28/04/2022
*हेपेटाइटिस बी क्या है*
हेपेटाइटिस बी विश्व में सर्वाधिक पाया जाने वाला लिवर का विषाणु जनित और संक्रामक रोग है । विश्व मे लगभग 30 करोड़ लोग इस रोग से पीड़ित हैं और प्रतिवर्ष लगभग 7 लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं । यह रोग हेपेटाइटिस बी विषाणु के कारण होता है जो लिवर पर हमला करके उसको क्षति पहुंचाते हैं । यह विषाणु शरीर से बाहर लगभग 7 दिनों तक जीवित रह सकता है । यह संक्रमण संक्रमित रक्त या अन्य शारीरिक तरल पदार्थ के संपर्क में आने से फैलता है । इस रोग का उपचार सही समय पर ना किया जाए तो यह रोग गंभीर लिवर रोग में परिवर्तित हो सकता है जैसे कि लिवर कैंसर या लिवर सिरोसिस । इस रोग के गंभीर होने की स्थिति में यह जानलेवा भी हो सकता है ।
इस संक्रमण को एक “शांत संक्रमण” भी कहा जाता है, जो लोगों को उनकी जानकारी के बिना ही संक्रमित करता है। अधिकतर लोगों, को हेपेटाईटिस बी से संक्रमित होते हैं, वे इस संक्रमण से अंजान रहते हैं, और अनजाने में वाईरस दूसरे लोगों को ख़ून के द्वारा व अन्य करणों के द्वारा फैलाते हैं।
*हेपेटाइटिस बी संक्रमण होने के कारण*
क्यों कि हेपेटाइटिस बी के बहुत ही संक्रामक बीमारी है । इसीलिए इस बीमारी के फैलने के कई कारण हो सकते हैं जिनमे से कुछ प्रमुख कारण आपको बताए गए हैं
1- किसी भी व्यक्ति को बिना जांच किये हेपेटाइटिस बी संक्रमण युक्त रक्त चढ़ाने पर ।
2- एक ही इंजेक्शन (सुई) का अलग अलग व्यक्ति में उपयोग के द्वारा या एक ही सुई का एक से अधिक व्यक्तियों में नशे के लिए उपयोग किया जाना और टैटू करवाने के दौरान भी एक ही सुई का अलग अलग व्यक्तियों में उपयोग किये जाने पर भी यह रोग फैल सकता है।
3- असुरक्षित या हेपेटाइटिस संक्रमित व्यक्ति के असुरक्षित यौन संबंधों के द्वारा ।
4- पहले से संक्रमित मां के द्वारा संक्रमण के दौरान पैदा होने नवजात शिशु में भी ये वायरस पहुँच सकता है ।
5- किसी संक्रमित व्यक्ति के द्वारा शेविंग के दौरान ब्लेड पर लगने वाले रक्त के द्वारा किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा रेजर इस्तेमाल करने पर भी यह वायरस स्थानांतरित हो सकता है ।
6- एक ही बर्तन में खाने , छींकने खांसने या छूने हाथ मिलाने व स्तनपान कराने से यह रोग नही फैलता है ।
*हेपेटाइटिस बी के लक्षण*
क्यों कि ये एक वायरस जनित संक्रामक व गंभीर श्रेणी में आने वाला रोग है फिर कई व्यक्तियों में इसके अलग अलग लक्षण दिखाई देते हैं । लेकिन कई बार ऐसा पाया जाता है कि हेपेटाइटिस बी वायरस मनुष्य के शरीर मे होने के बाद भी इसके लक्षण या तो देर से या बिल्कुल भी दिखाई नही देते । कुछ मामलों में इसके लक्षण दिखने में 30 से 180 दिनों का समय लग सकता है । ये लक्षण लोगों में कई हफ्तों तक चल सकते हैं फिर भी इनके प्रमुख लक्षणों में ये शामिल हैं जैसे कि शरीर मे थकान होना, आंखों व त्वचा का पीला होना (पीलिया), भूख का कम लगना बुखार, उल्टी आना या आने जैसा महसूस होना , गहरे रंग का मूत्र आना , पाचन संबंधी परेशानी होना ।
*हेपेटाइटिस बी की पहचान*
हेपेटाइटिस बी के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए । आपके बताए हुए लक्षणों के आधार पर आपके डॉक्टर आपके कुछ रक्त व लिवर के कुछ परीक्षण करेंगे जिनमे से कोर एंटीजन , सरफेस एंटीबाडी व लिवर फंक्शन टेस्ट प्रमुख हैं ।
*बचाव*
हेपेटाइटिस बी संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण सबसे सुरक्षित आसान व प्रभावी तरीका है । साथ ही साथ आपको दूसरे व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आने व यौन संबंध बनाते समय सतर्कता की जरूरत है । आपको उपयोग की गई सुइयों के इस्तेमाल व संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए । और इस से बचने के लिए नियमित रूप से समय समय पर कम से कम 6 महीने में एक बार अपने लिवर व पेट रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर के द्वारा लिवर की जांच करवाते रहना चाहिए ।
*उपचार*
हेपेटाइटिस बी लक्षणों के आधार पर इसके उपचार में भिन्नता हो सकती हैं लेकिन प्रमुख रूप से इसके उपचार में एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जाता है जिससे वायरस से लड़ने में व रोग की तीव्रता व जटिलता को कम करने में मदद मिलती है । प्रारंभिक मामलों में रोग का पता जल्दी लगने से इस रोग की गंभीरता को कम किया जा सकता है ।