04/04/2025
श्रीजी हॉस्पिटल में नवजात शिशु का जटिल ऑपरेशन सफल – जीवन की शुरुआत एक नई उम्मीद के साथ
एक दिन के नवजात बच्चे को जन्म के तुरंत बाद सांस लेने में बहुत ज्यादा तकलीफ (Respiratory Distress) होने लगी। पहले लगा यह कोई आम दिक्कत है, लेकिन श्रीजी हॉस्पिटल के नवजात बच्चों के डॉक्टरों (Neonatal Team) ने तुरंत एडवांस डायग्नोस्टिक टेस्ट कराईं। पता चला कि बच्चे को जन्मजात डायाफ्रामेटिक हर्निया (Congenital Diaphragmatic Hernia/CDH) है। इसमें डायाफ्राम (सांस लेने वाली मांसपेशी) में छेद होता है, जिससे पेट के अंदर के अंग (जैसे आंत, लीवर, पेट) छाती के अंदर वाले हिस्से (Thoracic Cavity) में चले जाते हैं। इस वजह से बच्चे का बायां फेफड़ा ठीक से विकसित नहीं हुआ था (Hypoplastic Lung), जिससे सांस लेना नामुमकिन हो रहा था।
हालात बहुत खराब थे, लेकिन हॉस्पिटल के बच्चों के सर्जन (Pediatric Surgeons) ने तुरंत इमरजेंसी ऑपरेशन का फैसला लिया। पहले बच्चे को वेंटिलेटर (Mechanical Ventilation) पर रखकर स्थिर किया गया। ऑपरेशन में छाती में फंसे अंगों को पेट में वापस डाला (Repositioning) और डायाफ्राम के छेद को सर्जरी से ठीक (Surgical Repair) किया गया। मगर ऑपरेशन के बाद भी बच्चे को फेफड़ों की नसों में खून का दबाव बहुत बढ़ गया (Pulmonary Hypertension), जो जानलेवा हो सकता था।
नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (NICU) में विशेषज्ञों की टीम (नियोनेटोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक सर्जन, एनेस्थीसियोलॉजिस्ट) ने 24/7 शिशु के वाइटल पैरामीटर्स (हृदय गति, ऑक्सीजन संतृप्ति, श्वसन दर) और पल्मोनरी फंक्शन की निगरानी की। इनवेसिव वेंटिलेशन, न्यूट्रिशनल सपोर्ट, और टार्गेटेड मेडिकेशन (जैसे पल्मोनरी वैसोडिलेटर्स) के ज़रिए शिशु को स्थिर किया गया।
श्रीजी हॉस्पिटल की निदेशक और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीता जिंदल ने कहा यह ऑपरेशन न सिर्फ तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था, बल्कि एक बच्चे की ज़िंदगी, एक परिवार की खुशियों और समाज में भरोसे की एक नयी कहानी बन गया।
जानिए बच्चे की जिंदगी बचाने वाली डॉक्टर टीम के नाम:
1. डॉ. नीता जिंदल – एमबीबीएस, एमडी (बाल रोग), डायरेक्टर (पूर्व में नई दिल्ली से जुड़ी रही हैं)
2. डॉ. एम.पी. सिंह – एमबीबीएस, एमडी (बाल रोग)
3. डॉ. दीपशिखा जैन – एमबीबीएस, डीसीएच, डीएनबी (बाल रोग)
4. डॉ. दीपक मित्तल – एमबीबीएस, डीसीएच, नवजात विशेषज्ञ
5. डॉ. संजय जैन – एमबीबीएस, एमएस (बच्चों की सर्जरी विशेषज्ञ)
6. डॉ. तरुण बाबानी – एमबीबीएस, एमडी (बाल रोग)
7. डॉ. अनिल शर्मा – आर.एम.ओ
8. डॉ. सी.बी. दास गुप्ता – बाल रोग विशेषज्ञ
9. डॉ. सुरेश लालवानी – बाल रोग विशेषज्ञ
10. डॉ. दीपेन्द्र शर्मा – बाल रोग विशेषज्ञ
अस्पताल के एनआईसीयू में आधुनिक मशीनें, अनुभवी नर्सेस और 24 घंटे डॉक्टर्स की निगरानी होती है। यहां समय से पहले जन्मे बच्चों के इलाज के लिए विशेष ट्रेनिंग प्राप्त स्टाफ मौजूद है।