22/10/2022
आज धन्वंतरि त्रयोदशी है 'धन'तेरस नहीं
आज धन्वंतरि त्रयोदशी है। सोशल मीडिया पर सब एक दूसरे के लिए 'धन'तेरस की बधाई देते हुए एक दूसरे की सुख समृद्धि व धन ऐश्वर्य की कामना कर रहे हैं।
जबकि 'धन'तेरस या धन ऐश्वर्य के आने से इस पर्व का कोई संबंध नहीं है।
क्योंकि यह आयुर्वेद के महान प्रकांड पंडित ऋषि धनवंतरि की जयंती है। ऋषि धन्वंतरी क्योंकि आयुर्वेद के महान पंडित थे ,
इसलिए उन्होंने संसार में नीरोगता पैदा करने के लिए जीवन भर कार्य किया। हाँ बीमारियों पर जो खर्चा होगा अगर आयुर्वेद अपना लिया तो वह सब बच जाएगा इस हेतु आप धन ऐश्वर्य मान सकते हो,
कितना अच्छा हो कि हम आज एक दूसरे के निरोग -स्वस्थ रहने की कामना करते हुए धनवंतरि ऋषि के महान पुरुषार्थ को नमन करें और
आयुर्वेद के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट करते हुए उस के साथ जुड़ने का संकल्प लें।
धन्वंतरि त्रयोदशी से बिगड़ कर यह शब्द 'धन'तेरस हो गया।
जिससे हमारे ऋषि की जयंती पीछे छूट गई और हम रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाकर इसे 'धन'तेरस के रूप में मनाने लगे।
हमारे द्वारा इसे धन्वंतरि त्रयोदशी के रूप में मनाने में ही इस पर्व की सार्थकता और वैज्ञानिकता है।
इससे न केवल हम अपने ऋषि को विनम्र भावांजलि अर्पित कर सकेंगे बल्कि अपनी महान सांस्कृतिक विरासत के साथ अपने आप को समर्पित होता हुआ भी देखेंगे।
इस पवित्र अवसर पर मैं आप सबके निरोग व स्वस्थ रहने की कामना करता हूं।