20/03/2025
किसी जातक की जन्म तारीख का अंक शास्त्र के
हिसाब से जो स्वामी बने । उस ग्रह की स्थिति को जातक
की जन्म कुंडली में देख कर जातक के जीवन का सही
आंकलन किया जा सकता है कि जातक किस level
का जीवन व्यतीत करेगा। अक्सर मूलांक स्वामी यानी
जन्म तारीख का स्वामी कुंडली मे उच्च हो तो जातक
के जीवन में बहुत से काम आसानी से हो जाते है। ऐसा
जातक गरीब पैदा जरूर हो सकता है लेकिन गरीब मर
नही सकता। वो अपने परिवार को भी गरीबी से बाहर ले
जाएगा। इसी तरह अगर मूलांक स्वामी नीच हो गया तो
जातक का जीवन अछि दशा में भी संघर्ष के साथ
गुजरेगा। बहुत मेहनत के बाद फल प्राप्ति कह सकते है।
उदहारण देखे: मेरे पास एक कुंडली है। 24-05-1966, 1:30am, karnal, इस कुंडली मे 24 :- 2+4= 6 तो मूलांक 6 हुआ। इसका स्वामी शुक्र देव है। और इस जातक की कुंडली मे शुक्र की स्थिति उच्च की दूसरे भाव मे शनि के साथ, और लगन कुम्भ है। ये जातक मिटी के बर्तन बनाने वाले के घर पैदा हुआ था।ये जातक अपने शहर के फर्नीचर के बहुत बडे माने हुए व्यपारी है।अब इनकी दशा शुक्र की है तो इनका समय और ज्यादा अच्छा हो गया क्योंकि शुक्र उच्च का भी है और योगकारक भी है।तो मूलांक स्थिति ही बता रही है। जातक बहुत आगे जाएगा। इसके इलावा एक और बहुत शुभ स्थिति बनती है। कि जातक का जो मूलांक जो हो उसका स्वामी ही कुंडली मे लग्नेश हो ।यानी मूलांक और लगन कुंडली का एक ही ग्रह का होना। और इसी से विपरीत मूलांक स्वामी कुंडली मे छठे, अष्टम, 12वे, यानी बुरे या मारक स्थानों का स्वामी हो तो ये स्थिति अशुभ मानी जाएगी। जैसे जातक का जन्म 23 तारीख का जायेगी। हो तो मूलांक 5 हुआ स्वामी बुध ग्रह बना । और इस जातक का लग्न मिथुन या कन्या हो, तो ये भी कुंडली का एक अच्छा प्रभाव होगा।