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11/10/2025
🌿 उच्च रक्तचाप का रामबाण इलाज – सर्पगंधा की शक्ति!   💓 क्या आप हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं? सर्पगंधा है इसका प्राकृतिक...
11/10/2025

🌿 उच्च रक्तचाप का रामबाण इलाज – सर्पगंधा की शक्ति!


💓 क्या आप हाई ब्लड प्रेशर से परेशान हैं? सर्पगंधा है इसका प्राकृतिक समाधान।
🌿 यह औषधि नसों को शांत करती है और रक्तचाप को संतुलित रखती है।
🧘‍♀️ मानसिक तनाव, बेचैनी और नींद की कमी को कम करने में भी असरदार है।
🍯 1 ग्राम सर्पगंधा चूर्ण शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार लें।
💧 गुनगुने पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करने से हृदय मजबूत होता है।
🌞 2-3 महीने नियमित उपयोग से रक्तचाप सामान्य रहता है।
🌿 यह हृदय की धड़कन को स्थिर और मन को शांत करता है।
⚕️ सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।

❓ FAQs

1. प्रश्न: सर्पगंधा कब लेनी चाहिए?
उत्तर: सुबह और शाम खाली पेट, गुनगुने पानी या शहद के साथ।

2. प्रश्न: क्या यह ब्लड प्रेशर को स्थायी रूप से ठीक कर सकती है?
उत्तर: नियमित सेवन से रक्तचाप संतुलित रहता है, पर डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

3. प्रश्न: सर्पगंधा के अन्य फायदे क्या हैं?
उत्तर: यह तनाव, अनिद्रा और हृदय की धड़कन को नियंत्रित करने में मदद करती है।

4. प्रश्न: क्या इसे डायबिटीज वाले लोग ले सकते हैं?
उत्तर: हां, पर केवल आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से।

5. प्रश्न: सेवन से कोई नुकसान है?
उत्तर: अधिक मात्रा में लेने से अत्यधिक नींद या रक्तचाप बहुत कम हो सकता है।







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क्या आपका गला खराब है? आवाज निकलना बंद हो गई है? 😔 घबराइए मत! आपकी रसोई में ही इसका इलाज मौजूद है - लौंग! 🌿 इस जादुई मसा...
11/10/2025

क्या आपका गला खराब है? आवाज निकलना बंद हो गई है?
😔 घबराइए मत! आपकी रसोई में ही इसका इलाज मौजूद है - लौंग! 🌿 इस जादुई मसाले में दर्द को शांत करने और गले की खराश दूर करने का गुण है। बस 2-3 लौंग को हल्का भूनकर चूसें और अपनी मीठी आवाज वापस पाएं।
➡️
यह नुस्खा आयुर्वेद के प्राचीन सिद्धांतों पर आधारित है। लौंग (Clove) का वैज्ञानिक नाम Syzygium aromaticum है और यह अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है, विशेष रूप से यूजेनॉल (Eugenol) नामक तत्व के कारण।

गले में खराश: लौंग में मौजूद यूजेनॉल एक प्राकृतिक दर्द निवारक और एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला) एजेंट है। जब आप भुनी हुई लौंग को चूसते हैं, तो यह धीरे-धीरे आपके गले के संपर्क में आता है और गले की मांसपेशियों की सूजन और दर्द को कम करता है।

आवाज बैठना: अक्सर आवाज बैठने का कारण गले में सूजन या म्यूकस (बलगम) का जमाव होता है। लौंग अपने उष्ण (गर्म) स्वभाव के कारण इस म्यूकस को पतला करती है और उसे बाहर निकालने में मदद करती है, जिससे गले को आराम मिलता है और आवाज साफ होती है।

भूनने का कारण: लौंग को हल्का भूनने से उसकी शक्ति और सुगंध बढ़ जाती है। साथ ही, यह पाचन के लिए भी आसान हो जाता है।
यह नुस्खा खांसी और जुकाम में भी बहुत असरदार है। हालांकि, अगर आपकी समस्या गंभीर है या लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।

FAQ
Q1. लौंग को कैसे भूनना चाहिए?
Ans एक तवे पर 2-3 लौंग डालें और धीमी आंच पर तब तक भूनें जब तक उनमें से हल्की खुशबू न आने लगे। ध्यान रहे, लौंग को जलने न दें।
Q2. इस उपाय को दिन में कितनी बार कर सकते हैं?
Ans आप इसे दिन में 2-3 बार कर सकते हैं, या जब भी गले में अधिक खराश या दर्द महसूस हो।
Q3. क्या इसे खाली पेट किया जा सकता है?
Ans हां, आप इसे कभी भी कर सकते हैं, खाली पेट या खाना खाने के बाद।
Q4. बच्चों के लिए यह सुरक्षित है?
Ans हां, पर बहुत छोटे बच्चों को लौंग चबाने या निगलने से चोट लग सकती है। 5 साल से ऊपर के बच्चों को आप एक लौंग दे सकते हैं, पर सावधानी के साथ।
Q5. अगर मेरे पास भुनी हुई लौंग नहीं है तो क्या कच्ची लौंग का इस्तेमाल कर सकता हूँ?
Ans हाँ, आप कच्ची लौंग भी चूस सकते हैं, लेकिन भूनने से इसका प्रभाव थोड़ा बढ़ जाता है।

📜 धृत कुमारी चूर्ण या कुमारी चूर्ण (Aloe Vera Powder) – लीवर और पाचन का नेचुरल टॉनिक   🌿 कुमारी चूर्ण यानी एलोवेरा पाउडर...
11/10/2025

📜 धृत कुमारी चूर्ण या कुमारी चूर्ण (Aloe Vera Powder) – लीवर और पाचन का नेचुरल टॉनिक


🌿 कुमारी चूर्ण यानी एलोवेरा पाउडर एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है जो लीवर को साफ और सक्रिय रखती है।
💧 यह शरीर से टॉक्सिन निकालकर डिटॉक्स करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है।
🔥 गैस, कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याओं में तुरंत राहत देता है।
🍯 नियमित सेवन से शरीर हल्का और ऊर्जावान महसूस होता है।
🌞 यह स्किन और बालों की सेहत को भी अंदर से सुधारता है।
🍃 महिलाओं के हार्मोन संतुलन में भी मददगार है।
🌿 इसका ठंडा प्रभाव शरीर में संतुलन बनाए रखता है।
💚 रोज सुबह खाली पेट कुमारी चूर्ण लेना सेहत का सीक्रेट बन सकता है।

❓ FAQs

1. प्रश्न: कुमारी चूर्ण कब लेना चाहिए?
उत्तर: सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ।

2. प्रश्न: क्या इसे रोज़ लिया जा सकता है?
उत्तर: हां, आयुर्वेदिक मात्रा में रोज़ लेना सुरक्षित और लाभकारी है।

3. प्रश्न: क्या यह सिर्फ लीवर के लिए है?
उत्तर: नहीं, यह पाचन, त्वचा और हार्मोन संतुलन के लिए भी उपयोगी है।

4. प्रश्न: सेवन का सही तरीका क्या है?
उत्तर: 1 चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी या शहद में मिलाकर लें।

5. प्रश्न: क्या इससे कोई साइड इफेक्ट है?
उत्तर: सामान्य मात्रा में लेने पर कोई नुकसान नहीं, पर अधिक मात्रा से दस्त हो सकते हैं।







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शुगर पेशेंट के लिए सुबह का हेल्दी नाश्ता | Ayurvedic Breakfast Tips for Diabetes |    सुबह का नाश्ता शुगर पेशेंट के लिए ...
11/10/2025

शुगर पेशेंट के लिए सुबह का हेल्दी नाश्ता | Ayurvedic Breakfast Tips for Diabetes |

सुबह का नाश्ता शुगर पेशेंट के लिए सबसे ज़रूरी भोजन है।
आयुर्वेद बताता है कि हल्का और संतुलित भोजन ब्लड शुगर को स्थिर रखता है।
खाली पेट रहना या देर से खाना शुगर लेवल बढ़ा सकता है।
दलिया, मूंग दाल चीला, या बाजरे की खिचड़ी सबसे अच्छे विकल्प हैं।
मेथी दाना पानी और दालचीनी चाय ब्लड शुगर को नियंत्रित रखते हैं।
प्रोटीन के लिए भुने चने या बादाम का सेवन करें।
नींबू पानी या त्रिफला जल सुबह शरीर को एक्टिव करता है।
हर दिन छोटा बदलाव ही बड़ी सेहत की शुरुआत है।

❓FAQs:

1. शुगर पेशेंट को सुबह खाली पेट क्या लेना चाहिए?
– गुनगुना मेथी दाना पानी या नींबू पानी लेना अच्छा रहता है।

2. क्या शुगर पेशेंट ओट्स खा सकते हैं?
– हाँ, ओट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, यह सुरक्षित है।

3. दालचीनी चाय कितनी बार पीनी चाहिए?
– दिन में 1 बार सुबह या नाश्ते के बाद पर्याप्त है।

4. क्या फल नाश्ते में लिए जा सकते हैं?
– हाँ, लेकिन कम शुगर वाले फल जैसे अमरूद, सेब या पपीता लें।

5. नाश्ते के तुरंत बाद क्या नहीं करना चाहिए?
– लेटना या सोना नहीं चाहिए, हल्की वॉक करें।







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जोड़ों का दर्द, सूजन या थकान? हो सकता है कारण ‘यूरिक एसिड’!”यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में दर्द, सूजन और थकान महसूस होती ह...
10/10/2025

जोड़ों का दर्द, सूजन या थकान? हो सकता है कारण ‘यूरिक एसिड’!”

यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में दर्द, सूजन और थकान महसूस होती है।
आयुर्वेद कहता है – इसे नियंत्रित रखना आसान है।
हर दिन 8-10 गिलास पानी पिएं 💧
नींबू पानी, चेरी, गिलोय रस को दिनचर्या में शामिल करें 🍋🍒
पालक, टमाटर और मशरूम जैसे खाद्य पदार्थ सीमित करें।
हाई प्रोटीन और शराब से बचें 🚫
रोज हल्का व्यायाम करें, पाचन को संतुलित रखें।
प्राकृतिक तरीके से यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखें 🌿

❓FAQ:

1️⃣ यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
👉 जोड़ों में दर्द, सूजन, जलन, थकान।

2️⃣ क्या नींबू पानी फायदेमंद है?
👉 हां, यह शरीर को डिटॉक्स करता है।

3️⃣ कौन से फल फायदेमंद हैं?
👉 चेरी, सेब, पपीता और आंवला।

4️⃣ क्या गिलोय मदद करता है?
👉 हां, यह रक्त को शुद्ध करता है और सूजन कम करता है।

5️⃣ कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?
👉 रेड मीट, शराब, टमाटर, मशरूम, पालक।

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खूनी बवासीर से लेकर सफेद पानी तक – एक चूर्ण, कई समाधान 🌿पुष्यानुग चूर्ण (आ.सा.सं) –एक पारंपरिक आयुर्वेदिक योग, जो विशेष ...
10/10/2025

खूनी बवासीर से लेकर सफेद पानी तक – एक चूर्ण, कई समाधान 🌿

पुष्यानुग चूर्ण (आ.सा.सं) –
एक पारंपरिक आयुर्वेदिक योग, जो विशेष रूप से स्त्री रोगों और रक्तस्राव संबंधित विकारों में अत्यंत लाभकारी माना गया है।

✅ बवासीर में रक्तस्राव रोके
✅ अत्यधिक मासिक धर्म में आराम दे
✅ दर्द और सूजन कम करे
✅ पेट साफ रखे और पाचन सुधारे

👉 यह चूर्ण रक्त को शुद्ध करता है और शरीर के दोषों (विशेषकर पित्त दोष) को संतुलित करता है।
👉 नियमित सेवन से शरीर में ताकत और ऊर्जा बनी रहती है।
👉 इसमें द्राक्षा, लोध्र, अशोक, पद्मक, मोचरस आदि कई जड़ी-बूटियाँ होती हैं जो अंदर से उपचार करती हैं।

🌿 आयुर्वेद का विश्वास – प्राकृतिक, सुरक्षित, असरदार।

“खून रोके, दर्द मिटाए, पेट को रखे हल्का – यही है पुष्यानुग चूर्ण का असर 🌿”

❓FAQ

1. पुष्यानुग चूर्ण किन रोगों में उपयोगी है?
👉 बवासीर, ल्यूकोरिया (सफेद पानी), मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव, पेट की सूजन, और पित्त दोष के असंतुलन में।

2. इसे कब और कैसे लें?
👉 3-6 ग्राम चूर्ण को दिन में 2 बार, शहद या ठंडे पानी के साथ लेना लाभदायक है (डॉक्टर की सलाह अनुसार)।

3. क्या यह पुरुष भी ले सकते हैं?
👉 हाँ, बवासीर या रक्तस्राव की स्थिति में पुरुष भी इसे ले सकते हैं।

4. क्या इससे कोई साइड इफेक्ट होता है?
👉 नहीं, यह प्राकृतिक औषधि है। बस मात्रा का ध्यान रखें।

5. क्या यह चूर्ण नियमित रूप से लिया जा सकता है?
👉 हाँ, पर 21 दिन के बाद 4-5 दिन का अंतर ज़रूर रखें।

👉 फॉलो करें /AyurvedaGharSe और /AyurvedaHarGharMe
घर बैठे जानें हर रोग का आसान और असरदार आयुर्वेदिक इलाज 🌿

"बार-बार दस्त, गैस या पेट खराब? बस एक छाल कर देगी चमत्कार – कुटज छाल! 🌿कुटज छाल — आयुर्वेद की एक ऐसी औषधि जो आंतों की सफ...
10/10/2025

"बार-बार दस्त, गैस या पेट खराब? बस एक छाल कर देगी चमत्कार – कुटज छाल! 🌿

कुटज छाल — आयुर्वेद की एक ऐसी औषधि जो आंतों की सफाई और पाचन दोनों का ध्यान रखती है।

✅ दस्त और पेचिश को जड़ से रोकती है
✅ पेट को साफ रखती है और सूजन कम करती है
✅ आंतों के बैक्टीरिया को खत्म करती है
✅ पाचन अग्नि को बढ़ाती है
✅ खून की कमी (Anemia) में मदद करती है

👉 कुटज छाल का स्वाद थोड़ा कसैला जरूर है, पर असर बहुत तेज़।
👉 यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालती है और पित्त दोष को संतुलित करती है।
👉 नियमित सेवन से पेट हल्का और मन प्रसन्न रहता है।

💚 आयुर्वेद का विश्वास – प्राकृतिक, सुरक्षित, असरदार।

“पेट की गड़बड़ी हो या बार-बार दस्त – कुटज छाल है हर घर की औषधि 🌿”

❓FAQ
1. कुटज छाल किन रोगों में उपयोगी है?
👉 दस्त, पेचिश, अतिसार, IBS (आंतों की कमजोरी), और पाचन विकारों में।

2. इसे कैसे लिया जाए?
👉 3 से 6 ग्राम कुटज छाल का चूर्ण, दिन में 2 बार, गुनगुने पानी या छाछ के साथ।

3. क्या बच्चे भी ले सकते हैं?
👉 डॉक्टर की सलाह से कम मात्रा में दिया जा सकता है, खासकर जब दस्त बार-बार हों।

4. क्या इसके कोई साइड इफेक्ट हैं?
👉 नहीं, यह प्राकृतिक औषधि है, लेकिन अधिक मात्रा में लेने से कब्ज हो सकती है।

5. क्या इसे रोज लिया जा सकता है?
👉 केवल तब तक लें जब तक लक्षण रहें। लम्बे समय तक उपयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लें।

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सर्दियों में तिल का लड्डू सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि संपूर्ण औषधि है !फॉलो करें /Ayurveda Har Ghar meआयुर्वेद में तिल को बल...
09/10/2025

सर्दियों में तिल का लड्डू सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि संपूर्ण औषधि है !
फॉलो करें /Ayurveda Har Ghar me

आयुर्वेद में तिल को बल्य और वृष्य माना गया है। यह कैल्शियम और आयरन का उत्कृष्ट स्रोत है। तिल का तेल वात दोष शांत करने में अत्यंत प्रभावी है। त्वचा पर मालिश करने से रूखापन दूर होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

तिल के अद्भुत फायदों को अपने जीवन में अपनाएं और सर्दियों में स्वस्थ रहें !

वज्रासन सीखें 5 मिनट में - पाचन के लिए बेस्ट योगासन | Vajrasana Benefits    वज्रासन खाने के बाद करने वाला एकमात्र योगासन...
09/10/2025

वज्रासन सीखें 5 मिनट में - पाचन के लिए बेस्ट योगासन | Vajrasana Benefits

वज्रासन खाने के बाद करने वाला एकमात्र योगासन है जो पाचन को दुरुस्त करता है। इस video में जानें वज्रासन करने की सही विधि और इसके अद्भुत फायदे।

🔹 पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है
🔹 Gas और acidity से तुरंत राहत
🔹 घुटनों के दर्द में फायदेमंद
🔹 Meditation के लिए परफेक्ट position

अगर आप भी digestion problems से परेशान हैं तो रोज़ 5-10 मिनट वज्रासन जरूर करें। Video पसंद आए तो like करें और subscribe करना न भूलें।

❓ FAQs:

1. Q: क्या वज्रासन खाना खाने के बाद कर सकते हैं?
A: हां, वज्रासन एकमात्र ऐसा आसन है जिसे खाने के तुरंत बाद 5-10 मिनट तक किया जा सकता है। यह पाचन को बेहतर बनाता है।

2. Q: वज्रासन कितनी देर करना चाहिए?
A: शुरुआत में 2-3 मिनट से start करें और धीरे-धीरे 10-15 मिनट तक बढ़ाएं। Regular practice से बेहतर results मिलते हैं।

3. Q: क्या घुटनों में दर्द होने पर वज्रासन कर सकते हैं?
A: हल्के दर्द में cushion या तौलिया के support से कर सकते हैं, लेकिन गंभीर injury हो तो doctor की सलाह लें।

4. Q: वज्रासन के मुख्य फायदे क्या हैं?
A: पाचन सुधरता है, gas-acidity से राहत, घुटनों को मजबूती, blood circulation बेहतर होता है और मन शांत रहता है।

5. Q: क्या pregnant women वज्रासन कर सकती हैं?
A: Pregnancy के शुरुआती महीनों में कर सकती हैं, लेकिन last trimester में avoid करें और doctor से consult जरूर करें।







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सर्वांगासन के अद्भुत फायदे | Sarvangasana Benefits in Hindi    #सर्वांगासनसर्वांगासन को योगासनों की रानी कहा जाता है। यह...
08/10/2025

सर्वांगासन के अद्भुत फायदे | Sarvangasana Benefits in Hindi #सर्वांगासन

सर्वांगासन को योगासनों की रानी कहा जाता है। यह आसन आपके पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है।

इस वीडियो में जानिए सर्वांगासन के अद्भुत स्वास्थ्य लाभ। यह आसन मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाता है और स्मरण शक्ति को मजबूत बनाता है।

थायरॉइड की समस्या से राहत, तनाव कम करना और त्वचा में निखार लाने में मददगार।

रोजाना अभ्यास से मिलेंगे शारीरिक और मानसिक दोनों लाभ।

योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही शुरुआत करें। स्वस्थ रहें, खुश रहें।

वीडियो पसंद आए तो लाइक और शेयर जरूर करें। चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।

❓ FAQs

Q1. सर्वांगासन क्या है?
A. सर्वांगासन एक उल्टा योगासन है जिसे योगासनों की रानी कहा जाता है। इसमें कंधों के बल शरीर को सीधा ऊपर उठाया जाता है।

Q2. सर्वांगासन कितनी देर करना चाहिए?
A. शुरुआत में 30 सेकंड से 1 मिनट तक करें। अभ्यास बढ़ने पर 3 से 5 मिनट तक कर सकते हैं।

Q3. सर्वांगासन किसे नहीं करना चाहिए?
A. उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, गर्दन या पीठ में चोट, गर्भावस्था और मासिक धर्म के दौरान यह आसन नहीं करना चाहिए।

Q4. सर्वांगासन के मुख्य फायदे क्या हैं?
A. मस्तिष्क में रक्त संचार बढ़ाना, थायरॉइड को संतुलित करना, तनाव कम करना, पाचन सुधारना और त्वचा में निखार लाना इसके मुख्य फायदे हैं।

Q5. सर्वांगासन कब करना चाहिए?
A. सुबह खाली पेट या शाम को भोजन के 3-4 घंटे बाद करना सबसे अच्छा है। हमेशा खाली पेट ही योग करें।

#सर्वांगासन





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अखरोट का आकार मस्तिष्क जैसा होना भी प्रकृति का संकेत है कि यह दिमाग के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे बल और...
07/10/2025

अखरोट का आकार मस्तिष्क जैसा होना भी प्रकृति का संकेत है कि यह दिमाग के लिए फायदेमंद है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे बल और ओज बढ़ाने वाला बताया गया है। यह तनाव कम करने और नींद बेहतर बनाने में मदद करता है। त्वचा और बालों के लिए भी अखरोट का तेल उत्तम माना जाता है। हड्डियों को मजबूती देने में भी यह सहायक है। प्राचीन वैद्यों ने इसे दीर्घायु का रहस्य बताया है।

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