Dr. Spriha Singh MD. Medicine clinic

Dr. Spriha Singh MD. Medicine clinic Ex consultant tele medicine apollo hospital hyder MBBS MD medicine special interest , Diabetes, Heart disease and Kidney disease

13/01/2025
इनफर्टिलिटी अथवा बच्चे न होने की समस्या का इलाज बिना आई वी एफ के भी  संभव ,!ह्यपोथीरोडिसम ,पीसीओडी, व अन्य हार्मोनल समस्...
08/08/2024

इनफर्टिलिटी अथवा बच्चे न होने की समस्या का इलाज बिना आई वी एफ के भी संभव ,!

ह्यपोथीरोडिसम ,पीसीओडी, व अन्य हार्मोनल समस्याओं में आईवीएफ का कोई महत्व नहीँ होता और कई बार इन समस्याओं के चलते आई वी एफ फेल भी हो जाता है,
मिलिए हमारी इन्फर्टिलिटी एक्सपर्ट

डॉ रजनी चौरसिया
MBBB MS (fellowship infertility and high-risk pregnancy)

🌟 Welcome to Health Talks EP 6!🌟In this episode, we are honored to have a special guest, Dr. Rajni Chaurasia, a renowned gynecologist and infertility exper...

खून की कमी या एनीमिया की समस्या देश मे व्यापक रूप से है!समाज मे हर स्तर पर व्यापक जागरूकता और सहयोग जरूरी है  राष्ट्रीय ...
30/07/2024

खून की कमी या एनीमिया की समस्या देश मे व्यापक रूप से है!समाज मे हर स्तर पर व्यापक जागरूकता और सहयोग जरूरी है


राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (2019-21) के अनुसार छह समूहों में एनीमिया की व्यापकता पुरुषों (15-49 वर्ष) में 25.0 प्रतिशत और महिलाओं (15-49 वर्ष) में 57.0 प्रतिशत है। किशोर लड़कों (15-19 वर्ष) में 31.1 प्रतिशत, किशोर लड़कियों में 59.1 प्रतिशत, गर्भवती महिलाओं (15-49 वर्ष) में 52.2 प्रतिशत और बच्चों (6-59 महीने) में 67.1 प्रतिशत है।

#कॉपीपेस्ट
नेशनल हेल्थ मिशन

वर्ष 2018 में भारत सरकार ने एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) रणनीति शुरू की थी जिसका लक्ष्य महिलाओं, बच्चों और किशोरों जैसे कमज़ोर आयु समूहों में एनीमिया को कम करना था। इस रणनीति के तहत छह लक्षित लाभार्थियों, छह हस्तक्षेपों और सभी हितधारकों के लिए रणनीति को लागू करने के लिए छह संस्थागत तंत्रों सहित 6X6X6 रणनीति के माध्यम से निवारक और उपचारात्मक तंत्र प्रदान किए गए। एएमबी रणनीति के तहत, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एनीमिया की समस्या से निपटने के लिए हस्तक्षेपों में शामिल हैं:

हाई रिस्क व इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ रजनी चौरसिया मंगलवार 2 बजे से हॉस्पिटल में उपलब्ध रहेंगी,
22/07/2024

हाई रिस्क व इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ रजनी चौरसिया मंगलवार 2 बजे से हॉस्पिटल में उपलब्ध रहेंगी,

मानसून आ चुका है ,बीमारियां अपने पांव पसारने की तैयारी कर रही हैं, आप भी सतर्क रहें, और तैयारी कर ले चूंकि इस समय की मुख...
04/07/2024

मानसून आ चुका है ,बीमारियां अपने पांव पसारने की तैयारी कर रही हैं, आप भी सतर्क रहें, और तैयारी कर ले चूंकि इस समय की मुख्य बीमारियां मच्छरजनित या गन्दे पानी से,खान पान की गंदगी से होती है अतःआस पास ,छत, कूलर में पानी इकट्ठा न होने दे ,स्वच्छ एवं ताजे खाने का प्रयोग कर्रे, हाथ की स्वच्छता खास तौर पर बच्चों की स्वच्छता विशेष ध्यान दे

11/06/2024

आटिज्म(autism) .डेढ़ दो साल का बच्चा आपकी बात सुन नहीं रहा तो हो सकता है कि बच्चा आटिज्म का शिकार है

आप सभी को होली की हार्दिक बधाई!रंगों के त्यौहार पर ,ईश्वर से आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख, वैभव की कामना करती...
25/03/2024

आप सभी को होली की हार्दिक बधाई!
रंगों के त्यौहार पर ,ईश्वर से आप सभी के अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि, सुख, वैभव की कामना करती हूं!

6 से 8 महीनों तक के बच्चों को इस सांद्रता का चावल ,मूंग दाल,चना,गेंहू इत्यादि के रोस्टेड आंटे से बना प्यूरी दिन में तीन ...
22/03/2024

6 से 8 महीनों तक के बच्चों को इस सांद्रता का चावल ,मूंग दाल,चना,गेंहू इत्यादि के रोस्टेड आंटे से बना प्यूरी दिन में तीन बार थोड़ा थोड़ा स्टार्ट करें फिर मात्रा धीरे धीरे बढ़ाते जाए,एक महीने पश्चात इसमें सब्जियों और फलों की थोड़ी चटनी डाल कर उसके बाद अच्छी तरह से पकाएं,(ध्यान रहे एप्पल प्यूरी इत्यादि फल या सब्जियों की पूरी में एनर्जी और प्रोटीन न के बराबर होती है)8 महीने के आस पास दलिया जैसे दाने दार पदार्थ अच्छी तरह पका के खिलाये,9 महीने पर बच्चे को अपने हाथ से खाने का मौका दे और उत्साहित करे,जोर जरबदस्ती से बच्चा खाना छोड़ सकता है!खाने बहुरसता रखे बच्चे एक तरह का खाना पसंद नहीं करते,12 महीने के उम्र तक बच्चों बड़े जैसा खाने और अपने हाथ से खाने के लिए तैयार करे,

ध्यान देने योग्य ये बात है आज कल 6 से 12 महीनों के बच्चों में पतला दूध अत्यधिक मात्रा में पिलाया जाता है जिससे बच्चों में खून की अत्यधिक कमी और हड्डियां कमजोर तथा इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, साथ ही साथ बच्चा अपने हाथ से खाने चबाने और फिर निगलने की कला( छमता) का विकास नही कर पाता है,और आने वाले 8-10 सालों तक बच्चा खाने से दूर भागता है!प्रथम 12-15 महीनों में अपने से खाने की आदत पड़ना स्वावलंबन की पहली सीढ़ी है, बच्चों में अच्छी आदतें शुरू से ही डाले!

डॉ जयेश सिंह
नवजात शिशु एवं बालरोग विशेषज्ञ
त्रिभुवन सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल
जौनपुर

16/03/2024

नन्हे मुन्ने बच्चों का उचित आहार

दाल का पानी व बाहरी दूध 6 माह के उम्र के बाद लिए उपयुक्त व संपूर्ण आहार नहीँ है|

बच्चे खून की कमी ,हड्डियों की कमजोरी, कमजोर इम्युनिटी, मानसिक और शारिरिक विकास में बाधा के शिकार हो जाते है!

6 माह की उम्र से उचित अन्न प्रासन कराये|

ज्यादातर देखा जाता है बच्चों के 6 माह होते ही लोग दाल का पानी देते है और बच्चे का मुख्य आहार बाहर का दूध या डिब्बे वाला दूध ही रह जाता है, बाहरी दूध और अन्य तरल उचित आहार नही हैं,इनसे बच्चों में खून की कमी और हड्डियां कमजोर हो जाती है, कई बच्चे देखने मे हेल्दी दिखते है पर उनमें खून की अत्यधिक कमी ,पेट की कई समस्याएं जैसे बार बार दस्त या निमोनिया होना,कई कई दिनों में एक बार लैट्रीन (p*e) जाते है और हार्ड कड़ी लैट्रीन ,पेट दर्द की समस्या से ग्रषित रहते है,

6 माह से उचित आहार देने से इन समस्याओं से बचा जा सकता है,दाल के पानी या अन्य पानी जैसी अन्य तरल खाद्य पदार्थ में न्यूट्रिशन न के बराबर होता है,
अन्न द्वारा बने गाढ़े खाद्य पदार्थ उचित होते है,जैसे चावल के आटे की खीर, मूंग दाल चावल के आटे की खिचड़ी, ,हलवा इत्यादि आठ महीने जाते जाते दलिया ,खिचड़ी घी, दाल चावल, हलवा खीर,चीला इत्यादि खिला सकते है, एकदम पतला या अत्यधिक ठोस उपयुक्त नहीँ होता!आठ महीने जाते जाते कोशिस करे कि खाना हाथ से खिलाये,8-9 महीने में बच्चे को खाना छूने दे बीच बीच मे बच्चे की खाना लगे हाथ को उसके खुद के मुंह डाले, अगर बच्चा कुछ आहर इधर ऊधर गिरा रहा है गंदा कर रहा है तो उसे प्रोत्साहित करें,9 महीने से 12 महीने तक खुद से खाना खाने की प्राकृतिक उम्र होती है,इस समय गलत ढंग जैसे फिक्स शेड्यूल और जबरजस्ती करने से बच्चे को खाने से डर लगने लगता है, और आगे आने वाले कई सालों तक बच्चे ठीक से नही खाते

डॉ जयेश सिंह
नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ
त्रिभुवन सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल जौनपुर|

#जौनपुर

गर्मी के मौसम में अपने नवजात शिशु की सुरक्षा के लिए ये पाँच युक्तियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित क...
16/03/2024

गर्मी के मौसम में अपने नवजात शिशु की सुरक्षा के लिए ये पाँच युक्तियाँ अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इन युक्तियों का अनुसरण करें।

✅ आयुष्मान कार्ड धारकों का निःशुल्क इलाज उपलब्ध।

अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें 7992031213, 9026551423

हमारा पता: त्रिभुवन सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल

दीवानी कचहरी ,अम्बेडकर तिराहा जौनपुर

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