12/09/2025
*हाई रिस्क प्रग्नेंसी में भी नॉर्मल डिलीवरी करवाने वाला संस्थान बना काया हॉस्पिटल*
*ममता को प्रीएंक्लेंपसिया और HELLP सिंड्रोम जैसी उच्च जोखिमों से भरी परिस्थितियों के बावजूद भी डॉ गुलशन बानो ने करवाई नॉर्मल डिलीवरी*
झुंझुनूं 12 सितंबर। जिला मुख्यालय के इन्दिरा नगर स्थित काया हॉस्पिटल मे सेवाए दे रही प्रसिद्ध स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ गुलशन बानो ने फिर से एक और उच्च जोखिम वाली महिला की नॉर्मल डिलीवरी करवाकर गायनी फील्ड और हाई रिस्क प्रग्नेंसी को संभालने की अपनी उम्दा काबिलियत को सिद्ध करके दिखाया है।
ममता नाम की एक गर्भवती महिला को जब 4 सितंबर को प्रसव के लिए काया हॉस्पिटल लाया गया तो उनकी जांच करने पर पाया गया की उन्हें उच्च रक्तचाप (BP 180/110 mmhg) की वजह से प्रीएंक्लेंपसिया की समस्या है और इसी वजह से उन्हें HELLP सिंड्रोम जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, ज्ञात रहे कि HELLP सिंड्रोम मैं रक्त कोशिकाओं का अत्यधिक टूटना, लिवर एंजाइम्स का बढ़ना और प्लेटलेट्स का कमी होना शामिल होता है । इस परिस्थिति में प्रसव के दौरान अथवा प्रसव पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव के कारण गर्भवती महिला की जान को खतरा काफ़ी अधिक बढ़ जाता है ममता की इस जोखिम भरी स्थिति के बारे में परिवारजनों को अवगत कराया गया, जिस पर परिवार जनों ने डॉ गुलशन बानो और उनकी टीम पर पूर्ण रूप से विश्वास जताते हुए प्रसव उन्हीं के द्वारा करवाने का निर्णय लिया गया। ममता के ममत्व और परिवार जनों का विश्वास देख डॉ गुलशन बानो को हौसला मिला और परिजनों ने स्पोर्ट किया डॉ गुलशन बानो और उनकी टीम ने ममता की विपरीत स्थिति पर काबू किया और उच्च जोखिम की चुनौतियों के बावजूद 4 सितंबर को नॉर्मल डिलीवरी करवाई गई। आशंका के अनुरूप पीपीएच यानी प्रसव पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव हुआ लेकिन तत्काल खून तथा खून के घटक जैसे की प्लेटलेट्स, प्लाज्मा की व्यवस्था कर बल्ड ट्रांसफ्यूजन किया गया। डॉ गुलशन बानो ने बताया कि ममता को कुल 8 यूनिट आरडीपी (प्लेटलेट्स), 4 यूनिट एफएफपी( प्लाज्मा), 1 यूनिट खून तथा 1 यूनिट एसडीपी (प्लेटलेट्स) ट्रांसफ्यूजन किया गया तब जाकर ममता की जान बची। HELLP सिंड्रोम, प्रीएंक्लेंपसिया, इतने कम प्लेटलेट्स और बढ़े हुए बीपी के बावजूद बिना किसी सर्जरी यानी नॉर्मल डिलीवरी सामान्य प्रसव करवाकर पीपीएच का उचित इलाज करने पर ममता और उनके परिवार जनों ने डॉ गुलशन बानो का आभार जताया और उनके सराहनीय कार्य के लिए प्रशंसा की। डॉ गुलशन बानो ने बताया कि इस तरीके का सामान्य प्रसव कराना मेरे और मेरी टीम के बड़ी चुनौती था, हम इसको लेकर बहुत चिंतित थे और प्रसव के दौरान और प्रसव पश्चात काफ़ी सतर्क रहे। ऐसा लगता था कि हमारी सांसे भी ममता के साथ ही चल रही है। लेकिन हमें खुशी है ममता ने इस चुनौती को हराया और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। अंततः हम कामयाब हुए। 6 सितम्बर को ममता को छुट्टी दे दी गई।
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