17/08/2024
काश तुम निर्भया होती डॉक्टर नहीं
तब निर्भया के लिये पूरा देश खड़ा था डॉक्टर भी
लेकिन आज जब निर्भया जैसा ही घिनौना हृदयविदारक जघन्य brutal अपराध एक महिला डॉक्टर के साथ हुआ
वो भी उसी के अस्पताल में जब वो ड्यूटी पर थी
तब उसके साथ डॉक्टर के अलावा कोई भी खड़ा नहीं है ।
कम से कम मैं जितने लोगों को जानता हूँ उनमें से कोई इसकी चर्चा तक नहीं कर रहा है
, मेरे किसी भी सोशल मीडिया दोस्त जो डॉक्टर नहीं है उसने इसके बारे में न लिखा है
न कोई शेयर किया है ,
वहीं वो सारे बांग्लादेश के बारे में गाजा के बारे में ज़रूर शेयर कर रहे हैं ।
उनको इस बात से भी ग़ुस्सा है कि अस्पताल क्यों बन्द हैं?लेकिन अगर उन्होंने इसके विरोध में सड़क बन्द कर दिया होता तो आज अस्पताल बन्द नहीं होते ।
अगर वो मोमबत्ती लेकर इंडिया गेट जाते तो सारे डॉक्टर अस्पताल के ओपीडी में होते।
ये देश डॉक्टर के साथ इतना सौतेला व्योहार क्यों करता है ?
क्या डॉक्टर होना ख़ुद एक अपराध हो गया है ?
ऐसा क्या हे जो आपको रोक रहा है protest करने को?कमसे कम सोशल मिडिया , व्हाट्सअप स्टैटस पे ही सही अपना गुस्सा दिखा दे !
वो पहलें एक बेटी थी फिर एक डॉक्टर थी !!
आज आपकी चुप्पी गलत मैसेज दे रही है ,
मुझें लग रहा है कि किन लोगो की फ़िकर करता रहता हूँ मैं ?!!
किनकी सेवा मैं लगा हूँ मैं ?😡😡