Shri Krishna Neuro and Mental Health Clinic

Shri Krishna Neuro and Mental Health Clinic Complete treatment of all Neuropsychiatric problem

आज के बदलते हुए परिवेश में तनाव और डिप्रेशन की समस्या बढ़ रही है ऐसे में रोज सुनने में आता है कोई बच्चा सुसाइड कर रहा है...
12/07/2025

आज के बदलते हुए परिवेश में तनाव और डिप्रेशन की समस्या बढ़ रही है ऐसे में रोज सुनने में आता है कोई बच्चा सुसाइड कर रहा है,इस स्थिति में हम बच्चों पर ज्यादा दबाव ना डालें, बच्चों पर परफॉर्मेंस प्रेशर ना डालें नहीं तो बच्चे पर उसका गलत असर पड़ता है।

10/07/2025

 *Jaunpur News: तम्बाकू सेवन से हमारे शरीर के सभी अंग होते हैं प्रभावित: डॉ. हरिनाथ यादव | Naya Sabera Network*https://w...
01/06/2025


*Jaunpur News: तम्बाकू सेवन से हमारे शरीर के सभी अंग होते हैं प्रभावित: डॉ. हरिनाथ यादव | Naya Sabera Network*
https://www.nayasabera.com/2025/05/tobacco-consumption-affects-parts-body-dr-harinath-yadav.htm
l*Jaunpur News: तम्बाकू सेवन से हमारे शरीर के सभी अंग होते हैं प्रभावित: डॉ. हरिनाथ*
https://aapkiummid.com/2025/05/31/jaunpur-news-all-parts-of-our-body-are-affected-by-tobacco-consumption-dr-harinath/
https://www.donnewsexpress.com/2025/05/don-news-express_31.html

तम्बाकू सेवन से हमारे शरीर के सभी अंग होते हैं प्रभावित: डॉ. हरिनाथ यादवश्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय में...
31/05/2025

तम्बाकू सेवन से हमारे शरीर के सभी अंग होते हैं प्रभावित: डॉ. हरिनाथ यादव
श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर संगोष्ठी आयोजित
जौनपुर। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर नईगंज स्थित श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय के डायरेक्टर और न्यूरो एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. हरिनाथ यादव ने बताया कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस हर साल 31 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है। इस दौरान आयोजन किया जाता है जिसमें लोगों को तंबाकू के उपयोग के खतरों, तंबाकू कम्पनियों के व्यावसायिक व्यवहारों, तंबाकू के उपयोग के खिलाफ लड़ने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्या कर रहा है और दुनिया भर के लोग स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन जीने के अपने अधिकार का दावा करने और भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा करने के लिए क्या कर सकते हैं, के बारे में जानकारी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस दिन का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है, जिसके कारण वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 8 मिलियन से अधिक मौतें होती हैं, जिनमें 1.2 मिलियन मौतें धूम्रपान न करने वालों के सेकेंड हैंड धुएं के संपर्क में आने के कारण होती हैं।

डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक नई फैक्टशीट में तम्बाकू के सेवन और मानसिक बीमारी के बीच जटिल संबंधों की जांच की गई है। फैक्टशीट में इन संबंधों को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है। गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले 3 में से 2 लोग वर्तमान में धूम्रपान करते हैं, जिसका स्वास्थ्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। तम्बाकू के सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के बीच का संबंध जटिल और चौंकाने वाला है। फैक्टशीट में जारी कुछ आंकड़े चौंकाने वाले हैं​। गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोग औसतन 15-20 साल पहले मर जाते हैं, जिनमें से एक मुख्य कारण तम्बाकू है। आपके रक्त से निकोटीन आपके मस्तिष्क में जाता है। वहां यह रिसेप्टर्स को सक्रिय करता है जो आपके मस्तिष्क में डोपामाइन, एड्रेनालाईन, एंडोर्फिन, सेरोटोनिन और अन्य अच्छा महसूस करने वाले संकेतों को रिलीज़ करते हैं। यहीं से निकोटीन बज़ आता है। यह ऐसा है जैसे निकोटीन आपको ज़्यादा आराम, संतुष्ट या ऊर्जावान बनाने के लिए बटन दबा रहा हो। निकोटीन आपके मस्तिष्क पर काम करता है और एक आरामदायक, सुखद एहसास पैदा करता है जिससे इसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है। लेकिन तम्बाकू धूम्रपान करने से आपको कैंसर, स्ट्रोक, दिल का दौरा, फेफड़ों की बीमारी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा होता है।
डॉ. यादव ने बताया कि धूम्रपान आपकी त्वचा और नाखूनों की बनावट से लेकर आपके ऊतकों, अंगों और यहाँ तक कि आपके डीएनए की कार्यप्रणाली तक सब कुछ प्रभावित करता है। आपके शरीर पर धूम्रपान का असर उसी क्षण शुरू हो जाता है जब आप सिगरेट जलाते हैं। तम्बाकू जलाने से निकलने वाले हज़ारों रसायन आपके द्वारा कश लेने से पहले ही अपना नुकसानदायक सफर शुरू कर देते हैं।
डॉ. हरिनाथ यादव ने बताया कि तंबाकू सेवन से हमको दोहरा नुकसान होता है। तंबाकू सेवन से तो हमारा मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ा है। हम नशे के लत में फंस जाते हैं, उसके प्रभाव से हमारे शरीर की सभी अंग प्रभावित होते हैं जिससे हार्ट अटैक, कैंसर यहां तक की डीएनए संरचना तक प्रभावित होती है। इस अवसर पर डॉ. सुशील यादव, उमानाथ यादव, प्रतिमा यादव, संतोष,सूरज, शिव बहादुर सहित समस्त हॉस्पिटल स्टाफ, मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।

https://www.donnewsexpress.com/2025/05/don-news-express_14.html*सिज़ोफ्रेनिया एक गम्भीर मानसिक बीमारी: डा. हरिनाथ यादव*h...
28/05/2025

https://www.donnewsexpress.com/2025/05/don-news-express_14.html
*सिज़ोफ्रेनिया एक गम्भीर मानसिक बीमारी: डा. हरिनाथ यादव*
https://www.ummidofpublic.com/2025/05/Schizophrenia-is-a-serious-mental-illness-Dr-Harinath-Yadav.html

*Jaunpur News: सिजोफ्रेनिया गम्भीर मानसिक बीमारी है: डा. हरिनाथ यादव*
https://aapkiummid.com/2025/05/24/jaunpur-news-schizophrenia-is-a-serious-mental-illness-dr-harinath-yadav/

विश्व सिज़ोफ्रेनिया दिवसविश्व सिजोफ्रेनिया दिवस के अवसर पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय पर संगोष्ठी का आ...
24/05/2025

विश्व सिज़ोफ्रेनिया दिवस
विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस के अवसर पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया, इस अवसर पर श्री कृष्णा न्यूरो एवं मानसिक रोग चिकित्सालय के डायरेक्टर डॉ हरिनाथ यादव ने बताया कि
24 मई को विश्व सिज़ोफ्रेनिया दिवस मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सिज़ोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है जो दुनिया भर में 21 मिलियन से ज़्यादा लोगों को प्रभावित करती है। इस दिन का उद्देश्य इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना और मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों और अंधविश्वासों को मिटाना है।

डॉ हरिनाथ यादव ने बताया कि
सिज़ोफ्रेनिया के बारे में एक आम मिथक यह है कि इससे पीड़ित लोगों का व्यक्तित्व अलग होता है। हालाँकि, यह पूरी तरह से झूठ है। सिज़ोफ्रेनिया के रोगियों का व्यक्तित्व भी हर किसी की तरह एक ही होता है। सिज़ोफ्रेनिया के सामान्य लक्षणों में भ्रमित सोच, भ्रम और मतिभ्रम शामिल हैं।सिज़ोफ़्रेनिया एक मानसिक स्थिति है जिसमें मस्तिष्क के कुछ क्षेत्रों में कुछ रसायन असंतुलित हो जाते हैं। अगर ऐसा होता है तो विचारों, कार्यों और भावनाओं के बीच समन्वय की कमी हो सकती है।

'सिज़ोफ्रेनिया' शब्द का शाब्दिक अर्थ है "दिमाग का विभाजन" और इसे 1910 में स्विस मनोचिकित्सक डॉ. पॉल यूजेन ब्लेउलर द्वारा गढ़ा गया था।

सिज़ोफ़्रेनिया की शुरुआत वयस्कता की शुरुआत या किशोरावस्था के आखिर में होती है, आमतौर पर 15 से 28 साल की उम्र के बीच।
पुरुषों में महिलाओं की तुलना में बीमारी से पीड़ित होने का जोखिम भी ज़्यादा होता है। पुरुषों में महिलाओं की तुलना में बीमारी की शुरुआत कम उम्र में होती है। वे बीमारी के ज़्यादा गंभीर रूप से पीड़ित होते हैं, जिसमें ज़्यादा नकारात्मक लक्षण, पूरी तरह से ठीक होने की कम संभावना और बदतर परिणाम होते हैं।
डॉ हरिनाथ यादव यादव ने सिज़ोफ्रेनिया से जूझ रहे लोगों को को उनके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करने की सलाह दी।
डॉ हरिनाथ यादव ने बताया कि सिजोफ्रेनिया मरीजों को उपचार योजनाओं का पालन करना, तनाव से दूर रहना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और सहायता समूहों में शामिल होना चाहिए।सिज़ोफ्रेनिया का इलाज दवा और थेरेपी का मिश्रण हो सकता है। दवाओं को ठीक से लें और अपनी थेरेपी सत्रों में नियमित रूप से भाग लें।
इस अवसर पर डॉक्टर सुशील, उमा नाथ यादव, प्रतिमा यादव(क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट), जंग बहादुर,आशुतोष,शिव बहादुर, समस्त हॉस्पिटल स्टाफ और मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।

सिज़ोफ्रेनिया जागरूकता दिवस (World Schizophrenia Day) हर साल 24 मई को मनाया जाता है. 2025 में, यह दिन शनिवार ,24 मई को म...
24/05/2025

सिज़ोफ्रेनिया जागरूकता दिवस (World Schizophrenia Day) हर साल 24 मई को मनाया जाता है. 2025 में, यह दिन शनिवार ,24 मई को मनाया जाएगा. इस दिन का मुख्य उद्देश्य सिज़ोफ्रेनिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना, कलंक को दूर करना और सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों की ताकत का जश्न मनाना है। सिज़ोफ्रेनिया दिवस (World Schizophrenia Day) 2025 की थीम है "लेबल पर पुनर्विचार करें: कहानी को पुनः प्राप्त करें" (Rethink the Label: Reclaim the Story). यह थीम सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों के साथ भेदभाव और गलत धारणाओं को कम करने पर केंद्रित है, और उनकी कहानियों को सुनने और समझने के महत्व को उजागर करती है।
सिज़ोफ्रेनिया दिवस (World Schizophrenia Day) के बारे में अधिक जानकारी:
उद्देश्य:
सिज़ोफ्रेनिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना, लोगों को इस बीमारी के बारे में शिक्षित करना, और उन लोगों को समर्थन प्रदान करना जो इससे पीड़ित हैं।
मनाया जाने का कारण:
सिज़ोफ्रेनिया एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने में कठिनाई हो सकती है. यह दिन इस बीमारी से पीड़ित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
महत्व:
सिज़ोफ्रेनिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने से लोगों को इस बीमारी से जुड़े मिथकों और गलतफहमियों को दूर करने में मदद मिलती है, जिससे पीड़ित लोगों को सही जानकारी और समर्थन प्राप्त करने में मदद मिलती है।
क्या करें:
इस दिन को मनाते समय, आप सिज़ोफ्रेनिया के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं, शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित कर सकते हैं, या सिज़ोफ्रेनिया से पीड़ित लोगों को समर्थन प्रदान कर सकते हैं।

 .   theme 'Healthy Beginnings, Hopeful Futures'
07/04/2025

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Complete treatment of all Neuropsychiatric disorder at Shri Krishna Neuro and Mental Health Clinic
02/04/2025

Complete treatment of all Neuropsychiatric disorder at Shri Krishna Neuro and Mental Health Clinic

01/04/2025

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