23/07/2024
#ऋग्वेद के अनुसार मनुष्य में पांच लक्षण होना अनिवार्य है 1 भय 2 भूल 3 भोग 4 निद्रा और 5 मैथुन
मनुष्य का अर्थ यहां महिला और पुरुष दोनों से ही है
👉👉👉 #भय - सामान्य भाषा में डर आपमें से सभी को किसी न किसी से डर लगता हो होगा , पति को पत्नी से , पत्नी को पति से ,गर्ल फ्रेंड को ब्वॉयफ्रेंड से , बेटे को बाप से, बहु को सास से ,देवरानी को जेठानी 80%अनपढ़ आबादी को भूत प्रेतों से आदि आदि
👉👉👉 #भूल - भूल होना या चीजों को भूल जाना हर किसी के लिए सामान्य सी बात है
सबसे ज्यादा भूलने वाली चीजों में घर के मैन दरवाजे की कुंडी है जिसको लगाने के बाद भी कोई आपसे पूछे कि आपने मैन गेट की कुंडी लगा दी तो फिर भी आप यह कहेंगे कि शायद लगा दी लेकिन कन्फर्म नहीं है मनुष्य बहुत सारी भूल होती हैं तभी Oyo जैसे सुरक्षित प्लेटफार्म पर भी लोग पकड़े गए हैं यह भूल होने का ही नतीजा है
👉👉👉 #भोग - भोग अर्थात भोजन सभी को पता है कि सजीवों को अपनी ऊर्जा भोजन से ही मिलती है जो हर सजीव से लिए भिन्न भिन्न रूप में मौजूद होती है मनुष्य को अपनी दैनिक दिनचर्या के लिए भोजन बहुत जरुरी है जो ठोस द्रव गैस किसी भी अवस्था में हो सकता है
👉👉👉 #निद्रा - नींद जिसके द्वारा हम अपने मस्तिष्क को विश्राम देते हैं यह मनुष्य के लिए बहुत जरूरी है
अगर मनुष्य को नींद नहीं आए तो मानसिक विशेषज्ञ चिकित्सकों की बल्ले ही बल्ले हो जायेगी
👉👉👉 #मैथुन - संभोग (s*x) मैथुन मनुष्य की एक मुख्य क्रिया है इसी क्रिया के द्वारा वह अपने जैदी संतति पैदा करता है
और यह लगभग सभी सजीवोँ को मुख लक्षण भी है
पशु ,पक्षी, पेड़,पौधे ,जानवर,मनुष्य किसी न किसी प्रकार से इस प्रिक्रिया को अंजाम देते ही हैं
लेकिन आज का मनुष्य इसमें से कुछ लक्षण होते हुए भी उकनो इग्नोर करके चल रहा है जो निकट भविष्य में उसी के लिए हानिकारक साबित होंगे ,,,,,,
Rashal Singh Mahura ( प्राचीन चिकित्सा पद्धति का शोधार्थी)
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