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24/06/2025

शैक्षणिक तनाव के प्रति उनकी भावनात्मक प्रतिक्रिया सहित बच्चे की भलाई की जिम्मेदारी माता-पिता और व्यापक शैक्षिक समुदाय पर होती है। जबकि माता-पिता का दबाव बच्चे की चिंता और अवसाद में योगदान दे सकता है, खासकर परीक्षा के समय, आत्महत्या का मुद्दा जटिल और बहुआयामी है।
माता-पिता की भूमिका:
परीक्षा से संबंधित दबाव कम करें:
माता-पिता को परीक्षा परिणामों की तुलना में अपने बच्चे की भावनात्मक भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए, एक सहायक और समझदार वातावरण बनाना चाहिए।
खुला संचार:
भावनाओं और चिंताओं के बारे में खुले संचार को प्रोत्साहित करने से बच्चों को अपने संघर्षों को व्यक्त करने में सुरक्षित महसूस करने में मदद मिल सकती है।
भावनात्मक समर्थन:
विशेष रूप से निराशा या विफलता के समय भावनात्मक समर्थन और मान्यता प्रदान करना महत्वपूर्ण है।
प्रयास पर ध्यान दें:
केवल ग्रेड पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय कड़ी मेहनत और सीखने के मूल्य पर जोर दें।
पेशेवर मदद लें:
यदि कोई बच्चा चिंता, अवसाद या आत्महत्या के विचारों से जूझ रहा है, तो माता-पिता को एक चिकित्सक या परामर्शदाता से पेशेवर मदद लेनी चाहिए।

बच्चे की भलाई की जिम्मेदारी, जिसमें शैक्षणिक तनाव के प्रति उनकी भावनात्मक प्रतिक्रिया भी शामिल है, माता-पिता और व्यापक श...
24/06/2025

बच्चे की भलाई की जिम्मेदारी, जिसमें शैक्षणिक तनाव के प्रति उनकी भावनात्मक प्रतिक्रिया भी शामिल है, माता-पिता और व्यापक शैक्षिक समुदाय पर निर्भर करती है। जबकि माता-पिता का दबाव बच्चे की चिंता और अवसाद में योगदान दे सकता है, खासकर परीक्षा के समय, आत्महत्या का मुद्दा जटिल और बहुआयामी है।

27/03/2025
मादक द्रव्यों के सेवन के दीर्घकालिक प्रभाव उस दवा के आधार पर अलग-अलग होंगे जिसका दुरुपयोग किया जा रहा है। नशीली दवाओं के...
24/03/2025

मादक द्रव्यों के सेवन के दीर्घकालिक प्रभाव उस दवा के आधार पर अलग-अलग होंगे जिसका दुरुपयोग किया जा रहा है। नशीली दवाओं के सेवन के सामान्य प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हैं:

बेरोजगारी
तलाक
घरेलू उत्पीड़न
प्रियजनों के साथ रिश्तों में समस्याएँ
नौकरी या स्कूल में पढ़ाई जारी रखने में समस्याएँ
यकृत रोग
हेपेटाइटिस
एचआईवी/एड्स
कानून से जुड़ी समस्याएं
सदमा
कैंसर
आघात
दिल का दौरा
बरामदगी
प्रगाढ़ बेहोशी
मौत

डॉक्टर के पास श्वांस में तकलीफ, तान, मिर्गी, मानसिक विकार, लकवा पीलिया, ऐसे कई और तरह के रोगों से ग्रसित बच्चे आते हैं, ...
18/03/2025

डॉक्टर के पास श्वांस में तकलीफ, तान, मिर्गी, मानसिक विकार, लकवा पीलिया, ऐसे कई और तरह के रोगों से ग्रसित बच्चे आते हैं, जिनके इलाज में समय लगता है। परंतु अधिकतर लोग जो ग्रामीण होते हैं, वो खुद अस्पताल में इलाज के लिए मना करके छुट्टी लेकर भोपा - तांत्रिकों के पास भागते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग अस्पताल में इलाज से पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकते हैं। परंतु लाख समझाने के बावजूद वो नहीं समझते। बहुत से लोग पहले से ही गर्म लोहे का डाम लगवा के गंभीर हालत में लाते हैं। क्या ये सारी गलती तांत्रिक है? कौन कौन है सजा के हकदार?

स्वस्थ जीवनशैली और उचित चिकित्सा देखभाल का पालन करके अधिकांश गंभीर बीमारियों को रोकना संभव है। इनमें शामिल हैं: 1. नियमि...
11/03/2025

स्वस्थ जीवनशैली और उचित चिकित्सा देखभाल का पालन करके अधिकांश गंभीर बीमारियों को रोकना संभव है। इनमें शामिल हैं:
1. नियमित नींद: प्रति रात 7-8 घंटे
2. नियमित व्यायाम: सप्ताह में 5 या अधिक दिन प्रतिदिन 30-40 मिनट; 9-10 k कदम/दिन; शक्ति प्रशिक्षण
3. स्वस्थ आहार: कम कार्ब, उच्च प्रोटीन आहार; चीनी और अत्यधिक प्रसंस्कृत पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से बचें; प्रतिदिन ताजे फल और सब्जियां, मुट्ठी भर नट्स खाएं; रात का खाना जल्दी खाएं (सोने के समय से 3-4 घंटे पहले); महीने में कम से कम कुछ दिन रुक-रुक कर उपवास करें
4. तनाव कम करें;
5. काम के घंटों को प्रतिदिन 8-9 घंटे तक सीमित रखें; जितना हो सके नाइट शिफ्ट या रोटेशनल शिफ्ट ड्यूटी से बचें
6. काम से समय-समय पर ब्रेक लें और नियमित छुट्टियों पर जाएं,
7. अकेलेपन से बचें, परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं,
8. आराम के लिए कोई शौक अपनाएं,
9. धूम्रपान छोड़ें,
10. शराब से दूर रहें,
11. बीपी

08/10/2024

हार्ट-अटैक अलर्ट …
Heart attack alert …
भारत में कम उम्र में होने वाले हार्ट अटैक में आम तौर पर हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज नहीं मिलते; अकस्मात् बना हुआ रक्त का थक्का मिलता है जिससे धमनी बंद हो जाती है और फलस्वरूप हार्ट अटैक होता है। मेरा ये मानना है की भारतीयों में विटामिन B१२ की कमी एक बड़ी समस्या है जिससे रक्त में थक्का बनने की संभावना अधिक होती है।
डेंगू महामारी या अन्य वजह से लाखों लोगों के पास सीबीसी (CBC) रिपोर्ट है - वह रक्त परीक्षण जिसमें आप प्लेटलेट देख सकते हैं. इससे पहले कि आप सीबीसी रिपोर्ट फेंके .... उसमें दिए गए MCV/ MCHC मूल्यों की जांच करें ..... संदर्भ मानकों के ऊपर इन मूल्यों में वृद्धि VitB12 की कमी (डेंगू से असंबंधित) एक मार्कर है, जिसके कारण रक्त में थक्के बनने की प्रवृत्ति बड़ती है। भारतीय लोगों में विशेष रूप से VitB12 की कमी है ... यह युवाओ में दिल के दौरे और स्ट्रोक का कारण हो सकता है। इसलिए पहचान करने और पूरक निदान लेने के लिए अपनी रिपोर्ट का उपयोग करें। या फिर जब मौक़ा मिले एक विटामिन B१२ की जाँच करा लें। मेरी सलाह - सप्ताह में २ बार विटामिन B१२ ज़रूर लें।

सेवयाम् हिम्स अब कोटा में भी 📢Heart disease का नेचूरली उप‌चार चैस्ट पैन रहना , काम करते वक्त सांस फूलना , high BP  का रह...
03/09/2024

सेवयाम् हिम्स अब कोटा में भी 📢
Heart disease का नेचूरली उप‌चार
चैस्ट पैन रहना , काम करते वक्त सांस फूलना , high BP का रहना , heart के LVEF का कम होना , हार्ट नसों का BLOCKAGE, BYPASS आपरैशन ओर स्टैन्ट की आवश्यकता को खत्म करना , high cholesterol रहना
हमारे यहां EECP MACHINE सै नान ईनवैजीव तकनीकी से प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार किया जाता है
साथ मैं ही anti clearing treatment जो block vessel को खोलता है अधिक जानकारी हेतु संपर्क करे
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