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अवधूत Amrit 1008, it can hydrate each and every cell of our body ! जो पानी को ही क्या एल्कोहल को भी एल्कलाइन और एंटीऑक्स...
06/04/2024

अवधूत Amrit 1008, it can hydrate each and every cell of our body ! जो पानी को ही क्या एल्कोहल को भी एल्कलाइन और एंटीऑक्सीडेंट बना दे !
कोरोना के पश्चात हर एक का शरीर लगभग अम्लीय, एंटी आक्सीडेंट से खाली और जीवन शक्ति रहित है।
कारण साफ है शरीर का प्राकृतिक व्यवहार बदला है जीवन अंग कमजोर हैं फेफड़ों के कमजोर पड़ने से रक्त में कार्बन डाइऑक्साइड बढ़ रही है और किडनी कमजोर होने से एसिड और टाक्सिन दोनों सूरत घातक है।
विश्व में हर चीज जोड़े से है अच्छा बुरा गर्म तो ठंडा गुड बैक्टीरिया बैड बैक्टीरिया अम्ल तो क्षार और शरीर अपने आप में विश्व है "Body is mini World"
शरीर में करोडों जीवित कोशिकाएं बैक्टीरिया स्पर्म एग उतना ही पानी जितना धरती पर उतनी धातुएँ उतने लवण सब उतनी गैसें और सब में ताल मेल आवश्यक है और इस तालमेल को बैठाता है शरीर में अम्ल और क्षार का संतुलन यानी बॉडी का पी एच लेवल जो शरीर को स्वस्थ रहने के लिए संतुलन बनाए रखने होते हैं जैसे ब्लड प्रेशर, ऑस्मॉसिस, पानी, और मिनरल्स का संतुलन।
एक और महत्त्व संतुलन है एसिड और बेस अल्कली का संतुलन। एसिड-अल्कली का संतुलन शरीर में बेहद ज़रूरी है।
हमारे शरीर का सामान्य पीएच 7 से थोड़ा अधिक होना चाहिए अर्थात् थोड़े से अल्कलाइन वातावरण में हमारे सेल्स स्वस्थ रहकर अपना काम सही ढंग से करते हैं।
लेकिन आजकल हम सभी के शरीर में एसिड बढ़ता जा रहा है। एसिड की बढ़ी हुई इस अवस्था को मेटाबॉलिक एसिडोसिस कहते हैं।
कोशिकाओं के आसपास बढ़ते इस एसिड के कारण वह कैंसर सैल्स में बदल सकती हैं। यानी जो कोशिकाएं एसिडिटी के माहौल में जीना सीख जाती हैं वो कैंसर सैल्स में बदलने लगती हैं
ब्लड में जब एसिड की मात्रा बढ़ती है तो ये कई तरह के ब्लॉकेज उत्पन्न करता है जो कि लकवा,वेरीकोस वेन्स और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं उत्पन्न करते है।
बढ़े हुए एसिड को नियंत्रित करके इन समस्याओं से बचा जा सकता। वातावरण में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइ ऑक्साइड का स्तर बढ़ना क्योंकि सांस लेने पर यह बढ़ी हुई कार्बन डाइ ऑक्साइड रक्त के पीएच को कम कर देती है।
शरीर से एसिड के उत्सर्जन का कार्य मुख्य रूप से फेफड़ों और किडनी का है, यदि यह दो अंग ठीक से काम नहीं करते हैं तो भी शरीर में एसिड का स्तर बढ़ जाता है। अत: मेटाबॉलिक एसिडोसिस के उपचार के समय इन दोनो अंगों का खास ख्याल रखना चाहिए।
भोजन में सब्ज़ियों, फ्रूट्स और मेवों की कमी और इसकी जगह नॉनवेज, शुगर, अल्कोहल, चाय, कॉफ़ी, रिफाइंड तेल और आटे का ज्यादा प्रयोग यह सभी मिलकर शरीर में एसिड की बढ़ोतरी करते हैं और इसी वजह कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
एसिड अधिक होने से अल्कलाइन मेटल्स जैसे पोटैशियम और मैग्नीशियम का स्तर खून में कम होना ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
एसिडिक वातावरण किडनी में स्टोन का निर्माण करता है, क्योंकि बढ़े हुए एसिड को कम करने के लिए उसे हड्डियों से कैल्शियम निकालना पड़ता है और यह कैल्शियम किडनी में जाकर जमा हो जाता है और पथरी या स्टोन्स बनाता है।
हड्डियों से कैल्शियम के निकलने से वे कमज़ोर हो जाती हैं और यह ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग उत्पन्न करती हैं।
एसिड बढ़ने से सेल्स जल्दी-जल्दी मरने लगते हैं, इसलिए बुढ़ापा शीघ्र आ जाता है।
बाल जल्दी सफेद होने लगते हैं, झुर्रियां आने लगती हैं, इम्युनिटी कम होने लगती है और थकान भी जल्दी होने लगती है।
एसिड दांत , मसूड़ों की तकलीफ भी बढ़ाते हैं, जिससे वे जल्दी खराब होने लगते हैं।
दिमाग की क्रियाविधि प्रभावित होना
एसिड बढ़ने से आरबीसीएस की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता में कमी आ जाती है।
कम ऑक्सीजन मिलने से दिमाग अपने कार्यों को करने में दिन प्रतिदिन कमजोर होता चला जाता है।
अवधूत आयुर्विज्ञान

Awdhoot Amrit 1008 not only hydrates every cell in our body but also converts water into an alkaline and antioxidant.
Post-COVID, nearly everyone's body is acidic, lacking in antioxidants and life force. The reason is evident; the body's natural functioning has altered, weakening life forces and lungs. This leads to an increase in carbon dioxide in the blood due to weakened lungs and the kidneys becoming feeble, resulting in both acid and toxins, which are detrimental.
Everything in the world is linked; be it good or bad, hot or cold, good bacteria or bad bacteria, acids or alkalis. The body itself is a mini-world. There are millions of living cells, bacteria, s***m, eggs, as much water as there are minerals, salts, gases, and all these elements need a balance and this balance is maintained by the body's pH level, which is crucial for a healthy body. This balance includes blood pressure, osmosis, water, and minerals.
Another important aspect is the balance between acids and bases/alkalinity. The acid-alkaline balance is highly crucial in the body.
Our body's normal pH should be slightly more than 7, meaning a slightly alkaline environment where our cells remain healthy and perform their functions correctly.
However, nowadays, acid is increasing in all of us. The condition of increased acid is known as metabolic acidosis.
Due to the increase in acid around the cells, they can transform into cancer cells. Cells that learn to survive in an acidic environment tend to transform into cancer cells.
When the level of acid increases in the blood, it creates various blockages, leading to issues like stroke, varicose veins, and heart attacks.
By controlling the increased acid, these problems can be prevented.
A lack of oxygen in the environment and an increase in carbon dioxide reduces the intake of oxygen by the red blood cells in the blood.
The body's natural mechanism of excreting acid is primarily through the lungs and kidneys. If these two organs don't function properly, the body's acid level increases. Therefore, special attention should be given to these two organs during the treatment of metabolic acidosis.
A diet lacking in vegetables, fruits, and greens but high in non-veg, sugar, alcohol, tea, coffee, refined oil, and flour escalates the body's acidity. Due to this, many health issues arise.
An increase in acid reduces the levels of alkaline metals like potassium and magnesium in the blood, raising blood pressure.
An acidic environment in the kidneys leads to stone formation, as to reduce the increased acid, calcium needs to be extracted from the bones, which then accumulates in the kidneys, forming stones or calculi.
Weakness sets in quickly as cells start dying rapidly due to increased acidity, leading to rapid aging.
Hair turns gray quickly, wrinkles appear, immunity decreases, and fatigue sets in rapidly.
An increase in acid worsens dental and gum problems, leading to their rapid deterioration.
Diminished brain function.
With an increase in acid, the brain's ability to take in oxygen decreases, affecting its daily functions, causing it to weaken over time.
Awdhoot Ayurvigyan

ऑटो इम्युन डिज़ीज़:- ऑटोइम्यून रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के स्वास्थ्य की रक्षा करने वाली प्रणाली, जो कि वास्तव मे...
29/03/2024

ऑटो इम्युन डिज़ीज़:- ऑटोइम्यून रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के स्वास्थ्य की रक्षा करने वाली प्रणाली, जो कि वास्तव में बाहरी किसी विदेशी पदार्थ को पहचानने और उसे नष्ट करने के लिए बनाई गई है, अपने ही कोशिकाओं और ऊतकों को नष्ट करती है। इसमें शरीर के विभिन्न भागों की कोशिकाओं और ऊतकों के खिलाफ रोगी की स्वास्थ्य प्रणाली का प्रतिरोध काम नहीं करता है और विभिन्न अज्ञात कारणों के कारण स्वास्थ्य की स्थिति को प्रभावित कर सकता है। यह रोग किसी भी भाग या अंग के खिलाफ हो सकता है, जैसे कि रक्त, ब्रेन, किडनी, गुट, हृदय आदि।

जब कोशिकाओं को शरीर में पोषण और आक्सीजन की कमी होती है, तो वे बिगड़ जाती हैं और अपने ही शरीर के ऊतकों और कोशिकाओं को आपत्ति पहुंचाने लगती हैं। इसके परिणामस्वरूप, शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों के खिलाफ हमला करती है और ऑटोइम्यून रोग का उत्पन्न होने का कारण बनती है। यह प्रक्रिया शरीर की स्वस्थ्य प्रणाली में विकृति का कारण बन सकती है और विभिन्न ऑटोइम्यून रोगों का उत्पन्न होने का कारण बनती है।

अवधूत आयुर्विज्ञान

ये उपाय अचानक हृदयाघात या गंभीर रोगों से बचाव रोकथाम व उपचार  "Nature can kill Nature can Heal""प्रकृति से जीवन की रक्षा...
29/03/2024

ये उपाय अचानक हृदयाघात या गंभीर रोगों से बचाव रोकथाम व उपचार "Nature can kill Nature can Heal"

"प्रकृति से जीवन की रक्षा करना और उसे ठीक करना बहुत आसान है। ये उपाय न केवल हमें रोगों से बचाते हैं, बल्कि हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत भी बनाते हैं।"

फैसला आपका

1.) एक मुट्ठी हरा पत्ता :- पालक या बथुआ या चौलाई या मोरिंगा (सहजन) गेहूं ज्वारा या जिसका भी हरा साग बनाते हैं; अपने आहार में शामिल करें
2.) एक मीठा फल :- सेब या अनार, या आम या अमरूद या मीठे अच्छे से धोएं एक मुट्ठी अंगूर या दो चीकू या नाशपाती या बबूगोसा; जैसे मीठे फलों का नियमित सेवन करें।
3.) पौधे के पत्तियों और हर्ब्स का सेवन - आधा मुठ्ठी धनिया आधा मुठ्ठी पुदीना
एक टुकड़ा चुकंदर
एक टुकड़ा अदरक या कच्ची हल्दी
एक टमाटर एक खीरा
इन सबको थोड़ा पानी डालकर मिक्सर ग्राइंडर में अच्छे से पीस लीजिए
स्मूदी (जूस) तैयार और पीएं।

इन उपायों से हमारे शरीर के सभी अंगों को पोषण और आवश्यक तत्व मिलते हैं, जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और हम स्वस्थ रहते हैं।

समस्त जीवन अंगों :-
आंतों किडनी लीवर हृदय मस्तिष्क के लिए जीवनदायिनी
हर रोग दोष विष स्वास्थ्य परेशानी में हर एक कोशिका को पोषण और आक्सीजन देने में इससे उत्तम उपाय न है दूसरा
एक नींबू निचोड़ सकते हैं चाहें तो (optional)

अवधूत आयुर्विज्ञान

*हर हर महादेव ***जुनेजा फार्मेसी नहीं संजीवनी द्रव्य है शिलाजीत** पूरा पढ़ें शुद्ध शिलाजीतशिलाजीत मस्तिष्क में डोपामाइन ...
20/03/2024

*हर हर महादेव *

**जुनेजा फार्मेसी नहीं संजीवनी द्रव्य है शिलाजीत** पूरा पढ़ें

शुद्ध शिलाजीत

शिलाजीत मस्तिष्क में डोपामाइन के स्राव को बढ़ा देता है जिससे चिंता और तनाव के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। शिलाजीत का आपके शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार शिलाजीत पोटेशियम और मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है। ये कंपाउंड आपकी मांसपेशियों को आराम पहुंचाते हैं, जिसमें आपका दिल भी शामिल है। यह प्रभाव तनाव के स्तर को कम करने में मदद करता है।
शिलाजीत के सेवन से बढ़ती उम्र के साथ नजर आने वाले प्रभाव कम हो जाते हैं साथ ही यह समय से पहले आपको प्रभावित नहीं करते। शिलाजीत में फुल्विक एसिड नामक एक महत्वपूर्ण कंपाउंड मौजूद होता है जिसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं और यह एक एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करता है।इस प्रकार, यह आपके शरीर में सेल डैमेज होने से रोकता है और आपके शरीर में फ्री रेडिकल्स के उत्पादन को भी कम कर देता है। यह दोनों फैक्टर समय से पहले उम्र बढ़ने का कारण बनते हैं।
शिलाजीत में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के कंपाउंड आपके मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार करते हैं। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, शिलाजीत उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है इस प्रकार यह आपके ब्रेन को भी लंबे समय तक जवां रखता है। शिलाजीत के घटक अल्जाइमर जैसी संज्ञानात्मक समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

शिलाजीत को हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर माना जाता है। शिलाजीत में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन के स्तर को बढ़ाता है। यह आपके दिल के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, ह्यूमिक एसिड ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे स्ट्रोक की संभावना कम हो जाती है।

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने के लिए शिलाजीत का इस्तेमाल कई वर्षों से होता चला रहा है। जो पुरुष शिलाजीत का सेवन करते हैं उनमें शुक्राणुओं (S***m) की संख्या और शुक्राणुओं की गतिशीलता अधिक होती है। ये दोनों कारक आपके स्पर्म की फर्टिलिटी को निर्धारित करते है।
नपुंसकता तथा यौन दौर्बल्यता और शुक्राणु अल्पता में महा औषध है। किसी भी प्रकार की शारीरिक मानसिक मांसपेशियों तथा तंत्रिका तंत्र की स्थिलता में महान उपयोगी है।

शिलाजीत आपकी आंतों के सूजन को कम करता है और ऑक्सीडेटिव तनाव जैसी समस्याओं से बचाव कर सकता है। इसमें बेंजोइक एसिड मौजूद होते हैं, जिसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाया जाता है। यह आंत के संक्रमण और आंतों की अन्य समस्याओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

पूरा पढ़कर फैंसला करिएगा :-मेरी नज़र में दूध वाली चाय सीधे तौर पर गठिया आंतों के कैंसर, लीवर कैंसर, पेट गले और मुंह के क...
14/03/2024

पूरा पढ़कर फैंसला करिएगा :-
मेरी नज़र में दूध वाली चाय सीधे तौर पर गठिया आंतों के कैंसर, लीवर कैंसर, पेट गले और मुंह के कैंसर हर्ट डिज़ीज़ तथा आटो इम्युन डिज़ीज़ की जिम्मेदार है।

फिर भी किसी को ये जहर पीना है पिएं और मरे वैसे भी आंखे बन्द किए बैठे हैं दिखाई नहीं देता कि कोई घर नहीं बचा जहां लोगों में असाध्य रोग फ़ैल न रहे हैं।
चाय के साथ परांठा बिस्कुट नमकीन या भोजन मतलब ज़हर की डबल डोज़ है।
चाय पीने से आपका पेट पूरी तरह से खराब हो जाता है। आपकी पाचन शक्ति खराब हो जाती है और साथ ही साथ आपके पेट में तेज़ाब बनना शुरू हो जाता है। गर्म देशों में चीनी की चाय पीने से गैस की समस्या होने लगती है। वही अम्लीय होने की वजह से आपके शरीर में एसिड की मात्रा बढ़ जाती है।
बहुत अधिक चाय पीने से गुर्दे की पथरी होती है और यहां तक कि इसमें ऑक्सालेट की उच्च सांद्रता के कारण आपके लीवर को भी नुकसान होता है।

खाली पेट चाय पीने से आपके पाचन तंत्र में गैस बन सकती है। चाय मूत्रवर्धक है, यह आपको लगातार पेशाब करने और बार-बार पेशाब करने का कारण बनती है, अगर बार-बार जलयोजन के साथ इसकी भरपाई नहीं की जाती है, तो यह निर्जलीकरण का कारण बन सकता है।

वाइन की तरह चाय में भी टैनिन होता है, और इसका सेवन, विशेष रूप से खाली पेट करने पर, आपको मिचली आ सकती है। चाय में टैनिन सबसे पहले होता है और टैनिन बैक्टीरिया को मारने के लिए जाना जाता है,और गुड बैक्टीरिया खत्म आपका स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म और यह चाय में स्वाभाविक रूप से पाया जाने वाला यौगिक है और पेट से गुड बैक्टीरिया मरा तो समझिए कि विटामिन बी12 गया और स्मृति दोष तनाव तथा न्य़ूरोलोजिकल डिसार्डर आएंगे साथ ही हैप्पीनेस हार्मोन्स नहीं रिलीज़ होंगे और जीवन तनाव डिप्रेशन में कटेगा

चाय पीने से, विशेष रूप से दूध आधारित चाय आपको मिचली महसूस कर सकती है, यह टैनिन की उपस्थिति के कारण होता है, जो पाचन ऊतक को परेशान करता है और सूजन, बेचैनी, पेट में दर्द का कारण बनता है। और आगमन होता है पैप्टिक अल्सर और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसे रोग का उपर विकल्प सर्वोत्तम या

चाय के विकल्प
- इलायची उबालकर बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं
- सौंफ उबाल बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं
- लौंग उबालकर बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं
- लेमनग्रास उबालकर बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं
- अदरक उबालकर बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं
- दालचीनी उबालकर बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं
- गुलाब पत्ती उबालकर बहुत हल्की मिश्री मिलाकर पिएं

चाहें तो इस सब आप्शन में थोड़ी ग्रीन टी एड कर सकते हैं।

AwdhootS-21pro :-एक आयुर्वेदिक ब्लैंड ड्राप्सजो कि मिश्रण है शक्तिशाली औषधीय स्वरसों का दुर्लभ एसेंशियल ऑयल्स तथा भस्मों...
13/03/2024

AwdhootS-21pro :-एक आयुर्वेदिक ब्लैंड ड्राप्स
जो कि मिश्रण है शक्तिशाली औषधीय स्वरसों का दुर्लभ एसेंशियल ऑयल्स तथा भस्मों व खनिजों का
S-21pro एक संपूर्ण वात पित्त कफ शामक है जो इनको संतुलित करता है तथा समस्त गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक का शोधन करता है।
अमाशय लीवर आंतों तथा पैंक्रियाज के कार्यों को संतुलित रूप से संचालित करने में सहायता करता है।
इसका प्रयोग अनेक तरह से किया जा सकता है।
नजला-जुकाम, पेट के रोग, आंतों की स्थिलता, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता, मुहांसे, टॉन्सिल, त्वचा रोग व दर्दों में ये आश्चर्यजनक व त्वरित लाभ पहुंचाता है।

आजकल बहुत से लोग नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर की समस्या से जूझ रहे हैं। इस समस्या के मुख्य कारणों में से एक यह है कि लोग उच्...
10/03/2024

आजकल बहुत से लोग नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर की समस्या से जूझ रहे हैं। इस समस्या के मुख्य कारणों में से एक यह है कि लोग उच्च कैलोरी, अधिक तेल और अधिक फैट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं, जो उनके शरीर में फैट जमा कर सकते हैं और फैटी लीवर के उत्पन्न होने के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
दाल मखनी, पनीर,सोया-चाप, पैकेट बंद दूध दही ,रेडबुल, पेपरबॉट, कोक-पैप्सी, रीयलजूस, चिकन अंडा फ्राई ,चाय, कॉफी, और खासकर रात में भी ये ही ! ये शराब से भी बुरे हैं
इसलिए, यदि आप नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लीवर से पीड़ित हैं, तो आपको इन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करे।
आपको अपने आहार में प्रोटीन, फल, सब्जियां, अनाज और हेल्दी तेलों को शामिल करना चाहिए।

त्रिफला का सही और असरदार अनुपात व्यक्तिगत स्वास्थ्य लाभों के आधार पर निर्धारित किया जाता है। त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वे...
10/03/2024

त्रिफला का सही और असरदार अनुपात व्यक्तिगत स्वास्थ्य लाभों के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
त्रिफला एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक रासायनिक फ़ार्मुला है जिसमें अमलकी (आंवला (Emblica officinalis)), बिभीतक (बहेडा) (Terminalia bellirica) और हरितकी (हरड़) (Terminalia chebula) के बीज निकाल कर (1 भाग हरड, 2 भाग बहेड़ा, 4 भाग आंवला), यदि त्रिफला का चूर्ण गौघृत में भूनकर रात्रि में आधा चमच सेवन किया जाए, तो यह समस्त शरीर से विजातीय तत्वों को बाहर कर देगा

अवधूत 1008 आपके खाने पीने में मौजूद पेस्टिसाइड और अशुद्धियों का असर खत्म करने में शक्तिशाली माध्यम बनता है ! ये बात हवा ...
03/03/2024

अवधूत 1008 आपके खाने पीने में मौजूद पेस्टिसाइड और अशुद्धियों का असर खत्म करने में शक्तिशाली माध्यम बनता है !
ये बात हवा में नहीं कर रही अतिशीघ्र लैब रिपोर्ट्स शेयर करूंगी।

अगर आपको कमर दर्द से पीड़ित है तो महानारायण तेल आपके लिए एक उत्कृष्ट उपाय हो सकता है। इस तेल को निचले हिस्से से ऊपर की ओ...
03/03/2024

अगर आपको कमर दर्द से पीड़ित है तो महानारायण तेल आपके लिए एक उत्कृष्ट उपाय हो सकता है। इस तेल को निचले हिस्से से ऊपर की ओर बैल्ट के सहारे गर्दन तक मालिश करना लाभदायक हो सकता है। मालिश के दौरान, ध्यान देना चाहिए कि आप रीढ़ की हड्डी पर अत्यधिक दबाव न डालें, बल्कि दोनों तरफ मांसपेशियों पर मालिश करें। इससे आपकी मांसपेशियों को राहत मिल सकती है और दर्द कम हो सकता है। एंटी ग्रेविटी मसाज के द्वारा आप अपने शरीर के संरचन के अनुसार मालिश कर सकते हैं और कमर दर्द से राहत पा सकते हैं।

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