14/07/2023
विचित्र किन्तु सत्य
आपकी खुशियों पर लगा ग्रहण का
वजह आपका नया मकान भी हो सकता है\
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किसी मकान ,स्थान या दूकान का वास्तु दोष एक अलग मामला है और वहां किसी नकारात्मक शक्ति का प्रभाव होना बिलकुल अलग |वास्तुदोष को अपेक्षाकृत जल्दी सुधारा जा सकता है किन्तु नकारात्मक शक्ति को हटाना या निष्क्रिय करना बेहद कठिन होता है |यहाँ तक की अच्छे तांत्रिक के लिए भी यह स्थिति कठिन हो जाती है ,चूंकि इनका अपना एक समूह बन जाता है और स्थानीय शक्तियाँ इनकी सहायता करती हैं |बेहद उच्च स्तर की शक्ति से ही इन्हें हटाया जा सकता है |यदि बहुत गहरे कोई बड़ी शक्ति हो तो उसे हटा पाना संभव नहीं होता अपितु फिर उसे मनाना पड़ता है की वह सम्बन्धित को परेशान न करे अथवा उसे फिर कहीं और स्थान देना पड़ता है |यह शक्तियाँ आस पास के क्षेत्र को भी प्रभावित करती हैं और अगल बगल के मकानों ,आवासों तक अपना प्रभाव दिखाती हैं |
वहां जाने पर कभी ऐसी भी परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है की धीरे -धीरे आपकी आय कम हो जाए अथवा आय -व्यय में असंतुलन उत्पन्न हो जाए ,आपके घर परिवार में कलह का अनावश्यक वातावरण उत्पन्न हो ,तनाव /दबाव ,घुटन महसूस हो ,बच्चे बिगड़ने लगें और उनमे स्वछंदता /स्वेच्छाचारिता उत्पन्न हो अथवा बढ़ जाए ,रहने वालों अथवा बच्चों में व्यसन ,नशे की आदत उत्पन्न हो ,चारित्रिक दोष उत्पन्न हो ,नौकरी /व्यवसाय में उथल पुथल हो ,सहकर्मियों से अनबन हो अथवा अनावश्यक मित्र -सम्बन्धियों से विरोध उत्पन्न हो ,दूरी बन जाए ,जबकि प्रत्यक्ष कोई कारण न समझ आये और लगे की अपनी तो कोई कमी या गलती ही नहीं थी |
ऐसा इसलिए हैं की यहाँ की जमीनें या तो दूषित हैं या अशुद्ध हैं |हजारों वर्ष किसी नकारात्मक शक्ति की आयु हो सकती है जबकि मकान /घर बनाने वाला नहीं जानता की २० फीट जमीन के नीचे क्या दबा है पुराने कालखंडों के विप्लव के बाद |बिल्डर यह नहीं देखता की जमीन के नीचे क्या है ,उसे जमीन ले बिल्डिंग बना बेचने से मतलब है ,अक्सर मकान के लिए जमीन लेने वाले तक नहीं सोचते कल यहाँ क्या था ,आज मौके की जमीन है ले ली और मकान तैयार करा लिया या फ़्लैट ले लिया |अनुभव तो तब होता है जब वहां जो रहना शुरू करता है |रहने वाले में भी जिसका भाग्य बहुत अच्छा है उसकी गाडी भाग्यवश चलती रहती है और उसके समझ नहीं आता ,दूसरा इस भ्रम में रहता है की अमुक तो इसी मकान या आसपास ही बिलकुल ठीक है फिर यहाँ दोष कैसे हो सकता है |इस भ्रम में वह खुद कष्ट उठाता रहता है पर मानता कुछ नहीं जब तक की बहुत गंभीर समस्या न दिखे |
इनका प्रभाव समझ नहीं आता अधिकतर मामलों में ,कुछ ही मामलों में यह खुद को व्यक्त करते हैं |इनके प्रभाव इनकी प्रकृति के अनुसार भिन्न हो सकते हैं |यदि यहाँ की शक्ति चरित्रहीन हुई तो चरित्रहीनता रहने वालों में बढ़ेगी ,क्रोधी हुई तो झगड़े बढ़ेंगे ,व्यसन -नशा अपने आप बढ़ेगी ,बच्चे -महिलाएं जल्दी प्रभावित होंगे तो इनमे कमिय पहले उत्पन्न होंगी |बेवजह दुर्घटना ,बीमारी ,मानसिक समस्या होगी ,घर अस्त व्यस्त होने से कार्य और दिनचर्या अव्यवस्थित होगी अतः आय -व्यय का संतुलन बिगड़ेगा |सबकुछ धीरे धीरे होगा और ऐसा होगा की जब तक समझ आएगा विकल्प सिमित हो जायेंगे |
ओम शुकला....... हर हर महादेव
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