Aachary Vijay verma

Aachary Vijay verma Urja Astro Energy Center I, Aacharya Vijay Verma, was involved in journalism till 1999. Then, I came to know about Late Mr. He asked me to join him. JAI SHANIDEV

Due to unfavourable circumstances, I also thought to show my horoscope to a renowned astrologer just like other people. Sareen, who was a famous astrolger and resident of Chowk, Lucknow. I met him and he gave me much knowledge about ‘Shanidev’. I was associated with numerology since 1995 and with the blessings of ‘Shanideva’, I started studying about planets and stars in 1999. Till 2003, the condition was such that I got totally inclined towards God, Planets and Stars. I focused myself towards the establishment of ‘URJA-The Astro Energy Center’. It is named so because in case of unfavourable circumstances, the most important thing required by a person is URJA, i.e,Energy. With the blessings of ‘Shanidev’, today we are associated with thousands of people whose horoscope we have studied and have satisfied them. Now, I want to work for people in this field and to help them in the same way.

🦜 प्रिय मित्रों🚩हर इंसान इस दुनिया में फिल्म के एक्टर की तरह अपनी जिंदगी की फिल्म मैं एक्टिंग करने के लिए आया हुआ है।भगव...
16/07/2025

🦜 प्रिय मित्रों🚩
हर इंसान इस दुनिया में फिल्म के एक्टर की तरह अपनी जिंदगी की फिल्म मैं एक्टिंग करने के लिए आया हुआ है।

भगवान की नजर मैं जो बेस्ट एक्टर है। भगवान ने उनकी जिंदगी में खतरनाक और काफी सीरियस रोल दे रखे है। क्योंकि ऐसे रोल बेस्ट एक्टर ही कर सकता है। मेरा (आचार्य विजय वर्मा) यह मानना है.
जो ठीक से अपना रोल नही कर सकते है।उनकी जिंदगी की फिल्म मैं भगवान ने नॉर्मली सीन दे रखे होते है जो आसानी से एक्टिंग कर सकते हो
बस फर्क इतना है की जिंदगी की फिल्म मैं अगला सीन क्या होने वाला है यह किसी को नही पता होता है।

आपकी जन्म कुंडली ये देखने के लिए नही होती है की आपकी शादी कब होगी।
आप के बच्चे कितने होंगे।
आपके पास धन कितना होगा।

मेरा मानना तो ये है कि आपकी जन्म कुंडली सिर्फ ये दिखाती हैं की आप किस करेक्टर की भूमिका मैं रहोगे।

आप देश और दुनिया की भलाई के लिए रोल करोगे या विलेन का रोल इस दुनिया में करोगे।

जन्म कुंडली के हिसाब से देखा जाए तो दुनिया के सभी लोग इन्ही बारह राशि और सताइस नक्षत्रों मैं जन्मे हुए हैं।

कहने का मतलब यह हुआ की हर इंसान आपके किसी न किसी भाव की राशि से संबंधित इंसान है।

कोई आपका मित्र का रोल कर रहा है।
कोई आपका शत्रु का रोल कर रहा है।
कोई आपका पार्टनर का रोल कर रहा है।
कोई आपके लिए संतान का रोल कर रहा है।
कोई आपके माता पिता का रोल कर रहा है।
कोई आपके भाई बहन के रोल कर रहा है।
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आप की जिंदगी की फिल्म मैं इन सब लोगो का जो रोल होता है। आपका वह रोल ही आपके लिए ये तय करता है की आप सुपर हीरो हो या एक विलेन हो।।।

अगर आप दुख और मुसीबतों मैं भी अपनों की सोच रहे हो।
अपनों की भलाई सोच रहे हो।
अपनों के साथ खड़े हो।। तो आप सुपर हीरो हो।

हो सकता है की आपकी जिंदगी में फिलहाल जी सीन चल रहा है वह रोल प्ले करना आपके लिए मुश्किल लग रहा हो।

लेकिन ये भी सच हैं की भगवान बेस्ट एक्टर को ही मुश्किल रोल देता है।

इसलिए अपनी जिंदगी की फिल्म मैं भगवान ने जो सीन हमारे लिए लिख दिए है वह सीन ईमानदारी से करते रहो।

क्योंकि जिंदगी की फिल्म बार बार नही बनती है और न ही जिंदगी की फिल्म मैं कोई सीन रीटेक होता है

इस जिंदगी की फिल्म मैं सब सीन रियल होते है।

दुख, दर्द, हंसी, खुशी, और मौत के सब सीन रियल है। इसलिए जो लोग आपकी जिंदगी की फिल्म में जुड़े है। वह सिर्फ इसी जिंदगी मैं जुड़े हुए है।
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लास्ट बात यह है की हर किसी की जिंदगी की फिल्म की स्टोरी अलग है। इसलिए दूसरो की जिंदगी की फिल्म देख कर।
अपनी खुद की जिंदगी की फिल्म उनके जैसी बनाने के चक्कर मैं मत रहना।

क्योंकि ऊपर बैठे डायरेक्टर ने सभी को सुख सुविधा और मुसीबतें हर किसी को उनकी जिंदगी की फिल्म के हिसाब से दे रखी है।

रोल वही करना होगा जो फिल्म मैं लिखा जा चुका है

अपना सीन बदलने के चक्कर मैं कही जिंदगी की फिल्म से ही बाहर न हो जाओ।
*🦜🦜आचार्य विजय वर्मा🦜🚩*
*ऊर्जा ऐस्ट्रो एनर्जी सेंटर*
(Astro Consultant, Counsellor,Social Worker, Healer.)
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🦜 प्रिय मित्रों*गुरु पूर्णिमा पर सभी गुरूओं को प्रणाम करता हूँ।*🚩कुछ लोग मुझसे ज्ञान में श्रेष्ठ है कुछ लोग मुझसे संस्का...
10/07/2025

🦜 प्रिय मित्रों
*गुरु पूर्णिमा पर सभी गुरूओं को प्रणाम करता हूँ।*
🚩कुछ लोग मुझसे ज्ञान में श्रेष्ठ है कुछ लोग मुझसे संस्कार में श्रेष्ठ है🚩
कुछ लोग मुझसे बल में श्रेष्ठ है
कुछ लोग मुझसे धन में श्रेष्ठ है
कुछ लोग मुझसे सादगी में श्रेष्ठ है
कुछ लोग मुझसे पराक्रम में श्रेष्ठ हैं
कुछ लोग मुझसे बुद्धिमता में श्रेष्ठ है कुछ लोग मुझसे बोल व्यवहार में श्रेष्ठ है
कुछ लोग मुझसे सेवा कार्यों में श्रेष्ठ है
कुछ लोग मुझसे कर्मशीलता में श्रेष्ठ है
*कुछ लोग मुझसे गम्भीरता में श्रेष्ठ है
*कुछ लोग मुझसे भोलेपन में श्रेष्ठ है
इसका मतलब प्रत्येक व्यक्ति किसी न किसी रूप में मुझसे श्रेष्ठ अवश्य है।*
अतः मैं सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों को हृदय की गहराइयों से प्रणाम करती हूँ!
🚩 समस्त सम्मानित जनों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत-बहुत बधाई 🚩
🦜🦜 आचार्य विजय वर्मा🚩

*🦜प्रिय मित्रों🚩*🍥 *कैसे करें निगेटिव थॉट्स को पॉजिटिव में कन्वर्ट* ❓  🤔 *"हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं"*🤔🦜 Law Of At...
03/07/2025

*🦜प्रिय मित्रों🚩*
🍥 *कैसे करें निगेटिव थॉट्स को पॉजिटिव में कन्वर्ट* ❓
🤔 *"हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं"*🤔
🦜 Law Of Attraction (LOA) 🦜अर्थात् आकर्षित करने का नियम कहता है कि हम जो भी सोचते हैं उसे अपने जीवन में आकर्षित करते हैं, फिर चाहे वो चीज अच्छी हो या बुरी।
🦜उदाहरण के लिए: --- अगर कोई सोचता है कि वो हमेशा परेशान रहता है, बीमार रहता है और उसके पास पैसों कि कमी रहती है तो असल जिंदगी में भी ब्रह्माण्ड घटनाओं को कुछ ऐसे सेट करता है कि उसे अपने जिंदगी में परेशानी, बीमारी और तंगी का सामना करना पड़ता है।
वहीँ दूसरी तरफ अगर वो सोचता है कि वो खुशहाल है, सेहतमंद है और उसके पास खूब पैसे हैं तो LOA कि वजह से असल जिंदगी में भी उसे खुशहाली, अच्छी सेहत और समृद्धि देखने को मिलती है।
❣️“वास्तव में हम जो सोचते हैं, वो बन जाते हैं” ❣️
🌀 “हम वो हैं जो हमें हमारी सोच ने बनाया है, इसलिए इस बात का ध्यान रखिये कि आप क्या सोचते हैं. शब्द गौण हैं. विचार रहते हैं, वे दूर तक यात्रा करते हैं”
जो लोग LOA मानते हैं वे समझते हैं कि positive सोचना कितना ज़रूरी है…वे जानते हैं कि हर एक negative thought हमारी life को positivity से दूर ले जाती है और हर एक positive thought life में खुशियां लाती है।
🔺और किसी ने कहा भी है, ”अगर इंसान जानता कि उसकी सोच कितनी पावरफुल है तो वो कभी निगेटिव नहीं सोचता !”
*पर क्या हमेशा positive सोचना संभव है* ❓

यहीं पर काम आते हैं हमारे but लेकिन, किन्तु, परन्तु...

दोस्तों, वैसे तो ये शब्द ज्यादातर negative context में use होते हैं ..
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:-- आप लोगों को कहते सुन सकते हैं :
--- मैं सफल हो जाता लेकिन...
--- सब सही चल रहा था किन्तु...etc
पर हम इन शब्दों का प्रयोग negative sentences के अंत में करके उन्हें ➡ positive में convert कर सकते हैं।
🔑🔑कुछ examples से समझते हैं :---
जैसे ही आपके मन में विचार आये, “दुनिया बहुत बुरी है ” तो आप इतना कह कर या सोच कर रुके नहीं,
तुरंत realize करें कि आपने एक negative sentence बोला है इसलिए तुरंत alert हो जाएं ..
और sentence को कुछ ऐसे पूरा करें----
”दुनिया बहुत बुरी है, लेकिन अब चीजें बदल रही हैं, बहुत से अच्छे लोग समाज में अच्छाई का बीज बो रहे हैं और सब ठीक हो रहा है “
🔑🔑कुछ और examples देखते हैं :--
👉🏻मैं पढ़ने में कमजोर हूँ,
लेकिन अब मैंने मेहनत शुरू कर दी है और जल्द ही मैं पढ़ाई में भी अच्छा हो जाऊँगा।
👉🏻मेरा boss बहुत #%$% है,
पर धीरे -धीरे वो बदल रहे हैं और उनको ज्ञान भी बहुत है, मुझे काफी कुछ सीखने को मिलता है उनसे।
👉🏻मेरे पास पैसे नहीं हैं,
लेकिन मुझे पता है मेरे पास बहुत पैसा आने वाला है, इतना कि न मैं सिर्फ अपने बल्कि अपने अपनों के भी सपने पूरे कर सकूँ।
👉🏻मेरे साथ हमेशा बुरा होता है,
लेकिन मैं देख रहा हूँ कि पिछले कुछ दिनों से सब अच्छा अच्छा ही हो रहा है, और आगे भी होगा।
👉🏻मेरे बच्चे की शादी नहीं हो रही,
परंतु अब मौसम शादीयों का है, भाग्य ने उसके लिए बहुत ही बेहतरीन रिश्ता सोच रखा होगा, जो जल्द ही तय होगा।
प्रिय मित्रों🦜
यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात है ये realize करना कि कब आपके मन में एक Negative thought आई है और तुरंत alert हो कर ...
इसे “लेकिन” लगा कर positive में convert कर देना
और ये आपको सिर्फ तब नहीं करना जब आप किसी के सामने बात कर रहे हो।
सबसे अधिक तो आपको ये अकेले रहते हुए अपने साथ करना है, आपको अपनी सोच पर ध्यान देना है, aware रहना है कि आपकी thoughts positive हैं या negative ??
और जैसे ही negative thought आये आपको तुरंत उसे positive में mould कर देना है।
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🦜और एक चीज आप इस बात की चिंता ना करें की आपने ‘लेकिन‘ के बाद जो लाइन जोड़ी है वो सही है या गलत,
आपको तो बस एक सकारात्मक वाक्य जोड़ना है, और आपका subconscious mind उसे ही सही मानेगा और ब्रह्माण्ड आपके जीवन में वैसे ही अनुभव प्रस्तुत करेगा !
🦜ये तो आसान लग रहा है !!
हो सकता है ये आपको बड़ा simple लगे, कुछ लोगों के लिए वाकई में हो भी, पर maximum लोगों के लिए thoughts को control करना और उनके प्रति aware रहना चैलेंजिंग होता है।🚩
इसलिए अगर आप इस तरीके को practice करते वक़्त कई बार negative thoughts को miss भी कर जाते हैं
तो no need to worry…
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जैसे तमाम चीजों को practice से सही किया जा सकता है वैसे ही thoughts को भी practice से positivity me Mould किया जा सकता है। ...
*🦜🦜आचार्य विजय वर्मा🦜🚩*
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(एक प्रतिष्ठित टीवी चैनल के कार्यक्रम में माननीय लखनऊ की मेयर सुषमा जी, श्री नटवर गोयल जी, माननीय नवनीत सहगल जी के साथ)

*🦜प्रिय मित्रों*कुत्तों की दौड़ में एक मर्तबा एक चीते को शामिल किया गया,लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि जब मुकाबला शुरु हु...
29/06/2025

*🦜प्रिय मित्रों*कुत्तों की दौड़ में एक मर्तबा
एक चीते को शामिल किया गया,
लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि जब मुकाबला शुरु हुआ तो
चीता अपनी जगह से हिला भी नहीं,
और कुत्ते अपनी पूरी कोशिश से मुकाबला जीतने में लगे रहे,
और चीता देखता रहा।
जब मालिक से पूछा गया कि चीते ने मुकाबले में शिरकत क्यों नहीं की तो उसने एक दिलचस्प जवाब दिया:
कभी कभी ख़ुद को बेहतरीन साबित करना दरअसल अपनी ही तौहीन होती है,
हर जगह ख़ुद को साबित करने की ज़रूरत नहीं होती है, कुछ लोगों के सामने खामोश रहना ही बेहतरीन जवाब होता है,
कुत्तों के साथ कुत्ते दौड़ते हैं शेर चीते नहीं, इस लिए अगर हमें खुद पर यकीन हो कि हम बेहतरीन हैं तो इसके लिए ज़रूरी नहीं है कि हम ख़ुद को बेहतरीन साबित करने के लिए कुत्तों के साथ मुकाबला कर लें, बल्कि खामोश रह लें।
एसी कई जगह खामोश रहना ही बेहतर होता हैं।
क्यू कि ऐसी दौड़ में शामिल होना ख़ुद की तौहीन है...🦜
इसलिए अपने ऊपर भरोसा रखना और अपने ऊपर विश्वास रखना जरूरी है। बहुत-बहुतशुभकामनाएं🚩
*🦜🦜आचार्य विजय वर्मा🦜🚩*
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*🦜प्रिय मित्रों🚩 देश विदेश में हमारे असंख्य क्लाइंट, मित्र है और करीब करीब हर कार्य क्षेत्र व्यावसायिक राजनीतिज्ञ सामाजि...
02/06/2025

*🦜प्रिय मित्रों🚩 देश विदेश में हमारे असंख्य क्लाइंट, मित्र है और करीब करीब हर कार्य क्षेत्र व्यावसायिक राजनीतिज्ञ सामाजिक सेवा कला से जुड़े लोग हैं जिनसे मैं मिलता हूं।
इसी क्रम में हमारी मुलाकात मुंबई में हमारे सुपरस्टार देश के हीरो no 1 प्रिय गोविंदा जी से मुंबई में मुलाकात हुई।
इतने बड़े सुपरस्टार लोकप्रिय होने के बावजूद उनका सरल व्यक्तित्व उनकी सादगी दिल को छू लेने वाली थी।
मैं शनि देव से प्रार्थना करूंगा कि उन्हें और सफलता के शिखर पर पहुंचाएं।
अब मैं लखनऊ में हूं जल्दी ही दिल्ली और कोलकाता के मित्रों से मुलाकात होगी। बहुत-बहुत शुभकामनाएं
*🦜🦜आचार्य विजय वर्मा🦜🚩*
*ऊर्जा ऐस्ट्रो एनर्जी सेंटर*
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🦜प्रिय मित्रों🚩आपको यह सूचना देनी है कि मैं दिनांक 28 मई से लेकर 1 June  2025 तक मुंबई में होटल रेडिसन ब्लू अंधेरी में र...
27/05/2025

🦜प्रिय मित्रों🚩आपको यह सूचना देनी है कि मैं दिनांक 28 मई से लेकर 1 June 2025 तक मुंबई में होटल रेडिसन ब्लू अंधेरी में रहूंगा। जो भी मुंबई के मित्र हैं वह कृपया मिलने के लिए समय ले ले।
लखनऊ में 2 june 2025 से अपने लखनऊ ऑफिस में मिलेंगे
सभी मित्रों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
*🦜🦜आचार्य विजय वर्मा🦜🚩*
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हमारे लखनऊ की माननीय मेंयर सुषमा खारवाल जी के स्वास्थ्य की जानकारी करते हुए। ईश्वर उन्हें जल्द स्वस्थ लाभ दे
29/04/2025

हमारे लखनऊ की माननीय मेंयर सुषमा खारवाल जी के स्वास्थ्य की जानकारी करते हुए। ईश्वर उन्हें जल्द स्वस्थ लाभ दे

*🦜मित्रो संतान को दोष न दें...**बालक को *'इंग्लिश मीडियम'* में पढ़ाया...*'अंग्रेजी'* बोलना सिखाया... *'बर्थ डे'* और *'मै...
05/04/2025

*🦜मित्रो संतान को दोष न दें...*
*बालक को *'इंग्लिश मीडियम'* में पढ़ाया...
*'अंग्रेजी'* बोलना सिखाया...
*'बर्थ डे'* और *'मैरिज एनिवर्सरी'*
जैसे जीवन के *'शुभ प्रसंगों'* को *'अंग्रेजी कल्चर'* के अनुसार जीने को ही *'श्रेष्ठ'* मानकर...
माता-पिता को *'मम्मा'* और
*'डैड'* कहना सिखाया...
जब *'अंग्रेजी कल्चर'* से परिपूर्ण बालक बड़ा होकर, आपको *'समय'* नहीं देता, आपकी *'भावनाओं'* को नहीं समझता, आप को *'तुच्छ'* मानकर *'जुबान लड़ाता'* है और आप को बच्चों में कोई *'संस्कार'* नजर नहीं आता है,
तब घर के वातावरण को *'गमगीन किए बिना'*... या...
*'संतान को दोष दिए बिना'*...कहीं *'एकान्त'* में जाकर *'रो लें'*...
*क्योंकि...*
पुत्र की पहली वर्षगांठ से ही,
*'भारतीय संस्कारों'* के बजाय
*'केक'* कैसे काटा जाता है ? सिखाने वाले आप ही हैं...
*'हवन कुण्ड में आहुति'* कैसे डाली जाए...
*'मंदिर, मंत्र, पूजा-पाठ, आदर-सत्कार के संस्कार देने के बदले,'...*
केवल *'फर्राटेदार अंग्रेजी'* बोलने को ही,
अपनी *'शान'* समझने वाले आप...(www.urjaastro.com)
बच्चा जब पहली बार घर से बाहर निकला तो उसे
*'प्रणाम-आशीर्वाद'* के बदले
*'बाय-बाय'* कहना सिखाने वाले आप...
परीक्षा देने जाते समय
*'इष्टदेव/बड़ों के पैर छूने'* के बदले
*'Best of Luck'*
कह कर परीक्षा भवन तक छोड़ने वाले आप...
बालक के *'सफल'* होने पर, घर में परिवार के साथ बैठ कर *'खुशियाँ'* मनाने के बदले...
*'होटल में पार्टी मनाने'* की *'प्रथा'* को बढ़ावा देने वाले आप...
बालक के विवाह के पश्चात्...
*'कुल देवता / देव दर्शन'*
को भेजने से पहले...
*'हनीमून'* के लिए *'फाॅरेन/टूरिस्ट स्पॉट'* भेजने की तैयारी करने वाले आप...
ऐसी ही ढेर सारी *'अंग्रेजी कल्चर्स'* को हमने जाने-अनजाने *'स्वीकार'* कर लिया है...
अब तो बड़े-बुजुर्गों और श्रेष्ठों के *'पैर छूने'* में भी *'शर्म'* आती है...
गलती किसकी..?
मात्र आपकी *'(माँ-बाप की)'*...
अंग्रेजी International *'भाषा'* है...
इसे *'सीखना'* है...
इसकी *'संस्कृति'* को,
*'जीवन में उतारना'* नहीं है...
*मैं आचार्य विजय वर्मा आप से कहना चाहूंगा की मानो तो ठीक...*
*नहीं तो भगवान ने जिंदगी दी है...*
*चल रही है, चलती रहेगी...*
*सोच कर विचार कर अपने और अपने परिवार, समाज,सनातन धर्म, संस्कृति और देश को बचाने का प्रयास करें...* नही तो आने वाली जनरेशन अमावस्या पूर्णमासी,रामायण और गीता भी नही बता पायेगी।कम से कम शाम की आरती में परिवार के साथ मंदिर में जाये।
*🦜आचार्य विजय वर्मा🦜*
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*दाढ़ी मात्र रु.10/- में*विद्युत वितरण कंपनी में सेवारत एक अधिकारी दाढ़ी बनवाने एक सैलून में गये और सैलून में लगे बोर्ड ...
21/03/2025

*दाढ़ी मात्र रु.10/- में*

विद्युत वितरण कंपनी में सेवारत एक अधिकारी दाढ़ी बनवाने एक सैलून में गये और सैलून में लगे बोर्ड को पढ़ने लगे....

👉 दाढ़ी --------- ₹.10/-
👉 ब्लेड अधिभार. ₹. 2/-
👉 उस्तरा भाड़ा .. ₹. 3/-
👉 क्रीम ---------- ₹. 5/-
👉 बिजली भाड़ा ₹ 20/-
👉 कैंची भाड़ा -- ₹. 3/-
👉 कुर्सी भाड़ा -- ₹.10/-
👉 लोशन -------- ₹. 7/-
👉 पाउडर ------- ₹. 5/-
👉 नॅपकिन भाड़ा.₹. 5/-
*योग ......... ₹. 70/-*
🤔 बोर्ड पढ़कर अधिकारी जी बोले :--
*तुम तो कमाल करते हो यार...! "दाढ़ी मात्र 10 रु." लिखकर अन्य दूसरे छुपे खर्चे जोड़कर ग्राहकों को 'लूटते' हो...?? 🤪*

सैलून स्वामी : -- *मेरे द्वारा इस बोर्ड पर शुद्ध हिन्दी में और सुपाठ्य बड़े अक्षरों में स्पष्ट लिखने से मेरे काम पर टिप्पणी कर रहे हो साहब...?*
और आपकी महावितरण कंपनी में सालों से उपभोक्ताओं के साथ *महाछल* जारी है उसका क्या...??"

👉 स्थायी प्रभार
👉 विद्युत प्रभार
👉 विद्युत वहन प्रभार
👉 ईंधन समायोजन प्रभार
👉 विद्युत शुल्क
👉 विद्युत बिक्री कर,
👉 व्याज,
👉 अन्य प्रभार
👉 चालू विद्युत देयक,
👉 पूर्व बकाया
👉 समायोजित राशि
👉 बकाया ब्याज राशि
👉 कुल बकाया राशि
👉 कुल देयक राशि
*.... पूर्णांक देयक....--->*
*अब आप ही बतायें....*
*ऐसे विद्युत बिल पर आज तक कितने लोगों ने आपत्ति जताई ...?😢*
और.....
*महावितरण अधिकारी दाढ़ी बनवाये बिना ही लौट गये....!!*
(यह एक मजाक था कोई बिजली विभाग का कर्मचारी जो अधिकारी इस मैसेज को सीरियस ना ले नहीं तो मेरा 5 किलो वाट का बिजली कनेक्शन का लोड बढ़ जाएगा) 😂😂
🦜🦜@आचार्य विजय वर्मा🚩

वो ज़माना और था...कि जब पड़ोसियों के आधे बर्तन हमारे घर और हमारे बर्तन उनके घर मे होते थे।वो ज़माना और था ..😌कि जब पड़ोस के ...
25/02/2025

वो ज़माना और था...

कि जब पड़ोसियों के आधे बर्तन हमारे घर और हमारे बर्तन उनके घर मे होते थे।

वो ज़माना और था ..😌

कि जब पड़ोस के घर बेटी पीहर आती थी तो सारे मौहल्ले में रौनक होती थी।

कि जब गेंहूँ साफ करना किटी पार्टी सा हुआ करता था ,

कि जब ब्याह में मेहमानों को ठहराने के लिए होटल नहीं लिए जाते थे,
पड़ोसियों के घर उनके बिस्तर लगाए जाते थे।

वो ज़माना और था...😌

कि जब छतों पर किसके पापड़ और आलू चिप्स सूख रहें है बताना मुश्किल था।

कि जब हर रोज़ दरवाजे पर लगा लेटर बॉक्स टटोला जाता था।

कि जब डाकिये का अपने घर की तरफ रुख मन मे उत्सुकता भर देता था ।

वो ज़माना और था...😌

कि जब रिश्तेदारों का आना,
घर को त्योहार सा कर जाता था।

कि जब आठ मकान आगे रहने वाली माताजी हर तीसरे दिन तोरई भेज देती थीं,
और हमारा बचपन कहता था , कुछ अच्छा नहीं उगा सकती थीं ये।

वो ज़माना और था...😌

कि जब मौहल्ले के सारे बच्चे हर शाम हमारे घर ॐ जय जगदीश हरे गाते .......
और फिर हम उनके घर णमोकार मंत्र गाते ।

कि जब बच्चे के हर जन्मदिन पर महिलाएं बधाईयाँ गाती थीं......और बच्चा गले मे फूलों की माला लटकाए अपने को शहंशाह समझता था।

कि जब बुआ और मामा जाते समय जबरन हमारे हाथों में पैसे पकड़ाते थे,

और बड़े आपस मे मना करने और देने की बहस में एक दूसरे को अपनी सौगन्ध दिया करते थे।

वो ज़माना और था ...😌

कि जब शादियों में स्कूल के लिए खरीदे काले नए चमचमाते जूते पहनना किसी शान से कम नहीं हुआ करता था।
कि जब छुट्टियों में हिल स्टेशन नहीं मामा के घर जाया करते थे....और अगले साल तक के लिए यादों का पिटारा भर के लाते थे।

कि जब स्कूलों में शिक्षक हमारे गुण नहीं हमारी कमियां बताया करते थे।

वो ज़माना और था..😌

कि जब शादी के निमंत्रण के साथ पीले चावल आया करते थे।

कि जब बिना हाथ धोये मटकी छूने की इज़ाज़त नहीं थी।

वो ज़माना और था....😌

कि जब गर्मियों की शामों को छतों पर छिड़काव करना जरूरी हुआ करता था।

कि जब सर्दियों की गुनगुनी धूप में स्वेटर बुने जाते थे और हर सलाई पर नया किस्सा सुनाया जाता था।

कि जब रात में नाख़ून काटना मना था.....जब संध्या समय झाड़ू लगाना बुरा था ।

वो ज़माना और था.....😌

कि जब बच्चे की आँख में काजल और माथे पे नज़र का टीका जरूरी था।

कि जब रातों को दादी नानी की कहानी हुआ करती थी ।

कि जब कजिन नहीं सभी भाई बहन हुआ करते थे ।

वो ज़माना और था....😌

कि जब डीजे नहीं , ढोलक पर थाप लगा करती थी,

कि जब गले सुरीले होना जरूरी नहीं था, दिल खोल कर बन्ने बन्नी गाये जाते थे।

कि जब शादी में एक दिन का महिला संगीत नहीं होता था आठ दस दिन तक गीत गाये जाते थे।

वो ज़माना और था...😌

कि जब बिना AC रेल का लंबा सफर पूड़ी, आलू और अचार के साथ बेहद सुहाना लगता था।

वो ज़माना और था..😌

कि जब चंद खट्टे बेरों के स्वाद के आगे कटीली झाड़ियों की चुभन भूल जाए करते थे।

वो ज़माना और था....😌

कि जब सबके घर अपने लगते थे......बिना घंटी बजाए बेतकल्लुफी से किसी भी पड़ौसी के घर घुस जाया करते थे।

वो ज़माना और था..😌

कि जब पेड़ों की शाखें हमारा बोझ उठाने को बैचेन हुआ करती थी।

कि जब एक लकड़ी से पहिये को लंबी दूरी तक संतुलित करना विजयी मुस्कान देता था।

कि जब गिल्ली डंडा, चंगा पो, सतोलिया और कंचे दोस्ती के पुल हुआ करते थे।

वो ज़माना और था...😌

कि जब हम डॉक्टर को दिखाने कम जाते थे डॉक्टर हमारे घर आते थे,
डॉक्टर साहब का बैग उठाकर उन्हें छोड़ कर आना तहज़ीब हुआ करती थी ।

कि जब इमली और कैरी खट्टी नहीं मीठी लगा करती थी।

वो ज़माना और था...😌

कि जब बड़े भाई बहनों के छोटे हुए कपड़े ख़ज़ाने से लगते थे।

कि जब लू भरी दोपहरी में नंगे पाँव गलियां नापा करते थे।

कि जब कुल्फी वाले की घंटी पर मीलों की दौड़ मंज़ूर थी ।

वो ज़माना और था😌

कि जब मोबाइल नहीं धर्मयुग, साप्ताहिक हिंदुस्तान, सरिता और कादम्बिनी के साथ दिन फिसलते जाते थे।

कि जब TV नहीं प्रेमचंद के उपन्यास हमें कहानियाँ सुनाते थे।

वो ज़माना और था😌

कि जब मुल्तानी मिट्टी से बालों को रेशमी बनाया जाता था ।

कि जब दस पैसे की चूरन की गोलियां ज़िंदगी मे नया जायका घोला करती थी ।

कि जब पीतल के बर्तनों में दाल उबाली जाती थी।
कि जब चटनी सिल पर पीसी जाती थी।

वो ज़माना और था,
वो ज़माना वाकई कुछ और था।
💕💕💕

🦜प्रिय मित्रोंएक पत्नी अपनी शादी/रिश्ते में श्रेष्ठता कैसे लाएं।🦜1). कभी भी किसी भी वजह से अपने पति के सामने अपनी आवाज न...
25/01/2025

🦜प्रिय मित्रों
एक पत्नी अपनी शादी/रिश्ते में श्रेष्ठता कैसे लाएं।🦜

1). कभी भी किसी भी वजह से अपने पति के सामने अपनी आवाज न उठाएं। यह तो अनादर का प्रतीक है.

2). अपने पति की कमज़ोरियों को अपने परिवार और दोस्तों के सामने उजागर न करें। यह आप पर पलटवार करेगा. आप एक दूसरे के रक्षक हैं.

3). अपने पति से संवाद करने के लिए कभी भी दृष्टिकोण और मनोदशा का उपयोग न करें, आप कभी नहीं जानते कि आपका पति उनकी व्याख्या कैसे करेगा। रक्षात्मक महिलाओं का घर सुखी नहीं होता।

4). कभी भी अपने पति की तुलना दूसरे पुरुषों से न करें, आपको नहीं पता कि उनका जीवन क्या है। यदि आप उसके अहंकार पर हमला करेंगे तो आपके प्रति उसका प्यार कम हो जाएगा।

5). कभी भी अपने पति के दोस्तों के साथ बुरा व्यवहार न करें क्योंकि वे आपको पसंद नहीं हैं, जिस व्यक्ति को उनसे छुटकारा पाना है वह आपका पति है।

6). यह कभी न भूलें कि आपके पति ने आपसे शादी की है, आपकी नौकरानी या किसी और से नहीं। अपने कर्तव्य निभाओ.

7). कभी भी किसी को अपने पति पर ध्यान देने का काम न सौंपें, लोग बाकी सब कुछ कर सकते हैं लेकिन आपका पति आपकी खुद की ज़िम्मेदारी है।

8🦜 यदि आपका पति खाली हाथ घर वापस आता है तो उसे कभी दोष न दें। बल्कि उसे प्रोत्साहित करें.

9). कभी भी फिजूलखर्ची करने वाली पत्नी न बनें, आपके पति का पसीना इतना कीमती है कि उसे बर्बाद नहीं किया जा सकता।

10). अपने पति के अधिकार को नकारने के उद्देश्य से कभी भी बीमार होने का नाटक न करें। आपको उसे वह देना चाहिए जैसा वह चाहता है। यह पुरुषों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, यदि आप उसे नकारते रहेंगे, तो यह समय की बात है कि कोई अन्य महिला उस कर्तव्य को संभालेगी (यहां तक ​​कि अभिषिक्त लोग भी इस प्रलोभन में पड़ सकते हैं)

11)। कभी भी अपने पति की तुलना अपने पूर्व प्रेमी से न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपका घर कभी भी इससे उबर नहीं पाएगा।

12). जनमत सर्वेक्षणों में कभी भी अपने पति के पक्ष में जवाब न दें, उन्हें जो निर्देशित किया गया है उसे संभालने दें, हालांकि जनमत सर्वेक्षणों में वह आपके लिए उत्तर दे सकते हैं।

13). बच्चों के सामने कभी भी चिल्लाएं या अपने पति को चुनौती न दें। समझदार महिलाएं ऐसा नहीं करतीं।

14). अपने पति के चेक आउट करने से पहले उनकी स्मार्टनेस को जांचना न भूलें।

15). कभी भी अपने दोस्तों को अपने पति के बहुत करीब न आने दें। एक शांतिपूर्ण और खुशहाल घर को तोड़ने के लिए कुछ दुष्ट मित्रों का उपयोग किया गया है

16). बाथरूम और ड्रेसिंग टेबल पर कभी भी जल्दबाजी न करें। वहाँ आपके पति हमेशा उन महिलाओं से घिरे रहते हैं जो अपने रूप-रंग पर अपना समय लगाती हैं।

17). आपके विवाह में आपके माता-पिता या परिवार या दोस्तों का अंतिम निर्णय नहीं होता है। अंतिम शब्द के लिए उनकी ओर देखने में अपना समय बर्बाद न करें। यदि आप अलग होना चाहते हैं तो आपको छोड़ना होगा।

18). अपने प्यार को कभी भी पैसों की चीजों पर आधारित न करें। भले ही आप उससे अधिक पैसा कमाएँ, फिर भी क्या आप उसके अधीन रहेंगे?

19). यह मत भूलो कि पति ध्यान और अच्छे श्रोता चाहते हैं, उनके लिए कभी भी बहुत व्यस्त न रहें। अच्छा संचार हर खुशहाल घर की आधारशिला है।

20). यदि आपका विचार उससे बेहतर काम करता है, तो कभी भी अपनी तुलना उससे न करें। यह हमेशा टीम वर्क है.

21). अपने पति के प्रति बहुत अधिक आलोचनात्मक न बनें। कोई भी पुरुष झगड़ालू पत्नी नहीं चाहता।

22). आलसी पत्नी लापरवाह पत्नी होती है। उसे यह भी नहीं पता कि उसके शरीर को नहाने की जरूरत है.

23). क्या आपके पति को पका हुआ खाना पसंद है? अपना खाना पकाने का तरीका बदलने का प्रयास करें। कोई भी आदमी खाने के साथ मजाक नहीं करता.

24). कभी भी अपने पति पर ज्यादा दबाव न डालें, हर पल और संसाधन का आनंद लें।

25). अपने पति और घर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों का सबसे पहले स्वागत एक गिलास पानी से करें। व्यवहार की मधुरता ही सच्ची सुंदरता है।

26). ऐसी महिलाओं से मेलजोल न रखें जिनका मानसिक नजरिया शादी को लेकर गलत हो।

27). आपकी शादी आपके लिए उतनी ही मूल्यवान है जितना आप इसे महत्व देते हैं। लापरवाही अस्वीकार्य है.

28) झगड़ालू पत्नी कभी भी एक अच्छा पति और अपना घर नहीं रख सकती, वह बिना संस्कार वाली गैरजिम्मेदार बेटियों को पालती रहेगी।

29) जो महिला अपने बच्चों, घर और पति का प्रबंधन नहीं कर सकती, वह जीवन में पूरी तरह से असफल है, चाहे उसकी कितनी भी उपलब्धियां क्यों न हों।

30) बुद्धिमान स्त्री अपने पति का आदर करेगी और उसका आदर करेगी, बदले में पति उसका पालन-पोषण करेगा और उससे बहुत प्रेम करेगा - यह स्वाभाविक होगा। पति ईश्वर का दिया हुआ एक खूबसूरत उपहार है। पृथ्वी पर कोई भी अच्छा आदमी झगड़ालू और बहस करने वाली पत्नी को बर्दाश्त नहीं कर सकता, सिवाय इसके कि उन्होंने अपना मूल्य खो दिया हो और एक वास्तविक पुरुष से कम हो गए हों।

31). गर्भ का फल प्रभु का आशीर्वाद है, अपने बच्चों से प्रेम करो और उन्हें अच्छी शिक्षा दो।

32). आप अपने घर पर प्रभाव डालने के लिए कभी भी बूढ़े नहीं होते। किसी भी कारण से अपने परिवार की देखभाल में कभी कमी न करें।

33). प्रार्थना करने वाली पत्नी बहुत समझदार और बुद्धिमान होती है और वह एक बेहतर सुसज्जित पत्नी होती है, हमेशा अपने पति और परिवार के लिए प्रार्थना करें। प्रार्थनाओं से अपनी सभी चुनौतियों और समस्याओं पर विजय प्राप्त करें, केवल भगवान ही हमारी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं - माता-पिता नहीं, कोई और नहीं बल्कि, केवल भगवान फिर आप।
एक अच्छी महिला ही एक अच्छी पत्नी बनती है और एक अच्छी पत्नी ही एक अच्छी माँ बनती है। एक अच्छी माँ ही एक अच्छे बच्चे को जन्म देती है.!!
(कृपया अपनी राय जरुर दें खासकर महिलाएं)
🦜🦜आचार्य विजय वर्मा🦜

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