19/06/2025
ज्योतिष (Hindu astrology) में, ग्रहों (graha) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। नौ ग्रहों (Navagraha) को व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालने वाला माना जाता है। प्रत्येक ग्रह का अपना विशिष्ट महत्व है और यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।
नौ ग्रहों का ज्योतिष में महत्व:
सूर्य (Sun):
सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है और यह आत्मा, पिता, नेतृत्व, और आत्म-सम्मान का प्रतिनिधित्व करता है।
चंद्र (Moon):
चंद्रमा मन, माता, भावनाएं, और मानसिक स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करता है।
मंगल (Mars):
मंगल ग्रह ऊर्जा, पराक्रम, साहस, और क्रोध का प्रतिनिधित्व करता है।
बुध (Mercury):
बुध बुद्धि, तर्क, संचार, और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
बृहस्पति (Jupiter):
बृहस्पति ज्ञान, बुद्धि, समृद्धि, और भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है।
शुक्र (Venus):
शुक्र प्रेम, सौंदर्य, कला, और संबंध का प्रतिनिधित्व करता है।
शनि (Saturn):
शनि न्याय, कर्म, अनुशासन, और दीर्घायु का प्रतिनिधित्व करता है।
राहु (Rahu):
राहु एक छाया ग्रह है जो भौतिक इच्छाओं, भ्रम, और अनिश्चितता का प्रतिनिधित्व करता है।
केतु (Ketu):
केतु भी एक छाया ग्रह है जो आध्यात्मिकता, रहस्यवाद, और मुक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
ग्रहों की दृष्टि और स्थान:
ज्योतिष में, ग्रहों की दृष्टि (drishti) और स्थान (sthan) दोनों का ही जातक के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
प्रत्येक ग्रह अपने से सातवें भाव पर पूर्ण दृष्टि रखता है।
बृहस्पति ग्रह अपने से पांचवें और नौवें भाव पर भी दृष्टि रखता है।
शनि ग्रह तीसरे और दसवें भाव पर भी दृष्टि रखता है।
मंगल ग्रह चौथे और आठवें भाव को देखता है।
राहु और केतु क्रमशः पांचवें और नौवें भाव में पूर्ण दृष्टि रखते हैं।
ग्रहों की स्थिति और दृष्टि के आधार पर, ज्योतिषी जातक के जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि विवाह, करियर, स्वास्थ्य, और भाग्य के बारे में भविष्यवाणी करते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
कुछ ग्रह शुभ (auspicious) माने जाते हैं, जबकि कुछ अशुभ (inauspicious)।
ग्रहों की युति (conjunction) और दृष्टि का भी जातक के जीवन पर प्रभाव पड़ता है।
ज्योतिष में, ग्रहों के प्रभावों को कम करने या बढ़ाने के लिए विभिन्न उपाय (remedies) भी बताए गए हैं।