Jhunjhunu Club

Jhunjhunu Club Jhunjhunu Club is the organization to explore the people of Jhunjhunu District. Jhunjhunu district needs much to be done for its development.
(1)

There should be a Defense Research & Development Organisation (DRDO) lab, Agriculture and Livestock Research Institute, Medical and Engineering College, Entrepreneurship and Skill Development Institute, Military School, Defense University, Small and Middle scale Industries, Agro-food processing Industries, Mines and Mineral based Industries, Inclusion of Jhunjhunu in NCR, Network of Roads to each Village, Promotion of science and technology in agriculture, Drinking water for All (free from fluoride, germs etc.), promotion of floriculture, horticulture and forestry, Improved healthcare system and e-healthcare, Enhanced e-governance and people grievance system, welfare and rehabilitation of retired and ex-service persons, more facilities to military persons and for their families, and much is needed to improve in education, administration, child-women empowerment, and for youth employment.

14/11/2025
जेफ़री एप्सटीन और व्हाइट हाउस की वकील के बीच इस बातचीत में वर्तमान भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी का नाम आना बेहद ख...
13/11/2025

जेफ़री एप्सटीन और व्हाइट हाउस की वकील के बीच इस बातचीत में वर्तमान भारतीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी का नाम आना बेहद खतरनाक है।

अमेरिका में जेफ़री एपस्टीन किस कदर बदनाम है, बताने की ज़रूरत नहीं है। जेल में संदेहास्पद परिस्थितियों में मरे एप्स्टीन के पास एक द्वीप था जहाँ अमरीका के बड़े नेताओं और उद्योगपतियों की ऐशगाह थी। वह कम उम्र की लड़कियाँ और लड़के भी उपलब्ध कराता था। अभी उससे जुड़ी फाइल्स सार्वजनिक करने की मांग लगातार हो रही है।

भारत सरकार को इस पर बयान देना चाहिए और इसकी वैधता की जाँच करवाई जानी चाहिए।

13/11/2025

प्रार्थी एक्जिट पोल पर कभी कुछ नहीं लिखता। लेकिन यह जानता है कि इन्हें चुनाव में हराना बहुत कठिन।

नामुमकिन नहीं, बहुत कठिन।

दरअसल, नवउदारवादी आर्थिक नीतियों के लागू होने के बाद दुनिया में एक नए तरह का साम्राज्यवाद जन्म ले चुका है।

इस साम्राज्यवाद का नेतृत्व किसी देश के हाथ में नहीं है, बल्कि पूंजीपतियों के एक गिरोह के हाथ में है। यह गिरोह सत्ता में अपने मुखौटे बैठाता है।

मुखौटों को सत्ता में लाने और बनाए रखने के लिए यह गिरोह समाज में फैली तरह-तरह की नफरतों को उभरता है, उन्हें हवा देती है।

जातीय नफरत, क्षेत्रीय नफरत, रंग आधारित नफरत, मूल निवासी- प्रवासी आधारित नफरत, धर्म आधारित नफरत।

दुनिया में नफरत की कितनी परतें बिछा दी गई हैं, इस पर हर संवेदनशील नागरिक की नजर है।

इन साम्राज्यवादियों की राह में चार प्रमुख बाधाएं हैं, चीन, रूस, ब्राजील और वेनेजुएला।

अगर ये चारों बाधाएं हट गईं, तो भूतकाल में दुनिया में रहे सभी साम्राज्यवादों से खूंखार साम्राज्यवाद अब दूर नहीं है।

और अगर ये बाधाएं नहीं हटीं तो नवसाम्राज्यवाद और समाजवाद के बीच एक शीतयुद्ध चलता रहेगा।

दुनिया में आगे क्या होगा, यह भविष्य के गर्त में है। भारत में नवसाम्राज्यवादियों ने अपना मुखौटा स्थापित कर दिया है।

इस साम्राज्यवाद के खिलाफ अलख जगाने की चुनौती से जूझे बिना मुक्ति असंभव है।

इस कार्य को चुनौती इसलिए कहा, क्योंकि हमारे देश के साम्राज्यवादियों के मुखौटे धर्म की ओट में खड़े हैं। फिर समाज को कई कई स्तरों पर विभाजित भी कर दिया गया है।

इस चुनौती से फिलहाल तो केवल राहुल गांधी जूझ रहे हैं। सेतु के निर्माण में जिस तरह का योगदान गिलहरी ने दिया था, वैसा ही योगदान कम्युनिस्ट दे रहे हैं।

13/11/2025

28 साल के धीरेंद्र शास्त्री दिल्ली से वृंदावन तक 170 किलोमीटर की ‘सनातन हिंदू एकता यात्रा’ में 100° बुखार से ही लड़खड़ा गए।
उधर 54 साल के राहुल गांधी—लगभग दोगुनी उम्र—भारत जोड़ो यात्रा में 4,080 किमी, और भारत जोड़ो न्याय यात्रा में 6,713 किमी पैदल चले।
कुल मिलाकर 10,000 किमी से ज़्यादा पैदल।
ना रुके।
ना गिरे।
ना बीमार पड़े।
ना अस्पताल भागे।

यही फर्क है शो-भक्तिभाव और जन-प्रतिबद्धता के बीच।

राहुल गांधी का विज़न साफ़, सार्वजनिक और ठोस है—

OBC–SC–ST को आबादी के अनुपात में हिस्सा,

आरक्षण की 50% सीमा हटाना,

जातीय जनगणना कराना,

भारत के सामाजिक ढांचे को बराबरी पर लाना।

यह राजनीति नहीं, सामाजिक न्याय का असली रोडमैप है।

धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा का उद्देश्य क्या है?
न सामाजिक न्याय,
न वंचितों की हिस्सेदारी,
न समान अवसर—
बल्कि केवल “हिंदू राष्ट्र” का खोखला शोर,
जिसमें असल में सत्ता और आधिपत्य उसी जाति के हाथ में रहेगा जिनसे ऐसे ‘गुरु’ आते हैं।

यानी पूरी “यात्रा” जनता के अधिकारों के सवालों को ढँकने की कवायद है।
OBC–SC–ST की हिस्सेदारी की बहस को भटकाने का तरीका है।
विविधता, न्याय, प्रतिनिधित्व—इन सबको किनारे करके
एक जाति-प्रधान हिंदू राष्ट्र की छुपी माँग है।

दो यात्राएँ हैं—
एक 170 किमी की, थकान और बुखार से टूटी हुई;
और एक 10,000 किमी की,
जिसने भारत को सड़क पर खड़े होकर बराबरी का सपना याद दिलाया।

तय कीजिए—आप किस यात्रा के भारत में रहना चाहते हैं?

पाकिस्तान: आसिम मुनीर का 'संवैधानिक' तख़्तापलट /पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 243 में 27वें संविधान संशोधन से जेनरल आसि...
13/11/2025

पाकिस्तान: आसिम मुनीर का 'संवैधानिक' तख़्तापलट /

पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 243 में 27वें संविधान संशोधन से जेनरल आसिम मुनीर देश के इतिहास के सबसे शक्तिशाली सेना प्रमुख बन गए हैं। इस संशोधन को सीनेट और नेशनल असेंबली ने पारित कर दिया है। राष्ट्रपति आसिफ़ अली ज़रदारी के हस्ताक्षर के बाद यह 27 नवंबर से लागू हो जायेगा।

मुनीर अब सेनाध्यक्ष होने के साथ-साथ तीनों सेनाओं के प्रमुख होंगे। एक राष्ट्रीय रणनीति कमान का गठन होगा, जिसका प्रमुख रक्षा सेनाओं के प्रमुख की सलाह से प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त होगा। फ़ील्ड मार्शल समेत सभी फ़ाइव स्टार जरनैल आजीवन पद पर बने रह सकते हैं और उनके ख़िलाफ़ कभी कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।

इस संशोधन से अब उनके फ़ील्ड मार्शल होने को संवैधानिक वैधता मिल जायेगी, जिसका पहले ऐसा आधार नहीं था। उनसे पहले जेनरल अयूब ख़ान एकमात्र फ़ील्ड मार्शल थे, जिन्होंने तख़्तापलट के बाद ख़ुद अपने को फ़ील्ड मार्शल घोषित कर दिया था।

वैसे तो पाकिस्तान में सत्ता पर सेना का वर्चस्व रहा है, पर इस संशोधन से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, एसेंबली और अदालत के लिए जगह और कम हो गई है। अब देखना यह है कि रक्षा सेनाओं और लोगों में इसकी क्या प्रतिक्रिया होती है। पाकिस्तानी मीडिया के बड़े हिस्से और कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों ने इस संशोधन का मुखर विरोध किया है।

13/11/2025

अभी जट कायम है।

RSS का अमेरिकी लॉबीइंग स्कैंडल: पाकिस्तान और सऊदी अरब की ‘दोस्त’ फर्म को दिए 2.75 करोड़ रुपये !RSS ने अमेरिका में अपनी ‘...
13/11/2025

RSS का अमेरिकी लॉबीइंग स्कैंडल:
पाकिस्तान और सऊदी अरब की ‘दोस्त’ फर्म को दिए 2.75 करोड़ रुपये !

RSS ने अमेरिका में अपनी ‘राष्ट्रवादी’ छवि चमकाने के लिए Squire Patton Boggs नाम की लॉ फर्म को नियुक्त किया है। लेकिन यही फर्म पाकिस्तान सरकार के लिए भी वाशिंगटन DC में लॉबिंग करती है, और पत्रकार Jamal Khashoggi को तुर्की स्थित सऊदी दूतावास में हत्या कराये जाने के मामले में सऊदी क्राउन प्रिंस MBS को बचाने के काम में भी अपना योगदान कर चुकी है!

क्यों नियुक्त किया? आधिकारिक तौर पर RSS के 100 साल पूरे होने पर अमेरिकी कानून बनाने वाले सांसदों को ‘शिक्षित’ करने के नाम पर। लेकिन असल फोकस: RSS के इतिहास (जिसमें फासीवादी जड़ें और मुस्लिमों पर हिंसा के आरोप शामिल) की कालिख को सफ़ेद करना और RSS को वाशिंगटन के पावर स्ट्रक्चर में ‘परिचित ’ करवाना। लॉबिस्ट्स फर्म ने मोटी रकम मिलने के बाद अमेरिकी Senate-House में घूम-घूम कर मीटिंग्स कीं, नागपुर में RSS कैंप अटेंड किया, और Vivek Sharma जैसे लॉबिस्ट्स को इस काम में शामिल किया।

कितना पैसा? 2025 के पहली 3 तिमाही में ही $330,000 (करीब ₹2.75 करोड़)रुपये RSS द्वारा इस फर्म को चुकाये जा चुके हैं । जिस खाते से यह रकम चुकाई गई उस संस्था का रजिस्ट्रेशन इसी साल 16 जनवरी 2025 को हुआ। ध्यान रहे कि RSS खुद को ‘व्यक्तियों का संगठन’ बताकर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं देता, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि विदेश में इतना फंड कहाँ से आया ?

पाकिस्तान कनेक्शन: SPB पाकिस्तान सरकार के लिए पहले से ही डायरेक्ट लॉबीइंग करती रही है – राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में Orchid Advisors के जरिए इसने सबकॉन्ट्रैक्ट पर काम दिया है और मिनरल्स और US-Pak टाई-अप्स पर फोकस कर रही है । RSS-पाकिस्तान: की पुरानी जड़ें (जिन्ना-सावरकर लिंक) पुनः हरी हो रही लगती हैं ।

सऊदी ट्विस्ट: यही फर्म पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में तुर्की के सऊदी दूतावास में हत्या के बाद सऊदी सरकार की ‘ प्रतिष्ठा बचाने ’ के काम में लगाई गई – 16 फर्म्स में से एक थी । MBS की इमेज और प्रतिबंधों से बचाने के लिए। इस रिश्ते से लगता है कि RSS के ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ को सऊदी अरब के इस्लामिक तानाशाह से हाथ मिलाने में कोई गुरेज़ नहीं !

ये सब विदेशी मुद्रा को संचालित/ उपयोग करने के भारतीय क़ानून के बिना किसी रजिस्ट्रेशन पर हो रहा है – ED , CBI सब अनुपस्थित हैं ! अगर कोई दूसरा इसे करता जिसे सरकार का आशीर्वाद प्राप्त न हो तो अब तक मीडिया में तूफान मच गया होता लेकिन RSS है तो सर्वत्र चुप्पी। दरअसल राष्ट्रवाद एक ढोंग भर है !

स्रोत: Prism Reports, NYT, Wikipedia।

Address

Jhunjhunun

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Jhunjhunu Club posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram