major तथा Minor Elements पौधे, या तो मिट्टी से ग्रहण करते हैं या फिर वातावरण से।

सबसे अधिक मात्रा में होता है Calcium।
इसके अलावा होता है Potassium, Aluminium, Magnesium, Iron, Phosphorus Manganese, Sodium तथा Nitrogen। कुछ मात्रा में Zinc, Boron, Copper, Lead, Chromium, Nickel, Molybdenum, Arsenic, Cadmium, Mercury तथा Selenium भी होता है।

राख में मौजूद Calcium तथा Potassium के कारण इसकी ph 9 से 13.5 तक होती है। इसी ph के कारण जब कोई व्यक्ति हाथ में राख लेकर तथा उस पर थोड़ा पानी डालकर रगड़ता है तो यह बिल्कुल वही माहौल पैदा करती है जो साबुन रगड़ने पर होता है। जिसका परिणाम होता है जीवाणुओं और विषाणुओं का खात्मा।

आइये, अब मनन करें सनातन धर्म के उस तथ्य पर जिसे अब सारा संसार अपनाने पर विवश है।

सनातन में मृत देह को जलाने और फिर राख को बहते पानी में अर्पित करने का प्रावधान है।

मृत व्यक्ति की देह की राख को पानी में मिलाने से वह पंचतत्वों में समाहित हो जाती है। मृत देह को अग्नि तत्व के हवाले करते समय उसके साथ लकड़ियाँ और उपले भी जलाये जाते हैं और अंततः जो राख पैदा होती है उसे जल में प्रवाहित किया जाता है।

जल में प्रवाहित की गई राख जल के लिए डिसइंफैकटेन्ट का काम करती है। इस राख के कारण मोस्ट प्रोबेबिल नम्बर ऑफ कोलीफॉर्म (MPN) में कमी आती है और साथ ही डिजोल्वड ऑक्सीजन (DO) की मात्रा में बढ़ोत्तरी होती है।

वैज्ञानिक अध्ययनों में यह स्पष्ट हो चुका है कि गाय के गोबर से बनी राख डिसइन्फेक्शन पर्पज के लिए लो कोस्ट एकोफ़्रेंडली विकल्प है जिसका उपयोग सीवेज वाटर ट्रीटमेंट (STP) के लिए भी किया जा सकता है।

पुराने समय की हर क्रिया कलाप विशुद्ध वैज्ञानिक अवधारणा पर आधारित है। इसलिए पुराने नुस्खे अपनाइए स्वस्थ रहिये।
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24/07/2020

आपको पता है कि वर्षा ऋतु में दही नहीं खाना चाहिए, दिन में सोना नहीं चाहिए, फिर भी पता होते हुए भी आप सेवन करते हैं यही "प्रज्ञा अपराध" अर्थात बुध्दि की अवहेलना है।

शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ती बधाने कोरोना से बचाव तथा अन्य सभी वायरल इनफेकशंन से बचाव के लिये एक औषध बनाई है जिसका नित्य ...
22/07/2020

शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ती बधाने कोरोना से बचाव तथा अन्य सभी वायरल इनफेकशंन से बचाव के लिये एक औषध बनाई है जिसका नित्य 3 महिनो से मै अपने रोगियो के लिये कर रहा हू जिसका बहोत अछा परिणाम मिल रहा है और इसे बनाने की विधि आप सब मे साथ शेयर कर रहा हू

https://youtu.be/UbDs1Yxws1o

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गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि ...
19/07/2020

गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।

इसका वानस्पिक नाम( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं। आइए जानते हैं गिलोय के फायदे…

गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।

ठीक करती है बुखार

अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

गिलोय के फायदे – मधुमेह के रोगियों के लिए

गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

पाचन शक्ति बढ़ाती है

यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

कम करती है स्ट्रेस

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

बढ़ाती है आंखों की रोशनी

गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

अस्थमा में भी फायदेमंद

मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

गठिया में मिलेगा आराम

गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन

भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

बाहर निकलेगा कान का मैल

कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

कम होगी पेट की चर्बी

गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय

आप बगैर किसी दवा के यौनेच्छा बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय में यौनेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे यौन संबंध बेहतर होते हैं।

खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय

गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….

जवां रखती है गिलोय

गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।

बालों की समस्या भी होगी दूर

अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

गिलोय का प्रयोग ऐसे करें:-

अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…

गिलोय जूस

गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

काढ़ा

चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।

पाउडर

यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

गिलोय वटी

बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।

साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान

वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। *गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय का प्रयोग ना करने दें आप .
_एक निवेदन :---अभी वर्षाऋतु का काल है अपने घर में, बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें एवं स्वजनों को भी देवें. यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय अवदान है ।

🍂Height Increase 🍂आज के समय मे माँ हमेशा चिंतित रहती है कि उनके  बच्चों का कद नही बढ़ रहा। वो कमजोर है। ऐसा होने का मुख्य...
17/07/2020

🍂Height Increase 🍂

आज के समय मे माँ हमेशा चिंतित रहती है कि उनके बच्चों का कद नही बढ़ रहा। वो कमजोर है। ऐसा होने का मुख्य कारण है लाइफ स्टाइल और उचित खानपान का अभाव।
आज हम कुछ देसी/आयुर्वेदिक तत्वों से ऐसा टॉनिक बनाना सीखेंगे जिससे बच्चों के शारीरिक पोषण के साथ साथ उनका कद भी बढ़ेगा।

Ingredients:

1. सफेद तिल
2. काले तिल
3. असगंध नागौरी
4. मिश्री(कुजा/धागे वाली)

सभी को बराबर मात्रा में पाउडर बनाकर मिक्स कर ले। एयरटाइट डब्बे में रख दे।

How to use:

सुबह और शाम एक गिलास दूध(बिना चीनी) के साथ रोज सेवन करें।

आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे कि तिल कैल्शियम का Rich Sourse है और असगंध नागौरी हड्डियों का हर उम्र के व्यक्ति के लिए बहुत अच्छा टॉनिक। ये पाउडर महिला, पुरूष, बच्चे, बुजुर्ग सभी ले सकते है। लेकिन कद बढ़ने की प्रक्रिया एक उम्र तक होती है तथा उसमें वंशानुगत और अन्य कुछ घटक भी प्रभावित करते है। साथ ही नियमित व्यायाम जरूर करें। ऐसी के जोर पर चलना या कूदना बिल्कुल न करें।

👉 Height के लिए जो खाए उन्हें सुबह नाश्ते में बाँस की जड़ के मुरब्बा सेवन करना अनिवार्य

जायफल======जायफल बहुत ही थोड़ी मात्र में गरम मसाले के अन्दर प्रयोग किया जाने वाला एक मसाला है। यह बहुत ही गुणकारी होता ह...
06/07/2020

जायफल
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जायफल बहुत ही थोड़ी मात्र में गरम मसाले के अन्दर प्रयोग किया जाने वाला एक मसाला है। यह बहुत ही गुणकारी होता है। इसके औषधीय गुण इसे और महत्वपूर्ण बना देते हैं। एक जायफल कई बीमारियों में काम आता है। बता रही हैं विभा मित्तल

भूख नहीं लगती हो तो चुटकी भर जायफल की कतरन चूसिए। इससे पाचक रसों की वृद्धि होगी, भूख बढ़ेगी और खाना भी ठीक से पचेगा।

जायफल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से हृदय मजबूत होता है।

दांत में दर्द होने पर जायफल का तेल रुई पर लगाकर दर्द वाले दांत या दाढ़ पर रखें, दर्द तुरंत ठीक हो जाएगा। अगर दांत में कीड़े लगे हैं तो वे भी मर जाएंगे।

पेट में दर्द हो तो जायफल के तेल की 2-3 बूंदें एक बताशे में टपकाएं और खा लें। जल्द ही आराम आ जाएगा।

जायफल को पानी में पकाकर उस पानी से गरारे करें। मुंह के छाले ठीक होंगे, गले की सूजन भी जाती रहेगी।

जायफल को कच्चे दूध में घिसकर चेहरें पर सुबह और रात में लगाएं। मुंहासे ठीक हो जाएंगे और चेहरे निखारेगा।

एक चुटकी जायफल पाउडर दूध में मिला कर लेने से सर्दी का असर ठीक हो जाता है। इसे सर्दी में प्रयोग करने से सर्दी नहीं लगती।

कान के पीछे अगर सूजन हो या गांठ हो तो जायफल को पानी में घिसकर सूजन वाले स्थान पर लगाएं। सूजन ठीक हो जाएगी।

सरसों का तेल और जायफल का तेल 4:1 की मात्र में मिलाकर रख लें। इस तेल से दिन में 2-3 बार शरीर की मालिश करें। जोड़ों का दर्द, सूजन, मोच आदि में राहत मिलेगी।

फटी एड़ियों में जायफल को घिसकर बिवाइयों (दारों) में लगाएं, ठीक हो जाएंगी।

प्रसव के समय होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए जायफल को पानी में घिसकर, इसका लेप कमर पर करें, लाभ मिलेगा।

जायफल, सौंठ और जीरे को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को भोजन करने से पहले पानी के साथ लें। गैस और अफारा की परेशानी नहीं होगी।

दस जायफल लेकर देशी घी में अच्छी तरह सेंक लें। उसे पीसकर छान लें। अब इसमें दो कप गेहूं का आटा मिलाकर घी में फिर सेकें। इसमें शक्कर मिलाकर रख लें। रोजाना सुबह खाली पेट इस मिश्रण को एक चम्मच खाएं, बवासीर से छुटकारा मिल जाएगा।

नीबू के रस में जायफल घिसकर सुबह-शाम भोजन के बाद सेवन
करने से गैस और कब्ज की तकलीफ दूर होती है।

06/07/2020

चातुर मास शुरु होगया है आजीवन निरोगी रहने के लिये चतुरमास के 4 महिंने प्याज और लहसुन के सेवन ना करे
ड़ॉ चेतन गौड

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