Agrawal Blood Bank

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19/04/2024
Top tips to handle Mosquitoes ताकि आपको खून चढ़ाने की ज़रूरत न पड़े... लेख लम्बा है किन्तु बेहद काम का, समय निकालकर पढ़ लें ...
12/04/2024

Top tips to handle Mosquitoes ताकि आपको खून चढ़ाने की ज़रूरत न पड़े... लेख लम्बा है किन्तु बेहद काम का, समय निकालकर पढ़ लें और लगे हाथ #शेयर भी करते चलें...

गर्मियों के दिन हैं, चौतरफ़ा मच्छरों का प्रकोप !!
यह मच्छर आकार में होते तो छोटे हैं, लेकिन बीमारियां बड़ी पैदा करते हैं मसलन: डेंगू, मलेरिया और भी कई.. इनसे बचने के कई तरीके हैं, हममें से कई उन्हें अपनाते भी हैं लेकिन कई बार उन उपायों की वजह से भी हम बीमार पड़ जाते हैं। ऐसे में क्या ध्यान रखें, क्या सभी मच्छरों के काटने से हम बीमार पड़ सकते हैं, मच्छरों से बचने का सबसे बेहतरीन तरीका क्या है, मच्छरों को पहचानने के तरीके क्या हैं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब देश के जाने-माने एक्सपर्ट से बात करके दे रहे हैं लोकेश के. भारती
8 सबसे खास बातें
1. डेंगू होने के बाद लोग प्लेटलेट्स के कम होने से बहुत घबराते हैं। यहां समझने वाली बात यह है कि अगर किसी का सामान्य रूप से प्लेट्सलेट्स काउंट 2 लाख हो और डेंगू की वजह से यह कम होकर पहले 1 लाख और उसके बाद 50 हजार से नीचे आ जाए, पर कोई गंभीर परेशानी न हो, मसलन: नाक, यूरिन, स्टूल आदि से खून न आता हो तो घबराने की स्थिति नहीं है। जो प्लेटलेट्स की संख्या कम हुई है, वह खुद ब खुद बढ़कर सामान्य हो जाएगी।
2. डेंगू का वायरस 4 तरह का होता है। एक शख्स को ज़िंदगी में ज्यादा से ज्यादा 4 बार ही डेंगू हो सकता है। दरअसल, जो डेंगू एक बार हो गया, शरीर उसके खिलाफ इम्यूनिटी विकसित कर लेता है। वहीं मलेरिया के साथ ऐसा नहीं है। वह कई बार हो सकता है।
3. एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से डेंगू होता है। यह मच्छर हवा में ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 मीटर तक ही उड़ सकता है। इसका मतलब यह नहीं कि अगर कोई 10वें फ्लोर पर रहता है तो उसे यह नहीं काट सकता। यह 10वें पर ही नहीं, 20वें फ्लोर पर भी लोगों को शिकार बना लेता है। असल में यह जहां बैठा हो, उस जगह के फर्श से 2-3 फुट की ऊंचाई तक घूमता है। यह लिफ्ट, डस्टबिन आदि के माध्यम से ऊपर पहुंच जाता है। इसलिए बचाव सभी को करना है।
4. एडीज इजिप्टी अमूमन 50 मीटर के क्षेत्रफल में उड़ता है। इसलिए घर के 50 मीटर के आसपास पानी जमा न होने दें तो इस मच्छर के पनपने की आशंका काफी कम हो जाती है। वहीं मलेरिया का मच्छर 5 किमी दूर तक जा सकता है।
5. मलेरिया का बहुत बड़ा लक्षण कंपकंपी के साथ तेज बुखार आना है। वहीं, डेंगू के साथ ऐसा नहीं होता। लेकिन यह मुमकिन है कि दोनों तरह के बुखार एक साथ हो जाए।
6. मच्छर का सीटिंग पॉश्चर देखकर हम समझ सकते हैं कि कौन-सा मच्छर है? मलेरिया वाला एनोफिलीज मच्छर हमेशा सतह के समानांतर बैठता है। वहीं एडीज और क्यूलेक्स (इससे फाइलेरिया बीमारी होती है) हमेशा ही सतह के साथ 45 से 60 डिग्री का एंगल बनाकर बैठता है।
7. डेंगू, मलेरिया या फिर कोई दूसरी बीमारी जो मच्छरों के काटने से फैलती है, इनमें कॉमन यही है कि ये सभी फीमेल मस्कीटो के काटने से होती हैं। दरअसल, मेल मस्कीटो की बनावट ही ऐसी होती है कि वह सिर्फ फूल आदि से रस खींच सकता है, जबकि फीमेल मस्कीटो की बनावट ऐसी होती है कि वह स्किन से खून खींच सके और साथ में फूलों से रस भी। (तो बहन तू फलों का रस ही पी, खून क्यों चूसती है इंसानों का!)
8. अगर डेंगू होने के बाद किसी की आंखें बहुत लाल हो जाएं या फिर दिखाई देने में परेशानी होने लगे तो उसे फौरन ही आंखों के डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस दौरान आंखों को पानी से न धोएं।
फिल्म 'क्रांतिवीर' में मच्छरों पर बोला गया नाना पाटेकर का यह डायलॉग आज भी काफी मशहूर है, 'एक मच्छर आदमी को... बना देता है।' वैसे मच्छर कुछ बनाए या न बनाए, लेकिन बीमार और गंभीर बीमार जरूर बना देता है। खासकर तब जब बीमारी के लक्षणों पर ध्यान न दिया जाए। उसकी गंभीरता को न समझें। वैसे एक बात समझ लें कि यह जरूरी नहीं कि सिर्फ मच्छर के काटने से ही डेंगू या मलेरिया हो जाएगा। उस मच्छर की लार में डेंगू का वायरस या फिर मलेरिया के लिए प्लाज्मोडियम के जीवाणु मौजूद हों तो ही यह मुमकिन है। पर इसके लिए भी यह जरूरी है कि शरीर में पहुंचने वाला ये जीवाणु या फिर वायरस हमारे शरीर की इम्यूनिटी को हरा दें। इसके बाद ही हम बीमार पड़ते हैं।
मच्छर सिर्फ हानि ही नहीं पहुंचाते बल्कि ये फूलों पर जब रस खींचने के लिए बैठते हैं तो साथ में पराग कणों के साथ ही उड़ते हैं। जब ये दूसरे फूलों पर बैठते हैं तो उस फूल को फर्टिलाइज कर देते हैं। इसके बाद ही फूल से फल का निर्माण होता है यानी ये पॉलिनेशन (परागण) की प्रक्रिया को पूरी करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
सैकड़ों प्रजातियां हैं मच्छरों की: मच्छर की आज ज्ञात 3600 प्रजातियां हैं। पर हमें जो सबसे ज्यादा परेशान करती है, वह है एडीज इजिप्टी (डेंगू और चिकनगुनिया का कारण) और फीमेल एनोफिलीज (मलेरिया का कारण)। अगर इनसे बच गए तो डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से भी बच सकते हैं।
इंसानों से पहले से मौजूद हैं मच्छर: मच्छरों का विकास इंसानों से काफी पहले हुआ है। ये डायनासोर के वक्त भी थे और आज भी हैं। मच्छरों का सबसे पुराना जीवाश्म करीब 8 करोड़ साल पुराना है।
किस देश में मच्छर नहीं: दुनिया के लगभग हर देश में मच्छर हैं। हां, आइसलैंड में मच्छर नहीं पाए जाते। इसके अलावा अंटार्कटिका की ठंड में भी मच्छरों का जीवित रहना मुश्किल है।
Q. क्या किसी खास ब्लड ग्रुप वाले को ज्यादा काटते हैं मच्छर
A. इस तरह का कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है कि ब्लड ग्रुप की वजह से किसी शख्स को मच्छर ज्यादा काटे।
क्या है बुखार: जब हमारे शरीर पर कोई बैक्टीरिया या वायरस हमला करता है तो हमारा शरीर अपने आप ही उसे मारने की कोशिश करता है। उस दौरान शरीर का तापमान बढ़ता है तो उसे बुखार कहा जाता है। जब भी शरीर का टेम्परेचर नॉर्मल (98.3 डिग्री फारेनहाइट) से बढ़ जाए तो वह बुखार माना जाएगा। आमतौर पर छोटे बच्चों को बुखार होने पर उनके हाथ-पांव तो ठंडे रहते हैं लेकिन सिर और पेट गर्म रहता है। इसलिए उनके पेट से उनका बुखार चेक किया जाता है। कई बार बुखार 104-105 डिग्री फारेनहाइट तक भी पहुंच जाता है।
मच्छरों की आबादी से बर्बादी
-डेंगू या मलेरिया या चिकनगुनिया कभी भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आने से नहीं फैलता जैसा कि कोरोना आदि के मामले में होता है। अगर घर में एक शख्स को डेंगू या मलेरिया हो गया और उसे काटने के बाद मच्छर ने दूसरे शख्स को भी काट लिया तो दूसरे शख्स को डेंगू या मलेरिया होने का खतरा जरूर होगा। इसलिए घर में जब भी किसी को डेंगू हो तो उसे मच्छरदानी में ही सुलाएं और मच्छर भगाने के लिए मस्कीटो रिपेलंट जैसे- स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि का इस्तेमाल करें ताकि मच्छर फिर से उसे काटकर बाकी सदस्यों को बीमार न कर सकें। वहीं बाकी शख्स भी मच्छरदानी में सोएं और मस्कीटो रिपेलंट का इस्तेमाल करें।
-घर में या घर के आसपास गड्ढ़ों, कंटेनरों, कूलरों आदि में पानी भरा हो और उसमें अल्गी (कवक), घास-फूस, गंदगी जमा हो तो इससे मच्छर पनपने की पूरी गुंजाइश होती है। इसलिए ऐसी कोई भी जगह खाली न छोड़ें। कहीं पानी न भरा होने दें।
-कूलर का इस्तेमाल बंद कर दें। अगर नहीं कर सकते तो उसका पानी रोज बदलें और उसमें ब्लीचिंग पाउडर या बोरिक एसिड जरूर डालें। कूलर के पानी में एक चम्मच मिट्टी का तेल या डीजल भी डाल सकते हैं।
-गमले चाहे घर के भीतर हों या बाहर, इनमें पानी जमा न होने दें। गमलों के नीचे रखी ट्रे भी रोज खाली करना न भूलें।
-छत पर टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें या उन्हें उल्टा करके रखें। पानी की टंकी अच्छी तरह बंद करके रखें। पक्षियों को दाना-पानी देने वाले बर्तन को रोज साफ करने के बाद ही पानी भरें। बारिश होने के बाद इन चीजों को जरूर चेक करें कि पानी तो नहीं भरा।
-किचन, बाथरूम के सिंक/वॉश बेसिन में भी पानी जमा न होने दें। हफ्ते में एक बार अच्छी तरह से सफाई करें। पानी स्टोर करने के बाद बर्तन पूरी तरह ढककर रखें। बेहतर यह है कि उन्हें गीले कपड़े से ढकें ताकि मच्छर को जगह न मिले। नहाने के बाद बाथरूम को वाइपर की मदद से सुखा दें।
-घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छर नाशक दवाई का छिड़काव जरूर करें। डाइनिंग टेबल पर रखे प्लांट्स या फूलदान का पानी रोज बदलें।
बचने के लिए यह भी करें
- मच्छर हमेशा गहरे रंग की तरफ आकर्षित होते हैं इसलिए बेहतर होगा कि हल्के रंग के कपड़े पहनें।
-जब घर से बाहर जा रहे हों तो कोशिश करें कि पूरी बाजू की कमीज और पेंट के साथ, जूते व जुराबें भी जरूर पहनें।
- तेज महक वाला परफ्यूम लगाने से बचें क्योंकि मच्छर किसी भी तरह की तेज महक की तरफ आकर्षित होते हैं।
- मच्छरदानी लगाकर सोएं और शरीर पर मच्छर भगाने वाली क्रीम ओडोमॉस लगाएं, अगर इससे एलर्जी न हो ।
- कमरे में मच्छर भगाने वाले मस्कीटो रिपेलंट का इस्तेमाल करें। मस्कीटो रिपेलेंट कॉइल या पेपर को जलाते समय सावधानी बरतें। इन्हें जलाकर कमरे को 1-2 घंटे के लिए बंद कर दें। सोने से पहले खिड़की-दरवाजे खोल दें और कॉइल को जली रहने दें। खिड़की, दरवाजे बंद रखेंगे तो सांस की बीमारी हो सकती है।
- घर के मेन एंट्रेंस के बाहर लगी ट्यूब लाइट के पास मस्कीटो रिपेलंट (गुड नाइट, ऑल आउट आदि) जलाकर रखें। इससे दरवाजा खुलने पर अंदर आनेवाले मच्छरों को रोका जा सकेगा। आजकल इसे 24 घंटे जलाकर रखें ताकि मच्छर को अंदर आने की जगह ही न मिले।
- सोने से पहले हाथ-पैर और शरीर के खुले हिस्सों पर विक्स भी लगा सकते हैं। इससे मच्छर पास नहीं आएंगे।
- लैवेंडर ऑयल की 15-20 बूंदें, 3-4 चम्मच वनीला एसेंस और चौथाई कप नीबू रस को मिलाकर एक बोतल में रखें। शरीर के खुले हिस्सों पर लगाने से पहले अच्छी तरह मिलाएं। इसे लगाने से भी मच्छर दूर रहते हैं।
- तुलसी का तेल, पुदीने की पत्तियों का रस, लहसुन का रस या गेंदे के फूलों का रस शरीर पर लगाने से भी मच्छर भागते हैं।
- मच्छरों को भगाने और मारने के लिए गुग्गुल जलाएं।
एलर्जी है तो क्या करें
-जिन लोगों को गंभीर अस्थमा हो या फिर गंभीर एलर्जी की समस्या हो तो लिक्विड या कॉइल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
-वैसे तो मच्छरदानी सभी के लिए उपयोगी है, लेकिन एलर्जी से परेशान रहने वालों के लिए यह बहुत ही कारगर है।
-जिस घर में बच्चे, प्रेग्नेंट और बुजुर्ग हों, उस घर में स्प्रे या फिर धुआं जैसे उपायों से बचना चाहिए। वहीं अगर स्प्रे कर रहे हों तो हाथों पर ग्लब्स, पूरी बाजू की शर्ट और नाक पर मास्क जरूर लगा लें। कई बार स्किन के माध्यम से भी केमिकल शरीर में पहुंच जाता है।
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डेंगू नहीं डराएगा
एडीज इजिप्टी को टाइगर मस्कीटो भी कहते हैं। यह जिस डेंगू वायरस को कैरी करता है, उसकी ज़िंदगी 7 दिनों की ही होती है।
मच्छर के पैटर्न को समझें
-इस मच्छर का स्लीपिंग पैटर्न भी लगभग इंसानों की तरह ही है। यह दिन में जागता है और रात में सोता है। इसलिए डेंगू के मच्छर दिन में ही ज्यादा काटते हैं। खासकर ये सुबह को 6 से 9 और शाम को 4 से 6 के बीच ज्यादा ऐक्टिव रहता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह रात में बिलकुल ही नहीं काटता।
-एडीज इजिप्टी हवा में ज्यादा ऊपर नहीं उड़ सकता। यह ज्यादा से ज्यादा 2 से 3 मीटर तक ही उड़ सकता है। इसका मतलब यह नहीं कि अगर कोई 10वें माले पर है तो उसे यह नहीं काट सकता। यह 10वें पर ही नहीं, 20वें माले पर भी लोगों को शिकार बना लेता है। यह लिफ्ट, डस्टबिन आदि के माध्यम से ऊपर पहुंच जाता है। इसलिए बचाव सभी को करना है।
-सिर्फ पूरी बाजू के कपड़े पहनने से काम नहीं चलेगा। चूंकि यह ज्यादा उड़ नहीं सकता, इसलिए यह टखनों, पैरों और कोहनियों पर ही ज्यादा काटता है। इसलिए अगर पार्क में जा रहे हैं तो पैरों में जुराबें और जूते जरूर हों। घर में भी जुराबें पहनकर रह सकते हैं।
डेंगू वायरस कितनी तरह का
- डेंगू वायरस मूल रूप से चार तरह का होता है। डेन1, डेन2, डेन3 और डेन4 सेरोटाइप।
- इस साल डेन2 और डेन4 ही ज्यादा देखने को मिल रहा है।
कितने स्टेज में डेंगू?
सामान्य डेंगू: आजकल इसी तरह का डेंगू ज्यादा देखा जा रहा है। इसमें बुखार आने के पहले 4 दिनों तक प्लेटलेट्स सामान्य ही होते हैं। बुखार रहता है, लेकिन बाकी लक्षण नहीं उभरते। फिर 5वें से 7वें दिन तक प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। फिर अमूमन 8वें या 9वें दिन से प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ने लगती है और 4 से 5 दिनों में यह काफी सामान्य या उसके करीब पहुंच जाती है।
डेंगू हेमरैजिक: अच्छी बात यह है कि इस बार इस तरह के मरीज बहुत कम संख्या में हैं। इसमें मरीज की स्थिति 5वें दिन पहुंचते-पहुंचते खराब होने लगती है। प्लेटलेट्स अचानक कम होने की वजह से मुंह, नाक आदि से खून निकलने लगता है। कई लोगों को इससे पहले भी ऐसा हो सकता है। ठंड के साथ तेज बुखार, बीपी कम होना भी अहम है। इसमें प्लेटलेट्स चढ़ाने की स्थिति बन जाती है।
डेंगू शॉक सिंड्रोम: हेमरेजिक स्टेज के बाद स्थिति खराब होने पर मरीज शॉक में पहुंच जाता है। यह बहुत ज्यादा खतरनाक स्टेज है। बीपी कम होकर 70/40 तक या इससे भी कम हो सकता है। इससे किडनी, लिवर, हार्ट आदि के फेल होने की आशंका बढ़ जाती है। इसे मल्टिपल ऑर्गन फेल्योर स्टेज भी कहते हैं।
सबसे अहम लक्षण
-मांसपेशियों में बहुत तेज दर्द होगा, कमर और सिर में तेज दर्द होगा। आंखों के पास और आंखों में दर्द होगा।
-डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं यानी जॉइंट पेन भी बहुत तेज होगा।
-सिरदर्द और आंखों के चारों तरफ व पुतली में भी दर्द हो सकता है।
ये लक्षण दिखें तो हॉस्पिटल में एडमिट कराएं...
- अगर बुखार 102 डिग्री से ज्यादा हो
-बेहद कमजोरी महसूस हो
-बीपी और पल्स गिर गई हो (120/80 की जगह 100/70 या इससे भी कम)
-शरीर एकदम से गर्म हो या एकदम ठंडा हो
-पेट में तेज दर्द हो
-चक्कर आ रहे हों
-लगातार उल्टी हो
-नाक, मसूढ़ों, कान या शौच में खून आ रहा हो
-बेहोशी छाई हो
-दिमागी हालत में गड़बड़ी हो
(इनमें से कुछ लक्षण दूसरी बीमरियों के भी हो सकते हैं।)
डेंगू के लिए कौन-सा टेस्ट
1. NS1: यह ऐंटिजन (शरीर में बाहर से आने वाले दुश्मन वायरस, बैक्टीरिया या कोई और) टेस्ट है। इससे यह पता चलता है कि शरीर में डेंगू वायरस की मौजूदगी है या नहीं। इसमें सैंपल ब्लड से ही लिया जाता है। यह 2 तरीके से होता है:
कार्ड या रैपिड टेस्ट: इसमें एक तरह के कार्ड पर सैंपल देने पर नेगेटिव या पॉजिटिव रिजल्ट आता है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि रिपोर्ट नेगेटिव आने पर भी अगर मरीज में डेंगू के लक्षण हैं तो एलाइजा (ELISA) टेस्ट कराना पड़ता है। यह टेस्ट अस्पताल वाले ही कर सकते हैं।
खर्च: 900 से 1800 रुपये
रिपेार्ट: 1 से 2 घंटे
एलाइजा टेस्ट: यह डेंगू के लिए सबसे सही टेस्ट है। ज्यादातर लैब वाले यही टेस्ट करते हैं। कई बार जब रैपिड टेस्ट से कुछ शंका रह जाती है तो इस टेस्ट को कराने की सलाह दी जाती है।
बुखार आने के कितने दिनों बाद कराएं: 3 से 5वें दिन
खर्च: 600 रुपये
रिपोर्ट: 1 से 2 दिन
2. IgM: यह भी ऐंटिबॉडी टेस्ट है। इसका भी एलाइजा टेस्ट ही कॉमन।
बुखार आने के कितने दिनों बाद कराएं: 4 से 5 दिन में
खर्च: 600 रुपये
कैसे: ब्लड से
रिपोर्ट: 1 से 2 दिन
3. IgG: यह ऐंटिबॉडी आधारित टेस्ट है। इसमें ब्लड में IgG ऐंटिबॉडी की मौजूदगी देखी जाती है। अगर यह मौजूद है तो शख्स को डेंगू का इंफेक्शन हुआ है। इसका एलाइजा टेस्ट ही कॉमन है।
बुखार आने के कितने दिनों बाद कराएं: 6 से 7 दिन के बाद
खर्च: 600 रुपये
कैसे: ब्लड से
रिपोर्ट: 1 से 2 दिन
नोट: 2 और 3 में दोनों को करा सकते हैं या इनमें से कोई एक भी।
4. CBC (कंप्लीट ब्लड काउंट): यह बहुत सस्ती जांच है। इससे यह तो पता चल जाता है कि प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगी है या नहीं, लेकिन यह डेंगू की विशेष जांच नहीं है। कुछ डॉक्टर इस जांच के साथ मरीज के बाकी लक्षणों को देखने के बाद दूसरे टेस्ट कराने के लिए कहते हैं।
कितने दिनों के अंदर कराएं: बुखार आने के 4 से 5 दिनों में, खासकर जब बॉडी पर दाने आदि निकल आते हैं। डॉक्टर प्लेटलेट्स की स्थिति देखने के लिए कई बार हर दिन यह टेस्ट कराने के लिए कहते हैं।
खर्च: 250 से 300 रुपये
रिपोर्ट: उसी दिन
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बच्चों के मामले में
अगर बच्चे को बुखार है तो 100 फारेनहाइट के करीब पहुंचने पर पैरासिटामॉल दें। इसकी मात्रा कितनी होगी, इसके लिए डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। डेंगू के मामले में ब्रूफेन ग्रुप की दवा न दें। इससे प्लेटलेट्स कम होने की आशंका रहती है।
-अगर बुखार आए और डेंगू के लक्षण जैसे: हाथ-पैर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, हड्डियों में दर्द, चेहरे पर रैशेज आदि दिखने लगें तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
-डॉक्टर जो दवा दे या टेस्ट के लिए कहे, उसे जरूर कराएं।
-अगर डॉक्टर ने बच्चे को घर पर ही रखने को कहा है तो खाने में घर का बना हुआ सुपाच्य भोजन दें। दाल में मूंग दाल अच्छी रहेगी।
-पानी या ओआरएस पिलाते रहें। इस बात का ध्यान रखें कि पानी की मात्रा शरीर में कम न हो, चाहे डेंगू हो, मलेरिया, चिकनगुनिया या फिर कोई सामान्य वायरल फीवर। दरअसल, बुखार होने पर जब शरीर का तापमान बढ़ता है तो शरीर से काफी मात्रा में पानी भाप बनकर उड़ने लगता है। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह कमी शरीर के हर अंग में होने लगती है। इससे उनकी कार्यशैली पर बुरा असर पड़ता है। हर घंटे पानी दें। अगर बच्चा ज्यादा न पिए तो कुछ घूंट भी पिला दें।
कब जरूर कराएं भर्ती
-बुखार के साथ पेट में दर्द हो
-दिनभर में 2 से ज्यादा उल्टियां हो
-लगातार चक्कर आने की शिकायत करे
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मलेरिया से घबराएं नहीं
यह फीमेल एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है।
-यह मच्छर दिन-रात कभी भी काट सकता है, लेकिन यह रात में ज्यादा काटता है।
-इसमें ठंड के साथ बुखार आता है।
- बुखार 103 से 104 डिग्री फारेनहाइट तक चला जाता है। साथ ही गले में खराश होना भी आम है।
- ज्यादातर बार जब बुखार उतर रहा हो तो पसीना आने लगता है।
-इसमें थकान के साथ बेचैनी होती है।
-उल्टी आना भी एक बड़ा लक्षण है।
बच्चों को मलेरिया होने पर
-अगर बच्चे को कंपकंपी के साथ बुखार आए और बुखार में हाई फीवर (103-104 फारेनहाइट) हो तो ये लक्षण मलेरिया के हो सकते हैं।
-उल्टी, चक्कर आना आदि भी हो सकता है।
-अगर कंपकंपी के साथ तेज बुखार आए तो डॉक्टर के पास जरूर जाएं।
क्या करें
-जब बुखार 100 के करीब पहुंचे तो पैरासिटामॉल दें।
-अगर बुखार के साथ 2 बार से ज्यादा उल्टी हो या फिर बहुत चक्कर आए तो डॉक्टर से जरूर मिलें।
-अगर बुखार 102 फारेनहाइट से ज्यादा पहुंचे तो सिर पर पट्टी रखें।
-पानी पिलाते रहें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
कौन से अहम टेस्ट
ब्लड स्मीयर टेस्ट
कीमत: 100 से 200 रुपये
कब कराएं: लक्षण दिखने के 2 से 3 दिन में यह टेस्ट करा सकते हैं।
रिपोर्ट: उसी दिन.....................................
चिकनगुनिया का बुखार
- अचानक तेज बुखार आता है।
- हड्डियों और जोड़ों में तेज दर्द होता है। यह कुछ दिनों के लिए भी चल सकता है या फिर लंबे समय तक के लिए भी।
- सिर और मांसपेशियों में दर्द महसूस होती है।
- पीठ में तेज दर्द होता है। थकान महसूस होती है।
- शरीर पर दाने निकल आते हैं।
- आंखें लाल होना (कंजक्टिवाइटिस) भी एक अहम लक्षण है।
क्या करें
- हर दिन दो से ढाई लीटर पानी पीना है। शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए।
-बुखार होने पर वही उपाय करने हैं जो पहले बताए गए हैं।
कौन से अहम टेस्ट
PCR
कीमत: 1500 से 2000 रुपये
कब कराएं: 4 से 6 दिनों बाद
रिपोर्ट: 2 से 5 दिन
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होम्योपैथी
डेंगू की 3 स्टेज के लिए अलग-अलग दवाएं दी जाती हैं:
1. डेंगू सामान्य बुखार: अमूमन इस स्टेज में गंभीर लक्षण नहीं आते। बुखार भी काबू में रहता है। प्लेटलेट्स की संख्या में भी ज्यादा फर्क नहीं आता।
दवाएं: Eupatorium Perfoliatum, Belladonna, Ferrum Phosphoricum, Bryonia Rhus tox और Gelsemium
2. डेंगू हेमरेजिक फीवर: यह स्टेज डेंगू की गंभीर स्थिति की ओर इशारा करती है। बाकी लक्षणों की चर्चा हम पहले कर चुके हैं।
दवाएं: Phosphorus, Crotalus Horridus, Arsenic Album और Vanadium।
3. डेंगू शॉक सिंड्रोम: यह सबसे खतरनाक स्थिति बनती है। अस्पताल में जरूर भर्ती होना चाहिए।
दवाएं: Veratrum Album, Carbo veg, Arsenic album, O***m.
मात्रा कितनी: ज्यादातर 30 पोटेंसी यानी हर दिन 4 गाली 4 बार, एक सप्ताह तक या फिर जरूरी होने पर आगे भी।
नोट: हमने यहां पर डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के बारे में कई एक्सपर्ट से अलग-अलग लक्षणों, उपायों और पद्धतियों के बारे में बात करके समझाने की कोशिश की है। किसी भी तरह की जांच, इलाज या दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। सिर्फ यहां पढ़कर खुद दवा न लें। दरअसल, दवा की मात्रा मरीज की स्थिति, उम्र और वजन के हिसाब से तय की जाती है। जब भी डॉक्टर से इलाज कराने जाएं, उन्हें यह भी बताएं कि आप दूसरी पद्धति से भी इलाज करा रहे हैं। कभी भी छिपाएं नहीं, इससे उन्हें इलाज करने में आसानी होती है। टेस्ट की कीमतों में फर्क मुमकिन है !!

स्त्रोत :- आभासी पटल पर प्राप्त नवभारत टाइम्स का आर्टिकल !!

25/11/2023

पूरा ध्यान से ज़रूर पढ़े !
आपका प्रश्न
हम इतना ब्लड डोनेट करते है जाता कहा है !???

इसका एक प्रेक्टिकल उदाहरण से आपको समझाता हूँ
शायद आपको कुछ समझ आए !!

पिछले कुछ दिनों से कोटा शहर में रक्त ख़त्म सा हो गया चुनाव में कैम्प नहीं लगने की वजह से !!
पिछले 2 दिनों में
:::: *एक कोचिंग स्टूडेंट्स दिव्यांशी मीना (उम्र 18 साल ) जिसका एक्सीडेंट हो गया किडनी और लीवर का आपरेशन हो रहा है तबियत ख़राब है में प्रभु से प्रार्थना करता हूँ ये शीघ्र स्वास्थ्य हो जाए* !
*इनको 18 यूनिट ब्लड की व्यवस्था आप सबके सहयोग से करवा दी गई है और भी सहायता जारी है ये बहन अभी सुधा में भर्ती है* अटेंडर:: भूपेन्द्र मीना जी (8104003253)

*देव बाई कोटा हर्ट में जिनका ब्लड ग्रुप A पॉज़ीटिव ( जो कोटा में बिलकुल ख़त्म था ) इनके ऑपरेशन के दौरान ब्लडिंग हो गई इनको 10 यूनिट तुरंत प्रभाव से उपलब्ध करवाया* !!

ये सब आपके सहयोग से हो पाया है

इसलिए समय समय पर रक्तदान करते रहो
आपका अपना
सुरेंद्र अग्रवाल किरवाड़ा

जय जय रक्त दाता जय जीवन दाता

 #पढ़ते ही शेयर करे बहुत उपयोगी जानकारी !हीमोग्लोबिन बढ़ाने में उपयोगी...अमरूद- अमरूद जितना ज्यादा पका हुआ होगा, उतना ही ...
31/10/2023

#पढ़ते ही शेयर करे बहुत उपयोगी जानकारी !

हीमोग्लोबिन बढ़ाने में उपयोगी...
अमरूद- अमरूद जितना ज्यादा पका हुआ होगा, उतना ही पौष्टिक होगा। पके अमरूद को खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती। इसलिए महिलाओं के लिए यह और भी लाभदायक हो जाता है।
आम- आम खाने से हमारे शरीर में रक्त अधिक मात्रा में बनता है, एनीमिया में यह लाभकारी होता है।
सेब- सेब एनीमिया जैसी बीमारी में लाभकारी होता है। सेब खाने से शरीर में हीमोग्लोबिन बनता है।
अंगूर- अंगूर में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है। जो शरीर में हीमोग्लोबिन बनाता है, और हीमोग्लोबिन की कमी संबंधी बीमारियों को ठीक करने में सहायक होता है।
चुकन्दर- चुकन्दर से प्राप्त उच्च गुणवत्ता का लोह तत्व रक्त में हीमोग्लोबिन का निर्माण व लाल रक्तकणों की सक्रियता के लिए बेहद प्रभावशाली है। खून की कमी यानी एनीमिया की शिकार महिलाओं के लिए चुकंदर रामबाण के समान है। चुकन्दर के अलावा चुकन्दर की हरी पत्तियों का सेवन भी बेहद लाभदायी है। इन पत्तियों में तीन गुना लौह तत्व अधिक होता है।
तुलसी- तुलसी रक्त की कमी को कम करने के लिए रामबाण है। तुलसी के नियमित सेवन से शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
सब्जियां- शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां को अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। हरी सब्जियों में हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाले तत्व ज्यादा मात्रा में पाये जाते है।
तिल- तिल हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता है। तिल खाने से रक्ताअल्पता की बीमारी ठीक होती है।
पालक- सूखे पालक में आयरन काफी मात्रा होती है। जो शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को ठीक करता है।
नारियल- नारियल शरीर में उत्तकों, मांसपेशियों और रक्त जैसे महत्वपूर्ण द्रव्यों का निर्माण करता है, यह संक्रमण का सामना करने के लिए इन्जाइम और रोग प्रतिकारक तत्वों के विकास में सहायक होता है।
गुड़- गुड़ में अधिक खनिज लवण होते है। जो हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।
अग्रवाल ब्लड बैंक कोटा

।। जय श्री राधे ।।महामण्डलेश्वर 1008 श्री ज्ञानानन्द जी महाराज (गीता मनीषी जी) अग्रवाल ब्लड बैंक पर आगमन हुआ  ब्लड बैंक ...
31/10/2023

।। जय श्री राधे ।।
महामण्डलेश्वर 1008 श्री ज्ञानानन्द जी महाराज (गीता मनीषी जी) अग्रवाल ब्लड बैंक पर आगमन हुआ ब्लड बैंक परिवार द्वारा स्वागत किया गया

आपका आशीर्वाद सदैव हमें मिलता रहें गुरुदेव !!
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Swami Gyananand Sanjay Gupta

हमें आप पर गर्व है !
29/08/2023

हमें आप पर गर्व है !

दे सलामी इस तिरंगे को जो हमारी शान है....
15/08/2023

दे सलामी इस तिरंगे को जो हमारी शान है....

*लोग अभी अंगदान के प्रति जागरुक नहीं है* *अग्रवाल ब्लड सेंटर  लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए जगह-जगह पर कार...
03/08/2023

*लोग अभी अंगदान के प्रति जागरुक नहीं है*

*अग्रवाल ब्लड सेंटर लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए जगह-जगह पर कार्यक्रम आयोजित करे हैं*

*अंगदान क्या हैं,:--*
*अंगदान(Organ donation) वास्तव में सभी मानवीय कार्यों में से एक है जिसमें एक व्यक्ति अपने अंग को दूसरे व्यक्ति को दान कर देता है , जो बाद में शल्य चिकित्सा द्वारा शरीर के अंगों को एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे व्यक्ति के शरीर में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है*

*दोस्तों मैं भी चाहता हूं*
*कि आप भी श्री अग्रवाल ब्लड सेंटर की तरह लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करें और हमारे अंगदान करने से कई लोगों की जान बचाई, जा सकती है*
अग्रवाल ब्लड सेंटर
शीला चौधरी मेन रोड कोटा
6350311716

_____'विश्व रक्तदाता दिवस'_____                  14 जून     प्रतिवर्ष 14 जून को 'रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है। इस दिवस क...
14/06/2023

_____'विश्व रक्तदाता दिवस'_____
14 जून
प्रतिवर्ष 14 जून को 'रक्तदाता दिवस' मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य स्वैच्छिक रक्तदान करने वालों का आभार व्यक्त करना एवं स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना है।
रक्तदाता दिवस उन लोगों को समर्पित है जो खामोशी से रक्तदान कर प्रतिदिन कई लोगों की जान बचाते है और लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करते है।
सभी रक्तदाताओं का आभार एवं उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।
।।।

जो लोग पूछते हैं इतना  #रक्तदान हो रहा है वो रक्त कहां जा रहा है?उन्हें बताना चाहता हूं कि यदि ब्लड़ बैंक में ब्लड़ उपलब्ध...
04/06/2023

जो लोग पूछते हैं इतना #रक्तदान हो रहा है वो रक्त कहां जा रहा है?
उन्हें बताना चाहता हूं कि यदि ब्लड़ बैंक में ब्लड़ उपलब्ध होता है तो निम्न की गम्भीर परिस्थितियों में ब्लड़ बैंक बगैर रिप्लेसमेंट डॉक्टर की रिकवेस्ट पर मरीज के लिए ब्लड़ देकर मरीज़ का जीवन बचाने में डॉक्टर का सहयोग करता है...
1. थैलेसीमिया रोगी
2. हीमोफीलिया रोगी
3. एच आई वी पेशेंट
4. रोड़ एक्सीडेंट में गम्भीर घायल
5. कैदी रोगी
6. लावारिस रोगी
7. डायलेसिस के समय
8. केंसर पेशेंट
9. प्रसव के दौरान रक्तस्राव, प्रसवोत्तर रक्तस्राव, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी।

स्व.श्री राजेन्द्र जी मालव की द्वितीय पुण्यतिथि पर आयोजित रक्तदान शिविर को सफल बनाने के लिए सभी रक्तदाता का आभार
20/12/2022

स्व.श्री राजेन्द्र जी मालव की द्वितीय पुण्यतिथि पर आयोजित रक्तदान शिविर को सफल बनाने के लिए सभी रक्तदाता का आभार

आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष  #श्री_ओम_बिरला_जी जन्मदिन की बधाई  ... बड़े भाई लव शर्मा जी के द्वारा ऐतिहासिक रक्तदान शिविर  ...
04/12/2022

आज माननीय लोकसभा अध्यक्ष #श्री_ओम_बिरला_जी जन्मदिन की बधाई ... बड़े भाई लव शर्मा जी के द्वारा ऐतिहासिक रक्तदान शिविर

Om Birla

एनएसयूआई NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक जी चौधरी जी  का ब्लड बैंक टीम द्वारा सम्मान किया।।
15/11/2022

एनएसयूआई NSUI के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक जी चौधरी जी का ब्लड बैंक टीम द्वारा सम्मान किया।।

31/10/2022

डेंगू बुखार के दौरान पर्याप्त तरल पदार्थ नारियल पानी, जूस, छाछ, बकरी का दूध, पानी, गिलोय लेते रहने से प्लेटलेट्स नहीं गिरेंगे।

18/10/2022

रक्तदान जीवनदान........
रात 12 बजे रोहित सिंह एक बालिका के लिए AB प्लस डोनेट करते हुए....
अग्रवाल ब्लड बैंक आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है

आपका रक्त किसी का जीवन ह....निश्चित ही आपकी मदद की जाएंगी...
03/10/2022

आपका रक्त किसी का जीवन ह....
निश्चित ही आपकी मदद की जाएंगी...

गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ...............
10/09/2022

गणपति बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ...............

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09/09/2022

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गणेश चतुर्थी आपको सह परिवार हार्दिक शुभकामनाएं
31/08/2022

गणेश चतुर्थी आपको सह परिवार हार्दिक शुभकामनाएं

मातृ शक्ति को नमन मातृ शक्ति को नमन रक्तदान महादान
29/08/2022

मातृ शक्ति को नमन मातृ शक्ति को नमन रक्तदान महादान

भगवान् ही नहीं, आप भी किसी को जीवन दे सकते हैं….क्योंकि आपके अन्दर भी भगवान् है!......रक्तदान महादानदेवली रक्तदान शिविर
29/08/2022

भगवान् ही नहीं, आप भी किसी को जीवन दे सकते हैं….क्योंकि आपके अन्दर भी भगवान् है!......रक्तदान महादान
देवली रक्तदान शिविर

18/08/2022

रक्तदान..

17/08/2022

अटल जी की शायरी... रक्तदान yuvraj singh

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