Divyabhavishyavani

Divyabhavishyavani Pandit Puran Mishra Ji is a well-known Indian astrologer, philosopher, and life coach. Would you like to know more about his work परामर्शसेवा

He is renowned for his expertise in Vedic astrology, spirituality, and the ancient Indian scriptures, the Vedas. दिव्य संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा,
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10/06/2025

#पंचक के बारे में हमारे आसपास के क्षेत्रों के विद्यावन लोगो ने बहुत ही भ्रामक स्थितियां उत्पन्न कर रखी है पंचक में उनके अनुसार अस्थि संचय नहीं होता है अस्थि विसर्जन नहीं होता है द्वादशा कर्म नहीं होता है।पंचक पांच प्रकार के होते हैं: रोग पंचक, राज पंचक, अग्नि पंचक, मृत्यु पंचक और चोर पंचक। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि किस पंचक में क्या होगा। इसमें मृत्यु पंचक ही मृत्यु से संबंधित होता है।


शास्त्र-कथन है-

'धनिष्ठ-पंचकं ग्रामे शद्भिषा-कुलपंचकम्।

पूर्वाभाद्रपदा-रथ्याः चोत्तरा गृहपंचकम्।

रेवती ग्रामबाह्यं च एतत् पंचक-लक्षणम्।।'


धनिष्ठा से रेवती पर्यंत इन पांचों नक्षत्रों की क्रमशः पांच श्रेणियां हैं- ग्रामपंचक, कुलपंचक, रथ्यापंचक, गृहपंचक एवं ग्रामबाह्य पंचक।
ऐसी मान्यता है कि यदि धनिष्ठा में जन्म-मरण हो, तो उस गांव-नगर में पांच और जन्म-मरण होता है। शतभिषा में हो तो उसी कुल में, पूर्वा में हो तो उसी मुहल्ले-टोले में, उत्तरा में हो तो उसी घर में और रेवती में हो तो दूसरे गांव-नगर में पांच बच्चों का जन्म एवं पांच लोगों की मृत्यु संभव है। इसका विधान अंत्येष्टि कर्म से सम्बंधित ग्रंथो में दिया गया है।
#पंचक में #दक्षिणदिशाकीयात्राकरना,
#मकानकीछतडलवाना, #इंधनहेतुलकड़ियाएकत्रितकरना, #चारपाईयापलंगबनवानावर्जितहै इसके साथ ही जो पांच प्रकार के पंचक है उन्होंने मृत्यु बाण में विवाह तथा रोग बाण में यज्ञोपवीत कर्म वर्जित है, रोग बाण में स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता बरतना चाहिए नृप पंचक में नौकरी आदि शुभ कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए चोर पंचक में व्यवसाय के लेनदेन नहीं करना चाहिए और अग्नि पंचक में ग्रह प्रवेश गृह निर्माण का आरंभ अग्नि के प्रकोप को बढ़ाने वाला रहता है ।
रविवार से जो पंचक प्रारंभ होता है वह रोग पंचक कहलाता है सोमवार से प्रारंभ होने वाला पंचक नृप पंचक कहलाता है शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक कहलाता है शनिवार से प्रारंभ होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है और मंगलवार से प्रारंभ होने वाला पंचक अग्नि पंचक कहलाता है बाकी सभी काम पंचक में किए जा सकते हैं किसी प्रकार का कोई दोष नही है।

08/06/2025

दरिद्र मतलब दर दर भटकने वाला इंद्र, अब इंद्र ने न न न देना आरम्भ किया, इतना बाँट दिया कि बचा इद्र तो भटके द की खोज मे बनके दरिद्र
तो कभी दान से न न करना द सीखो न नहीं।

सोना अपनी कीमत नहीं खोता क्यूंकि हर परिस्थिति मे उसका छोटा सा टुकड़ा भी वही गुण शान सहन शक्ति चमक सभी कणों मे समानता....य...
08/06/2025

सोना अपनी कीमत नहीं खोता क्यूंकि हर परिस्थिति मे उसका छोटा सा टुकड़ा भी वही गुण शान सहन शक्ति चमक सभी कणों मे समानता....
यही मूल्यवान की पहचान हैं यही बड़ा हैं इसीलिए पूज्य भी हैं कीमती भी तो समझे

शनि देव रक्षा करें, भूल चूक माफ करें...जीवन मे कष्ट मुक्ति हेतु शेयर करो सबको लाभ हो
08/06/2025

शनि देव रक्षा करें, भूल चूक माफ करें...
जीवन मे कष्ट मुक्ति हेतु शेयर करो सबको लाभ हो

08/06/2025

ज्योतिष मे या जीवन मे एक ही नियम हैं विकास का।
सूर्य राजा राजा मतलब स्वयं शरीर तन....
राजा का मन चंद्र हैं आप इसे रानी भी मान सकते हो, क्यूंकि आंतरिक मामलों का संबंध जो दिखता नहीं पुरे शरीर पर पड़ता हैं,,जो कब कैसे संचालित हो मन इसका कारक चंद्र।
राजा को मन शक्ति चंद्र, आंतरिक शक्ति चंद्र वही राजा का बल सेना होती हैं सेना पति मंगल, मंगल मित्र हैं राजा को राजा बनाने मे मदद करता हैं सुरक्षा से बल से मित्रता से, अपने रहते राजा को कष्ट नहीं होने देता हैं।
वही बुध बुद्धि हैं वाणी हैं योग क्रिया हैं जो स्वयं पावर मे नहीं हैं इसीलिए अधिक तर राजा के अधीन यानि सूर्य बुध के साथ योग करता हैं राजा की उन्नति हेतु ये सलाह कार हैं विद्या हैं गुण हैं व्यवहार हैं राजा का, इसकी क्रिया बुद्धि वाणी राजा के हित मे होती हैं।

सूर्य राजा चंद्र रानी, मंगल सेनापति, बुध महामंत्री, तो
गुरु अन्तः करण हैं प्रेणना हैं धर्म कर्म की ये रानी सेनापति मंत्री सबको बैलेंस करके उचित राह दिखाता हैं जिससे राजा के किसी सुख मे बाधा न आये या राजा भी निरंकुश होकर अन्य सहयोगी को अलग न करें।

शुक्र राजा को धन यश बल बुद्धि का उपयोग सुख शांति हेतु प्रयोग करवाता हैं जिससे नवीन राजा रानी सेना पति मंत्री आदि बनते रहें विकाश होता रहें।

शनि देव आपका व्यवहार फल हैं राजा यानि तन जितना न्याय पूर्ण सत्य वादी होगा ये उसकी पूर्ति करेंगे ये पीड़ित ग्रह का सपोर्ट करते हैं न्याय देते हैं चाहे राजा को कष्ट ही क्यों न हो इसीलिए न्याय धीश कहे जाते हैं।

राहु केतु वो ग्रह हैं जो सबकी मन की नकरात्मक शक्ति का संग्रह करते हैं, उसी को जिस ग्रह से ली हैं वो राजा को वापस करते हैं कितना भी कष्ट हो वे परवाह नहीं करते हैं, वो संचित हानि लाभ को समय के साथ ब्याज सहित वापस करते हैं लाभ नाम यश सहयोग अचानक देकर ध्वज लहराते हैं राज्य को बना देते हैं राजा के लिए केतु।
राहु विपरीत फल देते हैं ये चंद्र मगल बुध गुरु शुक्र शनि सबके साथ रहकर अपने पुरे बुरे भले संग्रह को उसी के माध्यम से हजारों गुना वापस देते हैं यही युतिया जीवन मे लागु होती हैं...
श्री पूरन मिश्र जी महराज............. अपनी राय अवश्य साझा करें।

08/06/2025

व्यापारी एवं राजा मे मित्रता सम्भव नहीं, राजा व्यापारी से धन लेकर जनता की सेवा करता हैं व्यापारी जनता से पुनः धन लेकर स्वयं का विकास करता हैं यही नीति भी हैं,, तो राजा व्यापारी को लाभ देगा तो जनता को कष्ट होगा,, यही विवाद हैं ट्रम्प एवं अलोन मस्क का..

राम कृपा सब ठीक है
21/04/2025

राम कृपा सब ठीक है

25/03/2025

आज समाज को पुनः जागरूक होने की आवश्यकता है वरना ये हिन्दू मुस्लिम उच्च नीच सवर्णो दलितों के बीच मे जो राजनीती हो रही है ये देश की एकता अखंडता हेतु उचित संकेत नहीं है...
सभी अपने क्षेत्र मे अवसर नहीं खोज पा रहें एक दुसरे क्षेते मे पेंदे मे छेंद करके पूरी नाव डूबा लेंगे 🙏

20/03/2025

बिना संबंध के किसी का मुफ्त भंडारा भी नहीं खाना चाहिए ,,बेमतलब पुरुषर्थ नष्ट होगा

20/03/2025

कुछ प्रश्न है उन्हें समझो उनका उत्तर खोजो जीवन का उद्देश्य पता चलेगा,,,
आपका जन्म क्यों हुआ?
आप मनुष्य अन्य पशु पक्षी जड़ क्यों बने?
आपके पालन हेतु दो माता पिता भोग सहयोग हेतु पति पत्नी हास्य विनोद हेतु भाई बंधु मिले,, मानवता की सुरक्षा हेतु समाज बना इसको विपरीत किसने किया?
जीवन में क्या करना लक्ष्य है?
कहा से आये कहा को जाना???

याद करो सब याद आएगा जी वादा किया था शिव चिन्ह है याद करो श्री सांब सदाशिव को
न मिले तो सद्गुरु करो

20/03/2025

दुःख तो तुमने चुना था बंधु, अब कुछ दिन दुःख के मजे ले लो ताकि स्वर्ग में सुख अनुभव हो,,, यहां कुछ दिन ही हो वहाँ अधिक दिन रहना होता है.... तो थोड़े से छोटे से जीवन पालन में झूठे रिश्तो नातो या तुच्छ शरीर के भोग के लिए दुःख न दो किसी को स्वयं रखो थाती बनाकर... यकीन मानो स्वर्ग का आनंद आएगा उस दुःख से भी जो आपने किसी को नहीं दिया..... सुख दो दुःख लो.... जमा करो पुण्य की पूंजी खर्चा करो यही पर

20/03/2025

एक के बाद एक टास्क मिलते है जीवन में किसी में तो टूटना होगा,,, जो संभल गया वही जीवन का भोग सुगमता से करता है.....

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Lucknow
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