23/12/2012
Real story of uttrakhand Dec 19,2012...
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लड़की के बचने की उम्मीदें बेहद कम दिखाई दे रही हैं.
डॉक्टर के मुताबिक लड़की केशरीर में बुरी तरह दर्द है, सांस लेने में काफी तकलीफ है. नब्ज 130 पर है, जो सामान्य 72 से काफी ज्यादा है. संक्रमण बढ़ने से खून में प्लेटलेट्स स्तर गिरकर 48 हजार रह गया है. जो सामान्य हालत में डेढ़ लाख से साढ़े 4 लाख होता है. पल्स रेट बढ़ना और प्लेटलेट्स घटना चिंता का कारण है.
वारदात के करीब 36 घंटे बादमंगलवार सुबह पीड़ित लड़की को होश आया था, लेकिन वो बोलनहीं पाई. वह बोल नहीं पा रही है. उसने अपनी मां के नाम कई संदेश लिखे हैं. उसनेएक मैसेज लिखा है,'मां, मैं जीना चाहती हूं!' रोते हुए उसने कागज पर अपना दर्द
बयान किया-'लिफ्ट माई लेग, क्लीन माई थ्रोट'यानी मेरा पैर उठाओ और मेरा गला साफ करो. इसके बाद वो छत कीतरफ ताकती रही
और आंखों से आंसू निकलते रहे.
बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने बताया कि उसकी हालत बेहदखराब है. डॉक्टरों ने मुझे कहा है कि मर्द होने के नाते वो मुझे ये बताने की हालत में नहीं हैं कि पीड़ित लड़की को क्या-क्या दिक्कतें हैं.
सूत्रों के मुताबिक उसकी आंतों में गहरी चोट है. उसकेपेट पर किसी भारी चीज से वार किया गया. शरीर के अंदरूनी हिस्सों में कई जगहगंभीर चोटें हैं. गले औरबाहों में चोट के काफी निशान हैं. सिर को बार-बार फर्श या दीवारों पर पटका गया, जिससे 23 टांके लगाने पड़े
रीढ़ की हड्डी में भी चोट आई है. लड़की अब तक 5बार कोमा में जा चुकी है. डॉक्टरलगातार लड़की का डायलिसिस कर रहे हैं. अब तक उसकी 3 बार लाइफ सेविंग सर्जरी की जा चुकी है