Dr. Vimal Verma - Pediatrician

Dr. Vimal Verma - Pediatrician नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ 24 घंटे सेवाए उपलब्ध, बच्चो के लिए सर्व सुविधा युक्ता हॉस्पिटल|

❗ बच्चों में वायरल संक्रमण को हल्के में न लें ❗समय रहते पहचानें लक्षण, बचाएँ अपने नन्हे-मुन्नों की ज़िंदगी!नवजात शिशु और...
08/07/2025

❗ बच्चों में वायरल संक्रमण को हल्के में न लें ❗
समय रहते पहचानें लक्षण, बचाएँ अपने नन्हे-मुन्नों की ज़िंदगी!

नवजात शिशु और छोटे बच्चों में वायरल संक्रमण बेहद सामान्य है, लेकिन समय पर ध्यान न देने पर यह गंभीर रूप ले सकता है। खासकर मौसम बदलने पर वायरल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपके बच्चे में नीचे दिए गए लक्षण दिखाई दें तो तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें:

✅ लगातार सर्दी-जुकाम – बार-बार छींक आना, नाक बहना या बंद रहना
✅ गले में खराश – बच्चा खाना पीना छोड़ दे या गला साफ करने की कोशिश करे
✅ आँखों में पानी आना – आँखें लाल हो जाना या लगातार आँसू आना
✅ बुखार रहना – शरीर का तापमान सामान्य से अधिक रहना
✅ स्किन पर लाल चकत्ते – त्वचा पर छोटे-छोटे रैशेस या दाने निकलना
✅ सुस्‍ती रहना – बच्चा सामान्य की तुलना में अधिक सोए या थका-थका लगे

👉 ये लक्षण वायरल संक्रमण का संकेत हो सकते हैं, जिसे समय रहते पहचानना ज़रूरी है।
👉 इलाज में देरी गंभीर जटिलताओं को जन्म दे सकती है।

🌟 अब लखीमपुर में उपलब्ध हैं दिल्ली के अनुभवी विशेषज्ञ डॉक्टर
डॉ. विमल वर्मा (M.B.B.S., DCH, DNB)
नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ | गोल्ड मेडलिस्ट

स्थान: चंद्रानी हॉस्पिटल, लखीमपुर
विशेष सुविधा: हर उम्र के बच्चों का समर्पित इलाज, आधुनिक तकनीक व स्नेहपूर्ण परामर्श।

📞 असुविधा से बचने के लिए अपॉइंटमेंट बुक करें:
📱 +91 8317053366

अपने बच्चे की मुस्कान को सुरक्षित रखें, क्योंकि एक छोटी सी सावधानी जीवन भर की राहत बन सकती है।
स्वस्थ बच्चा, खुशहाल परिवार!

📢 बच्चों में वायरल हेपेटाइटिस: सतर्क रहें, समय रहते इलाज करवाएं!बचपन जीवन की सबसे कोमल और संवेदनशील अवस्था होती है। इस द...
07/07/2025

📢 बच्चों में वायरल हेपेटाइटिस: सतर्क रहें, समय रहते इलाज करवाएं!

बचपन जीवन की सबसे कोमल और संवेदनशील अवस्था होती है। इस दौरान यदि किसी गंभीर बीमारी ने दस्तक दे दी, तो उसका प्रभाव बच्चे के पूरे विकास पर पड़ सकता है। वायरल हेपेटाइटिस एक ऐसी ही बीमारी है, जो बच्चों के लीवर (जिगर) को प्रभावित करती है और कई बार जानलेवा भी साबित हो सकती है। यह बीमारी वायरस के कारण होती है, जो शरीर में प्रवेश कर लीवर में सूजन और खराबी पैदा करता है।

🔬 वायरल हेपेटाइटिस के प्रमुख कारण:
गंदा पानी या संक्रमित भोजन का सेवन

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना

असुरक्षित टीकाकरण या चिकित्सा उपकरणों का उपयोग

व्यक्तिगत स्वच्छता की कमी

⚠️ बच्चों में दिखने वाले लक्षण:
अगर आपके बच्चे में ये लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें:

पीलापन (आंखों, चेहरे या नाखूनों में)

भूख की कमी और थकावट

पेट में दर्द या सूजन

गहरे रंग का पेशाब और हल्का रंग का मल

बुखार

उल्टी या जी मिचलाना

स्किन पर खुजली या चकत्ते

🩺 क्या करें अगर लक्षण दिखें?
तुरंत नजदीकी डॉक्टर या बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

लीवर फंक्शन टेस्ट और खून की जांच कराएं।

बच्चे को आराम दें और भरपूर पानी पिलाएं।

बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें।

बच्चे की डाइट पर विशेष ध्यान दें – हल्का और सुपाच्य भोजन दें।

✅ बचाव ही सबसे बड़ा इलाज:
बच्चों को समय पर हेपेटाइटिस A और B का टीका दिलवाएं।

उन्हें साफ-सफाई के प्रति जागरूक करें – हाथ धोने की आदत डालें।

केवल साफ और उबला हुआ पानी ही पीने दें।

बाहर के खाने से परहेज़ करें, खासकर स्ट्रीट फूड से।

📌 याद रखें:
आपका एक छोटा कदम आपके बच्चे को बड़ी बीमारी से बचा सकता है। वायरल हेपेटाइटिस को हल्के में लेना गंभीर नुकसान दे सकता है। जितनी जल्दी बीमारी को पहचान कर इलाज शुरू किया जाए, उतना ही जल्दी और बेहतर ठीक हो सकता है।

👉 अपने बच्चे के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत चेकअप कराएं और डॉक्टर की सलाह लें।


🩺बेहतर सलाह और उपचार के लिए आज ही सम्पर्क करें
डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – बाल रोग विशेषज्ञ)
📞+91 83170 53366

#बच्चोंकीसेहत
#बच्चोंका_ध्यान_रखें #सुरक्षितबचपन
#कुपोषण #बच्चोंकीसेहत #बालरोगविशेषज्ञ

ी_सुरक्षा #वायरल_हेपेटाइटिस #बच्चों_का_स्वास्थ्य #पीलिया_से_सावधान #स्वस्थ_बचपन

✨ आपके बच्चे की सेहत, हमारी पहली प्राथमिकता!👶 नवजात शिशु से लेकर किशोर अवस्था तक — सम्पूर्ण बाल स्वास्थ्य समाधान एक ही छ...
06/07/2025

✨ आपके बच्चे की सेहत, हमारी पहली प्राथमिकता!
👶 नवजात शिशु से लेकर किशोर अवस्था तक — सम्पूर्ण बाल स्वास्थ्य समाधान एक ही छत के नीचे!

अधिक जानकारी एवं परामर्श हेतु सम्पर्क करें-

👨‍⚕️ गोल्ड मेडलिस्ट
डॉ. विमल वर्मा
(M.B.B.S., DCH, DNB)
New Born & Child Specialist

🩺 आधुनिक Well Baby Clinic के साथ —
✅ जन्म से ही शिशु का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण
✅ 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों का सम्पूर्ण इलाज
✅ सभी आवश्यक टीकाकरण की सुविधा
✅ बुखार, खांसी, दस्त, एलर्जी, कमजोरी जैसी बीमारियों का असरदार इलाज
👨‍⚕️ डॉ. विमल वर्मा
🥇 गोल्ड मेडलिस्ट | MBBS, DCH, DNB
👶 नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ
📞 अनुभवी डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक करें:
📍 +91 8317053366
📍 "सही सलाह, सुरक्षित बचपन!"

🍼 "जन्म के पहले घंटे के भीतर नवजात शिशु की देखभाल ज़रूरी क्यों?"हर बच्चे की पहली साँस से ही उसकी सुरक्षा शुरू होती है!जन...
05/07/2025

🍼 "जन्म के पहले घंटे के भीतर नवजात शिशु की देखभाल ज़रूरी क्यों?"

हर बच्चे की पहली साँस से ही उसकी सुरक्षा शुरू होती है!
जन्म के तुरंत बाद किए गए सही कदम, आपके बच्चे को भविष्य में बीमारियों से बचाते हैं।

🔸 नवजात शिशु के लिए सबसे जरूरी 3 बातें:
1️⃣ स्तनपान – माँ का पहला पीला दूध (कोलोस्ट्रम) नवजात के लिए जीवनरक्षक अमृत है, जो संक्रमण से रक्षा करता है।
2️⃣ शरीर का तापमान बनाए रखना – बच्चे के शरीर को ठंड से बचाकर संक्रमण और जटिलताओं से सुरक्षा मिलती है।
3️⃣ टीकाकरण – हेपेटाइटिस बी और बीसीजी जैसे शुरुआती टीके बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं।

🎯 याद रखें:
शुरुआत में की गई यह छोटी-छोटी सावधानियां, आपके बच्चे को लंबा और स्वस्थ जीवन दे सकती हैं।

👨‍⚕️ डॉ. विमल वर्मा
🥇 गोल्ड मेडलिस्ट | MBBS, DCH, DNB
👶 नवजात एवं बाल रोग विशेषज्ञ

📞 अनुभवी डॉक्टर से अपॉइंटमेंट बुक करें:
📍 +91 8317053366

📍 "सही सलाह, सुरक्षित बचपन!"

🦟 छोटा सा मच्छर, बन सकता है बड़ी परेशानी!डेंगू से बच्चों को बचाना है ज़रूरी!❗अगर आपके बच्चे में ये लक्षण दिखाई दें:🔹 तेज...
04/07/2025

🦟 छोटा सा मच्छर, बन सकता है बड़ी परेशानी!
डेंगू से बच्चों को बचाना है ज़रूरी!

❗अगर आपके बच्चे में ये लक्षण दिखाई दें:

🔹 तेज़ बुखार
🔹 शरीर पर लाल चकत्ते
🔹 बार-बार उल्टी या दस्त
🔹 भूख में अचानक गिरावट
🔹 चिड़चिड़ापन या रोने की प्रवृत्ति
🔹 तेज़ी से सांस लेना

⚠️ तो इसे हल्के में न लें!
डेंगू एक गंभीर बीमारी है जो बच्चों में तेजी से बिगड़ सकती है।

🏥 तुरंत ले जाएं अपने बच्चे को
"बचपन हॉस्पिटल" – जहां अनुभवी बाल रोग विशेषज्ञ
सटीक जांच और उचित इलाज करते हैं।

🩺 यहाँ होता है:
✔️ संपूर्ण शारीरिक परीक्षण
✔️ रक्त जांच के माध्यम से डेंगू की पुष्टि
✔️ समय पर इलाज और देखभाल

📞 जल्दी करें! देरी बच्चों की सेहत को नुकसान पहुँचा सकती है।
अभी अपॉइंटमेंट बुक करें और डेंगू से बचाएं अपने लाडले को!

✅ बेहतर सलाह और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:
डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – बाल रोग विशेषज्ञ)
📞+91 83170 53366
#बच्चोंकीसेहत


#बच्चोंका_ध्यान_रखें #सुरक्षितबचपन
#कुपोषण #बच्चोंकीसेहत #बालरोगविशेषज्ञ

बच्चों का पाचन मजबूत बनाने के जरूरी उपाय:1. संतुलित आहार दें:बच्चे के भोजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन औ...
03/07/2025

बच्चों का पाचन मजबूत बनाने के जरूरी उपाय:
1. संतुलित आहार दें:
बच्चे के भोजन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का सही संतुलन होना चाहिए। ताजे फल, सब्जियां, दालें, दूध, दही और हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें।

2. नियमित भोजन कराएं:
बच्चों को दिन में तीन मुख्य भोजन और दो हल्के नाश्ते की आदत डालें। लंबा भूखा रहने से गैस और पेट दर्द की समस्या हो सकती है।

3. पर्याप्त पानी पिलाएं:
पानी पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकालने में मदद करता है। बच्चों को दिन में कम से कम 5-6 गिलास पानी पीने के लिए प्रेरित करें।

4. ताजे फलों का रस दें:
बाजार के पैक्ड जूस के बजाय घर पर बने ताजे फलों का रस दें, जो पाचन में सहायक होते हैं और शरीर को हाइड्रेट रखते हैं।

5. फाइबर युक्त आहार दें:
फाइबर कब्ज की समस्या से बचाता है। फल, हरी सब्जियां, ओट्स, दालें, और साबुत अनाज इसके अच्छे स्रोत हैं।

6. खेल-कूद में सक्रिय बनाएं:
फिजिकल एक्टिविटी पाचन तंत्र को सही बनाए रखती है। बच्चों को हर दिन कम से कम 1 घंटे शारीरिक गतिविधि करने के लिए प्रेरित करें।

7. खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत सिखाएं:
स्वच्छता पेट के संक्रमण से बचाव का सबसे सरल तरीका है।

✅ बेहतर सलाह और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:
डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – बाल रोग विशेषज्ञ)
📞+91 83170 53366
#बच्चोंकीसेहत


#बच्चोंका_ध्यान_रखें #सुरक्षितबचपन
#कुपोषण #बच्चोंकीसेहत #बालरोगविशेषज्ञ

🧒 बचपन को बनाएं बीमारियों से बेफिक्र! 💪सिर्फ 5 आदतें अपनाएं और अपने बच्चों को बनाएं स्वस्थ और तंदरुस्त! 👇✨ 1. माँ का दूध...
02/07/2025

🧒 बचपन को बनाएं बीमारियों से बेफिक्र! 💪
सिर्फ 5 आदतें अपनाएं और अपने बच्चों को बनाएं स्वस्थ और तंदरुस्त! 👇

✨ 1. माँ का दूध ही सबसे पहली दवा है!
👉 जन्म से 6 महीने तक सिर्फ स्तनपान कराएं – इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है।

✨ 2. नींद है जरूरी!
👉 हर दिन बच्चे की उम्र के अनुसार पूरी और शांत नींद ज़रूर दिलाएं।

✨ 3. टीकाकरण में न करें देरी!
👉 समय-समय पर वैक्सीनेशन से कई गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।

✨ 4. हाथ की सफाई = संक्रमण से सुरक्षा!
👉 बच्चा जो भी छूता है, उससे कीटाणु शरीर में जा सकते हैं। हाथ धोने की आदत डालें।

✨ 5. ठोस आहार शुरू करें तो पोषण न भूलें!
👉 ताजे फल, दाल, सब्जियां – यही उनके बेहतर विकास की कुंजी हैं।

📌 इन आदतों से न सिर्फ बीमारियाँ दूर रहेंगी, बल्कि आपका बच्चा तेज़ दिमाग़ और तंदरुस्त शरीर पाएगा।

✅ बेहतर सलाह और उपचार के लिए डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।

🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:
डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – बाल रोग विशेषज्ञ)
📞+91 83170 53366
#बच्चोंकीसेहत


#बच्चोंका_ध्यान_रखें #सुरक्षितबचपन
#कुपोषण #बच्चोंकीसेहत #बालरोगविशेषज्ञ

क्या आपका बच्चा भी बार-बार बीमार हो रहा है?बच्चे का बार-बार बीमार पड़ना सिर्फ मौसम या इन्फेक्शन की वजह से नहीं होता — हो...
01/07/2025

क्या आपका बच्चा भी बार-बार बीमार हो रहा है?
बच्चे का बार-बार बीमार पड़ना सिर्फ मौसम या इन्फेक्शन की वजह से नहीं होता — हो सकता है कि आपका बच्चा कुपोषण का शिकार हो रहा हो।
कुपोषण सिर्फ कम खाना नहीं है, बल्कि शरीर को जरूरी पोषक तत्व न मिल पाने की स्थिति है।

👉 हर बार ज़ुकाम, बुखार, खांसी या थकावट होना
👉 घाव या चोट का देर से भरना
👉 पढ़ाई में ध्यान न लगाना
👉 वजन और लंबाई में विकास रुक जाना
👉 हमेशा सुस्त और चिड़चिड़ा रहना

अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपके बच्चे में हैं, तो यह कुपोषण का संकेत हो सकता है।

कुपोषण के प्रमुख कारण:
🔸 गलत या अधूरी डाइट
🔸 पौष्टिक आहार का अभाव
🔸 बार-बार संक्रमण होना
🔸 साफ-सफाई की कमी
🔸 माँ का पोषण स्तर भी कमजोर होना

समाधान क्या है?
✅ संतुलित आहार – जिसमें प्रोटीन, विटामिन, आयरन और कैल्शियम भरपूर हों
✅ समय-समय पर चिकित्सकीय जांच
✅ संपूर्ण टीकाकरण
✅ व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान
✅ माता-पिता की सही जागरूकता

🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:
डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – बाल रोग विशेषज्ञ)
📞+91 83170 53366

#बच्चोंकीसेहत


#बच्चोंका_ध्यान_रखें #सुरक्षितबचपन
#कुपोषण #बच्चोंकीसेहत #बालरोगविशेषज्ञ

🛑 बच्चों में वायरल संक्रमण को हल्के में न लें! 🛑मौसम में बदलाव और कमजोर इम्युनिटी के कारण बच्चों में वायरल इंफेक्शन तेजी...
30/06/2025

🛑 बच्चों में वायरल संक्रमण को हल्के में न लें! 🛑
मौसम में बदलाव और कमजोर इम्युनिटी के कारण बच्चों में वायरल इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है।
खांसी, बुखार, गले में खराश या उल्टी जैसे लक्षण दिखें, तो इंतज़ार न करें – तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

👉 वायरल संक्रमण अगर समय पर न रोका जाए, तो यह निमोनिया, ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है।
👉 खुद से दवाएं न दें, सही इलाज ही बच्चों की सुरक्षा की गारंटी है।

👩‍⚕️ एक छोटी सी सावधानी, आपके बच्चे के स्वास्थ्य की बड़ी सुरक्षा!
📞 लक्षण दिखते ही विशेषज्ञ से संपर्क करें।

🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:

डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – बाल रोग विशेषज्ञ)

#बच्चोंकीसेहत



#बच्चोंका_ध्यान_रखें


#सुरक्षितबचपन

**आखिर क्यों कम नहीं हो रहा बुखार?भूख भी नहीं लग रही?सिरदर्द और शरीर में दर्द भी है?**👉 आपके बच्चे को हो सकता है टायफाइड...
29/06/2025

**आखिर क्यों कम नहीं हो रहा बुखार?
भूख भी नहीं लग रही?
सिरदर्द और शरीर में दर्द भी है?**
👉 आपके बच्चे को हो सकता है टायफाइड!

🦠 टायफाइड बुखार क्या है?
टायफाइड (Typhoid) एक गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण है, जो Salmonella typhi नामक जीवाणु के कारण होता है। ये संक्रमण दूषित पानी या भोजन के जरिए फैलता है और अक्सर बच्चों को जल्दी अपनी चपेट में लेता है।

⚠️ सावधान रहें! ये लक्षण नजरअंदाज न करें:
✅ लगातार या रुक-रुक कर तेज़ बुखार
✅ भूख का अचानक कम हो जाना
✅ सिर में भारीपन या लगातार दर्द
✅ पूरे शरीर में थकान और दर्द
✅ पेट दर्द या दस्त/कब्ज की समस्या
✅ जी मचलाना या उल्टी जैसा महसूस होना
✅ कभी-कभी गुलाबी दाने (Rose Spots)

❗क्यों खतरनाक है टायफाइड?
अगर समय रहते इलाज न हो तो यह आंतों में छाले, आंत फटने या मस्तिष्क तक संक्रमण फैलाने जैसे जटिल परिणाम दे सकता है।

👩‍⚕️ क्या करें अगर ऐसे लक्षण दिखें?
🔹 तुरंत बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जाएं
🔹 ब्लड टेस्ट जैसे Widal Test या Typhi-Dot कराएं
🔹 डॉक्टर द्वारा दिए गए एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स करें
🔹 बच्चे को आराम दें और हल्का, पौष्टिक एवं स्वच्छ भोजन दें
🔹 खूब पानी पिलाएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे
🔹 सार्वजनिक या गंदे पानी से दूर रखें

🛡️ बचाव ही सबसे बेहतर इलाज है!
🧼 स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें
🥤 उबला या फ़िल्टर किया हुआ पानी ही पिलाएं
🥗 ताज़ा और घर का बना हुआ खाना ही दें
🧽 खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत डालें
💉 टायफाइड का वैक्सीन भी उपलब्ध है — डॉक्टर से सलाह लें

📣 याद रखें:
बच्चों का कमजोर इम्यून सिस्टम उन्हें जल्दी संक्रमण का शिकार बना सकता है।
इसलिए लक्षणों को नजरअंदाज न करें — सही समय पर जाँच और इलाज बेहद जरूरी है।

📞 बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और टायफाइड से अपने बच्चे की रक्षा करें।
🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:
डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ)
📞+91 83170 53366

📍 जनहित में जारी
#बच्चों_का_स्वास्थ्य
#बालस्वास्थ्य_जागरूकता

#स्वस्थ_बच्चा_सुरक्षित_भविष्य
#टीकाकरण_जरूरी_है
#सिर्फ_स्तनपान_6माह



#बाल_रोग_सलाह



#जनहित_में_जारी
’tIgnoreSymptoms

#बच्चों_की_सुरक्षा


🛑 महत्वपूर्ण सूचना – बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जागरूक रहें! 🛑आपके बच्चे का स्वास्थ्य आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है। न...
28/06/2025

🛑 महत्वपूर्ण सूचना – बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जागरूक रहें! 🛑
आपके बच्चे का स्वास्थ्य आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है। निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रखें:

🔹 काजल या अन्य रसायनयुक्त पदार्थ बच्चों की आँखों में न लगवाएं।
🔹 केवल स्तनपान: शिशु को जन्म से 6 माह तक सिर्फ माँ का दूध दें।
🔹 मालिश हेतु शुद्ध जैतून का तेल उपयोग करें।
🔹 शिशु को हर दो घंटे के अंतराल पर स्तनपान कराएं।
🔹 यदि बच्चे का वजन और लंबाई न बढ़े, तो संतुलित पोषण अवश्य दें।
🔹 कुपोषित बच्चों के लिए विशेष उपचार, आहार और परामर्श जरूरी है।
🔹 6 माह तक के शिशु को गाय का दूध, शहद, या जन्म घुट्टी देना हानिकारक हो सकता है।
🔹 टीकाकरण समय पर और सावधानीपूर्वक अवश्य कराएं।
🔹 मियादी और दिमागी बुखार की स्थिति में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
🔹 बच्चों के नाक-कान में किसी प्रकार का तेल न डालें।
🔹 डायरिया, मलेरिया, सूखा रोग आदि में डॉक्टर से तत्काल परामर्श लें।
🔹 बच्चे की देखभाल सतर्कता और निगरानी के साथ करें।
🔹 अस्थमा, फेफड़ों में संक्रमण, या टीबी के लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
🔹 नवजात शिशुओं का टीकाकरण बेहद आवश्यक है, इसे नजरअंदाज न करें।
🔹 बच्चों को पालतू जानवरों से दूर रखें, संक्रमण का खतरा हो सकता है।

🩺 किसी भी चिकित्सा सेवा संबंधी सहायता के लिए संपर्क करें:

डॉ. विमल वर्मा
MBBS, DCH, MD, DNB
(गोल्ड मेडलिस्ट – वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ)

📍 जनहित में जारी

#बच्चों_का_स्वास्थ्य
#बालस्वास्थ्य_जागरूकता

#स्वस्थ_बच्चा_सुरक्षित_भविष्य
#टीकाकरण_जरूरी_है
#सिर्फ_स्तनपान_6माह



#बाल_रोग_सलाह



#जनहित_में_जारी
’tIgnoreSymptoms

#बच्चों_की_सुरक्षा


बच्चों में टाइफाइड🔰 तेज बुखार : हल्के बुखार से शुरू होकर बाद में तेज बुखार हो जाता है ।🔰 पेट खराब होना : टाइफाइड होने पर...
27/06/2025

बच्चों में टाइफाइड
🔰 तेज बुखार : हल्के बुखार से शुरू होकर बाद में तेज बुखार हो जाता है ।
🔰 पेट खराब होना : टाइफाइड होने पर बच्चे को पेट में तेज दर्द और बुखार के साथ जी मिचलाना या उल्टी लगना भी हो सकता हैं ।
🔰 भूख कम लगना : बच्चे को गले में खराश के साथ भूख कम लगने की शिकायत हो सकती है ।

अगर आपके बच्चे के में भी ये लक्षण दिखे तो देर न करें तुरंत परामर्श लें -
📲Mobile No: +91 8317053366
#नवजातशिशुएवंबालरोगविशेषज्ञ
— at नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ.

Address

Lakhimpur

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Dr. Vimal Verma - Pediatrician posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Category