kassaar Dawa khana

kassaar Dawa khana noor

25/11/2023
10/09/2023

क्या आप Kidney Stone से परेशान है ? आप्रेशन नही करवाना चाहते !! जानिए क्या है आयुर्वेदिक नुस्खा

पढ़े और शेयर करें ।

•पीली कपर्दिका 200ग्राम•
यह पीली कोड़ी के नाम से पंसारी से मांगोगे तो मिल जाएगी ।
200 ग्राम या जरुरत अनुसार ले लें। यहां नुस्खा 200 ग्राम के हिसाब से बता रहा हुं। आप अगर ज्यादा मरीजों के लिए बनाना चाहते है तो‌ ज्यादा मात्रा लें।

पीली कोड़ी लेकर किसी साफ कांच के बर्तन में अच्छी तरह धोकर डाल दें , उस पर 800मिलीलिटर नींबू का रस डाल दो । रोज लकड़ी के डंडे से हिलाते रहे । जब सूख जाएं तो पीसकर कपड़छान करके रख लें ।

इसके बाद इस कपर्दिका यानि कोड़ी के तैयार चूर्ण में
•कलमी शोरा 20ग्राम •
•नवसादर 10 ग्राम•
•सज्जी क्षार 10 ग्राम•
•पत्थर बेर भस्म 50ग्राम •
•यव क्षार 80 ग्राम •
•खाने का सोडा 30 ग्राम•

सभी को मिलाकर कांच के बर्तन में ही डालें। संभालकर रख लें। जरुरत के समय 2-2 ग्राम दवा ताजा पानी या सोडा वाटर से लें।

यह पत्थरी नाशक मिश्रण लेने से पत्थरी निकल जाएगी । पहले दिन पहली खुराक से दर्द तुरंत बंद हो जाता है। इसे घर पर बनाकर रखें। जो लोग यह नही तैयार कर सकते वो मेरे अगले नुस्खे का इंतजार करें। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके हमारा मनोबल बढ़ाए ताकि और सेवा करने का उत्शाह पैदा हो।

बहुत मेहनत से पोस्ट तैयार करता हुँ,आप शेयर करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएं,किसी का भला हो जाएगा,और आप्रेशन से बच जाएगा ।

Price- 1100rs +70 courier
Paytm 9897683376
9368841608

सदैव आपका अपना सेवक
लेखक वैद्य
Call & Whatsapp 9368841608

10/09/2023

क्या आप Kidney Stone से परेशान है ? आप्रेशन नही करवाना चाहते !! जानिए क्या है आयुर्वेदिक नुस्खा

पढ़े और शेयर करें ।

•पीली कपर्दिका 200ग्राम•
यह पीली कोड़ी के नाम से पंसारी से मांगोगे तो मिल जाएगी ।
200 ग्राम या जरुरत अनुसार ले लें। यहां नुस्खा 200 ग्राम के हिसाब से बता रहा हुं। आप अगर ज्यादा मरीजों के लिए बनाना चाहते है तो‌ ज्यादा मात्रा लें।

पीली कोड़ी लेकर किसी साफ कांच के बर्तन में अच्छी तरह धोकर डाल दें , उस पर 800मिलीलिटर नींबू का रस डाल दो । रोज लकड़ी के डंडे से हिलाते रहे । जब सूख जाएं तो पीसकर कपड़छान करके रख लें ।

इसके बाद इस कपर्दिका यानि कोड़ी के तैयार चूर्ण में
•कलमी शोरा 20ग्राम •
•नवसादर 10 ग्राम•
•सज्जी क्षार 10 ग्राम•
•पत्थर बेर भस्म 50ग्राम •
•यव क्षार 80 ग्राम •
•खाने का सोडा 30 ग्राम•

सभी को मिलाकर कांच के बर्तन में ही डालें। संभालकर रख लें। जरुरत के समय 2-2 ग्राम दवा ताजा पानी या सोडा वाटर से लें।

यह पत्थरी नाशक मिश्रण लेने से पत्थरी निकल जाएगी । पहले दिन पहली खुराक से दर्द तुरंत बंद हो जाता है। इसे घर पर बनाकर रखें। जो लोग यह नही तैयार कर सकते वो मेरे अगले नुस्खे का इंतजार करें। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके हमारा मनोबल बढ़ाए ताकि और सेवा करने का उत्शाह पैदा हो।

बहुत मेहनत से पोस्ट तैयार करता हुँ,आप शेयर करके ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएं,किसी का भला हो जाएगा,और आप्रेशन से बच जाएगा ।

Price- 1100rs +70 courier
Paytm 9915136138

सदैव आपका अपना सेवक
लेखक वैद्य
Call & Whatsapp 9368841608

• आयुर्वेद के पाँच चमत्कारी चूर्ण •यहाँ कुछ ऐसे योग दिये जा रहे है जो शास्त्रोक्त है , यानि प्राचीन शास्त्रों में इनका व...
12/04/2023

• आयुर्वेद के पाँच चमत्कारी चूर्ण •

यहाँ कुछ ऐसे योग दिये जा रहे है जो शास्त्रोक्त है , यानि प्राचीन शास्त्रों में इनका वर्णन है। अनेक आयुर्वेद औष्धि निर्माता इनका इसी नाम से निर्माण करते है।अत: मार्किट में उपलब्ध रहते है । अगर आप खुद भी बनाना चाहे तो किसी अच्छे पंसारी से सही सामान लेकर घर पर भी बना सकते है।

1.पंचसकार चूर्ण
सौंठ ,
सौंफ ,
सनाय ,
सेंधा नमक ,
और छोट़ी हरड़
50-50ग्राम या जरूरत अनुसार जितना आप चाहें बना सकते है।

सबको कूटकर चूर्ण बना लें ।
मात्रा -3-6 ग्राम तक रात को सोने से पहले जल से।

उपयोग - यह चूरण सोम्य विरेचक है। कब्ज , आमवृद्धि , सिरदर्द, अजीर्ण , उदरवात , अफारा , उदरशूल , गुदाशूल आदि दोषों को दूर कर पाचन क्रिया सुधारता है।

पंचसकार चूर्ण अर्शरोग , आमप्रकोप , जीर्ण आमवात में संधि स्थानों की पीड़ा , मलावरोध तथा नये अम्लपित्त के रोगियों के लिए अमृत है।

2.प्रदरांतक चूर्ण

चिकनी सुपारी ,
माजुफल ,
चौलाई जड़ ,
धाय के फूल ,
स्वर्ण गैरिक,
मोचरस ,
पठानी लोध
और राल

सबको बारीक चूर्ण कर लें फिर सबके बराबर मिश्री डाल लें | नोट . स्वर्ण गैरिक बहुत सस्ती है। इसको गेरू , गैरिक भी कहते है। लाल रंग में होती है।
मात्रा - 5-10 ग्राम तक । चावलों के धावन से दिन में दो- तीन बार ।

उपयोग - यह चूर्ण गर्भाशय आदि प्रजनन संस्थान पर शामक प्रभाव डालता है | इसके सेवन से श्वेत और रक्त प्रदर दूर होते है तथा गर्भाशय और बीजाशय सुदृढ़ होते है ।
विशेष - गर्भाशय में शोथ होने से यदि प्रदर के स्राव से मुर्दे जैसी दुर्गन्ध आती है तब इस चूरण का उपयोग नही करना चाहिए |

3. रज: प्रवर्तक चूर्ण

भारंगी ,
काली मिर्च ,
पीपल ,
सौठ -
ये सब 80-80 ग्राम और भुनी हींग 30 ग्राम
सबको कूटपीसकर चूर्ण करें ।

मात्रा - 2-3 ग्राम ब्राह्मी 10 ग्राम , काले तिल 50 ग्राम के क्वाथ के साथ दें । माशिक धर्म आने के समय से 5 दिन पहले दें ।

उपयोग - इसके उपयोग से माशिक धर्म बिना कष्ट बिना दर्द आने लगता है ।
विशेष - सामान्यत : इस चूर्ण का सेवन 15-35 वर्ष तक की आयु वाली स्रियों को ही करना चाहिए ।

पेट में कब्ज न रहने दें।

4. वीर्य शोधन चूर्ण

बबूल की बिना बीज वाली कच्ची फली ,
बबूल की कोपल ,
बबूल गोंद - सबको समभाग लेकर चूर्ण करें ।

मात्रा - 4-6 ग्राम तक मिश्री मिलाकर लें । ऊपर से दूध पिएं ।
उपयोग - वीर्य सोधन चूर्ण के सेवन से वीर्य का पतलापन , शुक्रमेह , धातु दोष दूर होकर वीर्य गाढ़ा होता है |

5. मूत्र विरेचक चूर्ण

शीतलचीनी ,
रेवन्दचीनी ,
छोटी एलायची बीज ,
और जीरा
प्रत्येक 10-10 ग्राम ,
कलमी शोरा 20 ग्राम ,
मिश्री 40 ग्राम ।
सबको कपड़छान चूर्ण कर लें ।

मात्रा - 3 ग्राम दवा दूध + जल की लस्सी के साथ । दिन में 3-4 बार लें।

उपयोग - यह चूर्ण मुत्रोत्पति बढ़ाता है । सुजाक में पूव दूर करने में और मूत्र साफ लाने में बहुत उपयोगी है । भोजन में केवल दूध भात खाना चाहिए ।

आपका अपना‌ शुभेच्छु
KASSAAR DAWA KHNA
Ayurveda
Whatsapp & call 🤙 9897683376

गुप्त रोग [ औरत और मर्द ] , हार्ट बलाकेज , बे- औलादपन , निल शुक्राणु , नामर्दी , रसौली [ बच्चेदानी की ] , योनि भ्रंश , लकवा , दिमागी रोग , किडनी रोग, मोटापा , आंखों के रोग, कानों के रोग , बालों के रोग , फेफड़ों के रोग , पेट के रोग , मूत्र के रोग आदि किसी भी प्रकार के रोग की नि-शुल्क सलाह के लिए आप WhatsApp पर बेझिझक बात कर सकते है। इसके लिए आप अपनी रिपोर्टस नई या पुरानी अगर है तो + अपना रोग का इतिहास , जीभ , चेहरा , नाखुन की अच्छे कैमरा से खीची गई फोटो , आप किस देश में रहते है , कैसी जलवायु है , आप की दिनचर्या , खाना-पीना कैसा है , रोग के लक्षण , नींद आदि यह सब विस्थार से जरूर लिख कर या रिकार्डिग करके भेज सकते है।

12/04/2023

• आयुर्वेद के पाँच चमत्कारी चूर्ण •

यहाँ कुछ ऐसे योग दिये जा रहे है जो शास्त्रोक्त है , यानि प्राचीन शास्त्रों में इनका वर्णन है। अनेक आयुर्वेद औष्धि निर्माता इनका इसी नाम से निर्माण करते है।अत: मार्किट में उपलब्ध रहते है । अगर आप खुद भी बनाना चाहे तो किसी अच्छे पंसारी से सही सामान लेकर घर पर भी बना सकते है।

1.पंचसकार चूर्ण
सौंठ ,
सौंफ ,
सनाय ,
सेंधा नमक ,
और छोट़ी हरड़
50-50ग्राम या जरूरत अनुसार जितना आप चाहें बना सकते है।

सबको कूटकर चूर्ण बना लें ।
मात्रा -3-6 ग्राम तक रात को सोने से पहले जल से।

उपयोग - यह चूरण सोम्य विरेचक है। कब्ज , आमवृद्धि , सिरदर्द, अजीर्ण , उदरवात , अफारा , उदरशूल , गुदाशूल आदि दोषों को दूर कर पाचन क्रिया सुधारता है।

पंचसकार चूर्ण अर्शरोग , आमप्रकोप , जीर्ण आमवात में संधि स्थानों की पीड़ा , मलावरोध तथा नये अम्लपित्त के रोगियों के लिए अमृत है।

2.प्रदरांतक चूर्ण

चिकनी सुपारी ,
माजुफल ,
चौलाई जड़ ,
धाय के फूल ,
स्वर्ण गैरिक,
मोचरस ,
पठानी लोध
और राल

सबको बारीक चूर्ण कर लें फिर सबके बराबर मिश्री डाल लें | नोट . स्वर्ण गैरिक बहुत सस्ती है। इसको गेरू , गैरिक भी कहते है। लाल रंग में होती है।
मात्रा - 5-10 ग्राम तक । चावलों के धावन से दिन में दो- तीन बार ।

उपयोग - यह चूर्ण गर्भाशय आदि प्रजनन संस्थान पर शामक प्रभाव डालता है | इसके सेवन से श्वेत और रक्त प्रदर दूर होते है तथा गर्भाशय और बीजाशय सुदृढ़ होते है ।
विशेष - गर्भाशय में शोथ होने से यदि प्रदर के स्राव से मुर्दे जैसी दुर्गन्ध आती है तब इस चूरण का उपयोग नही करना चाहिए |

3. रज: प्रवर्तक चूर्ण

भारंगी ,
काली मिर्च ,
पीपल ,
सौठ -
ये सब 80-80 ग्राम और भुनी हींग 30 ग्राम
सबको कूटपीसकर चूर्ण करें ।

मात्रा - 2-3 ग्राम ब्राह्मी 10 ग्राम , काले तिल 50 ग्राम के क्वाथ के साथ दें । माशिक धर्म आने के समय से 5 दिन पहले दें ।

उपयोग - इसके उपयोग से माशिक धर्म बिना कष्ट बिना दर्द आने लगता है ।
विशेष - सामान्यत : इस चूर्ण का सेवन 15-35 वर्ष तक की आयु वाली स्रियों को ही करना चाहिए ।

पेट में कब्ज न रहने दें।

4. वीर्य शोधन चूर्ण

बबूल की बिना बीज वाली कच्ची फली ,
बबूल की कोपल ,
बबूल गोंद - सबको समभाग लेकर चूर्ण करें ।

मात्रा - 4-6 ग्राम तक मिश्री मिलाकर लें । ऊपर से दूध पिएं ।
उपयोग - वीर्य सोधन चूर्ण के सेवन से वीर्य का पतलापन , शुक्रमेह , धातु दोष दूर होकर वीर्य गाढ़ा होता है |

5. मूत्र विरेचक चूर्ण

शीतलचीनी ,
रेवन्दचीनी ,
छोटी एलायची बीज ,
और जीरा
प्रत्येक 10-10 ग्राम ,
कलमी शोरा 20 ग्राम ,
मिश्री 40 ग्राम ।
सबको कपड़छान चूर्ण कर लें ।

मात्रा - 3 ग्राम दवा दूध + जल की लस्सी के साथ । दिन में 3-4 बार लें।

उपयोग - यह चूर्ण मुत्रोत्पति बढ़ाता है । सुजाक में पूव दूर करने में और मूत्र साफ लाने में बहुत उपयोगी है । भोजन में केवल दूध भात खाना चाहिए ।

आपका अपना‌ शुभेच्छु
KASSAAR DAWA KHNA
Ayurveda
Whatsapp & call 🤙 9897683376

गुप्त रोग [ औरत और मर्द ] , हार्ट बलाकेज , बे- औलादपन , निल शुक्राणु , नामर्दी , रसौली [ बच्चेदानी की ] , योनि भ्रंश , लकवा , दिमागी रोग , किडनी रोग, मोटापा , आंखों के रोग, कानों के रोग , बालों के रोग , फेफड़ों के रोग , पेट के रोग , मूत्र के रोग आदि किसी भी प्रकार के रोग की नि-शुल्क सलाह के लिए आप WhatsApp पर बेझिझक बात कर सकते है। इसके लिए आप अपनी रिपोर्टस नई या पुरानी अगर है तो + अपना रोग का इतिहास , जीभ , चेहरा , नाखुन की अच्छे कैमरा से खीची गई फोटो , आप किस देश में रहते है , कैसी जलवायु है , आप की दिनचर्या , खाना-पीना कैसा है , रोग के लक्षण , नींद आदि यह सब विस्थार से जरूर लिख कर या रिकार्डिग करके भेज सकते है।

noor

Address

QASBA LAWAR
Meerut City
250222

Opening Hours

Monday 9am - 5pm
Tuesday 9am - 5pm
Wednesday 9am - 5pm
Thursday 9am - 5pm
Friday 9am - 5pm
Saturday 9am - 5pm
Sunday 7am - 5pm

Telephone

+919368841608

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when kassaar Dawa khana posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to kassaar Dawa khana:

Share

Category