Dr Ramesh Kumar

Dr Ramesh Kumar Ayurvedic & naturopathy

27/10/2024
15/04/2024

Cystic fibrosis (CF) is a hereditary disorder affecting the exocrine glands, characterized by abnormal secretions leading to mucous buildup in the lungs and digestive system.

- Epidemiology:
• CF is most common in individuals of Caucasian descent, with an incidence of approximately 1 in 3,500 live births.

- Genetics:
• CF is caused by mutations in the CFTR gene, which encodes a chloride ion channel.
• The inheritance pattern is autosomal recessive, requiring two copies of the defective gene for the disease to manifest.

- Pathophysiology:
• Mutations in the CFTR gene result in dysfunctional chloride ion transport, leading to thick, sticky mucus in the respiratory, digestive, and reproductive systems.

- Clinical Features:
• Respiratory: Persistent cough, wheezing, dyspnea, recurrent pneumonia, bronchiectasis.
• Digestive: Pancreatic insufficiency, malabsorption, steatorrhea, failure to thrive, meconium ileus in newborns.

- Diagnostic Evaluation:
• Sweat chloride test: Elevated chloride levels confirm the diagnosis.
• Genetic testing: Identifies mutations in the CFTR gene.
• Pulmonary function tests: Assess lung function and monitor disease progression.

- Management:
• Pharmacotherapy: Mucolytics, bronchodilators, antibiotics (oral and inhaled), CFTR modulators (e.g., ivacaftor).
• Airway clearance techniques: Chest physiotherapy, oscillatory positive expiratory pressure devices.
• Nutritional support: Pancreatic enzyme replacement therapy, fat-soluble vitamin supplementation, high-calorie diet.
• Pulmonary rehabilitation: Exercise programs to improve respiratory function.

आजकल लोगो के गुदा मार्ग में दर्द के साथ सूजन के साथ कई बार ख़ून निकलने की समस्या का होना जिसे हम आम भाषा में बवासीर (Hae...
16/12/2023

आजकल लोगो के गुदा मार्ग में दर्द के साथ सूजन के साथ कई बार ख़ून निकलने की समस्या का होना जिसे हम आम भाषा में बवासीर (Haemroid) कहते है। इसका मुख्य कारण जीवनशैली में बदलाव एवम फास्टफुड का प्रचलन अथवा लंबे समय तक टॉयलेट सीट पर बैठना तथा कब्ज का बनाना या पेट संपूर्ण रुप साफ़ नहीं होना है। कई बार हम सब शर्म के वजह से चिकत्सक से सलाह नहीं लेते हैं। जो धीरे धीरे असाधारण रूप में परिवर्तित हों जाती हैं।
इससे बचाव फास्टफूड का कम से कम और खाने में तेल मसाले का कम प्रयोग करना है। तथ पानी ज्यादा पीना भोजन में सलाद और रेशेदार चीजे ज्यादा खाना। कब्ज का उपचार करवाना इन सब से हम सब बवासीर जैसी बिमारी से अपने आप को बचा सकते है।।
अगर ऐसी समस्या हो बिनाशर्म के आपने नजदीकी चिकत्सक या हॉस्पिटल में उचित और समय से ईलाज करवाए।।
बिमारी कि सुरुआत में उच्च चिकत्सा द्वारा ठीक किए जय सकता हैं। लेकिन अगर समस्या ज्यादा हो तो कई बार इसका शाल्यचिकत्सा अथवा आर्युवेद के क्षार सूत्र विधि द्वारा ईलाज किए जाता हैं।
डॉक्टर रमेश कुमार
आयुर्वेदिक एवम् प्राकृतिक चिकित्सक
लुधियाना पंजाब

How important 1st  one hours for accidental case of patient..read details belowThanks Dr Dinesh Chaudhary sir
15/12/2023

How important 1st one hours for accidental case of patient..read details below
Thanks Dr Dinesh Chaudhary sir

25/11/2023

रिटर्न टिकट तो कन्फर्म है.
इसलिए मन भर कर जीए.
मन मे भर कर न जीए.
छोड़िए शिकायत शुक्रिया अदा
कीजिए.
जीतना पास है पहले उसका मजा
लीजिए.
चाहे जिधर से गुजारिए मीठी हलचल
मचा दीजिए .
उम्र का हर एक दौर मजेदार है
अपनी उम्र के मजा लीजिए.
क्यों की रिटर्न टिकट तो कन्फर्म है.......

डॉक्टर रमेश कुमार
आयुर्वेदिक एवम प्राकृतिक चिकत्सक
लुधियाना पंजाब

Good morning to all respected seniors and friends
29/06/2023

Good morning to all respected seniors and friends

25/06/2023

आज हम सब आधुनिक युग की तरफ तेज़ी से बड़ते जा रहे है। आधुनिकता के साथ साथ हम उतने ही तेज़ी से विनाश की तरफ भी जा रहे है। आज से 20वर्ष पहले हमारे देश में असुविधाएं थी लेकिन जीवन इतना जटिल नहीं था। हम सब जैसे जैसे सुविधाओ की तरफ कदम रखते जा रहे है । वैसे वैसे हम सब कठिनाइयों से घिरते जा रहे है। 20वर्ष पहले गांव देहात में रोड बिजली की की सुबिधा नहीं थी। लेकिन तब भी जीवन बहुत सरलऔर सरस था आधुनिकता के लिए हमने प्रकृति के साथ बहुत छेड़छाड़ कर रहा है। आज समय से बारिश नही होना गर्मी ज्यादा पड़ना सर्दी ज्यादा पड़ना उसी का परिणाम है। वृक्ष हम लगाते ही नहीं। और रोज प्रतिदिन हजारों वृक्ष को काट रहे है। प्रतिदिन हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन को कंकड़ पत्थर में बदल रहे है। बड़े बड़े टॉवर जैसी बिल्डिंग बनाते जा रहे है। तब मुहल्ले में लोगो के पास एक भी AC नही होता था आज एक एक घर में 5 to 6 AC लगे हुए है। AC से निकलने वाली गर्मी हमारे आसपास के वातावरण को सामान्य से 20/% ज्यादा गर्मी बड़ा रहे है। आधुनिकता के तरफ बढ़ना जरूरी है लेकिन प्रकृति के साथ समन्वय बनाते हर बड़े अगर किसी रोड हाईवे और बिल्डिंग टावर के लिए हमने हजार वृक्ष पेड़ काट रहे है तो सबसे पहले 1500वृक्ष पेड़ लगाने के बाद ही पेड़ की कटाई करे अन्यथा ओ दिन दूर नहीं हम सब प्रकृति के आसमन्य समजस्य के वजह से एक दिन ऑक्सीजन सिलेंडर लेके साठ घूमेंगे। ऑक्सीजन सिलेंडर लेके घूमे थे। याद है 2020और 2021कोरोना काल हम ऑक्सीजन के लिए दर बदर भटकते रहे। और कितनो ने ऑक्सीजन के अभाव में दुनियां छोड़ दिए। और इसका एक और मुख्य कारण है देश की बढ़ती हुई आबादी। बढ़ती हुई आबादी भी हमे धीरे धीरे जीवन को कठिन रास्ते पर ले जा रही है कई लोग कै राजनीतिक और धार्मिक लोग सोचते है। कितनी जिसकी सांख्य भारी उतनी जी उसकी हिस्सेदारी। जीतने हि संख्या बढ़ेगी उतनी ही कठिनाई बढेगी। वजह हमारे देश का संसाधान सोर्स नही बढ़ रहे है। लेकिन खपत रोज बहुत तेजी से बढ़ रही है। एक दिन हम एक एक दाने के लिए बिदेशियो के ऊपर निर्भर हो जायेगे। अगर विदेशी आयत नहीं हुआ तो भूखे मरने का समस्या आ जायेगा। अभि भी देर नहीं हुई। जनसंख्या को कंट्रोल करने के किए सरकार सख्त कानून बनाए। ओर सब पर सामन्य तरीके से लागू हो और गांव में इक घर को कम से कम 5 वृक्ष और सहर में 1वृक्ष लगाना अनिवार्य करे। और प्रतेक हाइवे के किनारे रोड नियम का पालन करते हुए वृक्ष लगाना सुरु करे बहुत ही जरूरी है।। धन्यवाद
डॉक्टर रमेश कुमार
आयुर्वेदिक एवम प्राकृतिक चिकित्सक
लुधियाना पंजाब

06/06/2023

आगरा से लखनऊ हाईवे लखनऊ तक उचित सुवीधा नही है जैसे पेट्रोल पंप गैराज या कोई रेस्ट प्वाइंट इस पर सरकार और हाईवे अथार्टी को ध्यान देना चाहिए

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