Rajesh parikh प्राकृतिक & आयुर्वेद

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Rajesh parikh प्राकृतिक & आयुर्वेद सेवा ही हमारा उद्देश्य, ध्येय एवम् धर्म

12/02/2025

धन्वंतरि महाराज की जय हो🙏
सनातन धर्म की जय हो🙏
आयुर्वेद की जय हो.. 🙏
जब तक पृथ्वी पर जीवन है तब तक आयुर्वेद अमर रहेगा..🙏

महाभारत में आता हैं कि-"मातरः सर्वभूतानां गावः सर्वसुख:"अर्थात- गौ सभी प्राणियों की माता कहलाती हैं...वे सभी को सुख देने...
24/10/2023

महाभारत में आता हैं कि-
"मातरः सर्वभूतानां गावः सर्वसुख:"
अर्थात- गौ सभी प्राणियों की माता कहलाती हैं...वे सभी को सुख देने वाली हैं... (महा.अनु.69.7)

वहीं वेदों में भी कहा हैः-
"गावो विश्वस्य मातरः"
भारतीय संस्कृति में गाय को माता मानकर पूजा जाता हैं...अनेक अवसरों पर गाय माता का दान किया जाता हैं...परसो हमारे परिवार में काकाश्री के दशाकर्म पर गौ का दान किया गया,जब यह दान दिया जा रहा था तब का दृश्य बहुत ही अद्भुत था,मातृशक्ति द्वारा गौ माता को मेहंदी कुमकुम लगाकर,उसकी परिक्रमा कर उसका आशीर्वाद लिया जा रहा था..।।
गौदान ब्राह्मण परिवार,बहन,बेटी या भानेज/भांजी को भारतीय समाज वर्षो से करते आया है..।

"गव्यं तु जीवनीयं रसायनम्।"
आचार्य वाग्भट्ट ने भी 'अष्टांगहृदय' में उल्लेख किया है कि सब पशुओं के दुग्धों में गाय का दुग्ध अत्यंत बलवर्धक और रसायन है...।

गाय को जितना हमारे ऋषि मुनियों ओर पूर्वजो ने जाना था,उसका सही उपयोग आज विदेशी ले रहे है.. ओर हम जर्सी ओर भैंस के दूध में फेंट ढूंढ रहे है... हमारी खेती रसायनिक खाद व कीटनाशक दवाइयों से जहरीली होकर केंसर सहित अनेक रोग पैदा कर रही हैं, वही कई देश गौआधारित खेती की ओर बढ़कर अपने परिवार और देश की जनता को अमृत रूपी धान पैदा कर दे रहे है...।।

इस सुंदर गीत का मनोभाव भी कुछ यही कहता हैं...

नयी सदी का शंख बज गया, अपना फर्ज निभाना है...।
गौपालन संवर्धन करके
उन्नत राष्ट्र बनाना है...।।

छोड़ दिया जब गौपालन तो,
दशा हमारी दीन हुई...।
गऊवन की भी दुर्गति हो गयी,
उर्वर धरती क्षीण हुई...।
हुआ प्रदूषित अन्न वायु जल, मिलकर उसे बचाना है..।
गौपालन संवर्धन करके
उन्नत राष्ट्र बनाना है...।।

कहते हैं गौमाता की जय,
पर विक्रय कर कत्ल किया
गोबर धन का मूल्य न समझा, केवल पय का लाभ लिया,
इसीलिए सूना हर आंगन,
फिर से उसे बसाना है
गौपालन संवर्धन करके
उन्नत राष्ट्र बनाना है...।।
🙏🙏🙏🙏🙏

22/04/2023

आदरणीय मित्रों,
मेरे इस पेज पर मैंने लगभग सभी रोगों के लिये रामबाण उपाय और नुस्खे पोस्ट कर रखे हैं कृपया जरूरत पड़ने पर उपचार के लिये इस पेज पर किसी भी रोग का नाम लिख कर सर्च करें आपको उन नुस्खों से आशातीत लाभ मिलेगा🙏

14/03/2023

*💜💜 Alkaline Water बनाने की विधि*

💚रोगी हो या स्वस्थ उसको यहाँ बताया गया ये Alkaline Water ज़रूर पीना चाहिए।

💙💙 इसके लिए ज़रूरी क्षारीय सामान

💜1 नीम्बू

💜25 ग्राम खीरा,

💜5 ग्राम अदरक,

💜21 पोदीने की पत्तियां,

💜21 पत्ते तुलसी,

💜आधा चम्मच सेंधा नमक,

💜चुटकी भर मीठा सोडा।

💜💜अभी इन सभी चीजों को लेकर पहले छोटे छोटे टुकड़ों में काट लीजिये, निम्बू छिलके सहित काटने की कोशिश करें। एक कांच के बर्तन में इन सब चीजों को डाल दीजिये और इसमें डेढ़ गिलास पानी डाल दीजिये, पूरी रात इस पानी को ढक कर पड़ा रहने दें और सुबह उठ कर शौच वगैरह जाने के बाद खाली पेट सब से पहले इसी को छान कर पीना है। छानने से पहले इन सभी चीजों को हाथ से अच्छे से मसल लीजिये और फिर इसको छान कर पीजिये।

🙏🙏

28/01/2023

*तुलसी*
*__________*

तुलसी हम भारतीयों के लिए एक पवित्र पौधा है। इस पौधे को आयुर्वेद में भी बहुत सम्मान मिला है। यह कई रोगों को नष्ट करती है, इस पौधे की कई घरों में पूजा भी की जाती है, इसलिए यह आसानी से उपलब्ध एक औषधि है जिससे इसके ताजे पत्ते हमें आसानी से आवश्यकता पड़ने पर मिल जाते हैं। तुलसी दो तरह की होती है: एक होती है श्वेत तुलसी और एक होती है कृष्ण तुलसी या काली तुलसी। श्वेत और काली दोनों ही तुलसी के गुण धर्म लगभग लगभग समान होते हैं किन्तु काली तुलसी अधिक प्रभावशाली होती है।

● कैंसररोधी और इम्युनिटी बूस्टर गुणों से भरपूर होने के कारण कैंसर के रोगियों को इसके ताजे पत्तों के 1 से 2 चम्मच रस को मट्ठे के साथ पिलाया जाता है।

● सर्दी-जुकाम-खांसी में इसके पत्तों के एक चम्मच रस को शहद में मिलाकर, एक चुटकी काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर देने से फायदा होता है।

● तुलसी के बीज पुरुषों को शक्ति प्रदान करते करते हैं, इसलिए सेक्स विकनेस में इसके बीजों (1-2 ग्राम) को गुड़ में मिलाकर दूध के साथ लिया जाता है।

● आधी चम्मच तुलसी के पत्तों के चूर्ण में आधा ग्राम के करीब काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी से लेने से हर तरह के बुखार में बहुत आराम मिलता है।

● टाइफाइड में एक चम्मच तुलसी के रस में एक चम्मच पुदीने का रस मिलाकर पीने से बहुत आराम होता है।

● तुलसी और पुदीना दोनों ही रक्त के पीएच को एसिडिक से अल्कली बनाते हैं इसलिए यह नसों के ब्लॉकेज को खोलने में लाभदायक हैं। एक चम्मच पुदीने का रस और एक चम्मच तुलसी का रस मिलाकर रोज़ाना सुबह-शाम पीने से नसों के ब्लॉकेज हटते हैं।
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