08/09/2025
आर्यसमाज कायमगंज का वार्षिकोत्सव सफलतापूर्वक सम्पन्न।
आर्यसमाज बजरिया कायमगंज, फर्रूखाबाद (उ०प्र०) का १४६ वां वार्षिक महोत्सव दि० ५,६ व ७ सितम्बर २०२५ को सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ | इस त्रिदिवसीय महोत्सव में मुख्यतः यज्ञ, भजन व वेदोपदेशों से सत्यान्वेषी श्रद्धालुओं की झोलियां सिद्धान्त रूप मणियों व मोतियों से भर गयीं |
महोत्सव के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए बिजनौर से पधारे वेदश्री: आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी ने कहा कि मोहस्तु अविद्या अर्थात् मोह तो अविद्या है | जो अविद्या का आश्रय लेते हैं उनका कुछ नहीं बनता | जैसे कि कोई वेग युक्त वायु में दीपक जलाना चाहे तो यत्न करने पर भी नहीं जला सकता | तब किसी विद्वान् ने युक्ति बताई कि भित्ति की ओट में जाकर दीपक जलाओ, तब उसने ऐसा ही किया और तत्काल दीपक प्रकाशमान हो गया | अतः पाँच ज्ञानेन्द्रियों की नालियों से भीतर जो अविद्या का प्रवेश हो रहा है उस अविद्या व उसके संस्कारों को दूर करने का यत्न करना चाहिये | जिससे कि हम अन्तर्यामी परमेश्वर के ज्ञान से आलोकित होकर धर्म,अर्थ, काम व मोक्ष को सिद्ध कर सकें |
फर्रुखाबाद से समागत विद्वान् आचार्य चन्द्रदेव जी ने कहा कि कोई भी देश तब राष्ट्र बनता है कि जब वहां के नागरिकों में समान रूप से संस्कृति, भाषा व मातृभूमि के ऐक्य की भावना हो | इस कारण हमें अपने भारतवर्ष में समान संस्कृति, समान मातृभाषा व समान मातृभूमि की भावना का विस्तार करना चाहिये | ऐसा करके ही हम अपने राष्ट्र की राष्ट्रियता को अक्षुण्ण बनाये रख सकते हैं |
आचार्य रामकिशोर मेधार्थी ने कहा कि सब श्रेष्ठतम कर्मों को यज्ञ कहते हैं | हमें प्रतिदिन अग्निहोत्र करते हुए, उस अग्निहोत्र से शिक्षा लेकर पवित्र कर्मों को ही करते हुए अपने जीवन को यज्ञीय बनाना चाहिये |
आर्य भजनोपदेशक पण्डित संजीव आर्य रूप ने अपने उत्प्रेरक भजन व गीतों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमारी वाणी मधुर, प्रिय, सत्य, परोपकारिणी व आवश्यक तथा परिमित अर्थों से युक्त होनी चाहिये |
आर्य भजनोपदेशिका अलका आर्या ने प्रेरक भजन व गीतों से अध्यात्म की शिक्षा देते हुए कहा कि अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह,शौच, सन्तोष,तप व स्वाध्याय को योगाभ्यास की आधारशिला बनाकर हमें योगाभ्यास करना चाहिये | तभी हमारा प्रभु दर्शन का मनोरथ पूर्ण हो सकता है |
समारोह में आर्यसमाज के लिये समर्पित कतिपय आर्य जनों व गोरक्षकों - गोपालकों का सम्मान किया गया |
समारोह में डा० कुलदीप आर्य, धनेश आर्य, रवि आर्य, राजाराम आर्य वैदिक व शालिनी आर्या इत्यादि अनेक आर्य जनों का सामूहिक योगदान रहा |
चित्रांकन - आर्य समाज कायमगंज के 146वें वार्षिक उत्सव 2025 के समापन दिवस की झलकियां