28/05/2025
एसिडिटी
हम जो खाना खाते हैं, उसका सही तरह से पचना बहुत ज़रूरी होता है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को स्रावित करता है जो पाचन के लिए बहुत ही ज़रूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा में निर्मित होता है, जिसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और पेट में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। इस हालत को एसिडिटी रोग के नाम से जाना जाता है ।
एसिडिटी होने के कारण:
भोजन पचाने हेतु जठर रस का निर्माण करता है। लेकिन जब आमाषयिक ग्रंथि से अधिक मात्रा में जठर रस बनने लगता है तब हायडोक्लोरिक एसिड (HCL)की अधिकता से एसिडिटी की समस्या पैदा हो जाती है। बदहजमी .सीने में जलन और आमाषय में छाले इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं। भारी खाने के सेवन करने से भी एसिडिटी की परेशानी बढ़ जाती है। और सुबह सुबह अल्पाहार न करना और लंबे समय तक भूखे रहने से भी एसिडिटी आपको परेशान कर सकती है।
अधिक मिर्च-मसालेदार भोजन-वस्तुएं उपयोग करना
कुछ अंग्रेजी दर्द निवारक गोलियां भी एसिडिटी रोग उत्पन्न करती हैं।
भोजन के बाद अम्लता के लक्षण बढ जाते हैं.
एसिडिटी के लक्षण रात को उग्र हो जाते हैं।
एसिडिटी के आम कारण होते हैं, खान पान में अनियमितता, खाने को ठीक तरह से नहीं चबाना, और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना इत्यादि। मसालेदार और जंक फ़ूड आहार का सेवन करना भी एसिडिटी के अन्य कारण होते हैं। इसके अलावा हड़बड़ी में खाना और तनावग्रस्त होकर खाना और धूम्रपान और मदिरापान भी एसिडिटी के कारण होते हैं।
एसिडिटी के लक्षण:-
पेट में जलन का एहसास
सीने में जलन
मतली का एहसास
डकार आना
खाने पीने में कम दिलचस्पी
पेट में जलन का एहसास
एसिडिटी रोगों का इलाज होम्योपैथीक दवाओं से पूर्णतया संभव है
रुचिका होम्योपैथिक क्लीनिक
डॉ. वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ
नागर पुरा रोड नवलगढ़,झुंझुनू (राज.)
मो.न.8005519545