
30/04/2024
#आयुर्वेद ही क्यों ???
• ज्यादातर बीमारियों की वजह होती है खान - पान के गलत तरीके और गलत दिनचर्या। जब तक आप इलाज के साथ साथ उन गलत चीजों को थोड़ा या पूरी तरीके से सही नहीं करेंगे तब तक आपकी बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होगी। आयुर्वेद ही एक मात्र ऐसी पैथी है जो बीमारियों के कारण के बारे में विस्तार से बताती है।
• आज का विज्ञान तो बहुत आगे बढ़ गया है लेकिन फिर भी बीमारियां कम क्यों नहीं हो रहीं, दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं?
कारण यह है कि ना तो आज के विज्ञान के पास बहुत सारी बीमारियों का सही इलाज है और ना ही लोगों को सही इलाज की जरूरत है और ना ही लोगों को पता है कि सही इलाज का मतलब क्या होता है, लोगों को बस बीमारी में आराम चाहिए और आज का विज्ञान भी बस आराम ही दे रहा है।
• बीमारी में आराम देना और बीमारी का सही इलाज, इनमें क्या अंतर है इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है -
एक मरीज है जिसको नींद सही से नहीं आती या बार बार नींद खुल जाती है, वह मरीज डॉक्टर के पास जाता है डॉक्टर उसे नींद की गोलियां से देता है, जिससे मरीज को पहले दिन से ही बहुत अच्छी नींद आती है और वह खुश हो जाता है कि बहुत अच्छा इलाज हुआ। वह डॉक्टर से पूछता है कि ये इलाज कब तक चलेगा डॉक्टर बोलता है कि 6 महीने इलाज चलेगा। लेकिन 6 महीने बाद जब मरीज दवाइयां छोड़ता है तो उसकी नींद पहले से भी ज्यादा खराब हो जाती है, वह डॉक्टर के पास फिर से जाता है, डॉक्टर उसे फिर से ज्यादा पावर कि दवाइयां देता है, कुछ महीने ये दवाइयां खाने के बाद मरीज की नींद फिर से खराब होन लगती है, फिर वह दूसरे डॉक्टर के पास जाता है, डॉक्टर फिर से उसे दवाईयां बदलकर देता है, और ऐसा कई सालों तक चलता रहता है, मरीज को कुछ दूसरी बीमारियां भी होने लगती है, वह और भी बीमारियों कि दवाई खाने लगता है और उसका जीवन ऐसे ही दुखी होकर चलता रहता है।
क्या यह था इलाज? तो सही इलाज क्या होना चाहिए?
सही इलाज ये होता है कि उसकी नींद ना आने की वजह क्या है पहले इसको समझा जाय, वजह समझने के लिए मरीज क्या क्या खाता पीता है, कब कब खाता है, सबेरे से रात तक क्या क्या करता है, कब कब करता है, इन सब के बारे में विस्तार से पूछा जाए। इसके आधार पर बीमारी कि जो वजह दिखाई दे या जो चीजे बीमारी में नुकसान करने वाली हों उन चीज़ों को पहले बंद करने कि सलाह दी जाय, साथ में दवाईयां दी जाय, दवाईयां ऐसी होनी चाहिए जो मरीज के मन को शांत करे और गलत खान पान और गलत दिनचर्या की वजह से शरीर में जो बदलाव हुए है उनको सही करे, साथ में कुछ योग आसन करने की सलाह दी जाय जो मन को नियंत्रित करे। ऐसे इलाज से मरीज को पहले दिन से नींद नहीं आएगी लेकिन कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर उसे नींद आना शुरू हो जाएगा और कुछ महीनों में उसकी सारी दवाईयां भी बंद हो जाएंगी, बस उसको खान पान और दिनचर्या सही रखना होगा। इस तरह के इलाज से बीमारी के दोबारा होने या उस बीमारी से संबंधित कोई दूसरी नई बीमारी होने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है।
इस प्रकार का इलाज ही वास्तविकता में सही इलाज है और सिर्फ आयुर्वेद के द्वारा ही ऐसा इलाज संभव है।
• इसी प्रकार अन्य भी बीमारियों जैसे diabetes, thyroid, skin diseases, liver disease, respiratory problems, neurological diseases आदी का उदाहरण दिया जा सकता है।
लेकिन पर्याप्त जागरूकता ना होने की वजह से लोग आयुर्वेदिक इलाज से दूर भागते हैं और जिंदगी भर बीमार बने रहते हैं। लोगों की मानसिकता यह होती है कि आयुर्वेद में परहेज बहुत बताया जाता है और इलाज से कोई आराम भी नहीं मिलता। तो यह बात समझना बहुत जरूरी है कि आयुर्वेद में परहेज बहुत ही कम बताया गया है, जो चीजे आपको बंद करने के लिए बोला गया वो परहेज नहीं है वो सिर्फ आपकी गलत चीज़ों को बंद किया गया है क्युकी गलत चीज़ों को बंद किए बिना तो बीमारी का सही होना असम्भव है, हां अगर आपको बीमारी में सिर्फ आराम चाहिए वो भी जल्दी तो आप आयुर्वेद से दूर रहिए, लेकिन अगर आप बीमारी का सही इलाज चाहते हैं तो आयुर्वेद ही एक मात्र उपाय है। भारत सरकार भी इस बात को अच्छी तरह से समझ चुकी है इसीलिए सरकार भी आयुर्वेद को इतना बढ़ावा दे रही है। जब बीमारी भीतर से सही होगी तो आपको आराम भी दिखेगा, हो सकता है कि थोड़ा ज्यादा समय लगे, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यायों का स्थाई समाधान होगा।