13/05/2025
स्त्री अगर पति से संतुष्ठि भरा संभोग प्राप्ति कर ले तो वो उसके लिए काफी होती है और हर विपरीत परिस्थिति से उभरने के लिए,
ये वो रिश्ता है जो पति पत्नी के रिश्ते को दुनिया के दूसरे रिश्तों से बिल्कुल अलग करता है
एक आदमी एक किसी के साथ रह सकते हैं सुख दुख बाट सकते हैं पर वो सिर्फ पति पत्नी ही हैं जो साथ मिलकर समागम करते हैं और ये उन्हे बाकी लोगो से अलग बनाती हैं
मेरी भी शादी हुई थीं तो दिन रात पति को आलिंगन करने का मन करता था और पति को भी जब मौका मिले तो वो इस मौके को छोड़ते नही थे
लेकिन समय के साथ चीज पर्वरतित होती है और कहते हैं ना जिस चीज की कमी जिंदगी में पूरी होने लगती हैं धीरे धीरे उससे मन हटने लगता है
मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ शादी महज 5 साल के बाद इन सब चीजों से मेरा मन हटने लगा, क्योंकि एक स्त्री का ये नेचर है पर दुर्भाग्यवश पति देव इसे समझ नही पाते और उन्हें लगता है की मैं बहाना बना रही हूं
और इसी के साथ हमारे बीच दूरी बनने लगी, पति का व्यवहार भी रुखा होने लगा, किसी चीज के लिए यदि मैं बोलूं तो उनका जवाब सीधा नही आता
लेकिन आदमी इतने खुद्दार होते हैं की वो अपनी ये जरूर खुल के आपके सामने नहीं रखेंगे काफी समय सोचने के बाद मैने एक डॉक्टर से बात की उन्हें बताया की मुझे इन सब चीज में कोई इंट्रेस्ट नही हैं जिसकी वजह से हमारे रिश्ते खराब हो रहे हैं
उन्होंने बोला अगर आप पति से प्रेम करती हैं तो अपने मन को किनारे रखिए और वो जो चाहते हैं करिए
उनके जवाब को सुन के मुझे ऐसा लगा जैसे मानो एक औरत का अपना कोई मन ही नही होता है, यदि वो नही चाहती हैं सेक्स करना तो किसी को उसके साथ जबरदस्ती करने का हक नही है
बरसात का समय था मौसम बदलने के कारण मेरी तबियत खराब होती है, और मेरे पति मुझे डॉक्टर के यहां लेके जाते हैं दवाई दिलवाते हैं
सिर दर्द और बुखार से पूरा बदन मानो टूट रहा था,
दावा लेके जब घर आई तो पति ने खाना बनाया और खिलाया रात की दवाई दी और सो गया
जब मैं सुबह उठी तो देखा की वो रसोई में नाश्ता बना रहे थे, मेरे लिए बनाया और ऑफिस चले गए ऐसे तो रोज रात में 8 बजे आते थे, पर आज तो 5 बजे ही आगया और थोड़ी देर में चाय पी साथ में
फिर रसोई में गए खाना बनाया
मेरी तबीयत पूरे हफ्ते खराब थी और मेरे पति पूरे हफ्ते यही करते हुए आए
जब वो ऑफिस चले जाते तो मैं सोचती की नाश्ता और खाना बनाने के बाद मेरे पास कोई काम नहीं होता, 40 डिग्री की गर्मी में मैं आराम से ac on कर के टीवी देखती हूं
और सीधा 8 बजे चाय और खान बनाती हूं
सर्दी के दिन में 1 बजे से 5 बजे तक रजाई में दुबक से सोती हूं
लेकिन मेरे पति गर्मी में 10 बजे बाइक से ऑफिस जाते हैं ऑफिस जाने के बाद दिन भर कभी ऑफिस कभी फील्ड में चक्कर लगाते हैं
चाहे तपती गर्मी हो या हाड़ तपाने वाली ठंड वो काम इस लिए करते हैं जिससे मुझे आराम मिले
बॉस की डांट, कलीग की लापरवाही इन सब चीज को झेलते हैं लेकिन एक बार भी शिकायत नही करते हैं ना ही ये जताते हैं की वो मेरे लिए काम कर रहे
और मैं एक ऐसी स्वार्थी औरत हूं जो ये सोच रही की मेरा मन होगा तभी हमारे बीच संबंध बनेगा
उस दिन के बाद जब मेरी तबियत सही हुई तो मैने ही संबंध बनाने की पहल की
उसके बाद जब कभी भी मेरे पति मुझसे इसकी डिमांड करते मेरा मन हो या ना हो, मैं इसे अपनी ड्यूटी मान कर उनका पूरा समर्थन करती
धीरे मेरे प्रति उनका मनमुटाव कम हुआ, वो जितनी केयर मेरी पहले करते थे उससे कहीं ज्यादा अब करने लगे थे,
महा ऋषि वात्सन्य ने भी बोला है एक स्त्री को सुबह सबके सामने स्त्री बन कर रहना चाहिए लाज शर्म के साथ
और शयनकछ में पति के सामने एक वै-श्या बन जाना चाहिए मुझे पहले ये बात सही नही लगती थी लेकिन अब समझ आया
स्त्री को चाहिए कि पुरुष उसकी केयर करे जरूरत पूरी करे तब जा कर वह संभोग के लिए तैयार होती है
पुरुष को चाहिए की उसकी स्त्री उसके साथ आलिंगन कर तब धीरे धीरे उन्हें भावनात्मक जुड़ाव होता है
प्रकृति ने दोनो को ऐसे ही बनाया है, इस लिए औरतों को चाहिए की पहले वो पति की शरीरक जरूरत को पूरी करें उसके बाद सब कुछ धीरे धीरे एलाइन होने लगेगा
पर आज के इस युग में स्त्री सिर्फ अपने बारे में सोचती हैं वो ये सोचती हैं की संभोग करना ना या करना उनकी खुद की निजी इक्क्षा पर निर्भर करता है और वो ये भूल जाती हैं की हमारे लिए ये मन की बात है
पर पति के लिए जरूरत की चीज है
और आज इसी वजह से लगभग हर कपल इस समस्या से जूझ रहा है
यदि आप और आपके पति के बीच भी ये समस्या है तो यकीन मानिए मन करे या ना करे आप उन्हें शारीरिक सुख दीजिए धीरे धीरे आप के बीच सबकुछ सही हो जाएगा
कमेंट कर के मुझे ये भी बताइए की कितने लोग हैं जो आप इस समस्या से परेशान हैं और उन्हें लगा की ये उन्हीं के बारे में लिखा गया है
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