Psychology BY Hariom sharma jind

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12/11/2022

*जिम्मेदारी बोझ नहीं है-----'*

बहुत पुरानी बात है किसी गाँव में एक साधु रहते थे। दुनिया की मोह माया से दूर होकर जंगल में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे। सुबह शाम ईश्वर के गुण गाना और लोगों को अच्छे कर्मों का महत्त्व बताना यही उनका काम था।
एक दिन उनके मन में आया कि जीवन में एक बार माता वैष्णो देवी के दर्शन जरूर करने चाहिये। बस यही सोचकर साधु महाराज ने अगले दिन ही वैष्णो देवी जाने का विचार बना लिया।
एक पोटली में कुछ खाने का सामान और कपडे बांधे और चल दिए माँ वैष्णो देवी के दर्शन करने। ऊँचे पर्वत पर विराजमान माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।
वो साधु भी धीरे धीरे सर पे पोटली रखकर चढ़ाई चढ़ रहे थे। तभी उनकी नजर एक लड़की पर पड़ी, उस लड़की ने अपनी पीठ पर एक लड़के को बैठाया हुआ था। वो लड़का विकलांग था और वो लड़की उसे कमर पर बैठाकर चढ़ाई चढ़ रही थी।
साधु को ये सब देखकर उस लड़की पर बड़ी दया आयी और वो बोले – बेटी थोड़ी देर रूककर बैठ जा तू थक गयी होगी तूने इतना बोझ उठा रखा है ।
वो लड़की बोली–बाबा जी बोझ तो आपने अपने सर पर उठा रखा है ये तो मेरा भाई है
चलते चलते साधु के पाँव ठिठक गए…..
कितनी बड़ी बात कही थी उस लड़की ने,,,,कितना गूढ़ मतलब था उस लड़की की बात का – बोझ तो आपने उठा रखा है ये तो मेरा भाई है…. कितनी जिम्मेदारी भरी थी उस मासूम सी लड़की में ।
मन में दयालुता होगी तो हर पढ़ने वाले की आँखें छलक उठेंगी…..
उस दिन उन साधु को एक बात समझ में आ गयी कि अगर हर इंसान अपनी जिम्मेदारी निभाने लगे तो शायद दुनिया में दुःख नाम की कोई चीज़ ही ना बचे…..
अपनी जिम्मेदारी से बचिए मत, जिम्मेदार बनिये, पूरी तरह से अपनी जिम्मेदारी निभाइये
1)अगर एक नेता अपनी जिम्मेदारी निभाये तो देश में कभी भ्रष्टाचार नहीं होगा.
2)अगर एक शिक्षक अपनी जिम्मेदारी निभाये तो कोई बालक मंद बुद्धि नहीं बचेगा.
3)अगर एक छात्र अपनी जिम्मेदारी निभाये तो कोई इंसान बेरोजगारी से भूखा नहीं मरेगा.
4)अगर एक बेटा अपनी जिम्मेदारी निभाये तो किसी माँ बाप को असहाय नहीं होना पड़ेगा.
5)अगर एक पिता अपनी जिम्मेदारी निभाये तो कोई बालक गलत संगत में नहीं पड़ेगा.
6)अगर एक भाई अपनी जिम्मेदारी निभाये तो किसी बहन को समाज से डरना नहीं पड़ेगा.
7)अगर एक व्यापारी अपनी जिम्मेदारी निभाये तो बेईमानी का नामोनिशान नहीं बचेगा.
8)अगर हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी निभाये तो देश को जगतगुरु होने से कोई ना रोक सकेगा.
जिम्मेदारी लीजिये क्योंकि जिम्मेदार लोग ही अपने जीवन में सफल होते हैं
जिम्मेदारी लीजिये क्योंकि जिम्मेदारी ही आपको चुनौतियों से लड़ना सिखाती है
जिम्मेदारी लीजिये क्योंकि रिश्ते निभाने के लिए ये बहुत जरुरी है.
जिम्मेदारी लीजिये क्योंकि जिम्मेदार लोग मरने के बाद भी याद किये जाते हैं.
दोस्तों आप जो भी हैं, चाहे डॉक्टर हैं, छात्र हैं, शिक्षक हैं…अपने हर काम को जिम्मेदारी से कीजिये। अगर बोझ समझ कर करेंगे तो आप उस काम में कभी सफल नहीं हो पायेंगे। इसीलिए सफल होने के लिए आपका एक जिम्मेदार इंसान होना बेहद जरुरी है।

साभार।

🙏🚩🙏

Psychology
29/10/2022

Psychology

04/07/2021

*एक-एक भिंडी को प्यार से धोते पोंछते हुये काट रहे थे। अचानक एक भिंडी के ऊपरी हिस्से में छेद दिख गया, सोचा भिंडी खराब हो गई, फेंक दे.... लेकिन नहीं, ऊपर से थोड़ा काटा, कटे हुये हिस्से को फेंक दिया। फिर ध्यान से बची भिंडी को देखा, शायद कुछ और हिस्सा खराब था, थोड़ा और काटा और फेंक दिया । फिर तसल्ली की, बाक़ी भिंडी ठीक है कि नहीं... तसल्ली होने पर काट के सब्ज़ी बनाने के लिये रखी भिंडी में मिला दिया।*

*वाह क्या बात है...! पच्चीस पैसे की भिंडी को भी हम कितने ख्याल से, ध्यान से सुधारते हैं । प्यार से काटते हैं, जितना हिस्सा सड़ा है उतना ही काट के अलग करते हैं, बाक़ी अच्छे हिस्से को स्वीकार कर लेते हैं।*

*ये क़ाबिले तारीफ है...लेकिन अफसोस ! इंसानों के लिये कठोर हो जाते हैं, एक ग़लती दिखी नहीं कि उसके पूरे व्यक्तित्व को काट के फेंक देते हैं । उसके बरसों के अच्छे कार्यों को दरकिनार कर देते हैं। महज अपने ईगो को संतुष्ट करने के लिए उससे हर नाता तोड़ देते हैं।*

*क्या आदमी की कीमत पच्चीस पैसे की एक भिंडी से भी कम हो गई है...?*

*विचार अवश्य करें ।*
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

19/11/2019

*फाइनल हो गयी नई शिक्षानीति 2019*

अगले महीने होगी लागू

1.दोपहर के भोजन के अतिरिक्त बच्चो को अब
ब्रेकफास्ट भी मिलेगा ।
2.शिक्षा के अधिकार का विस्तार करके इसे 1-12वीं तक किया जाएगा.
3.देश भर में लगभग दस लाख शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जायगा
4.समेस्टर सिस्टम लागू होगा
5. 12वीं के बाद बीएड चार साल, बी ए के बाद दो साल एम ए के बाद एक वर्ष का होगा
6.बोर्ड परीक्षा का भय कम किया जाएगा
7.ऑनलाइन मूल्यांकन ,
8.टीचर नियुक्तियों में साक्षात्कार अवश्य लिया जायेगा
9.प्रमोशन में भी विभागीय परीक्षा
10.गांव में तैनात शिक्षकों के लिए विशेष भते
11.शिक्षकों के तबादले बहुत जरूरी होने पर ही होंगे
12.शिक्षकों के लिए विद्यालय के नजदीक आवास
13.पूरे देश मे समान पाठ्यक्रम
14.अध्यापकों के परिशिक्षण में जोर
15.व्यवसायिक शिक्षा पर बल
16.शिक्षक छात्र अनुपात 25-1;30-1
17.स्कूली स्तर पर आठवी के बाद विदेशी भाषा के कोर्स
18.निजी स्कूलों पर पहले से ज्यादा नियंत्रण
19.निजी स्कूल के नाम में (पब्लिक) शब्द का इस्तेमाल नही कर सकेंगे
20.अध्यापक पात्रता परीक्षा के बिना निजी स्कूलों में भी नियुक्त नही होंगे शिक्षक.
21. शिक्षा मित्र,पैरा टीचर,गेस्ट टीचरों की नियुक्ति नही होगी.
22.गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्ति
23.स्कूल प्रबन्धन समिति अब निजी स्कूलों में भी गठित की जाएगी
24.राष्ट्रीय शिक्षा आयोग की स्थापना
25.शिक्षा को अनिवार्य, ओर 100% साक्षरता दर हासिल करने का लक्ष्य.

सरकार का दावा
लक्ष्य बड़ा है तो कुछ मुसीबतें भी होंगी !!!

सब नियम सही है या गलत भी ,,
उपस्थिति दर्ज करवाएं !!!

नई शिक्षा नीति 2019 (NEP-2019) :

1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे।
2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें।
3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से।
4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल।
5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे।
6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी।
7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे।
8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।
9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर।
10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा।
11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा।
12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी।
13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे।
14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।
15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।
16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी।
17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा।
18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है।

01/08/2019

*पृथ्वी की ये 9 प्रकार की जानकारी आपको कहीं और न मिलेगा न कोई बताएगा:-* 👇🏻

*#########x 01 #########x*
*दो लिंग :* नर और नारी ।
*दो पक्ष :* शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।
*दो पूजा :* वैदिकी और तांत्रिकी (पुराणोक्त)।
*दो अयन :* उत्तरायन और दक्षिणायन।

*#########x 02 #########x*
*तीन देव :* ब्रह्मा, विष्णु, शंकर।
*तीन देवियाँ :* महा सरस्वती, महा लक्ष्मी, महा गौरी।
*तीन लोक :* पृथ्वी, आकाश, पाताल।
*तीन गुण :* सत्वगुण, रजोगुण, तमोगुण।
*तीन स्थिति :* ठोस, द्रव, वायु।
*तीन स्तर :* प्रारंभ, मध्य, अंत।
*तीन पड़ाव :* बचपन, जवानी, बुढ़ापा।
*तीन रचनाएँ :* देव, दानव, मानव।
*तीन अवस्था :* जागृत, मृत, बेहोशी।
*तीन काल :* भूत, भविष्य, वर्तमान।
*तीन नाड़ी :* इडा, पिंगला, सुषुम्ना।
*तीन संध्या :* प्रात:, मध्याह्न, सायं।
*तीन शक्ति :* इच्छाशक्ति, ज्ञानशक्ति, क्रियाशक्ति।

*#########x 03 #########x*
*चार धाम :* बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, रामेश्वरम्, द्वारका।
*चार मुनि :* सनत, सनातन, सनंद, सनत कुमार।
*चार वर्ण :* ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र।
*चार निति :* साम, दाम, दंड, भेद।
*चार वेद :* सामवेद, ॠग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद।
*चार स्त्री :* माता, पत्नी, बहन, पुत्री।
*चार युग :* सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर युग, कलयुग।
*चार समय :* सुबह, शाम, दिन, रात।
*चार अप्सरा :* उर्वशी, रंभा, मेनका, तिलोत्तमा।
*चार गुरु :* माता, पिता, शिक्षक, आध्यात्मिक गुरु।
*चार प्राणी :* जलचर, थलचर, नभचर, उभयचर।
*चार जीव :* अण्डज, पिंडज, स्वेदज, उद्भिज।
*चार वाणी :* ओम्कार्, अकार्, उकार, मकार्।
*चार आश्रम :* ब्रह्मचर्य, ग्राहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
*चार भोज्य :* खाद्य, पेय, लेह्य, चोष्य।
*चार पुरुषार्थ :* धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष।
*चार वाद्य :* तत्, सुषिर, अवनद्व, घन।

*#########x 04 #########x*
*पाँच तत्व :* पृथ्वी, आकाश, अग्नि, जल, वायु।
*पाँच देवता :* गणेश, दुर्गा, विष्णु, शंकर, सुर्य।
*पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ :* आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा।
*पाँच कर्म :* रस, रुप, गंध, स्पर्श, ध्वनि।
*पाँच उंगलियां :* अँगूठा, तर्जनी, मध्यमा, अनामिका, कनिष्ठा।
*पाँच पूजा उपचार :* गंध, पुष्प, धुप, दीप, नैवेद्य।
*पाँच अमृत :* दूध, दही, घी, शहद, शक्कर।
*पाँच प्रेत :* भूत, पिशाच, वैताल, कुष्मांड, ब्रह्मराक्षस।
*पाँच स्वाद :* मीठा, चर्खा, खट्टा, खारा, कड़वा।
*पाँच वायु :* प्राण, अपान, व्यान, उदान, समान।
*पाँच इन्द्रियाँ :* आँख, नाक, कान, जीभ, त्वचा, मन।
*पाँच वटवृक्ष :* सिद्धवट (उज्जैन), अक्षयवट (Prayagraj), बोधिवट (बोधगया), वंशीवट (वृंदावन), साक्षीवट (गया)।
*पाँच पत्ते :* आम, पीपल, बरगद, गुलर, अशोक।
*पाँच कन्या :* अहिल्या, तारा, मंदोदरी, कुंती, द्रौपदी।

*#########x 05 #########x*
*छ: ॠतु :* शीत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, बसंत, शिशिर।
*छ: ज्ञान के अंग :* शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द, ज्योतिष।
*छ: कर्म :* देवपूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान।
*छ: दोष :* काम, क्रोध, मद (घमंड), लोभ (लालच), मोह, आलस्य।

*#########x 06 #########x*
*सात छंद :* गायत्री, उष्णिक, अनुष्टुप, वृहती, पंक्ति, त्रिष्टुप, जगती।
सात स्वर : सा, रे, ग, म, प, ध, नि।
*सात सुर :* षडज्, ॠषभ्, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, निषाद।
*सात चक्र :* सहस्त्रार, आज्ञा, विशुद्ध, अनाहत, मणिपुर, स्वाधिष्ठान, मुलाधार।
*सात वार :* रवि, सोम, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि।
*सात मिट्टी :* गौशाला, घुड़साल, हाथीसाल, राजद्वार, बाम्बी की मिट्टी, नदी संगम, तालाब।
*सात महाद्वीप :* जम्बुद्वीप (एशिया), प्लक्षद्वीप, शाल्मलीद्वीप, कुशद्वीप, क्रौंचद्वीप, शाकद्वीप, पुष्करद्वीप।
*सात ॠषि :* वशिष्ठ, विश्वामित्र, कण्व, भारद्वाज, अत्रि, वामदेव, शौनक।
*सात ॠषि :* वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, भारद्वाज।
*सात धातु (शारीरिक) :* रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा, वीर्य।
*सात रंग :* बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल।
*सात पाताल :* अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल, पाताल।
*सात पुरी :* मथुरा, हरिद्वार, काशी, अयोध्या, उज्जैन, द्वारका, काञ्ची।
*सात धान्य :* उड़द, गेहूँ, चना, चांवल, जौ, मूँग, बाजरा।

*#########x 07 #########x*
*आठ मातृका :* ब्राह्मी, वैष्णवी, माहेश्वरी, कौमारी, ऐन्द्री, वाराही, नारसिंही, चामुंडा।
*आठ लक्ष्मी :* आदिलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी।
*आठ वसु :* अप (अह:/अयज), ध्रुव, सोम, धर, अनिल, अनल, प्रत्युष, प्रभास।
*आठ सिद्धि :* अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व।
*आठ धातु :* सोना, चांदी, ताम्बा, सीसा जस्ता, टिन, लोहा, पारा।

*#########x 08 #########x*
*नवदुर्गा :* शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा, कुष्मांडा, स्कन्दमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
*नवग्रह :* सुर्य, चन्द्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु, केतु।
*नवरत्न :* हीरा, पन्ना, मोती, माणिक, मूंगा, पुखराज, नीलम, गोमेद, लहसुनिया।
*नवनिधि :* पद्मनिधि, महापद्मनिधि, नीलनिधि, मुकुंदनिधि, नंदनिधि, मकरनिधि, कच्छपनिधि, शंखनिधि, खर्व/मिश्र निधि।

*#########x 09 #########x*
*दस महाविद्या :* काली, तारा, षोडशी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्तिका, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला।
*दस दिशाएँ :* पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, आग्नेय, नैॠत्य, वायव्य, ईशान, ऊपर, नीचे।
*दस दिक्पाल :* इन्द्र, अग्नि, यमराज, नैॠिति, वरुण, वायुदेव, कुबेर, ईशान, ब्रह्मा, अनंत।
*दस अवतार (विष्णुजी) :* मत्स्य, कच्छप, वाराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध, कल्कि।
*दस सति :* सावित्री, अनुसुइया, मंदोदरी, तुलसी, द्रौपदी, गांधारी, सीता, दमयन्ती, सुलक्षणा, अरुंधती। 🕉🙏✡

27/06/2019

एक युवती बगीचे में बहुत गुस्से में बैठी थी, पास ही एक बुजुर्ग बैठे थे उन्होने उस परेशान युवती से पूछा क्या हुआ बेटी? क्यूं इतना परेशान हो युवती ने गुस्से में अपने पति की गल्तीयों के बारे में बताया, बुजुर्ग ने मंद मंद मुस्कराते हुए युवती से पूछा बेटी क्या तुम बता सकती हो तुम्हारे घर का नौकर कौन है? युवती ने हैरानी से पूछा क्या मतलब? बुजुर्ग ने कहा- तुम्हारे घर की सारी जरूरतों का ध्यान रख कर उनको पूरा कौन करता है ?
युवती - मेरे पति
बुजुर्ग ने पूछा :- तुम्हारे खाने पीने की और पहनने ओढ़ने की जरूरतों को कौन पूरा करता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग :- तुम्हें और बच्चों को किसी बात की कमी ना हो और तुम सबका भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए हमेशा चिंतित कौन रहता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग ने फिर पूछा- सुबह से शाम तक कुछ रुपयों के लिए बाहर वालों की और अपने अधिकारियों की खरी खोटी हमेशा कौन सुनता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग :- परेशानी ऒर गम में कॊन साथ देता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग :- तुम लोगोँ के अच्छे जीवन और रहन सहन के लिए दूरदराज जाकर, सारे सगे संबंधियों को यहां तक अपने माँ बाप को भी छोड़कर जंगलों में भी नौकरी करने को कौन तैयार होता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग :- घर के गैस,बिजली, पानी, मकान, मरम्मत एवं रखरखाव, सुख सुविधाओं, दवाईयों, किराना, मनोरंजन भविष्य के लिए बचत, बैंक, बीमा, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पास पड़ोस, ऑफिस और ऐसी ही ना जाने कितनी सारी जिम्मेदारियों को एक साथ लेकर कौन चलता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग :- बीमारी में तुम्हारा ध्यान ऒर सेवा कॊन करता है ?
युवती :- मेरे पति
बुजुर्ग बोले :- एक बात ऒर बताओ तुम्हारे पति इतना काम ऒर सबका ध्यान रखते है क्या कभी उसने तुमसे इस बात के पैसे लिए ?
युवती :- कभी नहीं
इस बात पर बुजुर्ग बोले कि पति की एक कमी तुम्हें नजर आ गई मगर उसकी इतनी सारी खुबियां तुम्हें कभी नजर नही आई ?
आखिर पत्नी के लिए पति क्यों जरूरी है ?
मानो न मानो जब तुम दुःखी हो तो वो तुम्हे कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। वो अपने दुःख अपने ही मन में रखता है लेकिन तुम्हें नहीं बताता ताकि तुम दुखी ना हो। हर वक्त, हर दिन तुम्हे कुछ अच्छी बातें सिखाने की कोशिश करता रहता है ताकि वो कुछ समय शान्ति के साथ घर पर व्यतीत कर सके और दिन भर की परेशानियों को भूला सके।
हर छोटी छोटी बात पर तुमसे झगड़ा तो कर सकता है, तुम्हें दो बातें बोल भी लेगा परंतु किसी और को तुम्हारे लिए कभी कुछ नहीं बोलने देगा।
तुम्हें आर्थिक मजबूती देगा और तुम्हारा भविष्य भी सुरक्षित करेगा।
कुछ भी अच्छा ना हो फिर भी तुम्हें यही कहेगा- चिन्ता मत करो, सब ठीक हो जाएगा।।
माँ बाप के बाद तुम्हारा पूरा ध्यान रखना और तुम्हे हर प्रकार की सुविधा और सुरक्षा देने का काम करेगा।
तुम्हें समय का पाबंद बनाएगा।
तुम्हे चिंता ना हो इसलिए दिन भर परेशानियों में घिरे होने पर भी तुम्हारे 15 बार फ़ोन करने पर भी सुनेगा और हर समस्या का समाधान करेगा।
चूंकि पति ईश्वर का दिया एक स्पेशल उपहार है, इसलिए उसकी उपयोगिता जानो और उसकी देखभाल करो।
👸 ये मैसेज हर विवाहित स्त्री के लिए

26/05/2019

🙏🏻🙏🏻बहुत सुंदर मेसेज🙏🏻🙏🏻

*जीवन मे दुःखो के लिए कौन जिम्मेदार है ?*

*👉🏻ना भगवान,*
*👉🏻ना गृह-नक्षत्र,*
*👉🏻ना भाग्य,*
*👉🏻ना रिश्तेदार,*
*👉🏻ना पडोसी,*
*👉🏻ना सरकार,*

*जिम्मेदार आप स्वयं है*

*1) आपका सरदर्द, फालतू विचार का परिणाम*

*2) पेट दर्द, गलत खाने का परिणाम*

*3) आपका कर्ज, जरूरत से ज्यादा खर्चे का परिणाम*

*4) आपका दुर्बल /मोटा /बीमार शरीर, गलत जीवन शैली का परिणाम*

*5) आपके कोर्ट केस, आप के अहंकार का परिणाम*

*6) आपके फालतू विवाद, ज्यादा व् व्यर्थ बोलने का परिणाम*

*उपरोक्त कारणों के अलावा सैकड़ों कारण है जिनके कारण हम जीवन मे तकलीफ उठाते रहते है और बेवजह दोषारोपण दूसरों पर करते रहते है,*

*मेरा अस्वस्थ होना किसी प्राकृतिक नियम की अवहेलना मात्र है,*

*इसमें ईश्वर दोषी नहीं है*

*अगर हम इन कष्टों के कारणों पर बारिकी से विचार करें तो पाएंगे की कहीं न कहीं हमारी मूर्खताएं ही इनके पीछे है*

*● प्रकृति का नियम, कर्म का प्रतिकर्म, एक्शन का रिएक्शन, याद रखे दिमाग़ 95% व्यर्थ की बातें सोचता है, जो किसी काम की नहीं होती, सिर्फ भय उत्पन्न करती है*

*सलाह, शांत चित्त हो कर, बुद्धि,विवेक से निर्णय लें, परिणाम अच्छा ही होगा !!*

For ctet
28/11/2018

For ctet

28/11/2018

Education Hub

Tuesday, October 2, 2018
Top 80 Questions related to Child Psychology in Hindi || बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त कौन सा है || CTET 2018
Top 80 Questions related to Child Psychology || CTET 2018
Top 80 Questions related to Child Psychology in Hindi || बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त कौन सा है || CTET 2018
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प्रश्‍न 1 – बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त कौन सा है।
उत्‍तर – बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त एक कारक सिद्धान्‍त है।

प्रश्‍न 2 – बुद्धि का द्विकारक सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन ने दिया।

प्रश्‍न 3 – स्‍पीयर मैन कहॉं के निवासी थे।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन फ्रांस के निवासी थे।

प्रश्‍न 4 – स्‍पीयर मैन पहले किस विषय के प्रोफेसर थे।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन पहले संख्‍यकी विषय के प्रोफेसर थे बाद में मनोविज्ञान के प्रोफेसर बने।

प्रश्‍न 5 – स्‍पीयर मैन ने बुद्धि का सम्‍बन्‍ध किस से बताया है।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन ने बुद्धि का सम्‍बन्‍ध चिन्‍तन से बताया है।

प्रश्‍न 6 – पियाजे के अनुसार निम्‍नलिखित में से कौन सी अवस्‍था है जिसमें बच्‍चा अमूर्त संकल्‍पनाओं के विषय में तार्किक चिंतन करना आरंभ करता है।
उत्‍तर – औपचारिक संक्रियात्‍मक अवस्‍था

प्रश्‍न 7 – बच्‍चों में बौद्धिक विकास की चार विशिष्‍ट अवस्‍थाओं की पहचान की गई।
उत्‍तर – पियाजे द्वारा

प्रश्‍न 8 – ‘’विकास कभी न समाप्‍त होने वाली प्रक्रिया है’’ यह विचार किससे संबंधित है।
उत्‍तर – निरन्‍तरता का सिद्धांत

प्रश्‍न 9 – वह अवस्‍था जब बच्‍चा तार्किक रूप से वस्‍तुओं व घटनाओं के विषय में चिंतन प्रारंभ करता है।
उत्‍तर – मूर्त संक्रियात्‍मक अवस्‍था

प्रश्‍न 10 – किस अवस्‍था मे बच्‍चे अपने समवयस्‍क समूह के सक्रिय सदस्‍य हो जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 11 – बच्‍चे के संज्ञानात्‍मक विकास को सबसे अच्‍छे तरीके से कहॉ परिभाषित किया जा सकता है।
उत्‍तर – विद्यालय एवं कक्षा में

प्रश्‍न 12 – पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्‍व नही है।
उत्‍तर – सामाजिक संचरण

प्रश्‍न 13 – बालकों की सोच अमूर्तता की अपेक्षा मूर्त अनुभवों एवं प्रत्‍ययों से होती है। यह अवस्‍था है।
उत्‍तर – 7 से 12 वर्ष तक

प्रश्‍न 14 – संवेदी पेशीय अवस्‍था होती है।
उत्‍तर – 0 - 2 वर्ष तक

प्रश्‍न 15 – एक 13 वर्षीय बालक बात-बात में अपने बड़ों से झगड़ा करने लगता है और हमेशा स्‍वयं को सही साबित करने की कोशिश करता है वह विकास की कौन सी अवस्‍था है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 16 – ‘खिलौनों की आयु कहा जाता है।‘
उत्‍तर – पूर्व बाल्‍यावस्‍था को

प्रश्‍न 17 – उत्‍तर बाल्‍यावस्‍था में बालक भौतिक वस्‍तुओं के किस आवश्‍यक तत्‍व में परिवर्तन समझने लगता है।
उत्‍तर – द्रव्‍यमान, संख्‍या और क्षेत्र

प्रश्‍न 18 – दूसरे वर्ष के अंत तक शिशु का शब्‍द भंडार हो जाता है।
उत्‍तर – 100 शब्‍द

प्रश्‍न 19 – शर्म तथा गर्व जैसी भावना का विकास किस अवस्‍था में होता है।
उत्‍तर – बाल्‍यावस्‍था

प्रश्‍न 20 – मैक्‍डूगल के अनुसार मूल प्रवृति ‘जिज्ञासा’ का संबंध कौन संवेग से है।
उत्‍तर – आश्चर्य

प्रश्‍न 21 – शैशवावस्‍था की मुख्‍य विशेषता नही है।
उत्‍तर – चिन्‍तन प्रक्रिया

प्रश्‍न 22 – किसी विद्यार्थी कह सबसे महत्‍वपूर्ण विशेषता है।
उत्‍तर – आज्ञाकारिता

प्रश्‍न 23 – मानवीय मूल्‍यों, जो प्रकृति में सार्वत्रिक हैं, के विकास का अर्थ है-
उत्‍तर – अभिव्‍यक्ति

प्रश्‍न 24 – किस स्‍तर के बच्‍चे अपने समकक्षी वर्ग के सक्रिय सदस्‍य बन जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 25 – विकास शुरू होता है।
उत्‍तर – प्रसवपूर्ण अवस्‍था से

प्रश्‍न 26 – बहुविध बुद्धि सिद्धांत के अनुसार सभी प्रकार के पशुओं, खनिजों और पेड़-पौधों को पहचाने और वर्गीकृत करने की योग्‍यता .................. कहलाती है।
उत्‍तर – संज्ञानात्‍मक गतिविधि

प्रश्‍न 27 –पियाजे के अधिगम के संज्ञानात्‍मक सिद्धांत के अनुसार, वह प्रक्रिया जिसके द्वारा संज्ञानात्‍मक संरचना को संशोधित किया जाता है ................. कहलाती है।
उत्‍तर – समावेशन

प्रश्‍न 28 – कोहलबर्ग के अनुसार सही और गलत प्रश्‍नों के बारे में निर्णय लेने में शामिल चिंतन प्रक्रिया को कहा जाता है।
उत्‍तर – नैतिक तर्कणा

प्रश्‍न 29 – एक व्‍यक्ति अपने समकक्ष व्‍यक्तियों के समूह के प्रति आक्रामक व्‍यवहार करता है और विद्यालय के मानदंडों को नही मानता। इस विद्यार्थी को ..................... में सहायता की आवश्‍यकता है।
उत्‍तर – भावात्‍मक क्षेत्र

प्रश्‍न 30 – शिक्षक को यह सलाह दी जाती है कि वे उपने शिक्षार्थियों को सामूहिक गतिविधियों में शामिल करें, क्‍योंकि सीखने को सुगम बनाने के अतिरिक्‍त, ये.................... में भी सहायता करती है।
उत्‍तर – समाजीकरण

प्रश्‍न 31 – ब्रूनर किस समप्रदाय के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानवादी

प्रश्‍न 32 – कौन सा सिद्धान्‍त जीव विधि के हर क्ष्‍ोत्र पर बल देता है।
उत्‍तर – क्षेत्रीय सिद्धान्‍त

प्रश्‍न 33 – गेस्‍टाल्‍ट का अर्थ क्‍या है।
उत्‍तर – सम्‍पूर्ण या समग्र

प्रश्‍न 34 – प्रतिस्‍थापन का सिद्धान्‍त किस वैज्ञानिक ने दिया।
उत्‍तर – गुथरी ने

प्रश्‍न 35 – स्‍वसिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – कार्ल रोजर ने

प्रश्‍न 36 –आवश्‍यकता का पद सोपान सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – आब्राहिम मौसले ने

प्रश्‍न 37 – अधिगम का अर्थ क्‍या है ।
उत्‍तर – सीखन

प्रश्‍न 38 – अधिगम से क्‍या तात्‍पर्य है।
उत्‍तर –मानव व्‍यवहार में होने वाला स्‍थाई परिवर्तन अधिगम कहलाता है।

प्रश्‍न 39 – अधिगम पूर्ण कब होगा।
उत्‍तर – मानव व्‍यवहार में स्‍थाई परिवर्तन हो जाये।

प्रश्‍न 40 – संज्ञान किसे कहते है।
उत्‍तर – किसी ज्ञान को ग्रहण करना ही संज्ञान कहलाता है।

प्रश्‍न 41 – व्‍यवहारवादी मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – वाटसन ।

प्रश्‍न 42 – मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – सिंगमड फ्रायड

प्रश्‍न 43 – मनोविशलेषणात्‍मक मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – सिंगमड फ्रायड

मनोविज्ञान के जनक = विल्हेम वुण्ट
आधुनिक मनोविज्ञान के जनक = विलियम जेम्स
शिक्षा मनोविज्ञान के जनक = थार्नडाइक
प्रयोगात्मक मनोविज्ञान के जनक =विल्हेम वुण्ट-1879 में लिपजिग जर्मनी में पहली प्रयोगशाला

प्रश्‍न 44 – अंधो की लिपि के जनक कौन है
उत्‍तर – लुई ब्रेल

प्रश्‍न 45 – L . K . G व U . K . G पद्धति के जनक कौन है।
उत्‍तर – फ्रोबेल

प्रश्‍न 46 – नर्सरी पद्धति के जनक कौन है।
उत्‍तर – मारिया मान्‍टेसरी

प्रश्‍न 47 – भूल एवं प्रयत्‍न सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – थॉर्नडाइक ने

प्रश्‍न 48 - अनुकूलित अनुक्रिया या क्‍लासिकी अुनबन्‍ध सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – पैवलॉव ने

प्रश्‍न 49 – क्रिया प्रसूत अनुबन्‍ध सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – स्किनर ने

प्रश्‍न 50 – जीनप्‍याजे किस विचारधारा के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानात्‍मक

प्रश्‍न 51 – जीनप्‍याजे किस देश के निवासी थे।
उत्‍तर – स्विट्जरलैण्‍ड के

प्रश्‍न 52 – जीनप्‍याजे ने अपने प्रयोग किस-किस पर किये।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे ने अपने प्रयोग अपनी दो पुत्री व एक पुत्र पर किये ।

प्रश्‍न 53 – वह कौन मनोवैज्ञानिक है जो पहले जीवविज्ञान के प्रोफेसर थे बाद मे मनोविज्ञान के प्रोफेसर बने ।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे

प्रश्‍न 54 – स्‍कीमा सिद्धान्‍त के जनक कौन है।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे

प्रश्‍न 55 – कोहलर किस समप्रदाय के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानवादी

प्रश्‍न 56 – कोहलबर्ग का विकास सिद्धांत किससे संबंधित है।
उत्‍तर – नैतिक विकास

प्रश्‍न 57 – ................ के अतिरिक्‍त बुद्धि के निम्‍नलिखित पक्षों को स्‍टर्नबर्ग के त्रितंत्र सिद्धांत में संबोधित किया गया है।
उत्‍तर – सामाजिक

प्रश्‍न 58 – थ, फ, च ध्‍वनियॉं है।
उत्‍तर – स्‍वनिम

प्रश्‍न 59 – बालकों की सोच अमूर्तता की अपेक्षा मूर्त अनुभवों एवं प्रत्‍ययों से होती है। यह अवस्‍था है-
उत्‍तर – 7 से 12 वर्ष तक

प्रश्‍न 60 – मानव विकास किन दोनों योगदान का परिणाम है।
उत्‍तर – वंशानुक्रम एवं वातावरण का

प्रश्‍न 61 – निम्‍न में से कौन पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्‍व नही है।
उत्‍तर – सामाजिक संचरण

प्रश्‍न 62 – समस्‍या के अर्थ को जानने की योग्‍यता, वातावरण के दोषों, कमियों एवं रिक्तियों के प्रति सजगता वि‍शेषता है।
उत्‍तर – सृजनशील बालकों की

प्रश्‍न 63 – एक क्रिकेट खिलाड़ी अपनी गेंदबाजी के कौशल को विकसित कर लेता है, पर यह उसके बल्‍लेबाली के कौशल को प्रभावित नही करता। इसे कहते है-
उत्‍तर – शून्‍य प्रशिक्षण अंतरण

प्रश्‍न 64 – गिलफोर्ड ने ‘अभिसारी चिंतन’ पद का प्रयोग किसके समान अर्थ में किया जाता है।
उत्‍तर – सृजनात्‍मकता

प्रश्‍न 65 – व्‍यक्ति एवं बुद्धि में वंशानुक्रम की -
उत्‍तर – नाममात्र की भूमिका है।

प्रश्‍न 66 – जिन इच्‍छाओं की पूर्ति नही होती, उनमें से भंडारगृह किसका है।
उत्‍तर – इदम्

प्रश्‍न 67 – बालक के सामाजिक विकास में सबसे महत्‍वपूर्ण कारक कौन सा है।
उत्‍तर – वातावरण

प्रश्‍न 68 – लड़कियों में बाह्य परिवर्तन किस अवस्‍था में होने लगता है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न69 – भाषा विकास के क्रम में अंतिम क्रम है-
उत्‍तर – भाषा विकास की पूर्णावस्‍था

प्रश्‍न 70 – विकासात्‍मक बालमनोविज्ञान का जनक किसे माना गया है।
उत्‍तर – जीन पियाजे को

प्रश्‍न 71 – संवेगात्मक स्थिरता का लक्षण है-
उत्‍तर – समायोजित

प्रश्‍न 72 – संवेग शब्‍द का शाब्दिक अर्थ है-
उत्‍तर – उत्‍तेजना या भावों में उथल पुथल

प्रश्‍न 73 – लैमार्क ने अध्‍ययन किया था -
उत्‍तर – वंशानुक्रम का

प्रश्‍न 74 – बालक के सामाजिकरण का प्रथम घटक है।
उत्‍तर – परिवार

प्रश्‍न 75 – प्राकृतिक चयन के सिद्धांत का संबंध है।
उत्‍तर – डार्विन से

प्रश्‍न 76 – अब शिक्षा हो गई है।
उत्‍तर – बाल केन्द्रित

प्रश्‍न 77 – पैतृक गुणों के हस्‍तांतरण के सिद्धांतों को स्‍पष्‍ट किया था।
उत्‍तर – मैण्‍डल ने

प्रश्‍न 78 – ‘बालक की अभिबृद्धि जैवकीय नियमों के अनुसार होती है’ यह कथन है-
उत्‍तर – क्रोगमैन का

प्रश्‍न 79 – बालविकास का अर्थ है।
उत्‍तर – बालक का गुणात्‍मक परिमाणात्‍मक परिवर्तन

प्रश्‍न 80 – अधिगम का पुनरावृत्ति का सिद्धांत दिया है।
उत्‍तर – पैट्रिक पावल

21/09/2018

बादशाह सलामत का मूड आज बोहत अच्छा था उसने वजीर की तरफ मुड़कर देखा और कहा “बताओ तुम्हारी क्या ख्वाहिश है? आज वो पूरी कर दी जायेगी” वज़ीर ने कहा “मैं हमेशा आपकी सल्तनत को देखकर ये सोचता था काश इसका कुछ हिस्सा मेरा होता तो मैं दुनिया का कितना खुश नसीब इंसान होता” बादशाह ने कहा “मेरी सल्तनत का आधा हिस्सा मिल जाए तो चलेगा?” वज़ीर ने हैरत से कहा “ बादशाह सलामत मैं इतना खुश नसीब कैसे होसकता हूँ?” बादशाह ने सेक्रेटरी को बुलाया और दो फरमान लिखने का हुक्म दिया। पहले हुकुम में अपनी आधी सल्तनत वज़ीर के हवाले करने का फरमान जारी किया और दुसरे हुक्म में बादशाह ने वज़ीर का सर कलम करने का आर्डर दिया फिर वज़ीर की आँखों में आँखें डालकर बोला “तुम्हारे पास 30 दिन है, तुमने इस तीस दिनों में तीन सवालों के जवाब तलाश करने है अगर तुम कामयाब हुवे तो मेरा दूसरा हुकुम मनसुख होजायेगा और नाकाम हुवे तो पहला मनसुख होजायेगा” वज़ीर की हैरत परेशानी में बदल गयी, बादशाह ने आगे कहा “मेरे तीन सवालात लिख लो..

पहला सवाल “इंसान की ज़िन्दगी की सबसे बड़ी सच्चाई क्या है?”
दुसरा सवाल “इंसान की ज़िन्दगी का सबसे बड़ा धोका क्या है?”
तीसरा सवाल “इंसान के ज़िन्दगी की सबसे बड़ी कमज़ोरी क्या है?”

बादशाह ने इसके बाद नक्कारे पर चोट लगवाई और बा आवाज़ बुलंद कहा “तुम्हारा वक़्त शुरू होता है अब”

वज़ीर ने दोनों परवाने उठाये और दरबार से दौड़ लगाई। उसने इसी शाम अपने इलाके के सारे दानिश्वर,अक़लमंद लोगों को जमा किया और उनके सामने ये सवालात रख्खे। सब लोग मिलकर सारी रात बहेस करते रहे लेकिन वो पहले ही सवाल का जवाब तलाश करने में नाकाम रहे। वज़ीर ने दुसरे दिन दानिश्वर बढ़ा दिए लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। वो आनेवाले दिनों में लोगों की तादाद बढाता रहा लेकिन उसे कोई तसल्ली बख्श जवाब हासिल नहीं हुआ यहाँ तक के वो हुकुमत के दायरे से बाहर निकल गया और पुरे मुल्क के दानिश्वर के पास जाकर सवालात के जवाब पूछता रहा और नाकाम होता रहा। वो मारा मारा फिरता रहा, शाही लिबास फट गया बेहाल होकर देखते देखते 30 दिन पुरे होने में आख़री दिन ही बचा। अब वज़ीर को यकीन होगया ये उसके ज़िन्दगी का आख़री दिन है। वो मायूसी के आलम में एक कच्ची आबादी में पहुँच गया वहां उसे एक फ़क़ीर की झोंपड़ी दिखाई दी, वो गिरता पड़ता उसके अन्दर दाख़िल हुआ जहाँ एक फ़क़ीर सुखी रोटियां पानी में भिगोकर खा रहा था। साथ ही दूध का प्याला पडा था और करीब फ़क़ीर का कुत्ता बैठा था। फ़क़ीर ने कहकहा लगाया और वज़ीर की तरफ देखकर बोला जनाबे आली आप सही जगह पहुँच गए हैं, आपके तीनों सवालों के जवाब मेरे पास मौजूद है वज़ीर ने हैरत से उसकी तरफ देखकर पूछा “आपने कैसे अंदाज़ा लगा लिया के मैं कौन हूँ और मेरा मसअला क्या है?” फ़क़ीर ने कहा “जनाबे आली मैं भी इस सल्तनत का वज़ीर हुआ करता था, मैंने भी बादशाह से आपकी तरह शर्त लगाने की ग़लती कर दी थी, नतीजा आप खुद देख लीजिये” फ़क़ीर ने इसके बाद रोटी का सुखा टुकडा उठाया और पानी में डुबोकर दोबारा खाने लगा। वज़ीर ने दुखी दिल से पूछा क्या आप भी जवाब तलाश नहीं कर सके थे?” फ़क़ीर ने जवाब दिया “मेरा मामला आपसे बेहद मुख्तलिफ था, मैंने जवाब ढूंडकर बादशाह को बता दिए थे, मुझे आधी सल्तनत मिल चुकी थी, लेकिन मैंने सल्तनत का परवाना फाड़ा, बादशाह को सलाम किया और इस कुटिया में आकर रहने लगा और आज मैं, मेरा कुता मुतमईन ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं” ये सुनकर वज़ीर की हैरत और ज्यादा बढ़ गयी लेकिन ज्यादा तफसील जानने का वक़्त उसके पास नहीं था चुनांचा वज़ीर ने फर्यादी बनकर फ़क़ीर से पूछा “क्या आप मुझको सवालों के जवाब बता सकते हैं?” फ़क़ीर ने गर्दन हिला दी और कहा के मैं पहले दो सवालों का जवाब मुफ्त में दूंगा लेकिन तीसरे सवाल केलिए तुम्हे क़ीमत अदा करनी पड़ेगी।वज़ीर के पास शर्त मानने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था। फ़क़ीर ने कहा पहले सवाल का जवाब ये है के दुनिया की सबसे बड़ी सच्चाई मौत है, इंसान कोई भी हो,कुछ भी हो वो इससे नहीं बच सकता। दुसरे सवाल का जवाब इंसान की ज़िन्दगी का सबसे बड़ा धोका “ज़िन्दगी” है हम में से हर कोई इसे हमेशा की और दायिमी समझकर इसके धोके में पड़ा रहता है। वज़ीर ने दोनों सवालों के जवाब सुने और बुहत खुश हुआ और उसने तीसरे सवाल का जवाब तलब किया। फ़क़ीर ने कहकहा लगाया और कुत्ते के सामने से दूध का प्याला उठाया और वज़ीर के हाथ में देकर कहा “मैं आपको तीसरे सवाल का जवाब उस वक़्त तक नहीं दूंगा जबतक आप ये दूध नहीं पीते। वज़ीर के माथे पर पसीना आगया और उसने नफरत से उसे ज़मीन पर रख दिया। वो किसी क़ीमत पर भी कुत्ते का झूठा दूध नहीं पीना चाहता था। फ़क़ीर ने कहा ठीक है तुम्हारे पास दो ही रास्ते है या तो तुम इनकार कर दो और जल्लाद के हाथों अपना सर काट दो या फिर जवाब मालुम करके अपनी जान बचा कर आधी सल्तनत के मालिक बन जाओ, फैसला बहेरहाल तुमको करना है। वज़ीर केलिए एक तरफ ज़िन्दगी और आधी सल्तनत थी और दूसरी तरफ कुत्ते का झूठा दूध..वो सोचता रहा यहाँ तक के जानो माल जीत गया और इज्ज़ते नफस हार गया वज़ीर ने प्याला उठाया और एक ही सांस में पूरा दूध पि लिया फ़क़ीर ने हँसते हुवे कहा के मेरे बच्चे इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी ग़र्ज़ होती है। ये इसे कुत्ते का झूठा दूध तक पीने पर मजबूर कर देती है और ये वो सच है जिसने मुझे सल्तनत का परवाना फाड़कर इस कुटिया मने भेजने पर मजबूर कर दिया था मैं जान गया था मैं जूं जूं ज़िन्दगी के धोके में आऊंगा मौत को फरामोश करता चला जाऊँगा और मैं मौत को जितना फरामोश करता रहूँगा, ग़र्ज़ की दलदल में फंसता चला जाऊँगा और मुझे रोज़ इस दलदल में सांस लेने केलिए गर्ज़ का ग़लीज़ दूध पीना पड़ेगा लिहाज़ा मेरा मशवरा है इन तीन हक़ीक़तो को जान लों तुम्हारी ज़िन्दगी अच्छी गुज़रेगी।

वज़ीर शर्मिंदगी और खुद तरसी का तोहफा लेकर फ़क़ीर की कुटिया से निकला और महेल की तरफ चल पड़ा और जैसे ही महेल के दरवाज़े तक पहुंचा उसके अन्दर अह्सासे शर्मिंदगी बढती चली गयी और वो घोड़े से गिरा और वही उसकी जान इस दारे फानी से कुच कर गयी।

आज हम अपने नफ्स के गुलामी में इस क़द्र डूब चुके हैं के मौत को भूल चुके हैं और ऐसे काम कर रहे जो अख्लाकियात से मेल नहीं खाते। हम अपने इज्ज़ते नफस की परवाह किये बगैर नाजयिज़ तरीक़े से दौलत कमाने के पीछे पड़े हैं। इसमें कोई शक नहीं के दौलत वक़्त की ज़रूरत है लेकिन इसमें ख़ुसूसी तौर पर जायज़ और नाजायज़ का ख्याल रखना चाहिए क्यूंकि इंसान दौलत की हवस में पड़ जाए तो कुत्ते का झूठा दूध भी पीना पड़ जाता है।

19/09/2018

कैसे मुक्ति मिले कर्जो से?
आजमाइए ये आसान ढेर सारे उपायों में कोई एक।टॉपम टॉप न्यूज़ की विशेष पेशकश।
हमारे शास्त्रों में कहा गया है की व्यक्ति को यथासंभव कर्जा लेने से बचना चाहिए।कई बार गलत समय पर कर्ज लेने के कारण या किसी भी अन्य कारण से कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी हो जाता है।वह लाख चाहकर भी कर्ज समय पर नहीं चुका पाता है।उस पर कर्ज लगातार बहुत अधिक बढ़ता़ ही जाता है।और कई बार तो उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते समाप्त हो जाती है। यहाँ पर हम शास्त्रों और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कर्ज लेने व देने संबंधी कुछ आसान से उपाय बता रहे है। इन पर अमल करने पर निश्चित ही आपका कर्ज, बिलकुल समय से सुविधानुसार आपके सिर से उतर जाएगा।

(1)पूर्णिमा व मंगलवार के दिन उधार दें और बुधवार को कर्ज लें।
(2)कभी भूलकर भी मंगलवार को कर्ज न लें।एवं लिए हुए कर्ज की प्रथम किश्त मंगलवार से देना शुरू करें। इससे कर्ज शीघ्र उतर जाता है।
(3)कर्ज मुक्ति के लिए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें।
(4)कर्जे से मुक्ति पाने के लिए लाल मसूर की दाल का दान दें।
(5)अपने घर के ईशान कोण को सदैव स्वच्छ व साफ रखें।
(6)ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का शुक्लपक्ष के बुधवार से नित्य पाठ करें।
(7)बुधवार को सवा पाव मूंग उबालकर घी-शक्कर मिलाकर गाय को खिलाने से शीघ्र कर्ज से मुक्ति मिलती है।
(8)सरसों का तेल मिट्टी के दीये में भरकर, फिर मिट्टी के दीये का ढक्कन लगाकर किसी नदी या तालाब के किनारे शनिवार के दिन सूर्यास्त के समय जमीन में गाड़ देने से कर्ज मुक्त हो सकते हैं।
(9)घर की चौखट पर अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल शनिवार के दिन लगाएं।
(10)५ गुलाब के फूल, १ चाँदी का पत्ता, थोडे से चावल, गुड़ लें। किसी सफेद कपड़े में २१ बार गायत्री मन्त्र का जप करते हुए बांध कर जल में प्रवाहित कर दें। ऐसा ७ सोमवार को करें।
(11)सर्व-सिद्धि-बीसा-यंत्र धारण करने से सफलता मिलती है।
(12)मंगलवार को शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर मसूर की दाल “ॐ ऋण-मुक्तेश्वर महादेवाय नमः”मंत्र बोलते हुए चढ़ाएं।
(13)हनुमानजी के चरणों में मंगलवार व शनिवार के दिन तेल-सिंदूर चढ़ाएं और माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं।हनुमान चालीसा या बजरंगबाण का पाठ करें|
(14)घर अथवा कार्यालय मे गाय के आगे खड़े होकर वंशी बजाते हुए भगवान श्री कृष्ण का चित्र लगाने से कर्जा नहीं चडता और दिए गए धन की डूबने की सम्भावना भी कम रहती है |
(15)यदि व्यक्ति अपने घर के मंदिर में माँ लक्ष्मी की पूजा के साथ 21 हक़ीक पत्थरों की भी पूजा करें फिर उन्हें अपने घर में कहीं पर भी जमीन में गाड़ दे और ईश्वर से कर्जे से मुक्ति दिलाने के लिए प्रार्थना करें तो उसे शीघ्र ही कर्जे से छुटकारा मिल जायेगा ।
(16)कर्जे से मुक्ति प्राप्त करने के लिए व्यक्ति लाल वस्त्र पहनें या लाल रूमाल साथ रखें। भोजन में गुड़ का उपयोग करें।
(17)बुधवार को स्नान पूजा के बाद व्यक्ति सर्वप्रथम गाय को हरा चारा खिलाये उसके बाद ही खुद कुछ ग्रहण करें तो उसे शीघ्र ही कर्जे से छुटकारा मिल जाता है।
(18)कर्जा लेने वाला व्यक्ति यदि अपनी तिजोरी में स्फुटिक श्रीयंत्र के साथ साथ मंगल पिरामिड की स्थापना करें और नित्य धूप दीप दिखाएँ तो उसे शीघ्र ही ऋण से मुक्ति मिलती है ।
सुरेश दुबे।
ज्योतिषाचार्य।

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