
10/04/2025
विश्व होम्योपैथी दिवस हर वर्ष 10 अप्रैल को मनाया जाता है।
विश्व होम्योपैथी दिवस के बारे में:
यह दिवस होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. हैनीमैन की स्मृति में मनाया जाता है।
डॉ. हैनीमैन का जन्म 10 अप्रैल 1755 को जर्मनी में हुआ था।
उन्होंने वर्ष 1796 में होम्योपैथी की अवधारणा प्रस्तुत की।
भारत में प्रथम बार वर्ष 2005 में यह दिवस मनाया गया।
डॉ. हैनीमैन ने होम्योपैथी को एक प्राकृतिक, सुरक्षित व प्रभावी उपचार प्रणाली के रूप में विकसित किया।
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति:
होम्योपैथिक चिकित्सा के अनुसार शरीर में खुद को ठीक करने की क्षमता होती है
होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति के सिद्धांत के रूप में होम्योपैथिक दवाएं शरीर की अपने आप ठीक होने की क्षमता को बढ़ा देती है।
इसमें बीमारी के लक्षणों को शरीर द्वारा फिर से स्वस्थ होने के लिए की गई प्रतिक्रिया समझा जाता है
होम्योपैथी में मरीज की जीवनशैली में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित किया जाता है
इस पद्धति को बिना कोई साइड इफेक्ट वाला उपचार माना जाता है।