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दिल्ली -महत्वपूर्ण खबर - स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को कफ सिरप देने पर एडवायजरी जारी की- दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप...
03/10/2025

दिल्ली -

महत्वपूर्ण खबर -

स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों को कफ सिरप देने पर एडवायजरी जारी की-

दो साल से छोटे बच्चों को कफ सिरप न दी जाये , पाँच साल के बच्चों हेतु सलाह ली जाये !!

28/09/2025
28/09/2025

काटे - चाटे स्वान के दुहू भांति विपरीत*

मिथ को भूल जाएं, 15 मिनट साबुन से धुले और वैक्सीन लगवाएं -
सुनील यादव

* विश्व रेबीज दिवस पर गोष्ठी*

लखनऊ,
अगर कुत्ता चाट ले या काट ले तो तुरंत बहते पानी में 15 मिनट तक साबुन के साथ सफाई करें और चिकित्सालय में तत्काल जाएं ।
आज विश्व रेबीज दिवस है, फार्मासिस्ट फेडरेशन द्वारा अपने फार्मासिस्टों के साथ आमजन को जागरूक करने के लिए लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम और जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लगातार इस घातक रोग से होने वाले मृत्यु को बचाने के लिए कार्य किया जा रहा है जानवरों के वैक्सीनेशन, जागरूकता फैलाने, चिकित्सा कर्मियों को शिक्षित करने का कार्य राष्ट्रीय रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम और विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से किया जा रहा है ।
। प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सालय में वैक्सीन की पूरी उपलब्धता रखी गई है । इसी क्रम में आज एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए ये बातें फार्मेसिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताई ।
उन्होंने कहा कि
' काटे चाटे श्वान के दुहु भांति विपरीत ' यह लाइन बिल्कुल सत्य है परंतु
' कुत्ते के काटने से डर नहीं लगता साहब, डर लगता है इंजेक्शन लगवाने से', ये बात आपने जरूर सुना होगा, यह बिल्कुल ही सत्य नहीं है !

पहली बात तो यह है कि अब कुत्ते का इंजेक्शन पेट में नहीं लगता, जिससे लोग डरते थे अब कुत्ते के काटने के बाद जो वैक्सीन लगती है वह वैक्सीन चमड़े के ठीक नीचे और बहुत कम मात्रा में हाथों में लगाई जाती है, अतः अब इसमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं रही ।
एक बात और कि रेबीज होने के बाद इसमें मृत्यु की संभावना शत प्रतिशत तक है वहीं समय पर वैक्सीन लेने से इससे बचा जा सकता है ।
श्री यादव ने बताया कि
रेबीज़ एक टीका-निवारणीय, जूनोटिक, वायरल रोग है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। इसका वैक्सीन और इम्यूनोग्लोबुलीन उपलब्ध है और ज्यादातर सरकारी चिकित्सालयों में निशुल्क लगाया जाता है ।
लक्षण -
रेबीज का इनक्यूबेशन पीरियड आमतौर पर 2-3 महीने होता है, लेकिन वायरस के प्रवेश के स्थान और वायरल लोड जैसे कारकों के आधार पर एक सप्ताह से एक वर्ष तक भिन्न हो सकती है। रेबीज के शुरुआती लक्षणों में बुखार, दर्द और घाव वाली जगह पर असामान्य या अस्पष्टीकृत झुनझुनी, चुभन या जलन जैसी सामान्य निशानियाँ शामिल हैं। जैसे-जैसे वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में जाता है, मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में प्रगतिशील और घातक सूजन विकसित होती है।
रैबीज के प्रकार -
रेबीज दो प्रकार की होती है
Furious rabies - (फ्यूरियस रेबीज)
अति सक्रियता, उत्तेजक व्यवहार, मतिभ्रम, समन्वय की कमी, हाइड्रोफोबिया (पानी का डर) और एरोफोबिया (ड्राफ्ट या ताजी हवा का डर)। कार्डियो-श्वसन अरेस्ट के कारण कुछ दिनों के बाद मृत्यु हो जाती है।

Paralytic rabies (पैरालिटिक रेबीज)
कुल मानव मामलों में से लगभग 20% मामलों में इस प्रकार का रेबीज होता है। रेबीज का यह रूप उग्र रूप की तुलना में कम नाटकीय और आमतौर पर लंबे समय तक चलता है। घाव वाली जगह से शुरू होकर मांसपेशियां धीरे-धीरे लकवाग्रस्त हो जाती हैं। धीरे-धीरे कोमा विकसित होता है और अंततः मृत्यु हो जाती है।
समस्या यह है कि रेबीज के लकवाग्रस्त रूप का अक्सर गलत निदान किया जाता है, जिससे बीमारी की कम रिपोर्टिंग होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि अगर एक बार केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सेंट्रल नर्वस सिस्टम) में वायरस का संक्रमण हो गया तो यह शत प्रतिशत मौत का कारक हो सकती है ।
और यह भी सत्य है कि अगर तत्काल post exposure prophylaxis (PEP) दिया जाए तो इसे सेंट्रल नर्वस सिस्टम तक जाने से रोका जा सकता है अर्थात मृत्यु को रोका जा सकता है। घाव को 15 मिनट तक बहते पानी से डिटेरजेंट द्वारा धुलना, गाइडलाइन में दिए गए समय के अनुसार वैक्सीन का लगाया जाना और यदि जरूरत हो तो इम्यूनोग्लोबिन का लगाया जाना पोस्ट एक्सपोजर प्रोफाइलेक्सिस में सम्मिलित है ।

आंकड़े
*WHO के अनुसार मनुष्यों में 99% ' रैबीज' कुत्ते के काटने और खरोचने से ही होती है कुत्ते को वैक्सीन लगाकर और खुद को काटने से बचाकर इस रोग से पूर्ण रूपेण बचा जा सकता है ।
*15 वर्ष से छोटे बच्चे ज्यादातर इसके शिकार होते हैं आंकड़ों के अनुसार कुल मरीजों के 40% संख्या इस उम्र वाले बच्चों की है ।
रेबीज मुख्य तौर पर एशिया और अफ्रीका सहित डेढ़ सौ देशों की एक बड़ी सामाजिक और गंभीर जन स्वास्थ्य की समस्या है, प्रतिवर्ष 10000 तक की संख्या में इससे मृत्यु हो जाती है

किसके काटने से फैलता है ?
प्रमुख रूप से रेबीज से संक्रमित कुत्ते, बिल्ली, बंदर या जंगली जानवर के काटने, खरोच मारने या खुली चमड़ी पर चाटने से अर्थात सीधे mucosa के संपर्क में आने जैसे आंख मुंह या कोई घाव को चाट लेने से भी हो सकता है
अंटार्कटिका को छोड़कर रेबीज लगभग सभी देशों में पाए जाने वाला रोग है
वैश्विक स्तर पर रेबीज से प्रतिवर्ष लगभग 59 000 मृत्यु हो रही है, जबकि बहुत सारे ऐसे भी मामले होते हैं जिन्हें रिपोर्ट नहीं किया जाता ।
क्या करें जब कुत्ता या जानवर काट ले ?
तुरंत बाद जल्द से जल्द घाव को किसी भी डिटर्जेंट के साथ लगभग 15 मिनट तक बहते पानी में धुलते रहे जिससे ज्यादा से ज्यादा लार को हटाया जा सके।
नजदीकी चिकित्सालय से संपर्क करें ।
उत्तर प्रदेश के सभी चिकित्सालयों यथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व अन्य चिकित्सालयों में एंटी रेबीज वैक्सीन निशुल्क लगाई जाती है ।
क्या ना करें ?
घाव पर मिर्च या अन्य कुछ भी ना लगाएं । कोई पट्टी ना बांधे ।
दिए गए गाइडलाइन के अनुसार टांका यथासंभव नहीं लगाया जाता है लेकिन यदि बहुत आवश्यकता है तो इम्यूनोग्लोबुलीन लगाने के उपरांत चिकित्सीय देखरेख में ढीला टांका लगाया जा सकता है ।
कब कब लगेगा टीका ?
वर्तमान गाइडलाइन के अनुसार एंटी रेबीज वैक्सीन को इंट्रेडर्मल दोनों हाथों में ऊपर की तरफ डेल्टॉयड एरिया में इंट्रा डर्मल दिया जाता है । जिसका दिन 0,3,7,28 निर्धारित है ।
हालांकि इम्यूनो कंप्रेस्ड मरीजों में intra muscular (मांस में)का दिवस 0,3,7,14,28 निर्धारित है ।
जो लोग वैक्सीन का अनुसंधान कर रहे हैं या ऐसे एरिया में काम करते हैं जहां पर इस वैक्सीन के होने की संभावना ज्यादा है उन्हे जानवर काटने के पूर्व भी अपना वैक्सीनेशन करा लेना चाहिए ।
फेडरेशन ने अपील की है कि
इस बीमारी से खुद को बचाना और दूसरे को बचाना यह हमारी और आपकी सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है इसलिए यदि आप कुत्ता पालते हैं तो उन्हें टीके अवश्य लगाएं , बच्चों को खास तौर पर जानवरों से दूर रखें तथा जानवरों के काटने के उपरांत तत्काल नजदीकी चिकित्सालय के विशेषज्ञ/ फार्मेसिस्ट से राय लें ।
फेडरेशन के सलाहकार प्रोफेसर डॉ प्रकाश वी दीवान, वैज्ञानिक विंग के चेयरमैन डॉ हरलोकेश नारायण, प्रो मनोज यादव, डॉ विष्णु, डॉ इरफान अजीज आदि ने भी जनता से जागरूक रहने की अपील की है।

सुनील यादव

Dewendra Kumar
Sonu Yadav
Suneel Yadav
Adesh Krishna

Address

Camp Office: Drive Shyama Prasad Mukharji (Civil) Hospital Lucknow
Lucknow

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