Astro Gyani 369

Astro Gyani 369 ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने॥
प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नम:॥ Astrological Content and Information

महाकाल की आराधना सर्वश्रेष्ठ : जानिए भगवान महाकाल के 10 शुभ मंत्र1. 'ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः, ॐ त्र्यम्बकं स्यजा मह...
17/05/2024

महाकाल की आराधना सर्वश्रेष्ठ : जानिए भगवान महाकाल के 10 शुभ मंत्र

1. 'ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः,
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌

ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ'

2. ॐ शिवाय नम:

3. ॐ ह्रीं नमः शिवाय ह्रीं ॐ।


4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।

5. कर-चरणकृतं वाक्कायजं कर्मजं वा

श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम,
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व,
जय-जय करुणाब्धे, श्री महादेव शम्भो॥


6. ॐ नमः शिवाय

7. ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमय ह्रीं ऐं ऊं।

8. ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः

9. ॐ नमो भगवते रुद्राय।

10. 'ऐं ह्रीं श्रीं 'ॐ नम: शिवाय' : श्रीं ह्रीं ऐं।

🙏❤️‍🔥🌸🥀जय श्री महाकाल 🥀🌸❤️‍🔥🙏🕉️🌾जय शिव शम्भू🌾🕉️🌻🍂ॐ नमः शिवाय 🍂🌻🔱🌿उमानाथ उज्जैनाधिपति 🌿🔱🛎️🌿त्रिनेत्रधारी त्रिशूलधारी🌿🛎️💚💓...
13/05/2024

🙏❤️‍🔥🌸🥀जय श्री महाकाल 🥀🌸❤️‍🔥🙏
🕉️🌾जय शिव शम्भू🌾🕉️
🌻🍂ॐ नमः शिवाय 🍂🌻
🔱🌿उमानाथ उज्जैनाधिपति 🌿🔱
🛎️🌿त्रिनेत्रधारी त्रिशूलधारी🌿🛎️
💚💓🚩श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जी का आज का जटा स्वरूप दिव्य आरती शृंगार दर्शन उज्जैन मध्यप्रदेश से 🚩💓💚
🕉️🍂ॐ हौं ॐ जूं सः भूर्भुवः स्वः त्रयंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव वंधनान्मृत्योर्मुक्षीयमामृतात् भूर्भुवः स्वरों जूं सः हौं ॐ🍂🕉️
🌲🦂13-मई बैशाख मास शुक्ल पक्ष तिथि-षष्ठी ( सोमवार)2024 विक्रम संवत-2081🦂🌲
🍄🥀जय मेरे महादेव जी कृपा करें 🥀🍄

13/05/2024

~ वैदिक पंचांग ~*
🌤️ *दिनांक - 13 मई 2024*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत - 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
🌤️ *शक संवत -1946*
🌤️ *अयन - उत्तरायण*
🌤️ *ऋतु - ग्रीष्म ॠतु*
🌤️ *मास - वैशाख*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - षष्ठी 14 मई रात्रि 02:50 तक तत्पश्चात सप्तमी*
🌤️ *नक्षत्र - पुनर्वसु सुबह 11:23 तक तत्पश्चात पुष्य*
🌤️ *योग - शूल सुबह 07:42 तक तत्पश्चात गण्ड*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 07:40 से सुबह 09:18 तक*
🌞 *सूर्योदय-06:02*
🌤️ *सूर्यास्त- 19:07*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
🚩 *व्रत पर्व विवरण -
💥 *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
👉🏻 *गंगाजल घर के इस जगह मे रखने से बरकत बढती है* 🌷 *विष्णुपदी-वृषभ संक्रांति* 🌷
➡ *जप तिथि : 14 मई 2024 मंगलवार को (विष्णुपदी संक्रांति)*
*पुण्यकाल दोपहर 11:01 से शाम 06:04 तक |*
🙏🏻 *विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)*
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞
🌷 *गंगा जयंती महत्व* 🌷
➡ *14 मई 2024 मंगलवार को श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती) है ।*
🙏🏻 *गंगा जयंती हिन्दुओं का एक प्रमुख पर्व है | वैशाख शुक्ल सप्तमी के पावन दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई इस कारण इस पवित्र तिथि को गंगा जयंती के रूप में मनाया जाता है |*
🙏🏻 *गंगा जयंती के शुभ अवसर पर गंगा जी में स्नान करने से सात्त्विकता और पुण्यलाभ प्राप्त होता है | वैशाख शुक्ल सप्तमी का दिन संपूर्ण भारत में श्रद्धा व उत्साह के साथ मनाया जाता है यह तिथि पवित्र नदी गंगा के पृथ्वी पर आने का पर्व है गंगा जयंती | स्कन्दपुराण, वाल्मीकि रामायण आदि ग्रंथों में गंगा जन्म की कथाi वर्णित है |*
🙏🏻 *भारत की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में गंगा नदी को देवी के रूप में दर्शाया गया है | अनेक पवित्र तीर्थस्थल गंगा नदी के किनारे पर बसे हुये हैं | गंगा नदी को भारत की पवित्र नदियों में सबसे पवित्र नदी के रूप में पूजा जाता है | मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है | लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या अंतिम संस्कार की इच्छा रखते हैं तथा मृत्यु पश्चात गंगा में अपनी राख विसर्जित करना मोक्ष प्राप्ति के लिये आवश्यक समझते हैं | लोग गंगा घाटों पर पूजा अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं |*
🙏🏻 *गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक माना गया है | गंगाजल को अमृत समान माना गया है | अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा संबंध है मकर संक्राति, कुंभ और गंगा दशहरा के समय गंगा में स्नान, दान एवं दर्शन करना महत्त्वपूर्ण समझा माना गया है | गंगा पर अनेक प्रसिद्ध मेलों का आयोजन किया जाता है | गंगा तीर्थ स्थल सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक एकता स्थापित करता है गंगा जी के अनेक भक्ति ग्रंथ लिखे गए हैं जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम एवं गंगा आरती बहुत लोकप्रिय हैं |*
🌷 *गंगा जन्म कथा* 🌷
🙏🏻 *गंगा नदी हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और अनेक धर्म ग्रंथों में गंगा के महत्व का वर्णन प्राप्त होता है | गंगा नदी के साथ अनेक पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं जो गंगा जी के संपूर्ण अर्थ को परिभाषित करने में सहायक है | इसमें एक कथा अनुसार गंगा का जन्म भगवान विष्णु के पैर के पसीनों की बूँदों से हुआ गंगा के जन्म की कथाओं में अतिरिक्त अन्य कथाएँ भी हैं | जिसके अनुसार गंगा का जन्म ब्रह्मदेव के कमंडल से हुआ |*
🙏🏻 *एक मान्यता है कि वामन रूप में राक्षस बलि से संसार को मुक्त कराने के बाद ब्रह्मदेव ने भगवान विष्णु के चरण धोए औरk इस जल को अपने कमंडल में भर लिया और एक अन्य कथा अनुसार जब भगवान शिव ने नारद मुनि, ब्रह्मदेव तथा भगवान विष्णु के समक्ष गाना गाया तो इस संगीत के प्रभाव से भगवान विष्णु का पसीना बहकर निकलने लगा जिसे ब्रह्मा जी ने उसे अपने कमंडल में भर लिया और इसी कमंडल के जल से गंगा का जन्म हुआ था |*
🌷 *गंगा जयंती महत्व* 🌷
🙏🏻 *शास्त्रों के अनुसार बैशाख मास शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ही गंगा स्वर्ग लोक से शिव शंकर की जटाओं में पहुंची थी इसलिए इस दिन को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में मनाया जाता है | जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन ‘गंगा दशहरा’ (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है | गंगा जयंती के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है तथा समस्त पापों का क्षय होता है| मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है| विधिविधान से गंगा पूजन करना अमोघ फलदायक होता है |*
🙏🏻 *पुराणों के अनुसार गंगा विष्णु के अँगूठे से निकली हैं, जिसका पृथ्वी पर अवतरण भगीरथ के प्रयास से कपिल मुनि के शाप द्वारा भस्मीकृत हुए राजा सगर के 60,000 पुत्रों की अस्थियों का उद्धार करने के लिए हुआ था तब उनके उद्धार के लिए राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या कर माता गंगा को प्रसन्न किया और धरती पर लेकर आए । गंगा के स्पर्श से ही सगर के 60 हजार पुत्रों का उद्धार संभव हो सका इसी कारण गंगा का दूसरा नाम भागीरथी पड़ा |*

📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)*

With Abhishek Tiwari – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
11/05/2024

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मनोकामना करना है पूरी तो यहां जानिए हनुमान मंत्र साधना विधि कलयुग में हनुमान जी एक ऐसे देव हैं जो भक्तों की मनोकामना को ...
07/05/2024

मनोकामना करना है पूरी तो यहां जानिए हनुमान मंत्र साधना विधि

कलयुग में हनुमान जी एक ऐसे देव हैं जो भक्तों की मनोकामना को अतिशीघ्र पूर्ण करते हैं। वैसे तो श्री राम भक्त हनुमान भगवान श्री राम के नाम लेने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन यदि आप चाहते हैं किसी बड़ी मनोकामना को पूरा करना या फिर किसी बड़े संकट से छुटकारा पाना तो ऐसे में हनुमान जी के प्रिय मंत्र के उनकी साधना करना सबसे अच्छा होता है। हनुमान जी की साधना में साधक के भाव के ऊपर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार से स्वयं को हनुमान जी के प्रति समर्पित करता है। अगर आप नियमपूर्वक साधना समय से पूरा करते हैं तो आपकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है। यदि कोई मंत्र साधना में सिद्धि अर्जित करने के उद्देश्य से साधना करता है तो उसे पूर्णरूप से स्वयं को हनुमान जी के प्रति समर्पित करना होगा। यदि आप दृढ़ संकल्प के साथ पूर्ण विधि और नियमों का पालन करते हुए साधना करते हैं तो साधना में सिद्धि अवश्य ही प्राप्त होती है।

हनुमान साधना मंत्र : –

ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्

अथवा

ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं

वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ।।

हमने आपको हनुमान जी के दो मंत्रो के विषय में जानकारी दी है। इनमें से किसी भी एक मंत्र द्वारा आप अपनी साधना पूर्ण कर सकते है। साधना की विधि और नियम इस प्रकार से हैं।



हनुमानजी की साधना विधि

अपने घर में एक ऐसे कक्ष को चुने जिसमें आपको कोई भी तंग न करें। अब इस कक्ष की अच्छे से साफ-सफाई करें। गोमूत्र और गंगाजल मिलाकर पूरे कमरे में छिड़ककर कमरे को पवित्र कर ले। अब कक्ष में पूर्व दिशा की और एक चौकी पर केसरिया रंग का कपड़ा बिछाकर उस चौकी पर हनुमान जी की प्रतिमा और उनका सिद्ध यंत्र स्थापित करें।

चौकी की बायीं तरफ (ईषान कोण) में एक मिट्टी के कलश में पानी भर कर स्थापना करें। एक पानी वाला नारियल इसके ऊपर लाल कपड़ा लपेटकर इसे पानी के कलश के ऊपर रख दें। स्वयं भी केसरियां रंग के वस्त्र धारण कर चौकी के सामने लाल आसन बिछाकर बैठ जाए। अब धुप-दीपक प्रज्वल्लित करें। इसके बाद दाएं हाथ में थोड़ा जल लेकर इस प्रकार संकल्प करें :-

हे परमपिता परमेश्वर मैं (अपना नाम बोले) गोत्र (अपना गोत्र बोले) आपकी कृपा से हनुमान जी का ये मंत्र सिद्ध कर रहा हूँ, इसमें मुझे सफलता प्रदान करें। ये कहकर हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ दें।

अब हाथ से तीन बार जमीन को स्पर्श करते हुए 3 बार बोलें – ॐ श्री विष्णवे नमः

अब आप दाएं हाथ में गोमुखी (एक विशेष प्रकार की कपड़े की थेली) में रुद्राक्ष की माला लेकर पहले एक माला अपने गुरु के नाम की करें। इसके बाद एक माला गणेश जी के इस मन्त्र की करें : ॐ गं गणपतये नमः ||

ये करने के उपरांत आप भगवान श्री राम का स्मरण करें और अब हनुमान जी के उपरोक्त दो मन्त्रों में से किसी भी एक मंत्र द्वारा मंत्र जप आरंभ कर दे। आरंभ के कुछ दिन आप मन्त्र जप बोल कर करें, बाद में मन ही मानसिक मंत्र का उच्चारण करें। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार मंत्र जप की संख्या निर्धारित करें।

इस प्रकार ये मंत्र जप आप लगातार 41 दिनों तक करें। 41 दिन पूर्ण होने पर जितना जप किया है। उसके दस प्रतिशत (दासांश) आहुतियां हनुमान जी के मंत्र की दे। पूरे 41 दिन तक हनुमान जी की चौकी की स्थापना ऐसे ही रहने दे। साधना पूर्ण होने पर नारियल,सिन्दूर को कुछ दक्षिणा के साथ हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा आयें।

साधनकाल के समय प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को चोला अर्पित करें और मंगलवार के दिन जब भी समय मिले सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। एक डिब्बी में हनुमान जी के चरणों से सिन्दूर लाकर रख लें। प्रतिदिन साधना शुरू करने से पहले उस सिन्दूर से स्वयं को तिलक करें।

हनुमान साधना के नियम : -

साधना में मंत्र जप की संख्या एक समान रखे और प्रतिदिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
मन में द्रढ़ संकल्प और हनुमान जी के प्रति आपका समर्पण भाव सच्चा होना चाहिए।
पूर्णरूप से साधना काल के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें।
परस्त्री या लड़की को हवस की नजर से देखना साधना को भंग कर सकता है।
हर स्त्री या लड़की में माँ और बहन की नजर से देखने का भाव होना चाहिए।
यदि आप विवाहित है तो साधना काल के समय अपनी पत्नी से भी संबंध न बनाए।
साधना काल से समय साफ़-सफाई का पूर्ण रूप से ध्यान रखे। स्वयं को स्वच्छ व शुद्ध बनाये रखे।
साधना काल के समय नीचे जमीन पर ही सोना चाहिए। व्यर्थ में दूसरों के स्पर्श से बचना चाहिए।
साधना करते समय केसरियां रंग के वस्त्र धारण करके ही मन्त्र जप करने चाहिए।


मंत्र साधना के नियम

इस प्रकार विधि-विधान के अनुसार हनुमान जी की साधना को पूर्ण करते है तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। हर संकट दूर होते है और मंत्र की सिद्धि प्राप्त होती है।हनुमानजी की साधना में यदि आप अपने गले में सिद्ध हनुमान तावीज को धारण करके साधना करते है तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए पहले गले में सिद्ध हनुमान यन्त्र तावीज धारण करें और फिर हनुमानजी की साधना आरंभ करें।

धर्म ज्ञानः 9 निधियां कौन-कौन सी हैं, यह मिल जाए तो 7 पीढ़ियों तक धन की कमी नहीं रहतीहनुमान चालीसा में लिखा अष्ट सिद्धि ...
04/05/2024

धर्म ज्ञानः 9 निधियां कौन-कौन सी हैं, यह मिल जाए तो 7 पीढ़ियों तक धन की कमी नहीं रहती

हनुमान चालीसा में लिखा अष्ट सिद्धि नवनिधि के दाता असवर दिनि जानकी माता। यहां नवनिधियों की बात कही गई है और बताया गया है कि हनुमानजी के पास अष्टसिद्धियां और नवनिधियां हैं जो प्रसन्न होने पर हनुमानजी अपने भक्तों को प्रदान करते हैं। नवनिधियों के बारे में शास्त्र पुराणों में जैसा बताया गया है उसके अनुसार कोई एक भी किसी मनुष्य को मिल जाए तो जीवन भर उसे किसी चीज की कमी नहीं रहती। आइए जानें वो नवनिधियां यानी 9 निधियां कौन-कौन सी हैं।

ये हैं नवनिधियां

1. पद्म निधि, 2. महापद्म निधि, 3. नील निधि, 4. मुकुंद निधि, 5. नंद निधि, 6. मकर निधि, 7. कच्छप निधि, 8. शंख निधि और 9. खर्व या मिश्र निधि। माना जाता है कि नव निधियों में केवल खर्व निधि को छोड़कर शेष 8 निधियां पद्मिनी नामक विद्या के सिद्ध होने पर प्राप्त हो जाती हैं, लेकिन इन्हें प्राप्त करना इतना भी सरल नहीं है।
पद्म निधि
पद्म निधि के लक्षणों से संपन्न मनुष्य सात्विक गुण युक्त होता है, तो उसकी कमाई गई संपदा भी सात्विक होती है। सात्विक तरीके से कमाई गई संपदा से कई पीढ़ियों को धन-धान्य की कमी नहीं रहती है। ऐसे व्यक्ति सोने-चांदी रत्नों से संपन्न होते हैं और उदारता से दान भी करते हैं।

महापद्म निधि
महापद्म निधि भी पद्म निधि की तरह सात्विक है। हालांकि इसका प्रभाव 7 पीढ़ियों के बाद नहीं रहता। इस निधि से संपन्न व्यक्ति भी दानी होता है और 7 पीढियों तक सुख ऐश्वर्य भोगता है।

नील निधि
नील निधि में सत्व और रज गुण दोनों ही मिश्रित होते हैं। ऐसी निधि व्यापार द्वारा ही प्राप्त होती है इसलिए इस निधि से संपन्न व्यक्ति में दोनों ही गुणों की प्रधानता रहती है। इस निधि का प्रभाव तीन पीढ़ियों तक ही रहता है।

मुकुंद निधि
मुकुंद निधि में रजोगुण की प्रधानता रहती है इसलिए इसे राजसी स्वभाव वाली निधि कहा गया है। इस निधि से संपन्न व्यक्ति या साधक का मन भोगादि में लगा रहता है। यह निधि एक पीढ़ी बाद खत्म हो जाती है।

नंद निधि
नंद निधि में रज और तम गुणों का मिश्रण होता है। माना जाता है कि यह निधि साधक को लंबी आयु व निरंतर तरक्की प्रदान करती है। ऐसी निधि से संपन्न व्यक्ति अपनी तारीफ से खुश होता है।

अष्टसिद्धियां कौन-कौन सी हैं जानें

मकर निधि
मकर निधि को तामसी निधि कहा गया है। इस निधि से संपन्न साधक अस्त्र और शस्त्र को संग्रह करने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति का राजा और शासन में दखल होता है। वह शत्रुओं पर भारी पड़ता है और युद्ध के लिए तैयार रहता है। इनकी मृत्यु भी अस्त्र-शस्त्र या दुर्घटना में होती है।

कच्छप निधि
कच्छप निधि का साधक अपनी संपत्ति को छुपाकर रखता है। न तो स्वयं उसका उपयोग करता है, न करने देता है। वह सांप की तरह उसकी रक्षा करता है। ऐसे व्यक्ति धन होते हुए भी उसका उपभोग नहीं कर पाता है।

शंख निधि
शंख निधि को प्राप्त व्यक्ति स्वयं की ही चिंता और स्वयं के ही भोग की इच्छा करता है। वह कमाता तो बहुत है, लेकिन उसके परिवार वाले गरीबी में ही जीते हैं। ऐसा व्यक्ति धन का उपयोग स्वयं के सुख-भोग के लिए करता है, जिससे उसका परिवार गरीबी में जीवन गुजारता है।

खर्व निधि
खर्व निधि को मिश्रत निधि कहते हैं। नाम के अनुरुप ही इस निधि से संपन्न व्यक्ति अन्य 8 निधियों का सम्मिश्रण होती है। इस निधि से संपन्न व्यक्ति को मिश्रित स्वभाव का कहा गया है। उसके कार्यों और स्वभाव के बारे में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। माना जाता है कि इस निधि को प्राप्त व्यक्ति विकलांग व घमंडी होता हैं, यह मौके मिलने पर दूसरों का धन भी सुख भी छीन सकता है।

04/05/2024

🌄श्री सनातन हिंदू पंचांग-04.05.2024 🌄
🌞आज का पंचांग एवं राशिफल🌞
🕉️ शुभ शनिवार - 🌞 - शुभ प्रभात् 🕉️
74-30💥मध्यमान💥75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)
🕉️🌄💥💥🌄💥💥🌄🕉️
___________________________________
_____________आज विशेष_____________
चंदन और चंदन की माला का धार्मिक उपयोग
धारण और तिलक लगाने का महत्व
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__________दैनिक पंचांग विवरण_________
✴️🌄💥💥🌞💥💥🌄💥
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आज दिनांक......................04.05.2024
कलियुग संवत्..............................5126
विक्रम संवत्................................ 2081
शक संवत्...................................1946
संवत्सर...............................श्री कालयुक्त
अयन..................................... उत्तरायण
गोल............................................ उत्तर
ऋतु.............................................ग्रीष्म
मास...........................................वैशाख
पक्ष............................................. कृष्ण
तिथि......एकादशी. रात्रि. 8.39 तक / द्वादशी
वार.......................................... शनिवार
नक्षत्र...पू.भाद्र. रात्रि. 10.07 तक/ उ.भाद्रपद
चंद्रराशि........ कुंभ. अपरा. 4.38 तक / मीन
योग.............ऐंद्र. पूर्वा. 11.02 तक / वैधृति
करण..................... बव. प्रातः 10.03 तक
करण........ बालव. रात्रि. 8.39 तक / कौलव
___________________________________
🌞✴️✴️🌄✴️✴️🌞
नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो
वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है
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*विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट*
🌞श्री सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार🌞
दिल्ली -10 मिनट---------जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट------अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा - 5 मिनट-------------मुंबई +7 मिनट
लखनऊ - 25 मिनट------बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट--जैसलमेर +15 मिनट
✴️🏵️🌄🏵️🌞🏵️🌄🏵️✴️
__________________________________
-सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची-
✴️🏵️🌄🏵️🌞🏵️🌄🏵️✴️
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सूर्योदय...................... .प्रातः 5.54.16 पर
सूर्यास्त...................... .सायं. 7.02.29 पर
दिनमान-घं.मि.सै..................... 13.08.13
रात्रिमान-घं.मि.सै..................... 10.51.05
चंद्रास्त.........................3.10.29 PM पर
चंद्रोदय.........................3.45.30 AM पर
राहुकाल...प्रातः 9.11 से 10.50 तक(अशुभ)
यमघंट.....अपरा. 2.07 से 3.45 तक(अशुभ)
गुलिक................ प्रातः 5.54 से 7.33 तक
अभिजित.........मध्या.12.02 से 12.55 तक
पंचक.........................................जारी है
शुभ हवन मुहूर्त(अग्निवास)........आज नहीं है
दिशाशूल................................. पूर्व दिशा
दोष परिहार...... उड़द का सेवन कर यात्रा करें
__________________________________
🌄विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄
_______🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞________
अभिजित् मुहुर्त - दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त - सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है..
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प्रदोष काल - सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता ता है...
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गौधूलिक काल सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं
12 मिनट बाद का समय कहलाता है
✡️✡️✡️✴️✡️✡️✡️
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🌄✴️भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️🌄
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भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..
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💥🌄🌞🌞🌞🌞🌞🌄💥
* सूर्योदय कालीन लग्न एवं दैनिक ग्रह स्पष्ट *
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लग्न ................. मेष 19°13' भरणी 2 लू

सूर्य ................... मेष 19°51' भरणी 2 लू
चन्द्र ........ कुम्भ 23°30' पूर्वभाद्रपद 2 सो
बुध ................... मीन 24°36' रेवती 3 च
शुक्र ^ ............. मेष 11°25' अश्विनी 4 ला
मंगल ..........मीन 8°25' उत्तरभाद्रपद 2 थ
बृहस्पति ^ ........वृषभ0°36' कृत्तिका 2 ई
शनि .........कुम्भ 22°47' पूर्वभाद्रपद 1 से
राहू * ................मीन 20°12' रेवती 2 दो
केतु * ................कन्या 20°12' हस्त 4 ठ
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✴️🌄✴️✴️🌞✴️✴️🌄✴️
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आज चौघड़िया(दिन-रात्रि)केवल शुभ कारक
✴️🌅✴️✴️🌞✴️✴️🌅✴️
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✴️🌄दिन का चौघड़िया🌄✴️
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शुभ...................प्रातः 7.33 से 9.11 तक
चंचल.............अपरा. 12.28 से 2.07 तक
लाभ................अपरा. 2.07 से 3.45 तक
अमृत...............अपरा. 3.45 से 5.24 तक
___________________________________
✴️🌄रात्रि का चौघड़िया🌄✴️
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लाभ............सायं-रात्रि. 7.02 से 8.24 तक
शुभ..................रात्रि. 8.24 से 11.07 तक
अमृत.......रात्रि. 11.07 से 12.28 AM तक
चंचल.. रात्रि. 12.28 AM से 1.49 AM तक
लाभ......रात्रि. 4.32 AM से 5.54 AM तक
__________________________________
✴️🌞✴️🌄✴️🌄✴️🌞✴️
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(विशेष - ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )
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✴️🌞✴️🌄✴️🌄✴️🌞✴️
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🔱🌄🔱🔱🌞🔱🔱🌄🔱
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🌞🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞
शुक्ल पक्ष-2-----5-----6---- 9-------12----13.
कृष्ण पक्ष-1---4----5----8---11----12----30.
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण

जानकारी विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड मूल(रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) नक्षत्रों में होता है तो नक्षत्र शांति की आवश्यकता मानी गयी है,करवाना चाहिये..

आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर..

11.07 AM तक----पूर्वाभाद्र-----2------सो
04.38 PM तक----पूर्वाभाद्र-----3-------द

__________राशि कुंभ - पाया लौह________
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10.07 PM तक----पूर्वाभाद्र-----4-------दी
03.35 AM तक---उ.भाद्रपद----1--------दू उपरांत रात्रि तक---उ.भाद्रपद----2--------थ

__________राशि मीन- पाया लौह_________
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_____________आज का दिन___________
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व्रत विशेष.......वरूथिनी एकादशी (सर्वेषाम्)
अन्य व्रत................................... नहीं है
पर्व विशेष.................. वल्लभाचार्य जयंती
दिन विशेष..............वैशाख स्नान व्रत जारी
दिन विशेष......राष्ट्रीय कोयला खनिज दिवस
पंचक...................................... .जारी है
विष्टि(भद्रा)..................................नहीं है
खगोलीय..गुरु वृद्धत्व प्रारंभ. अपरा.1.51पर
सर्वा.सि.योग............................... .नहीं है
अमृत.सि.योग...............................नहीं है
सिद्ध रवियोग............................... नहीं है
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___अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी____
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दिनांक............................ 05.05.2024 तिथि............ वैशाख कृष्णा द्वादशी रविवार
व्रत विशेष.............................. रवि प्रदोष
अन्य व्रत.....................................नहीं है
पर्व विशेष..............महाराज श्री सेन जयंती
दिन विशेष.............. वैशाख स्नान व्रत जारी
दिन विशेष........ राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री दिवस
पंचक....................................... जारी है
विष्टि(भद्रा)................................. .नहीं है
खगोलीय........ भरण्यां शुक्र. रात्रि. 7.43 पर
सर्वा.सि.योग..........उदयात् रात्रि. 7.57 तक
अमृत.सि.योग...............................नहीं है
सिद्ध रवियोग............................... नहीं है
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_____________आज विशेष ____________
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चंदन का पेड़ होता है। इस पेड़ की लकड़ी से ही चंदन निकलता है। लकड़ी को घीस कर ही चंदन निकाला जाता है। चंदन कई प्रकार का होता है, जिसमें प्रमुख है रक्त और श्‍वेत चंदन। अन्य प्रकार है- हरि चंदन, गोपी चंदन, सफेद चंदन, लाल चंदन, गोमती और गोकुल चंदन। चंदन शीतलता प्रदान करने वाला होता है। आओ जानते हैं कि चंदन का तिलक लगाने या इसकी माला पहने से क्या फायदे होते हैं।

चंदन की माला :

1. मां दुर्गा की उपासना रक्त चंदन की माला से करना चाहिए। इससे मंगल ग्रह के दोष भी दूर होते हैं। चंदन की माला से दुर्गा उपासना के लिए ॐ दुर्ग दुर्गाय नम: का मंत्र जपना चाहिए।

2. इसके अलावा चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है।

3. सफेद चंदन की माला से महासरस्वती, महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप करना विशेष शुभफलप्रद होता है।

4. चंदन की माला से गायत्री उपासना का लिए ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्..उक्त मंत्र का जप करने से यह बहुत ही जल्द सिद्ध हो जाता है।

5. चंदन की माला धारण करने से नौकरी पेशा में उन्नती तो होती ही है सभी लोग ऐसे व्यक्ति से खुश रहते हैं और सभी उसके मित्र बने रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को सभी ओर से सहयोग प्राप्त होता रहता है।

6. इस माला को मानसिक शांति एवं लक्ष्मी प्राप्ति के लिए भी गले में धारण करने से लाभ होता है।

चांदन का तिलक :

1. चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है।

2. चंदन का तिलक लगाने से व्यक्ति संकटों से बचता है

3. चंदन का तिलक लगाने से लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

4. चंदन का तिलक लगाने से ज्ञानतंतु संयमित व सक्रिय रहते हैं। चंदन का तिलक ताजगी लाता है और ज्ञान तंतुओं की क्रियाशीलता बढ़ाता है।

5. चंदन का तिलक कई रोगों को शांत करता है, जैसे तृषा, थकान, रक्तविकार, दस्त, सिरदर्द, वात पित्त, कफ, कृमि और वमन आदि। सिर पर चंदन का तिलक लगाने से शांति मिलती है।

6. जिस घर में प्रतिदिन चंदन की बट्टी को शिल्ला पर घिस पर माथे पर लगाया जाता है उस घर में रोग और शोक नहीं होते हैं। पूजन सामग्री वाले के यहां चंदन की एक बट्टी या टुकड़ा मिलता है। उस बट्टी को पत्थर के बने छोटे से गोल चकले पर घिसा जाता है। प्रतिदिन चंदन घिसते रहने से घर में सुगंध का वातावरण निर्मित होता है। जिस स्थान पर प्रतिदिन चंदन घीसा जाता है और गरूड़ घंटी की ध्वनि सुनाई देती है, वहां का वातावरण हमेशा शुद्ध और पवित्र बना रहता है।

7. चेहरे पर चंदन का लेप लगाने से दाग धब्बे आदि मिट जाते हैं। चंदन आपकी त्वचा को बेदाग बनाने के लिए एक बेहतरीन उपाय है। गुलाबजल के साथ चंदन को घिसकर इसका लेप बनाएं और फिर इसे चेहरे पर लगाएं। कुछ ही दिनों में बेदाग त्वचा नजर आएगी।

8. मान्यता है कि विष्णु और उनके अवतारों की पूजा में पीत चंदन का उपयोग करने से वे प्रसन्न होते हैं।

9. प्रतिदिन घर से निकलने वक्त अपनी नाभि में चंदन का इत्र लगाएं, इससे संपन्नता और वैभव बढ़ता जाएगा। इसके अलावा चाहें तो पर्स, तिजोरी और वस्त्रों भी सुगंध का उपयोग करें।

सावधानी : चंदन का गुण शीतल है। यदि आपको सर्दी की शिकायत रहती है तो इसे धारण न करें। सर्दी के मौसम में भी इस माला को धारण नहीं करना चाहिए इससे कफ बढ़ने की संभावना रहती है।
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✴️🕉️✴️आज का राशिफल✴️🕉️✴️
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मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज दूसरों के लिए ख़राब नीयत रखना आपके मानसिक तनाव को जन्म दे सकता है। इस तरह के विचारों से बचें, क्योंकि ये समय की बर्बादी करते हैं और आपकी क्षमताओं को ख़त्म करते हैं। आप ऐसे स्रोत से धन अर्जित कर सकते हैं, जिसके बारे में आपने पहले सोचा तक न हो। प्रभावशाली और महत्वपूर्ण लोगों से परिचय बढ़ाने के लिए सामाजिक गतिविधियाँ अच्छा मौक़ा साबित होंगी। प्यार एक ऐसा जज़्बा है जिसे न सिर्फ़ महसूस किया जाना चाहिए, बल्कि अपने प्रिय के साथ बांटना भी चाहिए। घर से बाहर निकलकर आज आप खुली हवाओं में टहलना पसंद करेंगे। आज आपका मन शांत होगा जिसका फायदा आपको पूरे दिन मिलेगा। वैवाहिक जीवन को अधिक सुखमय बनाने के आपके प्रयास उम्मीद से ज़्यादा रंग लाएंगे।

वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज अपने दफ़्तर से जल्दी निकलने की कोशिश करें और वे काम करें जिन्हें आप वाक़ई पसंद करते हैं। आज आप अपने घर के वरिष्ठ जनों से पैसे की बचत करने को लेकर कोई सलाह ले सकते हैं और उस सलाह को जिंदगी में जगह भी दे सकते हैं. घर में उल्लास का माहौल आपके तनावों को कम कर देगा। आप भी इसमें पूरी सहभागिता करें और महज़ मूक दर्शक न बने रहें। आपके जीवन-साथी के पारिवारिक सदस्यों की वजह से आपका दिन थोड़ा परेशानी भरा हो सकता है। जिन लोगों के घर वाले शिकायत करते हैं कि वो घरवालों को पर्याप्त समय नहीं देते वो आज घरवालों को समय देने के बारे में सोच सकते हैं लेकिन ऐन वक्त पर किसी काम के आने की वजह से ऐसा नहीं हो पाएगा। जीवनसाथी के ख़राब व्यवहार का नकारात्मक असर आपके ऊपर पड़ सकता है। जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए आज आप किसी मनोवैज्ञानिक चिकित्सक से मिल सकते हैं।

मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज आप पेचीदा हालात में फँसने पर घबराएँ नहीं। अपना मूड बदलने के लिए किसी सामाजिक आयोजन में भागीदारी करें। जिन लोगों ने अपना पैसा सट्टेबाजी में लगा रखा था आज उन्हें नुक्सान होने की संभावना है। सट्टेबाजी से दूर रहने की आपको सलाह दी जाती है। कोई पुराना परिचित आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। प्रेम-संबंध में ग़ुलाम की तरह व्यवहार न करें। इस राशि के जातक आज के दिन अपने भाई-बहनों के साथ घर पर कोई मूवी या मैच देख सकते हैं। ऐसा करके आप लोगों के बीच प्यार में बढ़ोतरी होगी। पड़ोसियों का दख़ल शादीशुदा ज़िन्दगी में दिक़्क़त पैदा करने की कोशिश कर सकता है, लेकिन आप व आपके जीवनसाथी के बीच का बंधन बहुत मज़बूत है और इसे तोड़ना आसान नहीं है। माता-पिता को बिना बताए आज आप उनके पसंद की कोई डिश घर पर ला सकते हैं इससे घर में सकारात्मक माहौल बन जाएगा।

कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज ऊर्जा और उत्साह का अतिरेक आपको घेर लेगा और आप सामने आने वाले सभी मौक़ों का भरपूर फ़ायदा उठाएंगे। अपने गुस्से पर काबू रखें और ऑफिस में सबके साथ ढ़ंग से व्यवहार करें अगर आप ऐसा नहीं करते तो आपकी जॉब जा सकती है और आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। ऐसे दोस्तों के साथ बाहर जाएँ, जो सकारात्मक और मददगार स्वभाव के हैं। प्यार के मामले में आज आप ग़लत समझे जा सकते हैं। काम को समय पर निपटाकर जल्दी घर जाना आज आपके लिए अच्छा रहेगा इससे आपके परिवार वालों को भी खुशी मिलेगी और आप भी तरोताजा महसूस करेेंगे। बिजली कटौती या फिर किसी अन्य वजह से आपको सुबह तैयार होने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन जीवनसाथी की ओर से इससे निबटने में काफ़ी मदद मिलेगी। योग ध्यान का सहारा लेना आज आपको मानसिक रुप से प्रबल बनाएगा।

सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आज आपकी ओर से समर्पित दिल और बहादुरी का जज़्बा आपके जीवन-साथी को ख़ुशी दे सकता है। लम्बे समय से अटके मुआवज़े और कर्ज़ आदि आख़िरकार आपको मिल जाएंगे। आपके बच्चे के पुरुस्कार वितरण समारोह का बुलावा आपके लिए ख़ुशनुमा एहसास रहेगा। वह आपकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा और आप उसके ज़रिए अपने सपने साकार होते हुए देखेंगे। अपने प्रिय के साथ सैर-सपाटे पर जाते समय ज़िंदगी को पूरी शिद्दत से जिएँ। वक्त सेे हर काम को पूरा करना ठीक होता है अगर आप ऐसा करते हैं तो आप अपने लिए भी वक्त निकाल पाते हैं। अगर आप हर काम को कल पर टालते हैं तो अपने लिए आप कभी समय नहीं निकाल पाएंगे। आज आपके वैवाहिक जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक हो सकता है। किसी भी काम को करने से पहले यह जान लें कि इसका परिणाम आपके ऊपर कैसा पड़ेगा।

कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
वैसे आपकी सबसे बड़ी पूंजी आपकी हँसने-हँसाने की शैली है, अपनी बीमारी को ठीक करने के लिए इसका उपयोग करके देखें। वैसे तो अपना पैसा दूसरे को देना किसी को पसंद नहीं आता लेकिन आज आप किसी जरुरतमंद को पैसा देकर सुकून का अनुभव करेंगे। सामाजिक गतिविधियाँ मज़ेदार रहेंगी, लेकिन अपने रहस्य किसी के सामने उजागर न करें। किसी छोटी-मोटी बात को लेकर भी आपके प्रिय से आपकी नोंक-झोंक हो सकती है। घर के छोटे सदस्यों को साथ लेकर आज आप किसी पार्क या शॉपिंग मॉल में जा सकते हैं। किसी पड़ोसी, दोस्त या रिश्तेदार की वजह से वैवाहिक जीवन में अनबन संभव है। कारोबार में मुनाफा इस राशि के कारोबारियों के लिए आज सुनहरे सपने के सच होने जैसा होगा।

तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज आप उम्मीदों की दुनिया में होंगे। धन आपके लिए जरुरी है लेकिन धन को लेकर इतने संजीदा न हो जाएं कि अपने रिश्तों को ही खराब कर दें। दोस्त शाम के लिए कोई बढ़िया योजना बनाकर आपका दिन ख़ुशनुमा कर देंगे। रोमांचक दिन है, क्योंकि आपके प्रिय का फ़ोन आएगा। पैसा, प्यार, परिवार से दूर होकर आज आप आनंद की तलाश में किसी आध्यात्मिक गुरु से मिलने जा सकते हैं। जीवनसाथी के साथ आज की शाम वाक़ई कुछ ख़ास होने वाली है। यह दिन दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ शॉपिंग पर जाने का है। बस अपने ख़र्चों पर थोड़ी नज़र रखें।

वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज आप खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं, जो आपको तन्दुरुस्त बनाए रखेगा। दिन चढ़ने पर वित्तीय तौर पर सुधार आएगा। कुछ लोग जितना कर सकते हैं, उससे कई ज़्यादा करने का वादा कर देते हैं। ऐसे लोगों को भूल जाएँ जो सिर्फ़ गाल बजाना जानते हैं और कोई परिणाम नहीं देते। रोमांचक दिन है, क्योंकि आपके प्रिय का फ़ोन आएगा। आज के समय में अपने लिए वक्त निकाल पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन आज ऐसा दिन है जब आपके पास अपने लिए भरपूर समय होगा। आज आपके वैवाहिक जीवन के सबसे अच्छे दिनों में से एक हो सकता है। जीवन की परेशानियों को दूर करने के लिए आज आप किसी मनोवैज्ञानिक चिकित्सक से मिल सकते हैं।

धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
मज़बूती और निडरता का गुण आपकी मानसिक क्षमताओं में बढ़ोतरी करेगा। किसी भी तरह के हालात को क़ाबू में रखने के लिए इस रफ़्तार को बरक़रार रखिए। आपके पिता की कोई सलाह आज कार्यक्षेत्र में आपको धन लाभ करा सकती है. घर का कुछ समय से टलता आ रहा काम-काज आपका थोड़ा वक़्त ले सकता है। विवाहेतर प्रेम संबंध आपकी प्रतिष्ठा धूमिल कर सकते हैं। अगर आप अपनी चीज़ों का ध्यान नहीं रखेंगे, तो उनके खोने या चोरी होने की संभावना है। जीवनसाथी द्वारा परिवार और मित्रों के बीच नकारात्मक तरीक़े से आपके वैवाहिक जीवन की निजी बातें उजागर हो सकती हैं। केश-सज्जा और मालिश जैसे क्रियाकलापों में काफ़ी समय लगा सकते हैं और इसके बाद आप काफ़ी अच्छा भी महसूस करेंगे।

मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज आपका उदार स्वभाव आपके लिए कई ख़ुशनुमा पल लेकर आएगा। पैसा अचानक आपके पास आएगा, जो अपके ख़र्चों और बिल आदि को सम्हाल लेगा। ऐसे विवादास्पद मुद्दों पर बहस करने से बचें, जो आपके और प्रियजनों के बीच गतिरोध पैदा कर सकते हैं। पुरानी यादें आज आपके ऊपर छायी रहेंगी। कारोबारी आज करोबार से ज्यादा अपने परिवार के लोगों के बीच समय बिताना पसंद करेंगे। इससे आपके परिवार में सामंजस्य बनेगा। अगर आप वैवाहिक तौर पर लंबे समय से कुछ नाख़ुश हैं, तो आज के दिन आप हालात बेहतर होते हुए महसूस कर सकते हैं। किसी ऐसे इंसान के साथ समय बिताना जिसका साथ आपको बहुत पसंद न हो, आपकी खीझ की वजह हो सकता है। इसलिए सोच-समझकर फ़ैसला करें कि आप किसके साथ बाहर जाने वाले हैं।

कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आपमें आज चुस्ती-फुर्ती देखी जा सकती है। आपका स्वास्थ्य आज पूरी तरह से आपका साथ देगा। घर में किसी फंक्शन के होने की वजह से आज आपको बहुत धन खर्च करना पड़ेगा जिसके कारण आपकी आर्थिक स्थिति खराब हो सकती है। आपका लापरवाह रवैया आपके माता-पिता को दुःखी कर सकता है। कोई भी नयी परियोजना शुरू करने से पहले उनकी राय भी जान लें। आज आप अपने किसी वादे को पूरा नहीं कर पाएंगे जिसकी वजह से आपका साथी आपसे नाराज हो जाएगा। पैसा, प्यार, परिवार से दूर होकर आज आप आनंद की तलाश में किसी आध्यात्मिक गुरु से मिलने जा सकते हैं। किसी ख़बसूरत याद के कारण आपके और आपके जीवनसाथी के बीच की अनबन रुक सकती है। इसलिए वाद-विवाद की हालत में पुराने दिनों की यादों को ताज़ा करना न भूलें। आपको महसूस हो सकता है कि आपके घर वाले आपको नहीं समझते और इसलिए आप उनसे आज दूरी बना सकते हैं।

मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज धन का आगमन आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। घर पर कोशिश करें कि कोई आपकी वजह से आहत न हो और परिवार की ज़रूरतों के मुताबिक़ ख़ुद को ढालें। आज प्यार के नज़रिए से दिन काफ़ी विवादास्पद रहेगा। जिंदगी में चल रही आपाधापी के बीच आज आपको अपने लिए पर्याप्त समय मिलेगा और और आप अपने पसंदीदा कामों को कर पाने में कामयाब हो पाएंगे। जीवनसाथी का बर्ताव आपके पेशेवर रिश्तों पर ग़लत असर डाल सकता है। आज आपके मन में उदासी रहेगी और आप नहीं जान पाएंगे कि इसका कारण क्या है।
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अस्वीकरण(Disclaimer)दैनिक पंचांग,धर्म, ज्योतिष,वास्तु आदि विषयों पर यहाँ प्रकाशित सामग्री केवल आपकी जानकारी के लिए हैं,और दायित्व मुक्त है,अतः संबंधित कोई भी प्रयोग अपने स्वविवेक के साथ करें या किसी संबद्ध विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेवें।
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