17/02/2025
कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है? जानें दोनों एक दूसरे से हैं कैसे अलग
अक्सर देखा जाता है कि लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझ लेते हैं, हालांकि दोनों स्तिथि अलग होती हैं, आइए डॉक्टर से जानते हैं कि दोनों में अंतर कैसे करें.
Published: February 13, 2025 8:59 AM IST
By Shweta Bajpai |Edited by Shweta Bajpai
हम में से कई लोग कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक को एक ही समस्या समझते हैं, लेकिन हकीकत में ये दोनों अलग-अलग स्थितियां हैं. दोनों ही हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन इनके कारण, लक्षण और प्रभाव अलग होते हैं. आइए डॉ. एस.एस सीबीआ (कार्डियोलॉजिस्ट और डायरेक्टर सीबीआ मेडिकल सेंटर , लुधिआना) से जानते हैं कि आखिर कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर कैसे पहचानें.
हार्ट अटैक क्या होता है?
डॉ. एस.एस सीबीआ ने बताया कि हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इंफार्क्शन भी कहा जाता है. यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशियों तक रक्त पहुंचाने वाली धमनियां (कोरोनरी आर्टरीज) ब्लॉक हो जाती हैं. जब हृदय को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती, तो दिल का एक हिस्सा खराब हो सकता है. यह समस्या आमतौर पर कोलेस्ट्रॉल जमने या रक्त के थक्के बनने की वजह से होता है.
हार्ट अटैक के लक्षण
• छाती में दर्द या भारीपन महसूस होना
• बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द फैलना
• ठंडा पसीना आना
• सांस लेने में तकलीफ
• चक्कर आना या बेहोशी महसूस होना
• इनडाइजेशन या पेट में जलन जैसा महसूस होना
हार्ट अटैक धीरे-धीरे भी हो सकता है या अचानक भी आ सकता है. कई बार हल्के लक्षणों को लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है.
कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?
कार्डियक अरेस्ट एक अचानक होने वाली मेडिकल इमरजेंसी है. इसमें हार्ट बीट एकदम से रुक जाती है, जिससे ब्लड फ्लो बंद हो जाता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है. यदि तुरंत इलाज न मिले, तो कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है.
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
• सांस न आना या बहुत धीमी सांस आना
• हार्ट बीट का अचानक बंद हो जाना
• शरीर ठंडा पड़ जाना
• त्वचा का नीला पड़ जाना
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या है अंतर?
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में कई महत्वपूर्ण अंतर होते हैं. हार्ट अटैक तब होता है जब हार्ट तक ब्लड पहुंचाने वाली आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं, जबकि कार्डियक अरेस्ट हार्ट के पॉवर सिस्टम में गड़बड़ी के कारण अचानक होता है. हार्ट अटैक के लक्षणों में छाती में दर्द, सांस फूलना, और ठंडा पसीना आना शामिल है, जबकि कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों में अचानक बेहोशी, सांस रुक जाना और हृदय की धड़कन का बंद हो जाना शामिल है. हार्ट अटैक धीरे-धीरे भी बढ़ सकता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट अचानक और बिना चेतावनी के हो सकता है. हार्ट अटैक का इलाज दवाइयों, एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी से किया जाता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट में तुरंत CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और AED (ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर) द्वारा झटका देकर दिल को एक्टिव करने की जरूरत होती है.
प्रिवेंशन –
• हेल्दी डाइट लें और अधिक तली-भुनी चीजों से बचें.
• रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें.
• स्ट्रेस कम करें और पर्याप्त नींद लें.
• ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का नियमित रूप से चेकअप कराएं.
• धूम्रपान और शराब से बचें.
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों ही गंभीर समस्याएं हैं, लेकिन इनके लक्षण और कारण अलग-अलग होते हैं. हार्ट अटैक दिल की आर्टरीज़ में रुकावट के कारण होता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल प्रणाली के गड़बड़ होने से अचानक होता है. समय पर पहचान और सही इलाज से इन दोनों स्थितियों से बचा जा सकता है. इसलिए, अगर किसी को अचानक बेहोशी या सीने में तेज दर्द हो, तो बिना देर किए डॉक्टर की मदद लें.
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