Arogya Health Care

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07/02/2023
07/02/2023
18/12/2022

*गौ मूत्र के चमत्कारी गुण !
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गौमूत्र का रासायनिक विश्लेषण करने पर वैज्ञानिकों ने पाया, कि इसमें 24 ऐसे तत्व हैं जो शरीर के विभिन्न रोगों को ठीक करने की क्षमता रखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र का नियमित सेवन करने से कई बीमारियों को खत्म किया जा सकता है। जो लोग नियमित रूप से थोड़े से गौमूत्र का भी सेवन करते हैं, उनकी रोगप्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। मौसम परिवर्तन के समय होने वाली कई बीमारियां दूर ही रहती हैं। शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहता है। इसके कुछ गुण इस प्रकार गए हैं :-

1. गौ मूत्र कड़क, कसैला, तीक्ष्ण और ऊष्ण होने के साथ-साथ विष नाशक, जीवाणु नाशक, त्रिदोष नाशक, मेधा शक्ति वर्द्धक और शीघ्र पचने वाला होता है। इसमें नाइट्रोजन, ताम्र, फास्फेट, यूरिया, यूरिक एसिड, पोटाशियम, सल्फेट, फास्फेट, क्लोराइड और सोडियम की विभिन्न मात्राएं पायी जाती हैं। यह शरीर में ताम्र की कमी को पूरा करने में भी सहायक है।

2. गौमूत्र को न केवल रक्त के सभी तरह के विकारों को दूर करने वाला, कफ, वात व पित्त संबंधी तीनो दोषों का नाशक, हृदय रोगों व विष प्रभाव को खत्म करने वाला, बल-बुद्धि देने वाला बताया गया है, बल्कि यह आयु भी बढ़ाता है।

3. पेट की बीमारियों के लिए गौमूत्र रामवाण की तरह काम करता है, इसे चिकित्सीय सलाह के अनुसार नियमित पीने से यकृत यानि लिवर के बढ़ने की स्थिति में लाभ मिलता है। यह लिवर को सही कर खून को साफ करता है और रोग से लड़ने की क्षमता विकसित करता है।

4. 20 मिली गौमूत्र प्रात: सायं पीने से निम्न रोगों में लाभ होता है।

1. भूख की कमी, 2. अजीर्ण, 3. हर्निया, 4. मिर्गी, 5. चक्कर आना, 6. बवासीर, 7. प्रमेह, 8.मधुमेह, 9.कब्ज, 10. उदररोग, 11. गैस, 12. लूलगना, 13.पीलिया, 14. खुजली, 15.मुखरोग, 16.ब्लडप्रेशर, 17.कुष्ठ रोग, 18. जांडिस, 19. भगन्दर, 20. दन्तरोग, 21. नेत्र रोग, 22. धातु क्षीणता, 23. जुकाम, 24. बुखार, 25. त्वचा रोग, 26. घाव, 27. सिरदर्द, 28. दमा, 29. स्त्रीरोग, 30. स्तनरोग, 31.छिहीरिया, 32. अनिद्रा।

5. गौमूत्र को मेध्या और हृदया कहा गया है। इस तरह से यह दिमाग और हृदय को शक्ति प्रदान करता है। यह मानसिक कारणों से होने वाले आघात से हृदय की रक्षा करता है और इन अंगों को प्रभावित करने वाले रोगों से बचाता है।

6. इसमें कैसर को रोकने वाली ‘करक्यूमिन‘ पायी जाती है |

7. कैंसर की चिकित्सा में रेडियो एक्टिव एलिमेन्ट प्रयोग में लाए जाते है | गौमूत्र में विद्यमान सोडियम,पोटेशियम,मैग्नेशियम,फास्फोरस,सल्फर आदि में से कुछ लवण विघटित होकर रेडियो एलिमेन्ट की तरह कार्य करने लगते है और कैंसर की अनियन्त्रित वृद्धि पर तुरन्त नियंत्रण करते है | कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करते है | अर्क आँपरेशन के बाद बची कैंसर कोशिकाओं को भी नष्ट करता है | यानी गौमूत्र में कैसर बीमारी को दूर करने की शक्ति समाहित है |

8. दूध देने वाली गाय के मूत्र में “लेक्टोज” की मात्रा आधिक पाई जाती है, जो हृदय और मस्तिष्क के विकारों के लिए उपयोगी होता है।

9. गाय के मूत्र में आयुर्वेद का खजाना है! इसके अन्दर ‘कार्बोलिक एसिड‘ होता है जो कीटाणु नासक है, यह किटाणु जनित रोगों का भी नाश करता है। गौमूत्र चाहे जितने दिनों तक रखे, ख़राब नहीं होता है।

10. जोड़ों के दर्द में दर्द वाले स्थान पर गौमूत्र से सेकाई करने से आराम मिलता है। सर्दियों के मौषम में इस परेशानी में सोंठ के साथ गौ मूत्र पीना फायदेमंद बताया गया है।

11. गैस की शिकायत में प्रातःकाल आधे कप पानी में गौ मूत्र के साथ नमक और नींबू का रस मिलाकर पीना चाहिए।

12. चर्म रोग में गौ मूत्र और पीसे हुए जीरे के लेप से लाभ मिलता है। खाज, खुजली में गौ मूत्र उपयोगी है।

13. गौमूत्र मोटापा कम करने में भी सहायक है। एक ग्लास ताजे पानी में चार बूंद गौ मूत्र के साथ दो चम्मच शहद और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर नियमित पीने से लाभ मिलता है।

14. गौमूत्र का सेवन छानकर किया जाना चाहिए। यह वैसा रसायन है, जो वृद्धावस्था को रोकता है और शरीर को स्वस्थ्यकर बनाए रखता है।

15. गौमूत्र किसी भी प्रकृतिक औषधी के साथ मिलकर उसके गुण-धर्म को बीस गुणा बढ़ा देता है| गौमूत्र का कई खाद्य पदार्थों के साथ अच्छा संबंध है जैसे गौमूत्र के साथ गुड़, गौमूत्र शहद के साथ आदि|

16. अमेरिका में हुए एक अनुसंधान से सिध्द हो गया है कि गौ के पेट में “विटामिन बी” सदा ही रहता है। यह सतोगुणी रस है व विचारों में सात्विकता लाता है।

17. गौमूत्र लेने का श्रेष्ठ समय प्रातःकाल का होता है और इसे पेट साफ करने के बाद खाली पेट लेना चाहिए| गौमूत्र सेवन के 1 घंटे पश्चात ही भोजन करना चाहिए|

18. गौमूत्र देशी गाय का ही सेवन करना सही रहता है। गाय का गर्भवती या रोग ग्रस्त नहीं होना चाहिए। एक वर्ष से बड़ी बछिया का गौ मूत्र बहुत लाभकारी होता है।

19. मांसाहारी व्यक्ति को गौमूत्र नहीं लेना चाहिए| गौमूत्र लेने के 15 दिन पहले मांसाहार का त्याग कर देना चाहिए| पित्त प्रकृति वाले व्यक्ति को सीधे गौमूत्र नहीं लेना चाहिए, गौमूत्र को पानी में मिलाकर लेना चाहिए| पीलिया के रोगी को गौमूत्र नहीं लेना चाहिए| देर रात्रि में गौमूत्र नहीं लेना चाहिए| ग्रीष्म ऋतु में गौमूत्र कम मात्र में लेना चाहिए|

20. घर में गौमूत्र छिड़कने से लक्ष्मी कृपा मिलती है, जिस घर में प्रतिदिन गौमूत्र का छिड़काव किया जाता है, वहां देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है।

21. गौमूत्र में गंगा मईया वास करती हैं। गंगा को सभी पापों का हरण करने वाली माना गया है, अत: गौमूत्र पीने से पापों का नाश होता है।

22. जिस घर में नियमित रूप से गौमूत्र का छिड़काव होता है, वहां बहुत सारे वास्तु दोषों का समाधान एक साथ हो जाता हैं।

23. देसी गाय के गोबर-मूत्र-मिश्रण से ‘`प्रोपिलीन ऑक्साइड” उत्पन्न होती है, जो बारिस लाने में सहायक होती है| इसी के मिश्रण से ‘इथिलीन ऑक्साइड‘ गैस निकलती है जो ऑपरेशन थियटर में काम आता है |

24. गोमुत्र कीटनाशक के रूप में भी उपयोगी है। देसी गाय के एक लीटर गोमुत्र को आठ लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग किया जाता है । गोमुत्र के माध्यम से फसल को नैसर्गिक युरिया मिलता है। इस कारण खाद के रूप में भी यह छिड़काव उपयोगी होता है ।गौमूत्र से औषधियाँ एपं कीट नियंत्रक बनाया जा सकता है।

25. अमेरिका ने गौ मूत्र पर 6 पेटेंट ले लिए हैं, और अमेरिकी सरकार हर साल भारत से गाय का मूत्र आयात करती है और उससे कैंसर की दवा बनाती हैं । उसको इसका महत्व समझ आने लगा है। जबकि हमारे शास्त्रो मे करोड़ो वर्षो पहले से इसका महत्व बताया गया है

*बाजरा खाइये स्वस्थ रहिये**🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगें। 🌾बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उ...
02/12/2022

*बाजरा खाइये स्वस्थ रहिये*

*🌾बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगें।
🌾बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं।
🌾- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग *आस्टियोपोरोसिस* और खून की कमी यानी *एनीमिया* नहीं होता।
🌾- बाजरा *लीवर* से संबंधित रोगों को भी कम करता है।
🌾- गेहूं और चावल के मुकाबले बाजरे में *ऊर्जा* कई गुना है।
🌾- बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है। उधर *आयरन* भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते।
🌾- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए।
🌾-इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में *असामान्य पीड़ा* के मामले भी न के बराबर पाए गए।
🌾- डाक्टर तो बाजरे के गुणों से इतने प्रभावित है कि इसे अनाजों में *वज्र* की उपाधि देने में जुट गए हैं।
🌾*लीवर की सुरक्षा* के लिए भी बाजरा खाना लाभकारी है।
🌾- *उच्च रक्तचाप, हृदय की कमजोरी, अस्थमा से ग्रस्त लोगों तथा दूध पिलाने वाली माताओं में दूध की कमी* के लिये यह टॉनिक का कार्य करता है।
🌾- यदि बाजरे का नियमित रूप से सेवन किया जाय तो यह *कुपोषण, क्षरण सम्बन्धी रोग और असमय वृद्धहोने* की प्रक्रियाओं को दूर करता
🌾- रागी की खपत से शरीर प्राकृतिक रूप से शान्त होता है। *यह एंग्जायटी, डिप्रेशन और नींद* न आने की बीमारियों में फायदेमन्द होता है। यह *माइग्रेन* के लिये भी लाभदायक है।
🌾- इसमें लेसिथिन और मिथियोनिन नामक अमीनो अम्ल होते हैं जो अतिरिक्त वसा को हटा कर *कोलेस्ट्रॉल* की मात्रा को कम करते हैं।
🌾- बाजरे में उपस्थित रसायन पाचन की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।
*डायबिटीज़ में यह रक्त में शक्कर* की मात्रा को नियन्त्रित करने में सहायक होता है।

jaidev raghav

28/11/2022
*मुनक्का :*-------------*1. कब्ज के रोगियों को रात्रि में मुनक्का और सौंफ खाकर सोना चाहिए। कब्ज दूर करने की यह रामबाण औष...
18/11/2022

*मुनक्का :
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1. कब्ज के रोगियों को रात्रि में मुनक्का और सौंफ खाकर सोना चाहिए। कब्ज दूर करने की यह रामबाण औषधि है।

2. भूने हुए मुनक्के में लहसुन मिलाकर सेवन करने से पेट में रुकी हुई वायु (गैस) बाहर निकल जाती है और कमर के दर्द में लाभ होता है।

3. यदि किसी को कब्ज़ की समस्या है तो उसके लिए शाम के समय 10 मुनक्कों को साफ़ धोकर एक गिलास दूध में उबाल लें फिर रात को सोते समय इसके बीज निकल दें और मुनक्के खा लें तथा ऊपर से गर्म दूध पी लें , इस प्रयोग को नियमित करने से लाभ स्वयं महसूस करें | इस प्रयोग से यदि किसी को दस्त होने लगें तो मुनक्के लेना बंद कर दें |

4. पुराने बुखार के बाद जब भूख लगनी बंद हो जाए तब 10 -12 मुनक्के भून कर सेंधा नमक व कालीमिर्च मिलाकर खाने से भूख बढ़ती है |

5. बच्चे यदि बिस्तर में पेशाब करते हों तो उन्हें 2 मुनक्के बीज निकालकर व उसमें एक-एक काली मिर्च डालकर रात को सोने से पहले खिला दें , यह प्रयोग लगातार दो हफ़्तों तक करें , लाभ होगा |

6. मुनक्के के सेवन से कमजोरी मिट जाती है और शरीर पुष्ट हो जाता है |

7. मुनक्के में लौह तत्व Iron की मात्रा अधिक होने के कारण यह Haemoglobin खून के लाल कण को बढ़ाता हैै |

8. 4-5 मुनक्के पानी में भिगोकर खाने से चक्कर आने बंद हो जाते हैं |

9. 10 -12 मुनक्के धोकर रात को पानी में भिगो दें | सुबह को इनके बीज निकालकर खूब चबा -चबाकर खाएं , तीन हफ़्तों तक यह प्रयोग करने से खून साफ़ होता है तथा नकसीर में भी लाभ होता है |

10. 5 मुनक्के लेकर उसके बीज निकल लें , अब इन्हें तवे पर भून लें तथा उसमें कालीमिर्च का चूर्ण मिला लें | इन्हें कुछ देर चूस कर चबा लें ,खांसी में लाभ होगा |

jaidev raghav

दही सेवन की विधि एवं अविधि से उत्पन्न होने वाली व्याधियां इस प्रकार बताते हैं:-◆अविधि दधि सेवन से उत्पन्न होने वाली व्या...
18/11/2022

दही सेवन की विधि एवं अविधि से उत्पन्न होने वाली व्याधियां इस प्रकार बताते हैं:-
◆अविधि दधि सेवन से उत्पन्न होने वाली व्याधियां:-ज्वरः,रक्त पित्त,विसर्प(herpes),कुष्ठ(दाद,खाज,खुजली,एक्जिमा,सोरायसिस),पांडु(चक्कर),कामला।
◆दही कभी भी रात में न खाएं।
◆दही गर्म करके मत खाओ।
◆दही रोज मत खाओ
◆दही अकेला मत खाओ
◆दही गर्मी या गर्म समय मे मत खाओ।
◆दही वसंत ऋतु(मार्च,अप्रैल),ग्रीष्म ऋतु,शरद ऋतु(अक्टूबर) में मत खाओ।
◆दही यदि खाएं भी तो घृत मिलाकर,या मिश्री मिलाकर या खड़ी शक्कर मिलाकर खाएं।
◆जिन लोगों को दही खाने से जोड़ों में दर्द बढ़े वह दही को मूंग दाल के साथ खाएं।
◆दही में यदि शहद मिलाकर खाएं तो दही की सारी बुराइयों के नाश होते हैं।
◆दही से यदि चर्म रोग बढ़ता हो तो दही खाने के बाद आंवला खा लें,या दही में आंवला चूर्ण मिलाकर खाएं।

SAROJ MISHRA

18/11/2022

*यदि आप 45 वर्ष से अधिक हैं, तो यह हैल्थ पोस्ट आपके लिए है-*

*⭕ दो चीजें चैक करते रहो-*
(1) अपना बी०पी०
(2) अपना ब्लडशुगर लेवल।

*⭕ अपने भोजन में 3 चीजें कम करें*-
(1) नमक
(2) चीनी
(3) स्टार्च वाली वस्तुएं।

*⭕ अपने भोजन में 4चीजें बढ़ायें*-
(1) हरी सब्जियां
(2) बीन्स
(3) फल
(4) सूखे मेवे (प्रोटीन)।

*⭕ तीन बातों को भूलने की आवश्यकता*-
(1)अपनी उम्र
(2)अपना भूतकाल
(3) अपनी इच्छाएं।

*⭕ आपके पास 4 चीजें होनी चाहिए, यह मायने नहीं रखता है कि आप कमजोर हैं या मजबूत-*
(1) मित्र, जो आपसे वास्तविक प्यार करें
(2) आपकी फिक्र(care) करने वाला परिवार
(3) सकारात्मक सोच
(4) घर में अपना कक्ष।

*⭕ 5 चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए आवश्यक-*
(1) नियमित अंतराल पर व्रत
(2) मुस्कराहट/हंसी
(3) टहलना/व्यायाम/प्राणायाम
(4) वजन में कमी
(5) सामाजिक/परोपकारी कार्य।

*⭕ 6 बातें आपको नहीं करनी हैं-*
(1) तीव्र भूख लगने तक खाने की प्रतीक्षा।
(2) तीव्र प्यास लगने तक पानी पीने की प्रतीक्षा।
(3) तेज नींद न आने तक शैय्या पर जाने का इंतजार।
(4) खूब थक न जाने तक आराम करने की प्रतीक्षा।
(5) जब बीमार पड़ जाए ,तब मैडीकल चैक अप कराने की प्रतीक्षा।
(6) जब तक समस्याओं से घिर न जाए, तब तक ईश्वर को याद करने की प्रतीक्षा।

अपना ख्याल रखें तथा उन्हें भी फारवर्ड करें, जिनके आप शुभचिंतक हैं। यदि आप इन्हें अपनायेंगे तो यह आपके लिए बहुत लाभदायक होंगे।

*आपका शरीर ही मंदिर है, इसकी देखभाल अवश्य करें।*

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