Korba Spine & Joint Centre

Korba Spine & Joint Centre Korba's trusted Physiotherapy clinic – कमर, गर्दन, घुटने और कंधे के दर्द में राहत पाएं।
रीढ़ और जोड़ों के लिए विशेषज्ञ फिजियोथेरेपी।
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"आपको भी कमर दर्द है? पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये सिर्फ मांसपेशियों का दर्द है या किडनी स्टोन की शुरुआत?"हर तीसरे व्य...
04/08/2025

"आपको भी कमर दर्द है? पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये सिर्फ मांसपेशियों का दर्द है या किडनी स्टोन की शुरुआत?"
हर तीसरे व्यक्ति को कमर दर्द की शिकायत होती है — लेकिन ज्यादातर लोग असली कारण नहीं जानते।
एक छोटी सी गलती आपको दवाइयों के चक्कर में फंसा सकती है और बीमारी अंदर ही अंदर बढ़ती रहती है।

क्या आपके दर्द की वजह मसल्स हैं या अंदर छिपा किडनी का खतरा?
पहचानने का सही तरीका सिर्फ अंदाज़े नहीं, सही जानकारी है।

👉 पूरी पोस्ट पढ़ें और जानें — फर्क कैसे करें:
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02/08/2025

👉 अगर आपको कमर, घुटनों या साइटिका का दर्द है तो ये चीज़ें धीरे-धीरे आपकी हालत बिगाड़ सकती हैं।

क्या आप भी अनजाने में ये गलती कर रहे हैं?

👇 पूरी लिस्ट जानने और खुद को बचाने के लिए अभी Channel Join करें:
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MRI में "स्पाइनल स्टेनोसिस" लिखा है? सच्चाई जानने से पहले डरिए मत — हो सकता है सर्जरी की ज़रूरत ही न हो!
31/07/2025

MRI में "स्पाइनल स्टेनोसिस" लिखा है? सच्चाई जानने से पहले डरिए मत — हो सकता है सर्जरी की ज़रूरत ही न हो!

स्पाइनल स्टेनोसिस MRI रिपोर्ट में "narrowing", "compression", "disc bulge" जैसे शब्द देखकर घबराना स्वाभाविक है। लेकिन यह रिपोर्ट किसी सज़ा क...

स्पाइनल स्टेनोसिस / कमर दर्दसे छुटकारा पाएँ बिना सर्जरी — सिर्फ इन 7 व्यायामों से
28/07/2025

स्पाइनल स्टेनोसिस / कमर दर्दसे छुटकारा पाएँ बिना सर्जरी — सिर्फ इन 7 व्यायामों से

स्पाइनल स्टेनोसिस से छुटकारा पाएँ बिना सर्जरी! जानिए 7 असरदार व्यायाम, लक्षण, कारण और इलाज जो दर्द से राहत दें। अभी .....

🧠 "ICD-10 कोड क्या है? क्या आम मरीज़ों को इसकी जानकारी होनी चाहिए?"🔍 Swasthya Gyan Kosh📌 क्या आपने कभी किसी मेडिकल रिपोर...
21/07/2025

🧠 "ICD-10 कोड क्या है? क्या आम मरीज़ों को इसकी जानकारी होनी चाहिए?"
🔍 Swasthya Gyan Kosh

📌 क्या आपने कभी किसी मेडिकल रिपोर्ट में देखा है: M54.5, E11 या J45.9?
ये कोई सीक्रेट कोड नहीं हैं — ये हैं ICD-10 कोड। पर सवाल ये है कि क्या एक आम मरीज़ को इन कोड्स के बारे में जानना ज़रूरी है?
👉 हां, और खासकर तब जब आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस हो।

✅ ICD-10 क्या है?
ICD-10 (International Classification of Diseases - 10th Edition) एक वैश्विक प्रणाली है जो हर बीमारी, लक्षण और मेडिकल कंडीशन को एक यूनिक कोड देती है। इसे WHO ने तैयार किया ताकि पूरी दुनिया में बीमारियों का रिकॉर्ड एकसमान तरीके से रखा जा सके।

उदाहरण के लिए:

साइटिका (Sciatica) = M54.3

टाइप 2 डायबिटीज़ = E11

अस्थमा = J45

🏥 भारत में ICD-10 का कहाँ उपयोग होता है?
सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं में (जैसे आयुष्मान भारत, CGHS, ESIC)

इंश्योरेंस क्लेम्स में

डिजिटल मेडिकल रिकॉर्ड्स (EMR/EHR) में

हॉस्पिटल और लैब रिपोर्ट्स में

💸 एक छुपा हुआ पहलू
मान लीजिए आपके पास ₹10 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस है।

आपको साइटिका (Sciatica) की समस्या है और डॉक्टर ने M54.3 कोड के अंतर्गत सर्जरी का सुझाव दिया।

सर्जरी का खर्च आया ₹2 लाख।

✅ अगर रिपोर्ट में सही ICD कोड यानी M54.3 डला है, तो इंश्योरेंस ₹2 लाख देगा और बाकी ₹8 लाख आपके फ्यूचर के लिए बचे रहेंगे।

❌ लेकिन अगर किसी कारण से रिपोर्ट में गलत कोड डाल दिया गया — मान लीजिए M51.1 (लंबार डिस्क डिजनरेशन) जो महंगे इलाज की कैटेगरी में आता है,
तो इंश्योरेंस कंपनी इस क्लेम को उसी हिसाब से "हाई रिस्क" क्लेम मान लेगी।

🔻 नतीजा?

₹2 लाख का क्लेम तो पास हो जाएगा,

लेकिन आपका ₹10 लाख का इंश्योरेंस अब ₹8 लाख नहीं रहकर, ₹5 लाख तक भी घट सकता है क्योंकि आपने "ज्यादा खर्चे वाली बीमारी" का लाभ ले लिया है — भले ही असलियत में इलाज छोटा था।

🤷‍♂ तो आम मरीज़ क्या करें?
अपनी डिस्चार्ज समरी या इंश्योरेंस क्लेम फॉर्म को ध्यान से देखें।

उसमें लिखा ICD कोड (जैसे M54.3, M51.1 आदि) को गूगल करें या डॉक्टर से पूछें।

सही बीमारी का सही कोड ही इंश्योरेंस में दर्ज होना चाहिए — नहीं तो आप भविष्य में नुकसान उठा सकते हैं।

🧠 एक छोटी सी जागरूकता = बड़ा लाभ
ICD कोड्स केवल डॉक्टर्स या हॉस्पिटल्स के लिए नहीं हैं — अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस रखते हैं, तो ये कोड सीधे आपके पैसों से जुड़ा होता है।

📢
✅ अगली बार अपनी रिपोर्ट या क्लेम फॉर्म में कोड को नज़रअंदाज़ न करें।
✅ सही जानकारी रखें, और जरूरत हो तो किसी हेल्थ प्रोफेशनल से पूछें।
✅ जानिए कि एक छोटा सा कोड कैसे आपके 5-10 लाख के इंश्योरेंस को प्रभावित कर सकता है।

✅ Swasthya Gyan Kosh में हम लाते हैं ऐसे ही ज्ञान जो रोज़ की ज़िंदगी में फर्क लाता है।
📲 पोस्ट शेयर करें — हो सकता है ये किसी के लिए ज़रूरी सलाह बन जाए।

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15/07/2025

"कमर दर्द से परेशान हैं? घर पर करें ये 10 आसान एक्सरसाइज और पाएं जल्दी राहत। मसल्स को मजबूत बनाएं, पोस्चर सुधारें और द.....

💊 "क्या आप लंबे समय से एंटासिड (PPI) ले रहे हैं? जानिए इसके खतरे!"🎯 लाखों लोग एसिडिटी या रिफ्लक्स के लिए रोज़ाना PPI (जै...
09/07/2025

💊 "क्या आप लंबे समय से एंटासिड (PPI) ले रहे हैं? जानिए इसके खतरे!"

🎯 लाखों लोग एसिडिटी या रिफ्लक्स के लिए रोज़ाना PPI (जैसे ओमेप्राजोल या पैंटोप्राजोल) लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, लंबे समय तक इन दवाओं का सेवन आपके शरीर को नुकसान पहुँचा सकता है?

⚠️ लंबे समय तक PPI लेने के संभावित साइड इफेक्ट

🔹 पोषक तत्वों की कमी
Vitamin B12 की कमी
इससे कमजोरी, थकान और नसों में समस्या हो सकती है।

कैल्शियम की कमी
अस्थि कमजोरी (osteoporosis) और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है।

मैग्नीशियम की कमी
मांसपेशियों में ऐंठन, कमजोरी और दिल की धड़कन में गड़बड़ी हो सकती है।

🔹 इन्फेक्शन का बढ़ा हुआ खतरा
कम पेट की अम्लता के कारण पेट में इंफेक्शन (Clostridium difficile) और फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।

🔹 किडनी की समस्या
कुछ मामलों में लंबे समय तक उपयोग से क्रोनिक किडनी डिज़ीज़ का खतरा जुड़ा पाया गया है।

🔹 पेट की परत में बदलाव
ज्यादा इस्तेमाल से कभी-कभी पेट की परत में बदलाव आ सकते हैं, जिससे अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

✅ इसके बजाय क्या करें?
लाइफस्टाइल में बदलाव पर फोकस करें:
छोटे और बार-बार भोजन लें, खाने के तुरंत बाद न लेटें, मसालेदार और तली चीजें कम करें।

वजन कंट्रोल करें:
पेट की चर्बी ज्यादा होने से एसिडिटी और रिफ्लक्स बढ़ सकता है।

रात में बिस्तर के सिरहाने को ऊँचा करें, अगर रिफ्लक्स की समस्या है।

PPI या एंटासिड का इस्तेमाल तभी करें, जब वाकई ज़रूरी हो और डॉक्टर की सलाह से।

🩺 कब डॉक्टर से मिलें?
अगर आपको तेज़ या बार-बार एसिडिटी हो, निगलने में दिक्कत हो, अचानक वजन कम हो, या उल्टी हो रही हो — तो सिर्फ दवा न लें। सही जांच और इलाज कराएँ।

📌 याद रखें:
"दवाइयाँ मदद करती हैं, पर लाइफस्टाइल असली इलाज है!"

💬 पाचन और सम्पूर्ण स्वास्थ्य से जुड़ी सुरक्षित व भरोसेमंद सलाह के लिए जुड़े रहें —
👉 कोरबा स्पाइन और जॉइंट सेंटर | स्वास्थ्य ज्ञान कोष ✅

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🍵 "बारिश में इम्यूनिटी मजबूत कैसे रखें?"बारिश का मौसम जहाँ ठंडक और मज़ा लाता है, वहीं बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है।...
02/07/2025

🍵 "बारिश में इम्यूनिटी मजबूत कैसे रखें?"
बारिश का मौसम जहाँ ठंडक और मज़ा लाता है, वहीं बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है।
इस मौसम में वायरल infections, सर्दी-जुकाम, पेट की समस्याएं और स्किन infections बहुत आम हो जाते हैं। ऐसे में immunity strong रखना सबसे जरूरी है।

✅ क्या करें?
🌿 तुलसी, अदरक और हल्दी वाला गुनगुना पानी पिएं

गले और फेफड़ों को infection से बचाता है।

दिन में 1-2 बार पिएं।

🍋 नींबू और शहद वाला पानी सुबह लें

Vitamin C से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।

पेट भी साफ रहता है और digestion बेहतर होता है।

🥗 भिगोए हुए बादाम और अखरोट खाएं

इनसे शरीर को जरूरी healthy fats और antioxidants मिलते हैं।

रोज सुबह 5-6 बादाम और 1-2 अखरोट।

🍵 हल्दी वाला दूध रात में लें

रात को सोने से पहले हल्का गर्म दूध और 1/2 चम्मच हल्दी।

शरीर की मरम्मत (healing) में मदद करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।

🧘‍♂️ गहरी सांस (deep breathing) और प्राणायाम

फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है।

स्ट्रेस कम करता है, जिससे immunity मजबूत रहती है।

रोजाना 5-10 मिनट।

🚶‍♀️ हल्की फिजिकल एक्टिविटी या indoor walk

ज्यादा बैठने से metabolism धीमा होता है।

घर के अंदर ही रोज 15-20 मिनट हल्की वॉक करें या स्ट्रेचिंग करें।

💧 दिनभर थोड़ा-थोड़ा गुनगुना पानी पीते रहें

शरीर में toxin flush होते रहते हैं।

गले को भी सुरक्षित रखता है।

⚠️ ध्यान दें!
भीगने के बाद तुरंत कपड़े बदलें और शरीर को सुखाएं।

भीगे जूते और मोजे देर तक न पहनें, fungal infection का खतरा।

लगातार बुखार, कमजोरी, या सांस में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

📌 याद रखें:
"Strong immunity ही सबसे बड़ी दवाई है।"
ये छोटे-छोटे उपाय मिलकर आपको पूरे मानसून energetic और infection-free रख सकते हैं।

💬 ऐसी ही भरोसेमंद और काम की स्वास्थ्य जानकारी के लिए जुड़े —
👉 कोरबा स्पाइन और जॉइंट सेंटर |

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बैठने का सही तरीका ही कमर दर्द का असली इलाज हैज़्यादातर लोग घंटों कुर्सी पर झुककर बैठते हैं।इससे रीढ़ की हड्डी पर लगातार...
17/06/2025

बैठने का सही तरीका ही कमर दर्द का असली इलाज है

ज़्यादातर लोग घंटों कुर्सी पर झुककर बैठते हैं।
इससे रीढ़ की हड्डी पर लगातार दबाव पड़ता है — और धीरे-धीरे कमर दर्द शुरू हो जाता है।
👉 हमेशा बैठते समय पीठ सीधी रखें, दोनों पैर ज़मीन पर टिके हों।

अगर आप रोज़ 8 घंटे गलत तरीके से बैठते हैं,
तो कोई भी दवा या थेरेपी लंबे समय तक असर नहीं करेगी।
सीधे बैठना = रोज़ की फिजियोथेरेपी, वो भी बिल्कुल मुफ्त!



📚 ऐसे ही काम की और रोज़मर्रा की हेल्थ जानकारी के लिए जुड़िए —

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*🚀 पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के 5 आसान उपाय - दूसरे दिमाग को जगाने का रहस्य!*क्या आप जानते हैं?हमारा पाचन तंत्र "दूसरा द...
01/05/2025

*🚀 पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के 5 आसान उपाय - दूसरे दिमाग को जगाने का रहस्य!*

क्या आप जानते हैं?
हमारा पाचन तंत्र "दूसरा दिमाग" कहलाता है! इसमें 50-100 मिलियन नर्व सेल्स होते हैं जो सीधे मस्तिष्क से जुड़े होते हैं। यहीं पर 90% सेरोटोनिन (खुशी का हार्मोन) बनता है। यानी *कमजोर पाचन = खराब मूड, थकान और बीमारियों की जड़* !

*✨ पाचन शक्ति को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के 5 अचूक नियम ✨*

*1. सुबह की शुरुआत "गोल्डन डिटॉक्स" से करें 💛*
- 1 गिलास गुनगुना पानी + 1 नींबू + 1 चम्मच शहद: लिवर को साफ करता है, पाचन एंजाइम्स को एक्टिवेट करता है

*2. भोजन से पहले जरूर करें ये काम 🕒*
- 1 इंच अदरक + काला नमक चबाएं
या
- *1 चम्मच सौंफ धीरे-धीरे चबाएं*

*लाभ: जठराग्नि बढ़ाता है, भोजन आसानी से पचता है*

*3. हर कौर को बनाएं "32 का मंत्र" 🦷 कम से कम 32 बार चबाकर खाएं*

रहस्य: यह एकमात्र उपाय 85% पाचन समस्याओं को दूर कर सकता है!

*4. रात का "गोल्डन रिचार्ज" 🌙*
1 गिलास गर्म दूध + ½ चम्मच हल्दी + सौंफ

फायदा: आंतों की सूजन कम करता है, गहरी नींद लाता है

*5. साप्ताहिक "डिटॉक्स डे" 🌿*
1 दिन सिर्फ मूंग दाल की खिचड़ी + घी खाएं

विशेष लाभ: पाचन तंत्र को आराम मिलता है, टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं

*🔥 बोनस सुपर टिप:*
रोज सिर्फ 5 मिनट वज्रासन (भोजन के बाद) - यह आसन पाचन क्रिया को रॉकेट स्पीड देता है!

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क्या आप जानते हैं? पेट की सेहत सीधे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी है! अगर यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो अपने प्रियजनों तक पहुंचाएं।

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💡 याद रखें:
"जब पेट हो खुश, तो जीवन हो मस्त!" 🌟

*💥 कान और दाँत का दर्द बार-बार? असली कारण कहीं जबड़े (TMJ) के जोड़ में छुपा  तो नहीं?**क्या आप भी इनमे से किसी लक्षण से ...
29/04/2025

*💥 कान और दाँत का दर्द बार-बार? असली कारण कहीं जबड़े (TMJ) के जोड़ में छुपा तो नहीं?*

*क्या आप भी इनमे से किसी लक्षण से परेशान हैं?*
🔸 मुँह खोलने-बंद करने में दर्द या आवाज़
🔸 कान के पास भारीपन या अंदरूनी दर्द
🔸 चबाने या बोलने में जबड़ा थकना
🔸 बार-बार सिरदर्द या गर्दन में खिंचाव
🔸 इलाज के बाद भी कान या दाँत का दर्द ठीक न होना

अगर हाँ, तो यह TMJ (टेम्पोरो-मैंडिबुलर जॉइंट) की परेशानी हो सकती है — एक अनदेखी लेकिन आम समस्या, जो कई बार कान या दाँत के दर्द जैसा महसूस होती है, जबकि असली जड़ जबड़े के जोड़ में होती है।

> अगर आपका भी कान या दांत का दर्द ठीक नहीं हो पा रहा है, या खाना खाने में जबड़ो में दर्द होता है तो आज ही कोरबा स्पाइन एवं ज्वाइंट क्लिनिक में आके अपनी जांच करवाएं, सही समय पे किया गया सही इलाज आपको भविष्य में आने वाली बड़ी समस्या से बचा सकता है |

*⚠️ इन स्थितियों में तुरंत जाँच करवाएं:*
🔴 मुँह पूरी तरह न खुल पा रहा हो
🔴 इलाज के बाद भी दाँत या कान का दर्द लगातार बना हो
🔴 जबड़े में क्लिक या क्रैक जैसी आवाजें आ रही हों
🔴 नींद में दाँत पीसने की पुरानी आदत हो

*🏠 घरेलू उपाय – जो तुरंत राहत दे सकते हैं:*
🌿 गर्म सिकाई: दिन में 2-3 बार हल्के गर्म पानी से सिकाई करें – सूजन और खिंचाव में राहत मिलती है।
🌿 नरम आहार: कठिन, कुरकुरे या चबाने वाले भोजन से परहेज़ करें। नरम और हल्का खाना लें।
🌿 मुँह कम खोलें: जोर से हँसने, चबाने, या मुँह पूरा खोलने से बचें। मुँह खोलने की आदत को थोड़ा नियंत्रित रखें।
🌿 दाँत पीसने से बचें: दाँत आपस में भींचे नहीं रखें। जबड़ा ढीला छोड़ने की आदत डालें।
🌿 तनाव कम करें: गहरी साँसें लें, ध्यान करें – तनाव भी TMJ दर्द को बढ़ा सकता है।

*ये जरूरी जानकारी सब तक पहुँचाइए!*
✅ इस पोस्ट को अपने परिवार और दोस्तों के साथ ज़रूर साझा करें – खासकर उन्हें जो दाँत पीसने या जबड़े में खिंचाव की शिकायत करते हैं।
✅ और ऐसी ही असरदार, भरोसेमंद और आसान सेहत से जुड़ी जानकारी के लिए जुड़िए – स्वास्थ्य ज्ञान कोष से!
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**क्या आपके कोहनी के बाहर की तरफ  दर्द हो रहा है? 🤔***जानिए टेनिस एल्बो क्या है और इसे घर बैठे कैसे ठीक करें! 🏡****टेनिस...
28/04/2025

**क्या आपके कोहनी के बाहर की तरफ दर्द हो रहा है? 🤔*
**जानिए टेनिस एल्बो क्या है और इसे घर बैठे कैसे ठीक करें! 🏡**

**टेनिस एल्बो क्या है? 🎾**
टेनिस एल्बो एक आम समस्या है जिसमें कोहनी के बाहरी हिस्से में दर्द और सूजन होती है। ये समस्या सिर्फ टेनिस खेलने वालों तक सीमित नहीं है — कोई भी जिसे बार-बार हाथ और कलाई का ज्यादा इस्तेमाल करना पड़ता है, उसे हो सकती है।

**लक्षण ⚡:**
✅ कोहनी के बाहर तेज़ या लगातार दर्द
✅ छोटी-छोटी चीज़ें उठाने में भी तकलीफ़
✅ कलाई घुमाते समय दर्द बढ़ना
✅ हाथों में कमजोरी महसूस होना

**टेनिस एल्बो होने के कारण 🔍:**

कम्प्यूटर, मोबाइल या लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल

भारी वजन उठाने या गलत तकनीक से जिम करना

घरेलू काम जैसे सफाई, झाड़ू-पोंछा आदि में लगातार हाथ का अधिक प्रयोग

अचानक भारी काम करना बिना तैयारी के

**घरेलू इलाज 🏠✨:**
🍀 बर्फ से सिकाई करें – दर्द वाले हिस्से पर दिन में 2-3 बार 15 मिनट तक आइस पैक लगाएँ।
🍀 हल्के हाथ से स्ट्रेचिंग करें – कोहनी और कलाई के लिए हल्के स्ट्रेचिंग व्यायाम करें।
🍀 हल्दी-दूध पिएँ – हल्दी में प्राकृतिक सूजन कम करने वाले गुण होते हैं।
🍀 एलोवेरा जेल लगाएँ – सूजन और दर्द को कम करने के लिए एलोवेरा उपयोगी है।
🍀 गर्म पानी में नमक डालकर सिकाई करें – अगर दर्द पुराने हो गया हो, तो हल्की गर्म सिकाई से आराम मिल सकता है।
🍀 रोजाना हल्की मालिश करें – दर्द वाले हिस्से पर हल्के हाथ से नारियल या तिल के तेल से मालिश करें।

**बचाव के उपाय 🛡️:**
✔️ काम करते समय सही पॉश्चर रखें
✔️ भारी वजन उठाने से पहले वॉर्मअप करें
✔️ ज़रूरत पड़ने पर हाथ को आराम दें
✔️ फिजियोथेरेपी एक्सपर्ट से सही एक्सरसाइज़ सीखें

**विशेषज्ञ सलाह 🩺 — टेनिस एल्बो को शुरुआती चरण में ही पकड़कर सही इलाज किया जाए तो सर्जरी की नौबत नहीं आती!
स्वस्थ जीवनशैली और सही तकनीक से आप इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।

**अगर आपको या आपके किसी जानने वाले को टेनिस एल्बो जैसी समस्या है, तो इस पोस्ट को अभी शेयर करें! 🔄**
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