
23/02/2023
ध्यान करने से घटनाएं घटनी बंद नही होती। घटनाएं घटती रहती हैं, बस उनके घटने का कारण और निवारण समझ में आने लगता है। क्योंकि ध्यानी अवेयरनेस में रहने लगता है। इससे जिंदगी जीने का सही तरीका समझ में आने लगता है।
ध्यान करने का सही उपयोग ध्यान को अपनी दिन भर की क्रियाओं में लाना है। हर क्रिया को पूर्ण धायनपूर्वक और अवेयरनेस से करना ही ध्यान का सार है।
और इसी वजह से नए कर्म बनते नही और बहुत सारे पूराने कर्मों का प्रक्षालन होने लगता है। क्यूंकि आप वही करते है जो सही है। ना की वो जिसमें आपको अपना या दूसरों का फायदा दिखे। और इसीसे आपकी नाड़िया साफ होने लगती है। नाड़िया यानी की प्राणिक चैनल्स, कर्मों की वजह से ही मैल से भर जाते है। हर इंसान मैले चैनल्स के साथ ही जन्म लेता है, अपने पुराने जन्मों के कर्मों की वजह से। और वर्तमान जन्म में और मैल एकत्रित कर लेता है। जब योग , प्राणायाम और ध्यान कर के मैल छट जाती है, तब ईश्वर्य शक्ति कुंडलिनी एक्टिवेट होने लगती है और अपने सही समय पर उठती है। इसमें कई जन्म लग सकते है। एक ध्यानी अपने डेडिकशन से इसे एक जन्म में पा सकता है। इसके लिए कोई शॉर्टकट नही चलता, और ना ही कोई आपको करवा सकता है। इसके लिए खुद साधना और सिर्फ घोर साधना ही करनी पड़ती है।
Events do not stop happening with meditation. Events do keep happening, but one starts understanding the reason for their occurrence and their redressal . Because a meditator starts living in aware…