
21/07/2025
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम्।
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम्॥
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतम्।
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरुं तं नमामि॥ 🙏🏻
गुरु ही ब्रह्मा, विष्णु, महेश हैं — वे स्वयं परब्रह्म हैं।
वे अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश देते हैं।
ऐसे सद्गुरु को बारम्बार प्रणाम है।❤️✨
प्यारे सद्गुरु अनंदमूर्ति गुरुमा के निर्देशानुसार गुरुपूर्णिमा का सुंदर अवसर ऋषि चैतन्य विज़न Lucknow द्वारा मनाया गया। सभी साधकों ने अपने प्रेम भरे नमस्कार और धन्यवाद गुरु के श्री चरणों में अर्पण करे।🌸🌿