MAYAM

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17/05/2025
आप अपनी सभी प्रकार की मानसिक या इमोशनल या साइकोलॉजिकल समस्याओं के लिए भी हमसे ऑनलाइन परामर्श कर सकते हैं ऑनलाइन परामर्श ...
17/04/2025

आप अपनी सभी प्रकार की मानसिक या इमोशनल या साइकोलॉजिकल समस्याओं के लिए भी हमसे ऑनलाइन परामर्श कर सकते हैं ऑनलाइन परामर्श सेशन बुक करने के लिए नीचे लिखे नंबर पर व्हाट्सएप करें।
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चैत्र माह चल रहा है. सुबह -सुबह खाली पेट चाय पीने की जगह 10-20 दिन नीम की कच्ची कोंपल खाइये.इससे बढ़िया रक्त शोधक औषधि पू...
22/03/2025

चैत्र माह चल रहा है. सुबह -सुबह खाली पेट चाय पीने की जगह 10-20 दिन नीम की कच्ची कोंपल खाइये.

इससे बढ़िया रक्त शोधक औषधि पूरी दुनियाँ में नहीं है.

सन 2010 -11 के लगभग मुझे एलर्जी हुई, जिसमें पूरे शरीर में छोटी - छोटी गांठे बनती और वो बड़ी गाँठ का रूप ले लेती और उनमें भयंकर खुजली चलती.मैंने राजस्थान के अच्छे डॉक्टरों की दवाई ली, फिर भी कोई आराम नहीं हुआ.

जयपुर SMS हॉस्पिटल में जाँच करवाई,उससे भी कुछ पता नहीं चल पाया. एक वैध से दवा ली, जिसके परहेज ऐसे थे की एक महीने में मेरा वजन 10-12 किलो कम हो गया.

मैंने 6-7 साल हर तरह का प्रयास किया लेकिन मुझे फायदा नहीं हुआ. मैं भयंकर रूप से परेशान हो गया.

एलोपैथी, होम्योपैथी, देशी दवा जैसे सारे इलाज लिए लेकिन मुझे निराशा हाथ लगी.

2017 में मैंने चैत्र में सुबह - सुबह खाली पेट नीम की कच्ची कोंपल खायी,लगातार 1 महीने तक. मुझे उससे 90 फीसदी फायदा हुआ. उसके बाद 3 साल के अंदर मेरी बीमारी बिल्कुल ठीक हो गई. तब से लेकर अब तक मैं बिल्कुल ठीक हूँ.

नीम की कोंपल खाने के बाद आज तक मुझे किसी प्रकार का वायरल बुखार नहीं हुआ है, इसलिए मैं सभी को चैत्र माह में नीम की कोंपल खाने के लिए कहता हूँ.

नीम की कोंपल खाने के एक घंटे तक पानी के अलावा कुछ भी ना खाये - पीयें.

मुझे इससे बहुत फायदा हुआ है इसलिए मैं अपना अनुभव शेयर कर रहा हूँ. आप भी शेयर करें।

मेरे मित्र अशोक के वास्तविक अनुभव के आधार पर)

Dadima ke Gharelu Nuskhe - घरेलू नुस्खे

हर रोग की रामबाण दवा अरंडी का तेल और पत्ते ☘️गांव में अरंडी के पौधे आज भी हर कहीं उगे हुए देखे जा सकते है... गांव के लोग...
01/02/2025

हर रोग की रामबाण दवा अरंडी का तेल और पत्ते ☘️

गांव में अरंडी के पौधे आज भी हर कहीं उगे हुए देखे जा सकते है... गांव के लोग अरंडी को बहुत अच्छे से जानते है, जब भी कभी मोच आ जाती हैं अरंडी के पत्ते सबसे पहले याद आते है... वैसे अब स्थिति बदली हैं, जरा सा कुछ होने पर भी डॉक्टर,मेडिकल पर टूट पड़ते है...हमनें अपनी स्थिति भले ही बदल ली हैं लेकिन पौधे ने अपना गुण धर्म नही खोया है...
आज शहरी जगत में हर कहीं Castor-oil की चर्चा आपको सुनने को मिल जाएगी,उसके गुणों का बखान भी मिला जाएगा,,पर उसका सीधा इस्तेमाल कोई नही करता,ओर अधिकतर लोग पौधे को भी नही पहचानते.....अरंडी के तेल में पाए जाने वाले गुणों की वजह से यह स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों में फायदा करता है। जानते है अरंडी के तेल के फायदे है।
अरण्डी का आयल और नारियल के तेल की कुछ बुँदे ले औइसे

1.चेहरे के काले धब्बो पर लगाए इससे काले धब्बे मिट जाएंगे।

2 .गठिया रोगी व्यक्ति की अरंडी के तेल से मालिश करने पर उसे दर्द में आराम होता हैं। यह मांसपेशियों के दर्द को कम करता है।

3.कब्ज के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग कैसे करें तो इसके लिए आधा चम्मच तेल एक कप गर्म दूध में मिलाकर पियें।

4. इस तेल को बालों की सुंदरता और बालों की समस्या के लिए प्रयोग किया जाता है। बालों में अरंडी का तेल लगाने से बाल चमकदार, लम्बे, घने होते है। इससे बालों का रूखापन और डैंड्रफ भी खत्म हो जाती है।

5.हरे अरंड की २० - ५० ग्राम जड़ ले इसे धोकर कूट ले। अब २०० मिली पानी में पका ले। ५० मिली रह जाने पर इसका सेवन करे इससे पेट कम होगा।

6. 20 से 30 मिली अरंड के पत्ते का काढ़ा बनाकर 25 मिली एलोवेरा के रस में मिलाकर सुबह शाम पीने से पाइल्स में लाभ होगा।

7. किडनी की सूजन को कम करने में अरंड की मींगी को पिसे। इसे गर्म करके पेट के आधे भाग में लेप करे सूजन में आराम होगा।

8.अरंडी के तेल की कुछ बुँदे ले और आँखों के आसपास हल्की मालिश करे इससे आँखों की सूजन में आराम होगा।

9. यह मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है जो समय से पहले आने वाले बुढ़ापे को रोकता है और झुर्रियों को खत्म करता है।

10.यह साइटिका के दर्द को कम करने में मदद करता है।

11. पीरियड्स में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए अरंड के पत्ते गर्म करके पेट पर बाँधने से लाभ होता है।

12.एलोवेरा रस में अरंडी का तेल मिलाकर लगाने से मस्सों की जलन में राहत मिलती है।

13.बॉडी मसाज के लिए इस तेल का उपयोग कर सकते है इससे बॉडी पर चमक आती है।

🙏 #गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है। कहते हैं ...
30/01/2025

🙏 #गिलोय एक ही ऐसी बेल है, जिसे आप सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। इसलिए इसे संस्कृत में अमृता नाम दिया गया है।

कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।

#इसका वानस्पिक नाम( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia है। इसके पत्ते पान के पत्ते जैसे दिखाई देते हैं और जिस पौधे पर यह चढ़ जाती है, उसे मरने नहीं देती। इसके बहुत सारे लाभ आयुर्वेद में बताए गए हैं, जो न केवल आपको सेहतमंद रखते हैं, बल्कि आपकी सुंदरता को भी निखारते हैं।

ानते_हैं_गिलोय_के_फायदे…....

#गिलोय बढ़ाती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

गिलोय एक ऐसी बेल है, जो व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर उसे बीमारियों से दूर रखती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं। यह खून को साफ करती है, बैक्टीरिया से लड़ती है। लिवर और किडनी की अच्छी देखभाल भी गिलोय के बहुत सारे कामों में से एक है। ये दोनों ही अंग खून को साफ करने का काम करते हैं।

#ठीक करती है बुखार

अगर किसी को बार-बार बुखार आता है तो उसे गिलोय का सेवन करना चाहिए। गिलोय हर तरह के बुखार से लडऩे में मदद करती है। इसलिए डेंगू के मरीजों को भी गिलोय के सेवन की सलाह दी जाती है। डेंगू के अलावा मलेरिया, स्वाइन फ्लू में आने वाले बुखार से भी गिलोय छुटकारा दिलाती है।

#गिलोय के फायदे – डायबिटीज के रोगियों के लिए

गिलोय एक हाइपोग्लाइसेमिक एजेंट है यानी यह खून में शर्करा की मात्रा को कम करती है। इसलिए इसके सेवन से खून में शर्करा की मात्रा कम हो जाती है, जिसका फायदा टाइप टू डायबिटीज के मरीजों को होता है।

#पाचन शक्ति बढ़ाती है

यह बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

#कम करती है स्ट्रेस

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

#बढ़ाती है आंखों की रोशनी

गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

#अस्थमा में भी फायदेमंद

मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा।

#गठिया में मिलेगा आराम

गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

#अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन

भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

#बाहर निकलेगा कान का मैल

कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

#कम होगी पेट की चर्बी

गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

#खूबसूरती बढ़ाती है गिलोय

गिलोय न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है….

#जवां रखती है गिलोय

गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं। इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।

#बालों की समस्या भी होगी दूर

अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

#गिलोय का प्रयोग ऐसे करें :--

अब आपने गिलोय के फायदे जान लिए हैं, तो यह भी जानिए कि गिलोय को इस्तेमाल कैसे करना है…

#गिलोय जूस

गिलोय की डंडियों को छील लें और इसमें पानी मिलाकर मिक्सी में अच्छी तरह पीस लें। छान कर सुबह-सुबह खाली पेट पीएं। अलग-अलग ब्रांड का गिलोय जूस भी बाजार में उपलब्ध है।

#काढ़ा

चार इंच लंबी गिलोय की डंडी को छोटा-छोटा काट लें। इन्हें कूट कर एक कप पानी में उबाल लें। पानी आधा होने पर इसे छान कर पीएं। अधिक फायदे के लिए आप इसमें लौंग, अदरक, तुलसी भी डाल सकते हैं।

#पाउडर

यूं तो गिलोय पाउडर बाजार में उपलब्ध है। आप इसे घर पर भी बना सकते हैं। इसके लिए गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें। सूख जाने पर मिक्सी में पीस कर पाउडर बनाकर रख लें।

#गिलोय वटी

बाजार में गिलोय की गोलियां यानी टेबलेट्स भी आती हैं। अगर आपके घर पर या आस-पास ताजा गिलोय उपलब्ध नहीं है तो आप इनका सेवन करें।

साथ में अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।खांड के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।

#साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान

वैसे तो गिलोय को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए।

#गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए। पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दें।

🙏 #एक निवेदन :-- अपने घर में बड़े गमले या आंगन में जंहा भी उचित स्थान हो गिलोय की बेल अवश्य लगायें यह बहु उपयोगी वनस्पति ही नही बल्कि आयुर्वेद का अमृत और ईश्वरीय वरदान है।
🙏❤🙏

अश्वगंधा एक चमत्कारिक दवा!कैसे करें इसका सेवन...अश्वगंधा चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपकी सेहत के लिए बहुआयामी फायदों क...
26/01/2025

अश्वगंधा एक चमत्कारिक दवा!
कैसे करें इसका सेवन...
अश्वगंधा चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपकी सेहत के लिए बहुआयामी फायदों का खजाना है।

इसे सही तरीके से सेवन करने से न केवल आपका शारीरिक बल बढ़ेगा, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त होगी। आइए विस्तार से जानें कि अश्वगंधा चूर्ण का सेवन कैसे और किन तरीकों से किया जा सकता है।

1. पानी के साथ (Water Method):
कैसे करें सेवन?
1 चम्मच (लगभग 5 ग्राम) अश्वगंधा चूर्ण लें।
इसे गुनगुने पानी के साथ मिलाकर रोज़ाना सुबह और रात को सेवन करें।

फायदे:
तनाव और चिंता से राहत मिलती है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।

2. दूध के साथ (Milk Method): कैसे करें सेवन?
एक गिलास गर्म दूध लें।
उसमें 1 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण मिलाएं।
स्वाद के लिए थोड़ा सा शहद या गुड़ डाल सकते हैं।

फायदे:

यह आपकी हड्डियों को मजबूत करता है।
शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है।
विशेष टिप: सोने से पहले सेवन करें, इससे गहरी और शांत नींद आती है।

3. घी के साथ (Ghee Method): कैसे करें सेवन?

1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण लें।
इसे 1 चम्मच देसी घी के साथ मिलाएं और गुनगुने पानी से सेवन करें।

फायदे:

वजन बढ़ाने में सहायक।
पाचन तंत्र को सुधारता है।
शरीर को अंदर से पोषण देता है।

4. शहद के साथ (Honey Method): कैसे करें सेवन?

1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को 1 चम्मच शहद के साथ मिलाकर सेवन करें।

फायदे:

गले की खराश और सर्दी-जुकाम में लाभकारी।
शरीर में स्फूर्ति और ताजगी लाता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

5. अश्वगंधा चाय (Ashwagandha Tea): कैसे बनाएं?

एक कप पानी उबालें।
उसमें 1/2 चम्मच अश्वगंधा चूर्ण डालें।
थोड़ा सा अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट तक पकाएं।
छानकर पियें।

फायदे:

सर्दी-जुकाम में राहत।
तनावमुक्त दिमाग के लिए उत्तम।
ऊर्जा बढ़ाने के लिए दिन की शुरुआत में लें।

6. व्यंजन या स्मूदी में मिलाकर (Food Method): कैसे करें सेवन?
इसे अपने नाश्ते में स्मूदी, दलिया, या अनाज में मिला सकते हैं।
फायदे:
बिना किसी कड़वाहट के फायदों का आनंद लें।
बच्चों के लिए इसे अधिक स्वादिष्ट बनाएं।

अश्वगंधा सेवन के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:
सही मात्रा: रोजाना 1-2 चम्मच से ज्यादा सेवन न करें।

समय: खाली पेट या रात को सोने से पहले सेवन करना ज्यादा लाभकारी है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं: डॉक्टर की सलाह लें।
नियमितता: इसके सेवन का असर धीरे-धीरे होता है, नियमितता जरूरी है।

अश्वगंधा के जादुई फायदे:
तनाव और चिंता को कम करता है।
थायरॉयड और हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है।
सेक्सुअल हेल्थ को सुधारता है।
मांसपेशियों और ताकत को बढ़ाता है।
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है।
अंतिम सलाह:
अश्वगंधा चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो आपके शरीर और मन के लिए अद्भुत फायदेमंद है। इसे सही तरीके और मात्रा में लें, और नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

याद रखें, आयुर्वेद का जादू तभी असर करता है, जब आप इसे धैर्य और नियमितता के साथ अपनाते हैं।

आपके दिल की सेहत के लिए जरूर अटेंड करें।।
21/01/2025

आपके दिल की सेहत के लिए जरूर अटेंड करें।।

५ प्रकार की आयुर्वेदिक तुलसी (पंच तुलसी)लाभ:१. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।२. प्राकृतिक एंटीवायरल, एंटिफंगल, एंट...
17/01/2025

५ प्रकार की आयुर्वेदिक तुलसी (पंच तुलसी)
लाभ:
१. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।
२. प्राकृतिक एंटीवायरल, एंटिफंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण।
३. त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करता है।
४. खांसी, जुकाम, अस्थमा, श्वसन समस्याओं में लाभकारी दवा।
खुराक: प्रतिदिन २-४ बूंद पंच तुलसी को पानी या चाय के साथ लेने से स्वास्थ्य बना रहता है।

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