11/09/2024
गांव के एक छोटे से कोने में रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह बहुत ही समझदार और मेहनती था, लेकिन उसके पास पढ़ाई का साधन नहीं था। रामू के माता-पिता किसान थे, जो दिन रात मेहनत करके फसल उगाते थे। रामू भी अपने माता-पिता की मदद करता था और साथ ही गांव के अन्य बच्चों के साथ खेलता भी था।
एक दिन, गांव में एक नए शिक्षक आए। उन्होंने गांव के बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाने की कोशिश की, लेकिन रामू को यह समझ में नहीं आता था कि पढ़ाई उसके जीवन में क्या बदलाव ला सकती है। वह सोचता था, "मैं अपने माता-पिता के साथ खेती कर लूंगा, पढ़ाई की क्या जरूरत है?"
लेकिन एक दिन, गांव में एक बड़ा मेला लगा। वहां कई लोग आए, जिनमें से कुछ बहुत पढ़े-लिखे थे। वे लोग अच्छी बातें कर रहे थे और गांव के अन्य लोगों के साथ अपने अनुभव साझा कर रहे थे। रामू को महसूस हुआ कि उनके पास कितनी सारी जानकारियां थीं, जो उसे नहीं थी। उसे महसूस हुआ कि पढ़ाई न करने की वजह से वह कई महत्वपूर्ण चीजों से दूर रह गया था।
रामू ने सोचा, "अगर मुझे भी दुनिया की ये सारी बातें समझनी हैं और आगे बढ़ना है, तो मुझे भी सिखना होगा।"
वह अगले दिन उस शिक्षक के पास गया और बोला, "मुझे पढ़ना सिखाइए। मैं भी दुनिया की वो बातें जानना चाहता हूं जो अभी तक मुझसे दूर हैं।"
शिक्षक ने मुस्कुराते हुए कहा, "सिखने का मतलब केवल किताबें पढ़ना नहीं होता, बल्कि जिंदगी को बेहतर समझने और अपने आस-पास की दुनिया को जानने का तरीका है। शिक्षा से हमें अपने अधिकारों का ज्ञान होता है, हम समस्याओं का हल ढूंढ सकते हैं, और सबसे बड़ी बात, हम दूसरों की मदद कर सकते हैं।"
रामू ने तब से ठान लिया कि वह सिखेगा और अपने गांव के अन्य बच्चों को भी सिखाएगा। कुछ सालों बाद, रामू न केवल अपने गांव का सबसे पढ़ा-लिखा लड़का बना, बल्कि वह एक अच्छा शिक्षक भी बना, जिसने गांव के हर बच्चे को पढ़ाई के महत्व को समझाया।
कहानी से शिक्षा मिलती है कि सिखना केवल एक साधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। यह हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है और हमें सशक्त बनाता है।