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*जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार**1. हल्दी*: हल्दी एक प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लामेट्री एजेंट है और जोड़ों के ...
10/09/2023

*जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए घरेलू उपचार*
*1. हल्दी*: हल्दी एक प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लामेट्री एजेंट है और जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। आप इसे खाने में शामिल करके या उपलब्ध सप्लीमेंट फॉर्म में ले सकते हैं।
*2. अदरक*: अदरक एक और प्राकृतिक एंटी-इन्फ्लामेट्री एजेंट है जो जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। आप इसे खाने में शामिल करके या उपलब्ध सप्लीमेंट फॉर्म में ले सकते हैं।
*3. मालिश*: गर्म तेल से प्रभावित जोड़ की मालिश करने से जोड़ों का दर्द कम हो सकता है। आप मालिश के लिए तिल का तेल, नारियल का तेल या सरसों का तेल उपयोग कर सकते हैं।
*4. व्यायाम*: हल्के व्यायाम से जोड़ों का दर्द और अकड़न कम हो सकता है। योग और ताई ची जोड़ों के दर्द वाले लोगों के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
*5. आहार*: फल, सब्जी और पूरे अनाज का सेवन करने वाले एक स्वस्थ आहार जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। प्रोसेस्ड खाद्य, चीनी और कैफीन से बचना भी मददगार हो सकता है।
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*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
गली नं- 10, हरी नगर,
श्रद्धापूरी फेज -1,
कंकर खेडा, मेरठ (250001)
*M. 8126789235*

ऐसे थे हमारे योगेश्वर श्री कृष्ण चन्द्र भगवान         आर्यावर्त में श्री राम और श्री कृष्णा ऐसे दो महापुरुष हुए हैं जिन्...
07/09/2023

ऐसे थे हमारे योगेश्वर श्री कृष्ण चन्द्र भगवान

आर्यावर्त में श्री राम और श्री कृष्णा ऐसे दो महापुरुष हुए हैं जिन्हे राष्ट्र पुरुष और इतिहास पुरुष की दृष्टि से अद्वितीय कहा जा सकता है। श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और श्री कृष्ण लीला पुरुषोत्तम हैं। पुरुषोत्तम दोनों हैं। पुरुषोत्तम अर्थात उत्तम पुरुष अर्थात आर्य। महर्षि दयानंद ने सदाचार निर्माणार्थ जिस सत्पुरुष की गणना सर्वप्रथम की है, वह योगेश्वर श्री कृष्ण ही हैं। उन्होंने लिखा है श्री कृष्ण का जीवन आप्त ( श्रेष्ठ ) पुरुषों के सदृश है- देखो श्री कृष्ण जी का इतिहास महाभारत में अति उत्तम है उनके गुण, कर्म, स्वभाव और चरित्र आप्त पुरुषों के सदृश हैं। जिसमें कोई धर्म का आचरण श्री कृष्ण ने जन्म से मरण पर्यंत बुरा काम कुछ भी किया हो ऐसा कहीं नहीं लिखा और इस भागवत वाले ने अनुचित मनमाने दोष लगाए हैं, जिनको पढ़-पढ़ा , सुन-सुन के अन्य मत वाले श्री कृष्ण जी की बहुत सी निंदा करते हैं। जो यह भागवत ना होता तो श्री कृष्ण जी के सदस्य महात्माओं की झूठी निंदा क्यों कर होती!
आओ जाने योगेश्वर के महान चरित्र के विषय में-
सन्ध्या और यज्ञ के प्रति श्री कृष्ण की निष्ठा
श्री कृष्णा ईश्वर के बहुत बड़े उपासक थे। किसी भी परिस्थिति में उन्होंने संध्या एवं यज्ञ का परित्याग नहीं किया। युद्ध काल में भी वह निरंतर संध्या यज्ञ करते थे। दूत कर्म पर जाते हुए रास्ते में सांझ हो गई तो वे संध्या के लिए रुक गए। हस्तिनापुर में प्रातः काल सभा में जाने से पहले संध्या तथा अग्निहोत्र से निवृत हुए हैं । अभिमन्यु के वध के दिन सायं काल अपने शिविर में जाने से पूर्व श्री कृष्णा और अर्जुन दोनों ने संध्या की है।
अवतीर्य रथात् तूर्णं कृत्वा शौचं यथाविधि।
रथमोचनमादिश्य सन्ध्यामुपविशेष ह।।
(महाभारत उद्योग पर्व- ८३/२१)

श्री कृष्णा अपने समय के एक अद्वितीय विद्वान थे। वे वेद वेदंगों के ज्ञाता, दान, दया, बुद्धि, शूरता, शालीनता, चतुराई, नम्रता, तेजस्विता, धैर्य, संतोष, आदि सभी गुणों में अनुपम थे। युधिष्ठिर के राजसूय यज्ञ के समय भीष्म पितामह शिशुपाल को उत्तर देते हुए कहते हैं कि ये श्री कृष्ण बल, बुद्धि, वेद वेदंगों के ज्ञान, चरित्र में अद्वितीय हैं। आज संपूर्ण भारतवर्ष में उनके जैसा योद्धा, उनके जैसा विद्वान, उनके जैसा बुद्धिमान, उनके जैसा चरित्रवान कोई दूसरा नहीं है।
वेदवेदांगविज्ञानं बलं चाप्यधिकं तथा।
नृणां लोके हि कोSन्योसस्ति विशिष्ट: केशवाद्रिते।।
दानं दाक्ष्यं श्रुतं शौर्यं ह्री: कीर्तिर्बुद्धिरुत्तमा।
सन्नति: श्रीधृतिष्तुष्टि: पुष्टिश्च नियताच्युते।
( महाभारत सभा पर्व-३८/१९-२०)
वास्तव में श्री कृष्ण के समान प्रगलभ, बुद्धिशाली, कर्तृत्ववान, प्रज्ञावान, व्यवहार कुशल, ज्ञानी एवं पराक्रमी पुरुष आज तक संसार में नहीं हुआ। सत्य निष्ठा के समान ही वे कुटिल राजनीति के भी उपदेष्टा थे। ग्रहस्थ जीवन के प्रेमी होने के साथ-साथ अत्यंत संयमी और योग विद्या पारंगत योगेश्वर भी थे। संक्षेप में यह निशंकोच कहा जा सकता है कि श्री कृष्णा भारत की संस्कृति और राष्ट्रीय अस्मिता तथा राष्ट्र धर्म के मूर्तिमन्त प्रतीक हैं।
पुराणों ने "चोर-जार शिखमणि" के रूप में जिस कृष्ण का चित्रण किया है उसका अनुमोदन महाभारत में कहीं नहीं है वह केवल पुराणों की लीला है। और इसके पीछे व्यक्तिगत वासनाओं की पूर्ति के लिए अवचेतन मन में छिपी मनोग्रंथियों का काव्यात्मक चोले में विकृत चित्रण मात्र है।
यह देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि कृष्ण का वह विकृत रूप तो घर-घर में प्रचलित है और जो महाभारत वर्णित शुद्ध स्वरूप है जो राष्ट्र के लिए अक्षय प्रेरणा का स्रोत बन सकता है उसकी चर्चा दुर्लभ है।
पुराणौं की इस लीला के कारण हमने अपने पूर्वज को कलंकित करने की कोई और कसर नहीं छोड़ी है। इस प्रसंग में आज निम्न पंक्तियां सत्य सिद्ध होती प्रतीत होती है-----

"आओ कृष्ण पर कलंक लगायें।
तुम भी नाचो, हम भी नाचे,
मिलकर के सब रास रचाएं।
तुम एक बार राधा बन जाओ,
और कृष्ण हम स्वयं बन जाएं।।
आओ कृष्णा पर कलंक लगाएं।
चुनरी खींचे, चूड़ी बेचें, मनिहार हम सब बन जाए,
संध्या- यज्ञ बंद करो सब,
वेद ताक् पर रख दो सारे।
दधि- माखन हम खूब चुराएं। चोर-जार सारे बन जाएं। आओ कृष्ण पर कलंक लगायें।।
कंस वध की बात करो ना,
दूत कर्म हमसे ना होगा।
धर्म सारथी बनना छोड़ो,
आओ अपने ऐब छुपाएं।
धर्म युद्ध निर्णायक बनकर हम क्यों अपनी जान फसायें।
आओ कृष्ण पर कलंक लगाएं।"

योगेश्वर के चरित्र को हम स्वयं महाभारत के माध्यम से जाने और उनके चरित्र के शुद्ध स्वरूप को घर-घर पहुंचाएं और अपने उस महान पूर्वज को हम कलंकित न करें, ना होने दें क्योंकि महाभारत के विषय में एक युक्ति है-
' धर्मे चार्थे च कामे च मोक्षे च भरतर्षभ।
यदिहास्ति तदन्यत्र यन्नेहास्ति न तत् क्वचित्।।
' जो कुछ महाभारत में है वहीं अन्य ग्रन्थों में है, और जो इसमें नहीं है तो फिर कहीं भी नहीं है।' लोक में तत्वज्ञान संबंधी ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो इस महाभारत में विद्यमान ना हो।
आओ हम सभी मिलकर योगेश्वर श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को आज शुद्ध रूप से मनायें। संध्या एवं यज्ञ करें और प्रतिदिन करने का संकल्प लें। जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने विषम परिस्थितियों में भी संध्या में यज्ञ का परित्याग नहीं किया, हम भी संध्या एवं यज्ञ को अपने जीवन का अंग बनाएं।और योगेश्वर के इस जन्मदिवस पर उनके उत्तम चरित्र का यश गान करें।
धन्यवाद
डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath Physician)
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
M. 8126789235

*बेल गिरी चूर्ण*कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यहां कुछ इसके मुख्य फायदे हैं:*1.* पाचन तंत्र को सुधारता है: यह आपके शर...
28/08/2023

*बेल गिरी चूर्ण*
कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यहां कुछ इसके मुख्य फायदे हैं:
*1.* पाचन तंत्र को सुधारता है: यह आपके शरीर में पाचन शक्ति को बढ़ाने और आपको पेट की समस्याओं से राहत देने में मदद कर सकता है।
*2.* अम्लता को कम करता है: यह आपकी पाचन प्रक्रिया को संतुलित करके आपको अम्लता से होने वाली समस्याओं से बचा सकता है।
*3.* श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करता है: यह आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखने और श्वसन प्रणाली को सुधारने में मदद कर सकता है।
*4.* कफ को निकालता है: यह चूर्ण उच्च कफतापान और फ्लू के लक्षणों को कम करने में मदद करता है। यह आपके श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
*5.* अच्छी नींद प्रदान करता है: यह आपको अच्छी नींद प्रदान करके आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को सुधार सकता है।
*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
गली नं- 10, हरी नगर,
श्रद्धापूरी फेज -1,
कंकर खेडा, मेरठ (250001)
*M. 8126789235*

आज मिल ही गई राखी, मेरे मामा को जो मां ने भेजी थे प्रेम से, विक्रम के हाथ। विक्रम! ने सौंप दिया रक्षा सूत्र मामा के हाथ।...
23/08/2023

आज मिल ही गई राखी,
मेरे मामा को जो मां ने भेजी थे प्रेम से,
विक्रम के हाथ।
विक्रम! ने सौंप दिया रक्षा सूत्र मामा के हाथ।
पांव छू कर मामा के जोर से कहा
"मामा मैं आ गया।"
मामा ने लगा कर गले मुझे सच में यही कहा, "पूरी दुनिया से मिला हूं मैं
पर तुझ से मिल कर
मजा आ गया।"🇮🇳

जय हिन्द जय भारत ❤️

🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌔🌎🌔🌎

*दुनिया सिर्फ तमाशा देखती है।*एक बार घर में आग लग गयी और सभी लोग उस आग को बुझाने में लगे। उस घर में एक चिड़िया का घोंसला ...
23/08/2023

*दुनिया सिर्फ तमाशा देखती है।*
एक बार घर में आग लग गयी और सभी लोग उस आग को बुझाने में लगे। उस घर में एक चिड़िया का घोंसला भी था तो वो चिड़ियाँ भी अपनी चोंच में पानी भरती रही और आग में डालती रही। वो बार बार जाकर पानी लाती
और आग में डालती।
*एक कौआ ये देख रहा था और वो चिड़िया से बोला, “अरे पगली तू कितनी भी मेहनत कर ले तेरे बुझाने से ये आग नही बुझेगी।” तो उस पर चिड़ियाँ बोली, “मुझे पता है, मेरे बुझाने से आग नही बुझेगी लेकिन जब भी इस आग का जिक्र होगा, तो मेरी गिनती बुझाने वालों में होगी और तेरी गिनती तमाशा देखने वालों में।”*
हमारी जिंदगी में भी ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो हमारी मेहनत नहीं बल्कि हमारे हारने का तमाशा देखना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे लोगों को पहचानना ज्यादा मुश्किल नहीं है ये वही लोग होते हैं जो आपको बात बात पर ताना मारते हैं। ये लोग आपको हमेसा discourage करते रहते हैं, इसलिए ऐसे लोगों से खुद को हमेशा दूर रखना और याद रखें की आप अकेले ही बहुत कुछ कर सकते हैं, बस खुद पर विश्वास जरूरी है।
*संकलन कर्ता*
*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
गली नं- 10, हरी नगर,
श्रद्धापूरी फेज -1,
कंकर खेडा, मेरठ (250001)
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*स्वनिरीक्षण क्या है ?*एकान्त में बैठ जाएंऔर अपने भीतर जो भी होता है, उसे तटस्थ होकर देखें।बस देखें जो है, उसका मात्र सा...
21/08/2023

*स्वनिरीक्षण क्या है ?*
एकान्त में बैठ जाएं
और अपने भीतर जो भी होता है,
उसे तटस्थ होकर देखें।
बस देखें जो है, उसका मात्र साक्षी बनें।
दमन के अभाव में
आपकी सभी वेग और वृत्तियां
अपनी पूरी नग्नता और सच्चाई में,
सहजता से ऊपर आ जाती हैं।
अपने भीतर के इस रूप को देख
हृदय एक बार काँप जाता है।
जो इस क्षण को साहस और शांति से
पार कर लेते हैं,
वे एक अदभुत रहस्य के और ज्ञान के
धनी हो जाते हैं।
*ओ३म*
*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
गली नं- 10, हरी नगर,
श्रद्धापूरी फेज -1,
कंकर खेडा, मेरठ (250001)
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*ईश्वर पर भरोसा*एक अमीर व्यक्ति था। उसने समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई और छुट्टी के दिन वह नाव लेकर अकेले स...
19/08/2023

*ईश्वर पर भरोसा*
एक अमीर व्यक्ति था। उसने समुद्र में अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई और छुट्टी के दिन वह नाव लेकर अकेले समुद्र की सैर करने निकल पड़ा। वह समुद्र में थोङा आगे पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तूफान आ गया। उसकी नांव पुरी तरह से तहस-नहस हो गइ लेकिन वह लाइफ जैकेट के साथ समुद्र में कूद गया।
*जब तूफान शान्त हुआ तब वह तैरता-तैरता एक टापु पर जा पहुंचा। मगर वहां भी कोई नहीं था। टापु के चारों ओर समुद्र के अलावा क़ुछ भी नजर नहीं आ रहा था।*
उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने पूरी जिंदगी में किसी का कभी बुरा नहीं किया तो मेरे साथ बुरा नहीं होगा।
*उसको लगा कि ईश्वर ने मौत से बचाया है तो आगे का रास्ता भी वही दिखाएगा। धीरे-धीरे वह वहां पर उगे झाङ-फल-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा।*
मगर अब धीरे-धीरे उसे लगने लगा था कि वह इस टापू पर फंस गया है।
*मगर अब भी ईश्वर पर उसका भरोसा कायम था।*
उसने सोचा इतने दिनों से मैं इस टापू पर मारा-मारा फिर रहा हूं, क्यों न यहां एक झोपड़ी बना लूं। पता नहीं अभी और कितने दिन यहां बिताने पड़ें। पूरे दिन लकडि़यां और पत्ते वगैरह इकट्ठा कर उसने झोंपड़ी बनानी शुरू की। रात होते-होते उसकी झोंपड़ी बनकर तैयार हो गई थी। अभी वह झोंपड़ी के बाहर खड़ा होकर उसे देखते हुए सोच रहा था कि आज से झोंपडी में सोने को मिलेगा।
*मगर अचानक से मौसम बदला और बिजली जोर-जोर से कड़कने लगी और एक बिजली उसकी झोंपड़ी पर गिर गई। उसके देखते ही देखते झोंपड़ी जलकर खाक हो गई। यह देखकर वह व्यक्ति टुट गया।*
उसने आसमान की तरफ देखकर बोला, हे ईश्वर ये तेरा कैसा इंसाफ है। तूने मुझ पर अपनी रहम की नजर क्यों नहीं की?
*मैंने हमेशा तुझ पर विश्वास बनाए रखा। फिर वह इंसान हताश और निराश होकर सर पर हाथ रखकर रोने लगा।
*अचानक ही एक नाव टापू के पास आई। नाव से उतर कर दो आदमी बाहर आए और बोले कि हम तुम्हें बचाने आए हैं।*
दुर से इस वीरान टापू में जलता हूआ झोंपड़ा देखा तो लगा की कोई उस टापू पर मुसीबत में है। अगर तुम अपनी झोंपडी नहीं जलाते तो हमें पता नहीं चलता कि टापू पर कोई हैं।
*उस आदमी की आंखों से आंसू गिरने लगे। उसने ईश्वर से माफी मांगी और बोला कि हे ईश्वर मुझे क्या पता था कि तूने मुझे बचाने के लिए मेरी झोंपडी जलाई थी। यकिनन तू अपने बंदों का हमेशा ख्याल रखता है। तूने मेरे सब्र का इम्तेहान लिया,*
लेकिन मैं उसमे फेल हो गया। मुझे माफ कर दे।
*शिक्षा*
इस कहानी से यही सीख मिलती है कि--दिन चाहे सुख के हों या दुःख के,
*भगवान अपने भक्तों के साथ हमेशा रहते हैं। हां हम एक बार ईश्वर से रूठ सकते हैं, लेकिन ईश्वर हमसे कभी नहीं रूठता।*
वह हमेशा अच्छा ही करता है। अक्सर हमारे साथ भी ऐसे हालत बन जाते हैं, हम पूरी तरह निराश हो जाते हैं और अपने ईश्वर या नियति से रूठ जाते हैं और विश्वास खो देते हैं जिससे हमारे आत्म विश्वास में भी गिरावट होती है।
*लेकिन फिर बाद में हमें पता लगता है कि परमात्मा ने जो किया वह अच्छा ही किया था,*
नहीं तो आज मैं यहां न होता। इसलिए मुसीबत या दुःख के समय हार मानने की बजाय लगातार अपने कर्तव्य करते रहिए, और बाकी अपने परम पिता परमेश्वर छोड़ दीजिए,, क्योंकि वह जो करेंगे निश्चित अच्छा ही करेंगे।।
"संकलन कर्ता"
*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
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*सिरदर्द के प्राकृतिक उपाय :------*एक बहुत ही सामान्य समस्या है हर तीसरे व्यक्ति को, सिर दर्द की परेशानी कभी ना कभी रहती...
09/08/2023

*सिरदर्द के प्राकृतिक उपाय :------*
एक बहुत ही सामान्य समस्या है हर तीसरे व्यक्ति को, सिर दर्द की परेशानी कभी ना कभी रहती है। लेकिन कई बार ये इतना ज्यादा तेज होता है कि इसे बर्दाश्त कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है।
ये उपाय इतने आसान हैं कि, आप अपने कार्यालय में काम करते-करते भी, आजमा सकते हैं और सिर दर्द दूर भगा सकते हैं।
*एक्युप्रेशर*
सिर दर्द होने पर, आप अपनी दोनों हथेलियों को सामने की तरफ ले आइए। इसके बाद, एक हाथ से दूसरे हाथ के अंगूठे और इंडेक्स फिंगर के बीच की जगह पर, हल्के हाथ से मसाज करें। यह तरीका दोनों हाथों से 2 से 4 मिनट तक करें । ऐसा करने से आपको सिरदर्द में तुरंत आराम मिलेगा।
*गर्म पानी नींबू का रस मिलाकर पीएं*
1 गिलास में गर्म पानी लीजिए और उसमें नींबू का रस डालकर पी लें। फिर देखिएगा आपको सिर दर्द से कितनी जल्दी राहत मिलती है। कई बार पेट में गैस बनने से भी सिर दर्द होने लगता है। उस स्थिति में भी, यह घरेलू उपाय अत्यंत लाभदायक है ।
*सेब पर नमक डाल कर खाएं*
अगर बहुत कोशिशों के बाद भी, आपका सिर दर्द जाने का नाम नहीं ले रहा है, तो 1 सेब काट लें और उस पर नमक डालकर खाएं। सिरदर्द में आराम के लिए, यह उपाय भी अत्यंत उत्तम है ।
*लौंग भगाएगी सिर दर्द*
आप तवे पर, लौंग की कुछ कलियों को गर्म कर लीजिए। इन गर्म हो चुकी लौंग की कलियों को, एक रूमाल में बांध लें। कुछ-कुछ देर पर, इस पोटली को सूंघते रहें। आप पाएंगे कि, सिर का दर्द धीरे - धीरे कम हो रहा है।
*तुलसी और अदरक का रस पीएं*
तुलसी और अदरक के प्रयोग से भी, सिर दर्द से मुक्ति पाने में उत्तम है। इसके लिए, तुलसी की पत्तियों का रस निकाल लें और फिर अदरक का भी रस निकालकर मिला लें।
इसके बाद, इसे माथे पर अच्छे से लगाएं। आप चाहे तो, इस रस को सिर दर्द से परेशान व्यक्ति को पिलाया भी जा सकता है। इससे सिर दर्द में काफी आराम मिलता है।
*लौंग के तेल से करें मालिश*
सिर दर्द को दूर करने के लिए, लौंग के तेल से माथे की मालिश करने से, सिर दर्द से, आपको कुछ ही मिनटों में आराम मिल जाएगा।
*नींबू चाय पिएं*
चाय में, नींबू मिला कर पीएं। इससे भी सिर दर्द से मुक्ति पाई जा सकती है। इसके लिए, नींबू को चाय में निचोड़कर पी जाइए।
*प्राकृतिक चिकित्सा के उपाय*
सिरदर्द के लिए अचूक प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा, मात्र पांच मिनट में, सिरदर्द "गायब"।
*नाक के दो हिस्से हैं , दायां स्वर और बायां स्वर।*
जिससे हम सांस लेते और छोड़ते हैं। पर, इनका अलग -अलग प्रभाव होता है, जिसका अंतर आप अनुभव कर सकते है ।
*दाहिना नासिका छिद्र "सूर्य" और बायां नासिका छिद्र "चन्द्र" के लक्षण को दर्शाता है या प्रतिनिधित्व करता है। सिरदर्द के दौरान, दाहिने नासिका छिद्र को, बंद करें और बाएं से सांस लें और देखेंगे । बस पांच मिनट में, आपका सिरदर्द " गायब " हो गया है और यकीन मानिए, यह उतना ही प्रभावकारी भी है, जितना किसी और औषधीय के सेवन से होता है।*
अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं, तो बस इसका उल्टा करें। यानि, बायीं नासिका छिद्र को बंद करें और दायें से सांस लें और बस थोड़ी ही देर में "तरोताजा" अनुभव करेंगे।
*दाहिना नासिका छिद्र "गर्म प्रकृति" रखता है और बायां "ठंडी प्रकृति"।*
अधिकांश महिलाएं बाएं और पुरुष दाहिने नासिका छिद्र से, सांस लेते हैं और क्रमशः ठन्डे और गर्म प्रकृति के होते हैं सूर्य और चन्द्रमा की तरह।
*दाहिने नाक के छिद्र को बंद कर, बायीं नासिका छिद्र से सांस लें। बस ऐसा नियमित रूप से, एक महिना करें और स्वास्थ्य लाभ लें।*
प्रातः काल में उठते समय, अगर आप बायीं नासिका छिद्र से, सांस लेने में अच्छा अनुभव कर रहे हैं, तो आपको थकान जैसा अनुभव होगा , तो बस बायीं नासिका छिद्र को बंद करें, दायीं से सांस लेने का प्रयास करें और तरोताजा हो जायें।
*तो बस प्रकृति पर विश्वास करें, इन्हें उपाओं का प्रयोग करें और बिना औषधीय प्रयोग के स्वस्थ अनुभव करें भी और रहें भी।*
विशेष
*"आयुर्वेद का संबंध, हमारी संस्कृति व जीवन से है, इसे अपनाएं स्वस्थ जीवन पाएं।"*
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*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
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*केले खरीदने में बरतें सावधानी*30/- से 40/- रु दर्ज़न की दर से मृत्यु बेची जा रही है। सबसे विनती है कि केले खरीदते समय स...
31/07/2023

*केले खरीदने में बरतें सावधानी*

30/- से 40/- रु दर्ज़न की दर से मृत्यु बेची जा रही है। सबसे विनती है कि केले खरीदते समय सावधान रहें ।

हम सभी केले पसंद करते हैं और इनका भरपूर स्वाद उठाते हैं परंतु अभी बाज़ार में आने वाले केले कार्बाइडयुक्त पानी में भिगाकर पकाए जा रहे हैं , इस प्रकार के केले खाने से 100% कॅन्सर या पेट का विकार हो सकता है. इसलिए अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करें और ऐसे केले ना खाएँ।

परंतु केले को कार्बाइड का उपयोग करके पकाया है इसे कैसे पहचानेंगे :-

यदि केले को प्राकृतिक तरीके से पकाया है तो उसका डंठल काला पड जाता है और केले का रंग गर्द पीला हो जाता है साथ ही केले पर थोड़े बहुत काले दाग रहते हैं । परंतु यदि केले को कारबाइड का इस्तेमाल करके पकाया गया है तो उसका डंठल हरा होगा और केले का रंग लेमन यलो अर्थात नींबुई पीला होगा इतना ही नही ऐसे केले का रंग एकदम साफ पीला होता है उसमे कोई दाग धब्बे नहीं होते l

कारबाइड आख़िर क्या है , यदि कारबाइड को पानी में मिलाएँगे तो उसमें से उष्मा (हीट) निकलती है और अस्यतेलएने गॅस का निर्माण होता है जिससे गाँव देहातों में गॅस कटिंग इत्यादि का काम लिया जाता है अर्थात इसमें इतनी कॅलॉरिफिक वॅल्यू होती है की उससे एल पी गी गॅस को भी प्रतिस्थापित किया जा सकता है . जब किसी केले के गुच्छे को ऐसे केमिकल युक्त पानी में डुबाया जाता है तब उष्णता केलों में उतरती है और केले पक जाते हैं , इस प्रक्रिया को उपयोग करने वाले व्यापारी इतने होशियार नहीं होते हैं कि उन्हें पता हो की किस मात्रा के केलों के लिए कितने तादाद में इस केमिकल का उपयोग करना है बल्कि वे इसका अनिर्बाध प्रयोग करते हैं जिससे केलों में अतिरिक्त उष्णता का समावेश हो जाता है जो हमारे पेट में जाता है जिससे कि :-

1. पाचन्तन्त्र में खराबी आना शुरू हो जाती है ,
2. आखों में जलन ,
3. छाती में तकलीफ़ ,
4. जी मिचलाना ,
5. पेट दुखना ,
6. गले मैं जलन ,
7. अल्सर ,
8. तदुपरांत ट्यूमर का निर्माण भी हो सकता है ।

इसीलिए अनुरोध है की इस प्रकार के केलों का बहिष्कार किया जाए , इसी तरीके से आमों को भी पकाया जा रहा है परंतु जागरूकता से महाराष्ट्र में इस वर्ष लोगों ने कम आम खाए तब जा के आम के व्यापारियों की आखें खुली , अतः यदि कारबाइड से पके केलों और फलों का भी हम संपूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे तो ही हमें नैसर्गिक तरीके से पके स्वास्थ्यवर्धक केले और फल बेचने हेतु व्यापारी बाध्य होंगे अन्यथा हमारा स्वास्थ्य ख़तरे मैं है ये समझा जाए ।

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*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath Physician)*
*वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र*
*M. 8126789235*

*अस्थमा, खांसी और कफ सभी श्वसन संबंधी समस्याएं हैं जिनका आयुर्वेदिक चिकित्सा से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।:**1...
30/07/2023

*अस्थमा, खांसी और कफ सभी श्वसन संबंधी समस्याएं हैं जिनका आयुर्वेदिक चिकित्सा से प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सकता है।:*

*1. अदरक:*
अदरक में सूजनरोधी गुण होते हैं जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह वायुमार्ग में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है। आप अदरक के रस को शहद के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं, या फिर अदरक को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।

*2. हल्दी:*
हल्दी में सूजनरोधी और अस्थमारोधी गुण होते हैं जो सूजन को कम करने और वायुमार्ग को खोलने में मदद कर सकते हैं। अपने भोजन में हल्दी शामिल करने या हल्दी वाला दूध पीने से अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।

*3. घी:*
घी एक स्पष्ट मक्खन है जिसमें सूजनरोधी गुण होते हैं। घी का सेवन वायुमार्ग में सूजन को कम करने और श्वसन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकता है।

*4. शहद:*
शहद में जीवाणुरोधी और सूजन-रोधी गुण होते हैं जो खांसी और कफ को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप शहद का सेवन सीधे या गर्म पानी या चाय में मिलाकर कर सकते हैं।

*5. तुलसी:*
तुलसी, जिसे पवित्र तुलसी भी कहा जाता है, में सूजन-रोधी और जीवाणुरोधी गुण होते हैं जो अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप तुलसी के पत्तों का सीधे सेवन कर सकते हैं, या फिर तुलसी की चाय बना सकते हैं।

*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath Physician)*
*वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,*
*M. 8126789235*

*अश्वगंधा के महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं*1. *स्ट्रेस को कम करने में सहायता*:-अश्वगंधा एक ऐसा आयुर्वेदिक उपाय है जो ए...
29/07/2023

*अश्वगंधा के महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं*

1. *स्ट्रेस को कम करने में सहायता*:-अश्वगंधा एक ऐसा आयुर्वेदिक उपाय है जो एक व्यक्ति के रोगों को दूर करने में मदद करता है जिससे वह नुकसान नहीं करता। अश्वगंधा बॉडी में कॉर्टिजोल के स्तरों को कंट्रोल कर सकता है जो स्ट्रेस से संबंधित रोगों में मदद करता है।

2. *डायबिटीज की मदद*: अश्वगंधा डायबिटीज से जुड़ी तकलीफों में मदद कर सकता है। इसे आपकी इंसुलिन संचयित करने की सुविधा में सुधार करता है जो जेर धीमा वक्र घटाता है।

3. *स्ट्रेस को कम करने मे मददगार रहता है*: अश्वगंधा कम जैविक उत्पादों पर अधिक उत्तेजित होने से होने वाले तनाव के लिए एक असरदार उपाय हो सकता है।

5. *सूजन और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मददगार होता है*: अश्वगंधा में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण, यह शरीर की सूजन और इन्फ्लेमेशन को कम करने में मददगार होता है।

6. *मेमोरी बूस्ट करता है*: अश्वगंधा को सेहत सम्बंधित लाभ के अलावा मेमोरी बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath Physician)*
*वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र*
*M. 8126789235*

*आयुर्वेदिक सलाह/उपाय :--**शरीर की सभी नसों को खोलने का उपाये जानिये* दिन में सिर्फ़ एक बार यह साधारण सा उपाय करके देखिए...
16/07/2023

*आयुर्वेदिक सलाह/उपाय :--*
*शरीर की सभी नसों को खोलने का उपाये जानिये*
दिन में सिर्फ़ एक बार यह साधारण सा उपाय करके देखिए, सिर के बाल से पैर की उंगली तक सारी नसें मुक्त होने का आपको स्पष्ट अनुभव होगा कि सिर से पैर तक एक तरह से करंट का अनुभव होगा, आपके शरीर की नसें मुक्त होने का स्पष्ट अनुभव होगा। हाथ–पैर में होने वाली झंझनाहट (खाली चढ़ना) तुरंत बंद हो जाती हैं,
*पुराना घुटनों का दर्द और कमर, गर्दन या रीड की हड्डी (मणके) में कोई नस दबी या अकड़ गई है तो वह पूरी तरह से ठीक हो जाएगी, पुराना एड़ी का दर्द भी ठीक हो जाएगा।*
इस उपाये से बहुत से लोगों के लाखों रुपए बच सकते हैं। पैर में फटी एड़ियां और डैड स्किन रिमूव हो जाती है और पैर कोमल हो जाते हैं और इसके पीछे जो विज्ञान और आयुर्वेद है.
👉🏻 *यह उपाय करने के लिए हमें घर में ही उपलब्ध कपूर और नींबू, ये दो चीजें चाहियें। इस उपाय को करने के लिए डेढ़ से दो लीटर गुनगुना पानी लें, जिसका तापमान पैर को सहन होने जितना गरम हो, उसमे आधे नींबू का रस निचोड़े और फिर नींबू को भी उस पानी में डाल दें,*
*फिर दूसरी चीज कपूर है–कोई भी कपूर हो। कपूर की तीन गोलिय् बारीक पीस कर उसका पाउडर बना लें, यह भी उस पानी में मिला लें, फिर पांच से दस मिनट तक पैरों को इस पानी में डाल कर रखें।*
जैसे ही आप पैरों को पानी में डालेंगे, तो आपको इससे सिर से पैर तक एक तरह से करंट का अनुभव होगा। आपके सिर के बालों से पैर तक की सारी नसें मुक्त होने का स्पष्ट रूप से अनुभव होगा। इसका कारण यह है कि हमारे पैरों में २७२ प्रकार के प्रेशर पॉइंट होते हैं, जो हमारे शरीर की सभी नसों के साथ जुडे होते हैं।
👉🏻 *यह नींबू और कपूर वाला गुनगुना पानी इन २७२ प्रकार के प्रेशर पॉइंट्स को मुक्त कर देता है और इससे शरीर की सारी नसें एकदम से रीएक्टिवेट हो जाती हैं और पूरी तरह से मुक्त हो जाती हैं, ऐसा अनुभव होता है।*
इस उपाय में सिर्फ पांच से दस मिनट तक इस पानी में पैर डाल कर रखने है और यह दिन में कभी भी सुबह या शाम को कर सकते हैं।
👉🏻 *इससे हाथ, पैर में होने वाली झनझनाहट (खाली चढ़ना) बंद हो जाती हैं और कोई नस दबी या अकड़ गई हो, तो वह खुल जाएगी और सिरदर्द भी इस उपाय से बंद हो जाता है*।
जिन लोगों को माइग्रेन की तकलीफ हो वह भी, पानी में पैर रखने के साथ ही बन्द हो जायेगी। अगर स्नायु अकड़ गये हों या शरीर दर्द कर रहा हो तो यह उपाय करके देखिए।
*नोट:-- इसका कोई साइड इफैक्ट नहीं है और यह उपाये सरल रूप से किया जा सकता है*
यह उपाय पांच दिन करना है। यह उपाय दिखने में तो सरल लगता है
*मगर इस का रिज़ल्ट बहुत ही अच्छा और असरदार होता है।*
कृपया इस पोस्ट को सभी जगह शेयर करें, ताकि सब को इसका लाभ मिल सके।
*डॉ . सीमा शर्मा (Naturopath doctor)*
वैदिक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र,
गली नं- 10, हरी नगर,
श्रद्धापूरी फेज -1,
कंकर खेडा, मेरठ (250001)
*मो. 8126789235*

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